मुजफ्फरपुर जिले के दर्शनीय स्थल - places to visit in Muzaffarpur District / मुजफ्फरपुर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
मुजफ्फरपुर बिहार राज्य का एक मुख्य जिला है। यह बिहार राज्य की राजधानी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर है। मुजफ्फरपुर जिले की मुख्य नदी गंडक है। यह मुजफ्फरपुर जिले के बीचो-बीच से बहती है। मुजफ्फरपुर जिला में पहले वैशाली और सीतामढ़ी जिले शामिल थे। मगर इन्हें बाद में, अलग करके नए जिले के रूप में स्थापित किया गया। मुजफ्फरपुर जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - मुजफ्फरपुर में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
मुजफ्फरपुर में घूमने की जगह - Muzaffarpur me ghumne ki jagah
श्री गरीबनाथ मंदिर मुजफ्फरपुर - Shri Garibnath Temple Muzaffarpur
श्री गरीबनाथ मंदिर मुजफ्फरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुख्य शहर में स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग चांदी की जिलहरी में विराजमान है। यहां पर आपको नंदी महाराज के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर परिसर में आपको बरगद का एक पेड़ देखने के लिए मिलता है, जिसकी लोग पूजा करते हैं।
श्री गरीब नाथ मंदिर सुव्यवस्थित ढंग से बनाया गया है। आप मंदिर पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर सावन सोमवार में मेला लगता है। यह मेला 1 महीने तक चलता है। इस मेले में और शिव भगवान शिव के दर्शन करने के लिए बहुत सारे लोग यहां पर आते हैं। यहां पर आकर लोग प्रार्थना करते हैं और उनकी मनोकामना पूरी होती है। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
श्री चतुर्भुज मंदिर मुजफ्फरपुर - Shri Chaturbhuj Temple Muzaffarpur
श्री चतुर्भुज मंदिर मुजफ्फरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में मुख्य गर्भ गृह में विष्णु जी की शालिग्राम की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर में शिवलिंग के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। आप यहां पर आकर विष्णु प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर बहुत प्राचीन है।
श्री बगलामुखी पितांबरी सिद्ध पीठ मुजफ्फरपुर - Shri Baglamukhi Pitambari Siddha Peeth Muzaffarpur
श्री बगलामुखी पितांबरा सिद्ध पीठ मुजफ्फरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुजफ्फरपुर में बगलामुखी पथ कच्ची सराय में स्थित है। यह मंदिर बहुत पुराना है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है। बगलामुखी मां दुर्गा का ही स्वरूप है।
श्री बगलामुखी पितांबरी मंदिर के गर्भ ग्रह में मां बगलामुखी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। बगलामुखी की प्रतिमा बहुत सुंदर है। बगलामुखी माता एक राक्षस का विनाश कर रही हैं। बगलामुखी की माता गहनों और वस्त्रों से सुसज्जित है। बगलामुखी माता की प्रतिमा बहुत सुंदर लगती है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है।
अमर शहीद जुब्बा साहनी पार्क मुजफ्फरपुर - Amar Shaheed Jubba Sahni Park Muzaffarpur
अमर शहीद जुब्बा सहनी पार्क मुजफ्फरपुर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह पार्क मुजफ्फरपुर का एक फेमस पार्क है। यह पार्क नगर निगम मुजफ्फरपुर के द्वारा ऑपरेट किया जाता है। यह पार्क मुख्य शहर में स्थित है। इस पार्क में आपको चारों तरफ रंग बिरंगे फूलों वाले पौधे देखने के लिए मिलते हैं, जो पार्क की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। इसके अलावा यहां पर बहुत सारे झूले भी लगे हुए हैं, जहां पर आप इंजॉय कर सकते हैं।
इस पार्क में आपको फव्वारा देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। इस पार्क में आपको अमर शहीद जुब्बा साहनी जी की मूर्ति देखने के लिए मिल जाएगी। उसके अलावा और भी शहीदों के नाम यहां पर लिखे गए हैं। यहां पर आप आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
रामचंद्रशाही संग्रहालय मुजफ्फरपुर - Ramchandrashahi Museum Muzaffarpur
रामचंद्रशाही संग्रहालय मुजफ्फरपुर का एक मुख्य संग्रहालय है। यह संग्रहालय मुजफ्फरपुर में अमर शहीद जुब्बा सहानी पार्क के पास ही में बना हुआ है। इस संग्रहालय में आपको विभिन्न वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। यह संग्रहालय 10:30 बजे से 4:30 बजे तक खुला रहता है। संग्रहालय में प्रदर्शित एवं संग्रहित कलाकृतियों में, देश-विदेश के सिक्के, प्रस्तर मूर्तियां, पांडुलिपिया, अस्त्र-शस्त्र, देश-विदेश के डाक टिकट, करेंसी नोट, लिफाफे, पुलिस बैच, बटन, मेडल, ताबीज, हुक, मूल्यवान पत्थर, हाथी दांत, लकड़ी, शंख, चीनी मिट्टी के बर्तन, फाउंटेन पेन, अंगूठी, ग्रामोफोन, मिट्टी तेल चलने वाला पंख, आदि प्रमुख है।
संग्रहालय की उक्त सभी महत्वपूर्ण सामग्रियां मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर ग्राम निवासी स्वर्गीय रामचंद्रशाही के संपूर्ण जीवन के अथक परिश्रम के फलस्वरुप है। सन 1937 ईस्वी में वैशाली के बनिया प्रसाद ग्राम में संकलित पुराअवशेष को देखकर श्री शाही के मन में भी, प्राचीन वस्तुओं के संग्रह करने की प्रवृत्ति जागृत हुई, जिसके फलस्वरूप उन्होंने प्राचीन सामग्रियों का संग्रह कर। अपने पिता स्वर्गीय बृजभूषण शाही के नाम पर शाही मीनापुर में एक संग्रहालय स्थापित किया। उन्होंने आजीवन ऐतिहासिक महत्व की सामग्रियों के संग्रह में संकलन कर अमूल्य कीर्ति स्थापित की।
अपने पिता की कीर्ति को स्थाई बनाने के लिए स्वर्गीय रामचंद्र शाही के सुपुत्र डॉक्टर विजय कुमार शाही ने अपने अग्रज श्री कृष्णनंदन शाही की प्रेरणा 1984 में सभी सामग्रियों को राज्य सरकार मुजफ्फरपुर संग्रहालय को सौंप दिया। तत्पश्चात बिहार सरकार द्वारा वर्तमान मुजफ्फरपुर संग्रहालय का नाम रामचंद्रशाही संग्रहालय कर दिया गया। आपको इतिहास में अगर रुचि है, तो आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यहां पर आपको बिहार के प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों की भी जानकारी मिलती है।
मुजफ्फरपुर सिटी पार्क मुजफ्फरपुर - Muzaffarpur City Park Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर सिटी पार्क मुजफ्फरपुर जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह पार्क मुजफ्फरपुर में, डाकघर के पास मुख्य सड़क पर स्थित है। यह पार्क बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना बहुत अच्छा वक्त बिता सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे झूले और फूलों वाले पौधे देखने के लिए मिलेंगे, जो पूरे बाग की खूबसूरती को बढ़ाते हैं।
शहीद खुदीराम बोस स्मारक - Shaheed Khudiram Bose Memorial
शहीद खुदीराम बोस स्मारक मुजफ्फरपुर का एक प्रमुख स्थल है। यहां पर आपको शहीद खुदीराम बोस की मूर्ति देखने के लिए मिलती है और उनकी बहुत सारी जानकारी मिलती है। इस पार्क को शहीद खुदीराम बोस प्रफुल्ल चौकी स्मारक स्थल के नाम से जाना जाता है। यहां पर सुंदर पार्क बना हुआ है। पार्क में हरियाली देखने के लिए मिलती है। यह पार्क कलेक्टर ऑफिस के पास में स्थित है।
मां छिन्नमस्तिका देवी मंदिर मुजफ्फरपुर - Maa Chhinnamastika Devi Temple Muzaffarpur
मां छिन्नमस्तिका देवी मंदिर मुजफ्फरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुजफ्फरपुर जिले में कांटी तहसील में स्थित है। यह मंदिर कांटी तहसील में मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। इस मंदिर में आप आराम से अपनी गाड़ी या अन्य वाहन से पहुंच सकते हैं। मंदिर के बाहर पार्किंग का बहुत बड़ा एरिया देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर में आकर आप प्रार्थना करते हैं, तो आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। मंदिर में आपको मनौती के नारियल देखने के लिए मिलते हैं ,जो लोग यहां पर बांधकर जाते हैं। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। यह मंदिर मुजफ्फरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है।
इस मंदिर के गर्भ गृह में, छिन्नमस्तिका देवी जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। छिन्नमस्तिका देवी मां काली का स्वरुप है। छिन्नमस्तिका की प्रतिमा बहुत ही भयानक लगती है। इस प्रतिमा में छिन्नमस्तिका देवी का सर कटा हुआ है और उनका सर हाथ में रखा हुआ है और वह अपने खून को पी रही हैं। माता ने मुंड की माला पहनी हुई है। इस प्रतिमा को देखकर आपको जरूर डर लगेगा। मंदिर परिसर बहुत अच्छा है और यहां आकर बहुत शांति मिलती है।
कांटी मुजफ्फरपुर - Kanti Muzaffarpur
कांटी मुजफ्फरपुर में स्थित एक तहसील है। इस तहसील में आपको कांटी डैम देखने के लिए मिलता है। यह डैम बहुत सुंदर है। कांटी में आपको एनटीपीसी पावर प्लांट भी देखने के लिए मिलता है, इसे कांटी थर्मल पावर प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रोड में स्थित है। कांटी थर्मल प्लांट की स्थापना 1987 में की गई थी।
वैशाली के भग्नावशेष एवं अशोक स्तंभ कोल्हुआ मुजफ्फरपुर - Vaishali ruins and Ashoka pillar Kolhua Muzaffarpur
वैशाली के भग्नावशेष एवं अशोक पिलर मुजफ्फरपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन स्तूप देखने के लिए मिलता है, जो सम्राट अशोक के समय पर बनाया गया था। यहां पर आपको अशोक स्तंभ भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर सुंदर गार्डन बना हुआ है। यह जगह मुजफ्फरपुर में कोल्हुआ गांव में स्थित है। आप यहां पर अपनी गाड़ी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको सुंदर गार्डन देखने के लिए मिलेगा। यह गार्डन बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है और यहां पर आपको बहुत सारे प्राचीन स्मारक के अवशेष देखने के लिए मिल जाते हैं।
यह प्राचीन नगर वैशाली का एक भाग है। यह स्थल इस बात का प्रतीक है, कि यहां पर एक स्थानीय वानर प्रमुख ने भगवान बुद्ध को मधु अर्पण किया था। इस घटना को बौद्ध साहित्य में बुद्ध के जीवन से जुड़े आठ प्रमुख घटनाओं में से एक माना जाता है। यहां पर बुद्ध ने कई वर्ष व्यतीत किए। पहली बार भिक्षुको को संघ में प्रवेश की अनुमति प्रदान की। अपने शीघ्र संभावित परीनिर्वाण की घोषणा की तथा वैशाली की अभिमानी राजनर्तकी अम्रपाली को एक भिक्षुणी के रूप में परिवर्तित किया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किए गए उत्खनन के परिणाम स्वरूप, यहां पर बहुत सारे प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर कूटागारशाला, स्वास्तिकार विहार, पक्का जलाशय, असंख्य मनौती स्तूप, तथा लघु मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। इनके अतिरिक्त आंशिक रूप से मिट्टी में दबे अशोक स्तंभ तथा मुख्य स्तूप के आधोभाग को भी अनावृत किया गया है।
स्थानीय लोगों में लाट के नाम से प्रचलित स्तंभ वस्तुतः बलुआ पत्थर का लगभग 11 मीटर ऊंचा चमकदार एक स्तंभ है। जिसके शिखर पर सिंह शीर्ष सुशोभित है। यह सम्राट अशोक द्वारा स्थापित किए गए प्रारंभिक स्तंभ में से एक है, जिस पर उनका कोई अभिलेख नहीं है। इस पर शंख लिपि में उकरे गए कुछ अक्षर गुप्तकालीन प्रतीत होते हैं।
मुख्य स्तूप वानर प्रमुख द्वारा भगवान बुद्ध को मधु अर्पित करने की घटना का प्रतीक है। यह स्तूप ईटों से निर्मित है। इस स्तूप का निर्माण मौर्य काल में किया गया था, जिसका आकार कुषाण काल में परिवर्तित करके चारों ओर प्रदक्षिणा पथ जोड़ा गया। उसके उपरांत गुप्त काल एवं परिवर्ती गुप्त काल में पुनः ईटों को अच्छादित करके स्तूप का संवर्धित किया गया।
स्थल के उत्खनन से बहुत सारी प्राचीन सामग्रियां प्राप्त हुई हैं, जिनमें कीमती पत्थर के मटके, मुद्राएं, रत्न जड़ित ईटे, अभिलेखयुक्त, मृदभाँड़ का टुकड़ा तथा किरीटयुक्त वानर की प्रतिमा विशेष उल्लेखनीय है। यह मुजफ्फरपुर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। आप यहां आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
श्री नरसिंह स्थान मुजफ्फरपुर - Shri Narsingh Place Muzaffarpur
श्री नरसिंह स्थान मुजफ्फरपुर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मुजफ्फरपुर जिले के पोखरैरा गांव में स्थित है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर आपको पीपल का एक विशाल वृक्ष देखने के लिए मिलता है, जिसकी लोग पूजा करते हैं। यहां पर बहुत सारी चुनरिया बंधी हुई है। यहां पर नरसिंह बाबा जी का स्थान बना हुआ है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। मंदिर के पास में झील बनी है। झील बहुत सुंदर है। झील में बहुत सारी मछलियां है, जिनको आप खाना खिला सकते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
Please do not enter any spam link in comment box