गिरिडीह जिला के प्रमुख दर्शनीय स्थल - places to visit in Giridih / गिरिडीह जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
गिरिडीह में घूमने की जगह - Giridih me ghumne ki jagah
खंडोली डैम गिरिडीह - Khandoli Dam Giridih
खंडोली डैम गिरिडीह जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको खंडोली डैम, खंडोली पार्क और खंडोली पहाड़ी देखने के लिए मिलता है। यह सभी जगह बहुत ही सुंदर है। यह जगह प्राकृतिक परिवेश से घिरी हुई हैं। यहां पर आपको एक विशाल डैम देखने के लिए मिलता है। डैम के पास में खंडोली पार्क बना हुआ है, जहां पर बहुत सारे पेड़ पौधे लगाए गए हैं और यहां पर आपको गिनी पिग, मोर और खरगोश देखने मिलता है। यहां पर आपको जानवरों के स्टैचू देखने के लिए मिलते हैं। यह फूलों वाले प्लांट देखने के लिए मिलते हैं। यहां झूले एवं फिसल पट्टी देखने के लिए मिलती है। यहां फव्वारे देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर एक विशाल चट्टान है, जो मगरमच्छ की है और बहुत सुंदर लगती है। यहां पर थोड़ी दूर पर आपको खंडोली पहाड़ देखने के लिए मिलती है, जिस पर आप ट्रैकिंग करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको बहुत मजा आएगा, क्योंकि बरसात में यहां चारों तरफ हरियाली रहती है और बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जिसका दृश्य देखने लायक रहता है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। आप यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यह घूमने के लिए परफेक्ट प्लेस है।
खंडोली डैम में आपको नौकायान की सुविधा मिलती है। यहां पर अलग-अलग प्रकार की बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें आप बोटिंग कर सकते हैं। यहां पर आपको खाने पीने के लिए कैंटीन मिलती है। आप यहां पर इंजॉय कर सकते हैं।
ऋिजुबालिका तीर्थ गिरिडीह - Rijubalika Tirtha Giridih
ऋिजुबालिका तीर्थ गिरिडीह का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह जैन धार्मिक स्थल है। यह श्वेतांबर जैन मंदिर है। यह मंदिर श्री महावीर स्वामी जी को समर्पित है। इस मंदिर में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी को कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ था। यहां पर आपको भगवान महावीर स्वामी के प्राचीन चरण पादुका देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है और मंदिर में श्री महावीर स्वामी जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जिसमें महावीर स्वामी एक अलग तरह के आसन में बैठे हुए हैं और यहां पर एक वृक्ष को भी दिखाया गया है। यह प्रतिमा बहुत सुन्दर है।
यहां पर आपको भगवान महावीर के जन्म से लेकर निर्वाण की अनुपम झांकियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर सुंदर गार्डन भी बना हुआ है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आकर आपको हाथियों की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
मंदिर में आपको बहुत ही सुंदर नक्काशी है। यह मंदिर पूरा मार्बल से बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण राय धनपत सिंह बहादुर द्वारा किया गया था। मंदिर में आकर शांति मिलती है। मंदिर के पास में ही नदी बहती है, जिसका नजारा देखने लायक रहता है। यहां पर आकर शांति मिलती है।
पारसनाथ पहाड़ी गिरिडीह - Parasnath Hill Giridih
पारसनाथ पहाड़ी गिरिडीह का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह जैन धार्मिक स्थल है। इस पहाड़ी को सम्मेद शिखर के नाम से भी जाना जाता है। यह जैन धर्म का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यहां पर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थकारों को मोक्ष प्राप्त हुआ था। इस स्थल पर जैन धर्म के दोनों पंथ श्वेतांबर और दिगंबर के मंदिर बने हुए हैं। यह पहाड़ी बहुत ऊंची है। यह पहाड़ी झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी है। इस पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 4440 फीट है। यह पहाड़ी घने जंगल से घिरी हुई है। पहाड़ी की चोटी पर जैन धर्म के बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। मंदिर तक जाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहां पर करीब 5 किलोमीटर तक की ट्रैकिंग करनी पड़ती है और 1000 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। पहाड़ी में बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं।
इस पहाड़ी को जैन धर्म के 23वें तीर्थकार पार्श्वनाथ के नाम पर पारसनाथ पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। इस पहाड़ी में मुख्य मंदिर पार्श्वनाथ जी का है। यहां पर जल मंदिर, चंद्रप्रभु टोंक गौतम स्वामी टोंक मंदिर भी बहुत सुन्दर है। यहां पर आकर प्राकृतिक वातावरण देखने के लिए मिलता है।
पारसनाथ पहाड़ी में पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पारसनाथ रेलवे स्टेशन है। यहां से ऑटो या टैक्सी बुक करके पारसनाथ पहाड़ी पर पहुंच सकते हैं और सबसे नजदीकी एयरपोर्ट रांची एयरपोर्ट है। यहां पर आपको पहाड़ी चढ़ते समय बहुत सारे बंदर देखने के लिए मिल जाएंगे। आप बंदरों से अपना सामान संभाल कर रखें। पारसनाथ पहाड़ी पर संथाल समाज के लोगों का मंदिर भी बना हुआ है। यहां पर पूर्णिमा में मेला लगता है।
उसरी जलप्रपात गिरिडीह - Usri Falls Giridih
उसरी जलप्रपात गिरिडीह जिले का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात उसरी नदी पर बना हुआ है। उसरी नदी बराकर नदी की सहायक नदी है। यह जलप्रपात बहुत सुंदर है और चट्टानों के बीच से बहता है। यहां पर आपको एक साथ कई जलप्रपात देखने के लिए मिलते हैं, जो उसरी नदी पर बनते हैं। यह जलप्रपात घने जंगल के अंदर स्थित है।
उसरी जलप्रपात टुंडी और गिरिडीह के रास्ते पर स्थित है। यह गिरिडीह शहर से 13 किलोमीटर दूर स्थित है। इस जलप्रपात में आप बाइक या गाड़ी से या ऑटो रिक्शा से भी जा सकते हैं। जलप्रपात में आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको और मजा आएगा। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर व्यूप्वाइंट बना हुआ है, जहां से आप जलप्रपात के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यह जलप्रपात गिरिडीह में गंगापुर के पास घने जंगल में बना हुआ है। जलप्रपात तक जाने के लिए सड़क माध्यम उपलब्ध है।
बाबा दुखहरण नाथ मंदिर गिरिडीह - Baba Dukhharan Nath Temple Giridih
बाबा दुखहरण नाथ मंदिर गिरिडीह का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को दुखिया महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर उसरी नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर का महत्व बहुत ज्यादा है। कहा जाता है, कि इस मंदिर में आकर मनोकामना पूरी होती है। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय बहुत सारे लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है। यहां पर आपको पार्वती जी, गणेश जी, कार्तिकेय जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है।
यहां पर नंदी महाराज की प्रतिमा भी विराजमान हैं। यहां पर महाशिवरात्रि और सावन सोमवार में मेला भरता है, जिसमें दूर दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यह जगह प्राकृतिक वातावरण से घिरी हुई है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
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