सीतामढ़ी जिले के दर्शनीय स्थल - Top places to visit in Sitamarhi District / सीतामढ़ी जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
सीतामढ़ी बिहार राज्य का एक मुख्य जिला है। सीतामढ़ी बिहार राज्य की राजधानी पटना से करीब 155 किलोमीटर दूर है। लखनदेई नदी सीतामढ़ी जिले की प्रमुख नदी है। यह नदी सीतामढ़ी जिले के बीचो-बीच से बहती है। सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी भी बहती है। बागमती नदी नेपाल से बहते हुए, सीतामढ़ी जिले में प्रवेश करती है। सीतामढ़ी जिला 1972 में मुजफ्फरपुर जिले से अलग होकर एक नए जिले के रूप में स्थापित किया गया था। इसके पहले यह मुजफ्फरपुर जिले का एक भाग हुआ करता था। यह जिला बिहार में नेपाल बॉर्डर के पास स्थित है। इस जिले का मुख्यालय डुमरा है। सीतामढ़ी जिला धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। सीतामढ़ी जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - सीतामढ़ी में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
सीतामढ़ी में घूमने की जगह - Sitamarhi me ghumne ki jagah
मां जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी - Birth place of mother Janaki Sitamarhi
मां जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी जिले का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यहां पर मां जानकी जी का जन्म हुआ था। यह जगह बहुत सुंदर है और यहां पर मंदिर देखने के लिए मिलता है। इस जगह को पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ी झील देखने के लिए मिलती है। यह झील बहुत सुंदर है। यहां पर प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती हैं। इस जगह को अच्छी तरह से मेंटेन करके रखा गया है। छठ पूजा में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और सीता माता की जन्म स्थली के दर्शन करते हैं।
मंदिर के अंदर आपको सीता माता की सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं। यह मंदिर सीतामढ़ी जिले में पुनौरा में मुख्य हाईवे सड़क पर बना हुआ है। यहां पर आप आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पार्किंग के लिए बहुत बड़ी जगह है। यहां पर आपको गायत्री शक्तिपीठ भी देखने के लिए मिलता है।
जानकी मंदिर सीतामढ़ी - Janaki Mandir Sitamarhi
जानकी मंदिर सीतामढ़ी का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह एक पवित्र स्थल है। यह मंदिर सीतामढ़ी मुख्य शहर में स्थित है। यह स्थान जगत जननी मां जानकी की प्रकट स्थली होने के कारण विख्यात है। यह सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर दूर है। यहां पर एक सुंदर सरोवर, राजा जनक को हल चलाते एवं मां जानकी प्रकट होने का दृश्य युक्त प्रतिमा स्थित है। यहां पर मुख्य गर्भगृह में, सीता जी राम जी और लक्ष्मण जी की प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पास ही में उर्विजा सरोवर देखने के लिए मिलता है, जिस की खुदाई से यह प्रतिमा प्राप्त हुई है।
प्राचीन समय में करीब 400 वर्ष पूर्व एक सन्यासी बीरबल दास भ्रमण करते हुए यहां आए थे और वह आराम करने के लिए यहां पर रुके थे। वह आराम कर रहे थे। तब उन्हें रात में स्वप्न आया था। उन्हें स्वप्न में निर्देश दिए गए थे। इस स्थान पर खुदाई करवाएं और जो प्रतिमा निकली उसकी स्थापना की जाए। उन्होंने लोगों के सहयोग से इस स्थान पर खुदाई करवाई और यहां पर राम, लक्ष्मण और सीता की दुर्लभ प्रतिमा मिली। यह प्रतिमा जानकी मंदिर पर स्थापित की गई है।
मंदिर के बाहर, आपको प्रसाद की और बहुत सारे सामानों की दुकान देखने के लिए मिल जाती है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही सुंदर है। यह मंदिर बहुत ही भव्य है। मंदिर दो मंजिला है। यहां पर बहुत सारी मूर्तियों एवं पेंटिंग के माध्यम से दिखाया गया है, कि सीता माता किस तरह से प्रकट हुई थी। जब दशरथ जी ने हलष्ठी यज्ञ किया था। हलष्ठी यज्ञ करने के बाद, दशरथ जी ने धरती पर हल चलाये थे। उस समय सीता माता एक मटके के अंदर दशरथ जी को मिली थी और इस तरह सीता माता जी प्रकट हुई थी। सीता माता जी लक्ष्मी देवी का रूप है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर बना हुआ है। इस मंदिर में विराजमान प्रत्येक प्रतिमा सुंदरता से भरपूर है। यहां पर आकर आपको एक अलग अनुभव होगा। आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं। यहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। यह सीतामढ़ी में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
उर्विजा कुंड सीतामढ़ी - Urvija Kund Sitamarhi
उर्विजा कुंड सीतामढ़ी में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह कुंड जानकी मंदिर के पास ही में स्थित है। इस कुंड के बीच में एक मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में जाने के लिए एक सेतु बना हुआ है। यह कुंड बहुत सुंदर लगता है। इस स्थल को माता जानकी की जन्म स्थली के रूप में भी जाना जाता है। आप यहां पर आकर इस पवित्र कुंड को देख सकते हैं।
सीता कुंज नगर उद्यान सीतामढ़ी - Sita Kunj Nagar Park Sitamarhi
सीता कुंज नगर उद्यान सीतामढ़ी शहर का एक मुख्य पार्क है। यह उद्यान सीतामढ़ी शहर के बीचोंबीच स्थित है। यह पार्क बहुत सुंदर है। यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के झूले देखने के लिए मिलते हैं, जिसमें आप झूल कर इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर जिम करने के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं। यहां पर बच्चे लोग भी काफी इंजॉय कर सकते हैं।
हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी - Haleshwar Place Sitamarhi
हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह सीतामढ़ी में घूमने वाली मुख्य जगह है। इस जगह को श्री हलेश्वर नाथ महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह में त्रेता युग में मिथिला राज्य में पड़े भीषण अकाल से मुक्ति के लिए, मिथिला नरेश जनक जी ने इस स्थल पर शिवलिंग को स्थापित कर, हलष्ठी यज्ञ किया था। इस स्थल से जनक जी ने जमीन पर हल जोतना आरंभ किया था। इसलिए यह शिवलिंग हलेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध है। हल जोतने के क्रम में ही जगत जननी मां जानकी धरती से प्रकट हुई थी।
यहां पर आपको बहुत ही भव्य मंदिर के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। शिवलिंग की जलहरी चांदी की बनी हुई है। यहां पर गर्भगृह में और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर गणेश जी, पार्वती जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। मंदिर के बाहर आपको छोटे-छोटे कई शिवलिंग देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको सीता जी, राम जी और लक्ष्मण जी की प्रतिमाओं के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर शांति मिलती है। सावन सोमवार में यहां पर बहुत सारे लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है। यह सीतामढ़ी की सबसे अच्छी जगह है।
बगही धाम सीतामढ़ी - Bagahi Dham Sitamarhi
बगही धाम सीतामढ़ी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह स्थल संत ब्रह्मलीन नारायण दास जी महाराज की तपोभूमि और जन्म स्थान है। यहां पर आपको संत नारायण दास जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरीके से बना हुआ है। मंदिर का शिखर बहुत सुंदर है। मंदिर में आपको शिव भगवान जी के शिवलिंग के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर सीता और राम जी का मंदिर भी बना हुआ है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। आप यहां पर आ कर इस प्राचीन जगह को देख सकते हैं। यहां पर आपको सुंदर मंदिर देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर एक छोटी सी झील भी बनी हुई है। मंदिर परिसर बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है और मंदिर बहुत ही भव्य है।
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