मांडू की सुंदर वादियां - : काकडा खो घाटी और काकड़ा खो वाटर फॉल मांडू (Kakda Kho Valley and Kakda Kho Waterfall Mandu)
काकडा खो झरना मांडू शहर का एक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यहां पर एक गहरी सुंदर घाटी देखने के लिए मिलती है और यहां पर जलप्रपात भी देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात इसी घाटी में गिरता है। यह जलप्रपात करीब 250 से 300 फीट ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह घाटी बहुत ही खूबसूरत लगती है। बरसात में यह घाटी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है, जिससे इसकी सुंदरता दोगुनी हो जाती है। यह घाटी मुख्य सड़क में ही देखने के लिए मिलती है। यह घाटी मुख्य मांडू शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर होगी। यह घाटी धार से मांडू जाने वाले रास्ते में देखने के लिए मिलती है। हम लोग अपने मांडू के सफर में इस घाटी में भी घूमने के लिए गए थे।
हम लोग मांडू शहर के सभी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल घूमने गए थे और हम लोग सबसे अंत में जहाज महल, हिंडोला महल घूमने के लिए गए थे। उसके बाद हम लोगों को इंदौर जाना था। तो हम लोग इंदौर के सफर में निकले। हमारे मांडू से इंदौर जाने वाले रास्ते में भी बहुत सारे सुंदर-सुंदर जगह देखने के लिए मिली। मांडू में ही हम लोगों को और भी प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिली, जिन्हें हम लोग ठहर के, तो नहीं देख पाए। मगर यह स्मारक बहुत ही सुंदर थी। आप मांडू घूमने के लिए जाते हैं और आप लोगों के पास अगर समय रहता है, तो आप यहां पर जरूर जा सकते हैं।
हम लोग जब मांडू शहर के जहाज महल में घूमने के बाद, वापस आ रहे थे। तब हम लोगों को रास्ते में फूटा मंदिर देखने के लिए मिला। यह मंदिर यहां पर खंडहर अवस्था में है। यह मंदिर मूल रूप से परमार कालीन मंदिर है। इस मंदिर को 12वीं और 13वीं शताब्दी में बनाया गया था। मगर मुस्लिम काल में इसके स्वरूप में परिवर्तन किए गए हैं और इसमें नया निर्माण किया गया है। इसकी मूल संरचना परमार कालीन है। इस मंदिर के पीछे की तरफ बावड़ी के अवशेष भी देखने के लिए मिलते हैं। मगर हम लोग इस मंदिर में नहीं गए थे। हम लोग सिर्फ बाहर से ही इस मंदिर को देखें और आगे चले गए।
उसके बाद थोड़ी आगे जाने पर हम लोगों को एक प्राचीन सराय देखने के लिए मिली। यह सराय भी बहुत सुंदर थी। इस सराय को मदन कुई नाम से जाना जाता है। यह सराय प्राचीन समय में, जो भी विदेशी लोग व्यापार करने के लिए आते थे। वह यहां पर ठहरा करते थे। यह सराय चौकोर आकार में बनी हुई है और यह सराय काले पत्थर से बनी हुई है। यह सराय बहुत ही सुंदर है और यह सराय मुख्य सड़क में स्थित है। हम लोग इस सराय में अंदर घूमने के लिए नहीं गए। इसको भी हम लोगों ने बाहर से देखा।
आगे चलकर हम लोगों को गदा शाह की दुकान देखने के लिए मिली। यहां पर एक सुंदर महल बना हुआ है और बाबडी देखने के लिए मिलती है। यहां पर, जो बावड़ी बनी हुई है। वह बहुत ही सुंदर बनी हुई है और यह बावड़ी चौकोर आकार में बनी हुई है और बावड़ी में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। नीचे तरफ सुंदर-सुंदर आकृतियां भी देखने के लिए मिलती है। यह महल खंडहर अवस्था में है। यह महल दो मंजिला है। आप मांडू जाएंगे, तो इस महल में भी घूम सकते हैं। यह मुख्य सड़क में स्थित है और यहां पर महल के अंदर जाने के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है।
हम लोग गदा शाह का महल बाहर से देखने के बाद, आगे गए। तो हम लोगों को उजाला बावड़ी का बोर्ड देखने के लिए मिला। हम लोग अंदर नहीं गए। हम लोग अपने रास्ते में सीधे आगे बढ़े, तो आगे हम लोग को सीधे जाते हुए, दिल्ली गेट देखने के लिए मिला। मगर हम लोग दिल्ली गेट भी नहीं गए। दिल्ली गेट बहुत सुंदर बना हुआ है और यहां पर सीढ़ी वाला मार्ग देखने के लिए मिलता है, जो घाटी के नीचे तक जाता है। मगर हम लोग वहां पर नहीं गए। हम लोग रोड के माध्यम से आगे बढ़े।
हम लोगों को यहां पर गड़ी दरवाजा देखने के लिए मिला। गड़ी दरवाजा मांडू का प्रवेश द्वार था और अभी यहां पर रोड बन गई है। उसके बाद हम लोगों को भंगी दरवाजा देखने के लिए मिला। भंगी दरवाजे की इतिहास बहुत ही रोचक है, कहा जाता है कि जब इस दरवाजे का निर्माण किया था। तब दरवाजे के इनॉगरेशन के समय किसी भंगी की बलि दी गई थी। इसलिए इस दरवाजे को भंगी दरवाजा कहते हैं। यह दरवाजा भी बहुत सुंदर है। वैसे यहां पर मांडू की सुंदर वादियों का भी दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो लाजवाब था और घुमावदार रोड का सफर भी बहुत ही सुंदर था। हम लोग इन रोड से होते हुए आगे बढ़े और आगे चलकर हम लोगों को काकड़ खो घाटी और जलप्रपात जा पहुंचे।
काकडा खो घाटी और जलप्रपात मांडू के मुख्य सड़क में स्थित है और मुख्य सड़क पर बोर्ड लगा है। हम लोगों ने यहां पर अपनी गाड़ी पार्क की और उसके बाद हम लोग अंदर गए। यह घाटी का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिला। यहां पर बहुत सारी दुकानें लगी थी, जहां पर तरह-तरह के खाने पीने का सामान मिल रहा था और यहां पर बंदर भी ढेर सारे थे। हम लोग पहले सीधे झरना घूमने के लिए गए और झरने का सुंदर व्यू देखें। यहां पर पानी बहता है। यहां ऊपर की तरफ छोटा सा एक कुंड बना हुआ है, जिसमें पानी एकत्र था और इसमें बहुत सारे जलीय पौधे लगे हुए थे। इसी से पानी आगे बह रहा था।
हम लोगों ने यहां बहुत सारी फोटो खींचे और यहां पर झरना, जहां से बहता है। वहां पर बाउंड्री बना दी गई है। ताकि कोई भी दुर्घटना ना हो। यहां पर झरने से थोड़ी ही दूर पर एक व्यूप्वाइंट बना हुआ है, जहां से घाटी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। इस व्यूप्वाइंट में जाने के लिए झरने को पार करके जाना पड़ता है। हम लोगों ने झरने के पास में ही बहुत सारी फोटो खींचे और उसके बाद हम लोग व्यूप्वाइंट से भी, इस घाटी का दृश्य देखें। फिर झरना और घाटी देखने के बाद, हम लोग वापस रोड की तरफ आए। जहां पर बहुत सारी दुकानें लगी है। यहां पर बहुत सारे खाने वाले आइटम मिल रहे थे। यहां पर भुट्टा गरम-गरम मिल रहा था। हम लोगों ने यहां पर एक भुट्टा तैयार करवा लिया। मगर यहां पर एक बंदर ने हम लोगों पर हमला कर दिया और मेरा भुट्टा मुझसे छीन कर ले गए और दूर बैठकर खाने लगा।
हम लोगों ने फिर यहां पर दूसरा भुट्टा बनवाया और उसे बहुत ही सुरक्षित तरीके से अपने पास में रखा और फिर दूर ले जाकर उसे खाया। यहां पर बहुत सारे बंदर हैं। यहां पर, जो भी दुकानदार खाने पीने का सामान लेकर बैठते हैं। वह अपने साथ छड़ी लेकर बैठते हैं, जिससे बंदर उनके सामानों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यहां पर अगर आप किसी भी तरह का खाने का सामान लेते हैं और अगर आपने ध्यान नहीं दिया, तो बंदर आपसे छीन झपट कर। वह सामान लेकर चला जाता है।
हम लोग भुट्टा खा कर अपने आगे के सफर में बढ़े। हम लोगों को अब सीधे इंदौर जाना था। यहां पर रास्ते में हम लोगों को एक एडवेंचर पार्क भी देखने के लिए मिला। मगर हम लोग वहां पर नहीं गए। क्योंकि हम लोगों को यहां पर बहुत ज्यादा टाइम हो गया था। इसलिए हम लोग सीधे इंदौर के लिए निकले और करीब 8 या 9 बजे हम लोग इंदौर पहुंच गए थे। हम लोगों की मांडू की यात्रा जितनी भी थी। वह बहुत अच्छी लगी। हमारा सफर बहुत अच्छा रहा। हम लोग इंदौर पहुंचकर होटल बुक किया और उसके बाद हम लोग इंदौर में ही रुके।
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