महेश्वर नर्मदा घाट (अहिल्या घाट महेश्वर), खरगोन मध्य प्रदेश
Maheshwar Narmada Ghat (Ahilya Ghat Maheshwar), Khargone Madhya Pradesh
महेश्वर मध्य प्रदेश का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। महेश्वर खरगोन जिले के अंतर्गत आता है। यह जगह प्राचीन है। यहां पर रानी अहिल्याबाई का महल देखने के लिए मिलता है। प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं और नर्मदा नदी का पवित्र घाट देखने के लिए मिलता है। नर्मदा नदी के किनारे महेश्वर नगर बसा हुआ है। महेश्वर नगर में नर्मदा नदी का घाट, महेश्वर मंदिर, और रानी अहिल्या बाई का किला प्रसिद्ध है। हम लोग अपनी यात्रा में महेश्वर भी घूमने के लिए गए थे। हम लोगों को धार जिले में ही शाम हो गई थी, तो हम लोग सीधे महेश्वर घूमने के लिए गए थे। धार जिले से महेश्वर तक का सफर बहुत अच्छा रहा। पूरा रास्ता जंगल, नदियों, और घाटियों से भरा हुआ था।
हम लोग रात को महेश्वर पहुंचे थे और महेश्वर में हम लोगों ने होटल बुक किया था और हम लोग रात में महेश्वर में ही रुके थे। हम लोग सुबह होटल से तैयार होकर निकले, नाश्ता किया और सीधे महेश्वर घाट घूमने के लिए गए। महेश्वर का घाट बहुत खूबसूरत है। महेश्वर घाट नर्मदा नदी के किनारे बना हुआ है। महेश्वर घाट को अहिल्याबाई घाट के नाम से भी जाना जाता है। यह घाट बहुत बड़े क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे फैला हुआ है। यहां पर बहुत सारी फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी है। यह घाट बहुत सुंदर और साफ है। यह पर बहुत सारे मंदिर है। हम लोग अपनी स्कूटी से महेश्वर घाट घूमने के लिए गए थे। हम लोग महेश्वर घाट राजराजेश्वरी मंदिर वाले रास्ते से गए थे। राजराजेश्वरी मंदिर के पास में ही हम लोगों ने अपनी गाड़ी खड़ी करी। उसके बाद यहां पर गेट से हम लोग महेश्वर घाट में आए। यहां पर सबसे पहले हम लोगों को काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए मिले। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है और यहां पर विराजमान शिवलिंग बहुत बड़े हैं और इस मंदिर में आकर बहुत अच्छा लगता है, बहुत शांति मिलती है। सुबह के समय यहां पर अलग ही माहौल रहता है। यहां पर नर्मदा नदी का घाट भी बहुत सुंदर है और स्वच्छ है और महेश्वर घाट में नर्मदा नदी पर ज्यादा दुकाने नहीं लगी हुई है। पूरा घाट साफ सुथरा है और हम लोगों को बहुत अच्छा लगा।
हम लोग महेश्वर घाट के काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करके आगे आए। आगे हम लोगों को महेश्वर किले का सुंदर प्रवेश द्वार देखने के लिए मिला। यह प्रवेश द्वार बहुत ही जबरदस्त था। यहां पर महेश्वर किले की जो सीढ़ियां बनी है। वह भी बहुत जबरदस्त है। हम लोग पहले पूरा घाट घूमे। उसके बाद महेश्वर किले में घूमने के लिए गए थे। यहां पर महेश्वर किले के आगे बढ़ने पर, हम लोगों को समाधि देखने के लिए मिली। यहां पर महारानी देवी अहिल्या बाई की समाधि देखने के लिए मिलती है। यह समाधि स्थल एक ऊंचे मंडप पर बना हुआ है और पूरी तरह पत्थर से बना हुआ है और बहुत सुंदर लगता है और समाधि स्थल के अंदर शिव भगवान जी का शिवलिंग विराजमान है। यहां पर देवी अहिल्या बाई की मृत्यु का समय मृत्यु का दिनांक भी लिखा हुआ है। 13-8-1795 को उनकी मृत्यु हुई थी और यहीं पर उनके पार्थिव शरीर का दहन किया गया था। आगे बढ़ने पर हमें और भी समाधि स्थल देखने के लिए मिले, जो राज्य परिवार की ही लोगों के थे।
महेश्वर घाट पर श्री संयोगिता बाई की छतरी भी बनी हुई थी और संयोगिता बाई की छतरी ऊंचे मंडप पर बनी थी और यहां पर शिवलिंग और नंदी भगवान जी की प्रतिमा विराजमान थी। यह छतरी भी प्राचीन थी। संयोगिता बाई की छतरी के बाजू में ही श्री चंद्रवती जी की भी छतरी देखने के लिए मिलती है। इसमें भी शिवलिंग विराजमान था और यह छतरी भी एक मंडप पर बनी थी। इस के बाजू में ही एक और छतरी पत्थर की बनी थी और बहुत ही सुंदर लग रही थी। इन सभी छतरी को देखने के बाद, हम लोग आगे बढ़े। यहां पर नर्मदा नदी के किनारे बहुत सारे प्राचीन शिवलिंग विराजमान है, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं।
नर्मदा नदी के किनारे महेश्वर घाट में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां पर अगर आप बोटिंग का मजा लेना चाहते हैं, तो यहां पर टिकट घर बना हुआ था। जहां से आपको बोटिंग के लिए टिकट लेनी पड़ती है और आप नर्मदा नदी में बोटिंग का मजा ले सकते हैं। मगर हम लोगों को बोटिंग नहीं करनी थी। हम लोग महेश्वर घाट में आगे बढ़े हैं। यहां पर हम लोगों को नर्मदा नदी के किनारे घाट में बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिली। यहां पर बहुत बड़ी-बड़ी मछलियां घाट के किनारे घूमती रहती हैं और यह देखकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर बहुत सारे लोग मछलियों का दाना लेकर घूमते हैं। हम लोगों ने भी मछली का दाना खरीदा था और मछलियों को डाला था। मछलियां का दाना हम लोग जैसे ही मछलियों को डाले। एकदम से बहुत सारी मछलियां आ गई और पूरे पानी में हलचल सी मच गई थी। हम लोगों को बहुत मस्त लग रहा था। यहां पर कुछ देर हम लोग बैठे रहे। यहां पर बहुत सुकून भरा माहौल था।
महेश्वर घाट में सबसे लास्ट में हम लोगों ने शिव भगवान जी का मंदिर देखा। यह भी राज परिवार के किसी परिवार की समर्पित छतरी है। यह छतरी भी बहुत सुंदर बनी हुई है और यहां पर शिव भगवान जी और नंदी भगवान जी विराजमान है और इस छतरी में नक्काशी जो कि गई है। वह एक नंबर नक्काशी है। यह बहुत सुंदर लगता है। इस मंदिर के बाजू में ही एक और छोटा सा मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर भी पूरा पत्थर से बना हुआ है और यह भी राज परिवार के किसी व्यक्ति की समाधि है और इस मंदिर के अंदर शिव भगवान जी और नंदी भगवान जी की प्रतिमा विराजमान है और यह मंदिर भी बहुत सुंदर लगता है।
यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे ही बना हुआ है और आप महेश्वर घाट आएंगे, तो आप अगर सीधा रोड आते हैं, तो यह मंदिर आपको सबसे पहले देखने के लिए मिलेगा। मगर हम लोग राजराजेश्वर मंदिर से होकर आए थे। इसलिए हम लोगों को यह मंदिर अंत में देखने के लिए मिला। इस मंदिर के आगे भी और भी बहुत सारे मंदिर है और घाट बना हुआ है। मगर हम लोग वहां पर नहीं गए। हम लोग इस मंदिर को घूमने के बाद, वापस आ गए और महेश्वर किला घूमने के लिए गए।
महेश्वर घाट की फोटो - Maheshwar Ghat images
महेश्वर घाट का मंदिर |
शिव मंदिर महेश्वर घाट |
नर्मदा नदी के किनारे बना सुंदर घाट |
घाट पर बना एक सुंदर जलकुंड |
प्राचीन स्तंभ और नक्काशी |
महेश्वर घाट पर बने सुंदर मंदिर |
महेश्वर घाट में ढेर सारी मछलियां |
Please do not enter any spam link in comment box