श्री क्षेत्र दत्तधाम सहस्त्रधारा जलकोटी महेश्वर जिला खरगोन मध्य प्रदेश - Shri Kshetra Dattadham Sahastradhara Jalkoti Maheshwar Khargone Madhya Pradesh
श्री दत्त धाम महेश्वर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान दत्तात्रेय जी को समर्पित है। यह मध्य प्रदेश का इकलौता मंदिर है, जो दत्तात्रेय भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर महेश्वर में नर्मदा नदी के पास बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर परिसर में मंदिर के गेट के पास देवी अहिल्याबाई की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर महेश्वर नगर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। हम लोग अपनी महेश्वर यात्रा में इस मंदिर में भी घूमने के लिए गए थे।
हमारी महेश्वर की यात्रा में हम लोग सहस्त्रधारा जलप्रपात घूमने के बाद, श्री दत्तात्रेय धाम में घूमने के लिए गए थे। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यह मंदिर मुख्य रोड में ही स्थित है। श्री दत्त धाम के सामने से ही सहस्त्रधारा जलप्रपात के लिए सड़क जाती है। सहस्त्रधारा जलप्रपात श्री दत्त धाम से करीब 300 मीटर दूर होगा। हम लोग सहस्त्रधारा जलप्रपात घूमने के बाद वापस आए और इस मंदिर में घूमने के लिए गए। मंदिर के अंदर हम लोगों ने प्रवेश किया। यहां पर बहुत बड़ा स्पेस है, जहां पर गाड़ी खड़ी किया जा सकता है। यहां मंदिर के बाहर ही प्रसाद की दुकान है, जहां पर भगवान दत्तात्रेय को चढ़ाने के लिए प्रसाद लिया जा सकता है। मंदिर के अंदर चारों तरफ सुंदर बरामदा बनाया गया है। यहां पर बीच में मुख्य मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर का शिखर बहुत ही आकर्षक तरीके से बनाया गया है, जिसमें बहुत ही सुंदर डिजाइन देखने के लिए मिलती है। हम लोग यहां पर पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी की है। उसके बाद हम लोग मंदिर के अंदर प्रवेश किए।
श्री दत्त धाम मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के चारों तरफ बरामदे बने हुए हैं और आंगन बना हुआ है। आंगन के बीच में मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भ गृह का शिखर बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान दत्तात्रेय के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। भगवान दत्तात्रेय विष्णु भगवान जी के अवतार हैं। भगवान दत्तात्रेय माता सती और अत्रि मुनि के पुत्र है। भगवान दत्तात्रेय में ब्रह्मा विष्णु और महेश का समावेश है। यह भगवान दत्तात्रेय का प्रमुख मंदिर है। दत्तात्रेय जयंती के समय यहां पर बहुत सारे भक्त भगवान दत्तात्रेय के दर्शन करने के लिए आते हैं। वैसे यहां पर, जो भी सहस्त्रधारा घूमने के लिए आता है। वह जलकोटी श्री दत्तात्रेय के मंदिर जरूर आता है। हम लोग भी, यहां पर श्री दत्तात्रेय के दर्शन करें और हम लोगों को बहुत अच्छा लगा।
श्री दत्त धाम 50 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। मुख्य मंदिर 1000 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। यहां पर गौ माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है, जिसे वेद माता मंदिर कहते हैं। यह मंदिर भी बहुत सुंदर है और यहां पर गौ माता की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। हम लोगों ने पूरा मंदिर घुमा। हम लोग को बहुत अच्छा लगा। मंदिर घूमने के बाद, हम लोग बाहर आए और अपने आगे की यात्रा प्रारंभ करें।
श्री दत्त मंदिर महेश्वर नगर का हमारा सबसे अंतिम दर्शनीय स्थल था। हम लोग महेश्वर में श्री दत्त मंदिर घूमने के बाद, मांडू जाने वाले थे। हम लोग मांडू जाने के लिए निकले थे। तब हम लोगों को रास्ते में ताजे फलों की दुकान देखने के लिए मिली। यहां पर एक अम्माजी बिही, सीताफल और पपीता बेच रही थी। यह सभी फल उनके ही बगीचे के थे। उनका बगीचा भी मेन रोड में था और यह सभी फल ताजे थे और यह फल बहुत ही सस्ते रेट पर, वह अम्मा बेच रही थी। हम लोगों ने, यहां पर बिही खरीदे और बिही को यहां पर कटवा लिया और पहले हम लोगों ने यहां पर बैठकर बिही खाया। बिही खाने के बाद, हम लोगों ने अपने आगे की यात्रा प्रारंभ करें। हम लोगों ने यहां पर 1 किलो एक्स्ट्रा बिही लेकर रख ली थी। ताकि हम लोग को कहीं भूख लगे, तो हम लोग खा सके हैं। मांडू जाने वाला रास्ता हम लोग का बहुत ही मजेदार रहा और हम लोग इस रास्ते का आनंद उठाते हुए मांडू पहुंच गए।
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