कोंडागांव जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Kondagaon / कोंडागांव जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
कोंडागांव छत्तीसगढ़ का मुख्य जिला है कोंडागांव छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 230 किलोमीटर दूर है। कोंडागांव जिले में मुख्य रूप से आदिवासी लोग बहुत ज्यादा पाए जाते हैं। यहां पर आदिवासी लोगों की जनसंख्या बहुत ज्यादा है। कोंडागांव 2012 में 1 नए जिले के रूप में स्थापित हुआ। इससे पहले यह बस्तर जिले का हिस्सा हुआ करता था। कोंडागांव जिले में नारंगी नदी बहती है। कोंडागांव जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं, कोंडागांव जिले में कौन-कौन सी जगह घूमने के लिए है।
कोंडागांव में घूमने की जगह - Kondagaon mein ghumne ki jagah
बंधा तालाब कोंडागांव - Bandha Talab Kondagaon
बंधा तालाब कोंडागांव जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा तालाब देखने के लिए मिलता है। यह तालाब मुख्य कोंडागांव जिले में ही बना हुआ है। इस तालाब के पास में एक बहुत सुंदर गार्डन बना हुआ है। यह गार्डन में विभिन्न प्रकार के फूलों वाले पौधे देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बच्चों के झूले भी लगे हुए हैं, जहां पर बच्चे काफी इंजॉय कर सकते हैं। बंधा तालाब के पास, जो पार्क बना हुआ है। उस पार्क से बंधा तालाब का दृश्य बहुत ही जबरदस्त दिखाई देता है। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त का दृश्य बहुत लाजवाब रहता है। आप इस पार्क में आकर योगा कर सकते हैं। योगा करने के लिए एक अलग से स्थान बनाया गया है। यहां पर वाकिंग ट्रेक बनाया गया है, जहां पर आप वाकिंग और रनिंग कर सकते हैं।
बंधा तालाब में बोटिंग की फैसिलिटी उपलब्ध है, जहां पर आप बंधा तालाब में अलग-अलग तरह की बोट राइड का मजा ले सकते हैं। यहां पर फूड काउंटर भी बने हुए हैं, जहां पर आपको खाने पीने के लिए अलग-अलग वस्तुएं मिल जाती हैं। यहां पर सुबह और शाम के समय बहुत सारे लोग अपना टाइम बिताने के लिए आते हैं। यह जगह हरे भरे पेड़ पौधों से घिरी हुई है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यह पार्क कोंडागांव नगर पालिका परिषद के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यहां पर सुंदर-सुंदर फव्वारे देखने के लिए मिलते हैं। इस पार्क में बहुत सारे प्रसिद्ध लोगों के स्टैचू भी लगाए गए हैं और उनके बारे में जानकारी लिखी गई है, जिससे उनके बारे में जानकारी मिल जाती है। बंधा तालाब काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। गार्डन में घूमने के लिए आप शाम को आ सकते हैं। क्योंकि गार्डन शाम के समय खुलता है। यह 5 बजे से 9 बजे तक खुला रहता है और यह गार्डन सोमवार को बंद रहता है।
कोपाबेड़ा शिव मंदिर कोंडागांव - Kopabeda Shiva Temple Kondagaon
कोपाबेड़ा शिव मंदिर कोंडागांव जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर मुख्य कोंडागांव से करीब 4 किलोमीटर दूर कोपाबेड़ा नाम की जगह पर स्थित है। इस मंदिर को महाकालेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह मंदिर कोपाबेड़ा शिव मंदिर के नाम से बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है, कि यह शिवलिंग अपने आकार में हर साल बढ़ते जा रहा है। जब इस शिवलिंग को खुदाई करके प्राप्त किया गया था। तब इस शिवलिंग का आकार बहुत छोटा था। मगर धीरे-धीरे इस शिवलिंग का आकार बढ़ता जा रहा है। यहां पर नंदी भगवान जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह जगह जंगल के बीच में स्थित है। यहां पर महाशिवरात्रि के समय बहुत विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर दूर से लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं।
कोसारटेडा बांध कोंडागांव - Kosarteda Dam Kondagaon
कोसारटेडा बांध कोंडागांव जिले का एक सुंदर स्थल है। यह एक सुंदर जलाशय है। यह बांध घने जंगल के अंदर स्थित है। यह मध्यम सिंचाई परियोजना है। इस बांध से बहुत सारे गांव को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। यहां पर आकर दूर दूर तक फैला हुआ सुंदर बांध देखने के लिए मिलता है। बांध के पास में एक पार्क में बना हुआ है। इस पार्क को स्वर्गीय श्री बलीराम कश्यप जी स्मृति उद्यान के नाम से जाना जाता है।
यह पार्क बहुत सुंदर है और यहां पर आकर बहुत अच्छा समय बिताया जा सकता है। इस बांध में जाने के लिए, जो रास्ता है। वह पूरा घने जंगलों से होकर गुजरता है। आप यहां पर घूमने के लिए आते हैं, तो दिन के समय ही घूमने के लिए आए। रात को यहां पर ना आए। यह बांध कोंडागांव जिले के सालेमेटा गांव में पड़ता है। आप यहां पर आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं।
जटायु शिला कोंडागांव - Jatayu Shila Kondagaon
जटायु शिला कोंडागांव का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको बहुत बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है। यह जगह कोंडागांव जिले में फारसगांव में स्थित है। यह जगह चारों तरफ से जंगल से घिरी हुई है और यहां पर पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। आप यहां पर ट्रैकिंग करके आते हैं, तो आपको यहां पर चारों तरफ का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर व्यूप्वाइंट बना हुआ है, जहां से आप जंगलों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। आप यहां पर अपने साथ पीने के लिए पानी जरूर लाएं, क्योंकि यहां पर किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यहां पर आप आकर बहुत अच्छा वक्त बिता सकते हैं। यहां पर पहुंचकर आपको वॉच टावर देखने के लिए मिलता है। वॉच टावर में चढ़कर आप चारों तरफ का दृश्य देख सकते हैं। यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें है, जो बहुत ही सुंदर लगती हैं।
मां लिंगेश्वरी देवी मंदिर कोंडागांव - Maa Lingeshwari Devi Temple Kondagaon
मां लिंगेश्वरी देवी मंदिर कोंडागांव का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर कोंडागांव में ग्राम आलोर में स्थित है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। लिंगेश्वरी मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस पहाड़ी पर मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर लिंगेश्वरी माता की, जो आकृति है। वह लिंग के आकार की है। इसलिए माता को लिंगेश्वरी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है, कि मंदिर में आकर जो कोई भी अपने मनोकामना मानता है। वह माता जरूर पूरी करती है। यहां पर लोग आते हैं और माता से अपनी मनोकामना मांगते हैं। यहां पर जिस की मनोकामना पूरी हो जाती है। वह माता को प्रसाद चढ़ाता है।
लिंगेश्वरी मंदिर में पहुंचकर गुफा देखने के लिए मिलती है, जहां पर लिंगेश्वरी माता विराजमान है। यहां पर गुफा के अंदर जाना मना है। माता के दर्शन गुफा के बाहर से किए जा सकते हैं। यहां पर साल में एक बार विशाल मेला लगता है, जिसमें बहुत दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यह जगह बहुत ही सुंदर है और आपको यहां पर जरूर आना चाहिए।
दंतेश्वरी मंदिर कोंडागांव - Danteshwari Temple Kondagaon
दंतेश्वरी मंदिर कोंडागांव जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां मंदिर कोंडागांव जिले में फारसगांव के बड़े डोंगर गांव में स्थित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यह मंदिर दंतेश्वरी माता को समर्पित है। मंदिर से चारों तरफ का प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर रहता है। यहां पर मां दंतेश्वरी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाओं के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
दंतेश्वरी मंदिर पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर हरियाली और चट्टानें देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर एक बड़ी सी चट्टान है, जिसे कौड़ी दूसी या टुनटुनी कहते हैं। इस बड़ी सी चट्टान को छोटे पत्थर से चोट करते हैं, तो इस पत्थर से धातु जैसी आवाज आती है। यह एक बहुत ही अद्भुत बात है। लोग इस चीज को यहां पर आकर ट्राई करते हैं। आपको अगर यहां जाने का मौका मिलता है, तो आप भी यह चीज जरूर ट्राई कीजिएगा। इस मंदिर में आकर अच्छा लगता है और आप यहां पर आकर दंतेश्वरी माता के दर्शन कर सकते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर को लेकर बहुत सारी पौराणिक बातें, यहां पर आकर पता चलती हैं।
गोबरहीन शिव मंदिर कोंडागांव - Gobrahin shiv mandir Kondagaon
गोबरहीन शिव मंदिर कोंडागांव जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह स्थल प्राचीन है। यहां पर प्राचीन मंदिर हुआ करता था। अब यहां पर अवशेष ही देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर रायपुर जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में बटराली नामक गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर पश्चिम में गढ़ धनोरा गांव में स्थित है। यहां पर 3 मंदिर समूह देखने के लिए मिलते हैं। यह विष्णु मंदिर समूह, गोबरहीन मंदिर समूह एवं बजारिन मंदिर समूह में विभक्त किए गए हैं।
यह मंदिर पांचवी और सातवीं शताब्दी में बनाए गए हैं। यह मंदिर नलवंशीय राजाओं के द्वारा बनाए गए हैं। यह मंदिर घने जंगल के बीच में स्थित है। यहां पर आकर आप जंगल का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर शिव भगवान जी का शिवलिंग है, जिसके बारे में यह मान्यता है, कि जो भी इस शिवलिंग को अपनी बाहों से पूरी तरह पकड़ लेता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। यहां पर प्राचीन मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत सारे मंदिर नष्ट हो गए हैं। कुछ मंदिर ही देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर महाशिवरात्रि में मेला लगता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह बहुत ही सुंदर है। यह केशकाल घाटी से करीब 3 किलोमीटर दूर है, जिससे आप इस जगह पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
लिंगो धारा जलप्रपात कोंडागांव - Lingo Dhara Falls Kondagaon
लिंगो धारा जलप्रपात कोंडागांव में केशकाल घाटी के पास में स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। यह जलप्रपात भी घने जंगल के अंदर स्थित है। यह जलप्रपात ज्यादा बड़ा नहीं है। मगर बहुत सुंदर है। आप यहां पर दिन के समय घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां पर जाने के लिए सड़क अच्छी नहीं है। मगर आप एक्सप्लोर करना चाहते हैं, इस जगह को। तो आप यहां पर जाकर इस जलप्रपात के मजे ले सकते हैं।
खाले चंदेली का विहंगम दृश्य - A bird's eye view of Khale Chandeli
खाले चंदेरी का विहंगम दृश्य केशकाल घाटी के पास में स्थित एक सुंदर जगह है। यहां पर आपको चारों तरफ का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां से केशकाल घाटी बहुत ही शानदार दिखाई देती है। बरसात के समय इस जगह में आने का अनुभव ही अलग रहता है। आप जब भी केशकाल घाटी आते हैं, तो आपको इन जगहों में जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
होनहेड जलप्रपात - Honhed Falls
होनहेड जलप्रपात केशकाल घाटी के पास में स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। यह जलप्रपात केशकाल घाटी से करीब 5 किलोमीटर दूर है। इस जलप्रपात में जाने के लिए कच्ची सड़क है। यह जलप्रपात बहुत सुंदर है। यहां पर चट्टानों के ऊपर से बहता हुआ जल प्रपात बहुत सुंदर लगता है। यहां पर बरसात के समय जलप्रपात में बहुत ज्यादा पानी रहता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा समय बिताया जा सकता है। यह जलप्रपात घने जंगल के अंदर स्थित है और यहां पर आप आकर घूम सकते हैं।
कुएमारी जलप्रपात - Kuemari Falls
कुएमारी जलप्रपात केशकाल घाटी का सबसे सुंदर जलप्रपात है। यह केशकाल घाटी से करीब 30 किलोमीटर दूर होगा। यह जलप्रपात चट्टानों के ऊपर से बहता है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यह चट्टाने देखने में सीढ़ीनुमा टाइप की लगती हैं। यहां पर बहुत सारे लोग नहाने का मजा लेते हैं। मगर जलप्रपात मे चट्टानों के ऊपर जाकर नहाने में थोड़ा रिस्क रहता है। इसका दृश्य बहुत ही मनोरम रहता है।
कुएमारी जलप्रपात घने जंगल के अंदर स्थित है और यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। केशकाल घाटी में बहुत सारे जलप्रपात है, जिनमें से यह जलप्रपात बहुत सुंदर है। यहां पर आकर अच्छा समय बिताया जा सकता है। यह जगह प्राकृतिक प्रेमी के लिए करिश्मे से कम नहीं है, क्योंकि यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। केशकाल घाटी के आसपास और भी बहुत सारे प्रसिद्ध झरने हैं। यहां पर आपको लीमदरहा जलप्रपात, हटारकसा जलप्रपात, मिरदे जलप्रपात, मुत्तेखड़का जलप्रपात देखने के लिए मिलते हैं, जो केशकाल घाटी पर ही स्थित है और केशकाल घाटी में आकर आप इन सभी जगहों में घूम सकते हैं।
केशकाल घाटी कोंडागांव - Keshkal Valley Kondagaon
केशकाल घाटी कोंडागांव का एक प्रमुख स्थल है। यहां पर आपको खूबसूरत घाटी देखने के लिए मिलती है। यह घाटी कोंडागांव जिले के केशकाल तहसील के अंतर्गत आती है। यह घाटी कोंडागांव और कांकेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ती है। यहां पर घुमावदार सड़क है। इस सड़क से होते हुए सुंदर घाटी का नजारा देखा जा सकता है। यहां पर तेलिन देवी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। जो भी भक्त केशकाल घाटी में घूमने के लिए आता है। वह इस मंदिर के भी दर्शन जरूर करता है। बरसात के समय पूरी घाटी हरियाली से घिरी रहती है और यहां पर बहुत सारे छोटे-छोटे जलप्रपात देखने के लिए मिलते हैं। केशकाल घाटी के आस पास बहुत सारे और भी जलप्रपात हैं, जिन्हें घूमने के लिए जाया जा सकता है।
टाटामारी कोंडागांव - Tatamari Kondagaon
टाटामारी कोंडागांव जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर स्थल है। इसे छत्तीसगढ़ टूरिज्म विभाग के द्वारा बहुत ही अच्छी तरह से बनाया गया है। यहां पर केशकाल घाटी का पठारी भाग देखने के लिए मिलता है। यहां पर महालक्ष्मी माता का प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर दीपावली के समय बहुत सारे लोग महालक्ष्मी माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर अर्धनारीश्वर शिव भगवान जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
टाटामारी कोंडागांव जिले में केशकाल घाटी के सुरडोंगर में स्थित है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। एक तो यहां पर चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो हरियाली से घिरा रहता है और दूसरा महालक्ष्मी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो धनसंपदा की देवी है। यहां पर, अगर आप चाहे, तो कैंपिंग भी कर सकते हैं। उसके लिए यहां पर चार्ज लगता है और आप यहां पर नाइट स्टे कर सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है। यह जगह केशकाल घाटी के पास ही में स्थित है और आप जब भी केशकाल आते हैं, तो आपको टाटामारी भी जरूर आना चाहिए। टाटामारी जाने वाली रास्ते में भंगाराम देवी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर भी प्राचीन है और यहां पर बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन करने के लिए भी मिलते हैं। आप यहां पर भी आकर घूम सकते हैं।
खड़क घाट कोंडागांव - Khadak Ghat Kondagaon
खड़क घाट कोंडागांव जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह घाट नारंगी नदी के किनारे बना हुआ है। यह घाट बहुत सुंदर है। पूरे घाट में रेत बिछी हुई है, जिससे यह एक सुंदर बीच के समान लगता है। आप यहां पर अपना बहुत अच्छे समय बिता सकते हैं।
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