दंतेवाड़ा जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Dantewada District / दंतेवाड़ा जिले में आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ का मुख्य जिला है। दंतेवाड़ा में आपको खूबसूरत पहाड़ियां, जंगल और नदियां देखने के लिए मिलते हैं। दंतेवाड़ा जिला आदिवासी जनजातियों का घर है और यहां पर बहुत सारे जनजातियां रहती हैं। यहां पर प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर विद्यमान है। दंतेवाड़ा में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है।
दंतेवाड़ा में घूमने की जगह
Dantewada me ghumne ki jagah
दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा - Danteshwari Temple Dantewada
दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। दंतेश्वरी मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। इस मंदिर को लेकर धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई है। कहा जाता है, कि यहां पर मां पार्वती जी का दांत गिरा था। इसलिए इसे दंतेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है और यह 1 शक्तिपीठ है। यह जगह बहुत ही सुंदर है। यहां पर संखिनी और दकिनी दो नदियों का संगम हुआ है। इन्हीं नदियों के संगम स्थल पर मां दंतेश्वरी का मंदिर स्थित है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर के गर्भ गृह में माता की भव्य प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
मां दंतेश्वरी का मंदिर लकड़ी का बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर में महामंडप, मंडप, अर्धमंडप और गर्भ ग्रह देखने के लिए मिलता है। यहां मंदिर के अंदर बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर शंकर जी, गणेश जी, विष्णु जी और भी बहुत सारे देवी देवताओं की काले पत्थर की प्रतिमा विराजमान है। गर्भ गृह में मां दंतेश्वरी की काले कलर की प्रतिमा विराजमान है और मा दंतेश्वरी वस्त्र और आभूषणों से सुसज्जित है। फूल मालाएं उन पर चढ़ाई जाती हैं और मां दंतेश्वरी के सर के ऊपर चांदी का एक छत्र चढ़ाया गया है, जिससे उनकी मूर्ति बहुत ही आकर्षक लगती है।
मां दंतेश्वरी मंदिर में माता के गर्भ गृह में दर्शन करने के लिए जाते हैं, तो आपको यहां पर लूंगी पहननी पड़ती है, क्योंकि यहां पर सिले हुए वस्त्र पहनकर मां के गर्भ गृह में प्रवेश नहीं किया जाता है। मुख्य मंदिर के बाहर आपको एक गरुण स्तंभ देखने के लिए मिलेगा और इस स्तंभ के बारे में कहा जाता है कि यह स्तंभ किसी के भी बाहों में पूरा आ जाता है, तो माता उनकी इच्छाएं जरूर पूरी करती है। यहां पर शंकिनी और डंकिनी नदियों का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर नवरात्रि के समय आएंगे, तो आपको यहां पर बस्तर के और भी बहुत सारे रीति रिवाज देखने के लिए मिलेंगे। यह मंदिर बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में स्थित है। यह जगदलपुर से करीब 90 किलोमीटर होगा। आप यहां पर बस से या अपने वाहन से आराम से पहुंच सकते हैं।
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान दंतेवाड़ा - Indravati National Park Dantewada
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान दंतेवाडा के पास स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अंतर्गत आता है। यह राष्ट्रीय उद्यान बहुत सुंदर है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1978 में की गई थी। यह राष्ट्रीय उद्यान 2799.08 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको गौर, नीलगाय, काला हिरण, चौसिंगा, सांभर, चीतल, भालू, जंगली कुत्ता, लकड़बग्घा, उड़ने वाली गिलहरी, पैंगोलिन, बंदर, लंगूर, अजगर, सांप, मगरमच्छ, मॉनिटर लिजर्ड, कोबरा, रसल वाइपर और भी बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर पेड़ पौधे की भी बहुत सारी प्रजाति पाई जाती है। यहां पर टीक, साल, महुआ, तेंदू, बेर, जामुन पाए जाते हैं।
इंद्रावती नेशनल पार्क में भारत से गायब हो चुका जंगली भैंसा देखने के लिए मिलता है। यहां पर इस भैंसा का संरक्षण किया जा रहा है। यहां पर जंगली भैंसा अधिकतर देखने के लिए मिल जाता है। इसके अलावा आपको राष्ट्रीय पशु बाघ भी देखने के लिए मिल जाता है। इंद्रावती नेशनल पार्क 1983 टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। यह एक प्रोजेक्ट है। इंद्रावती नदी के किनारे होने के कारण इसे इंद्रावती नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है। आप यहां पर सफारी का मजा ले सकते हैं। यहां पर आपको प्राकृतिक वातावरण के साथ जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। यह दंतेवाड़ा के पास में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। आप दंतेवाड़ा घूमने के लिए आते हैं, तो यहां पर भी आ सकते हैं।
ढोलकल गणेश - Dholkal Ganesh
ढोलकल गणेश दंतेवाड़ा का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर गणेश जी की प्रतिमा एक बहुत ऊंची चट्टान में घने जंगलों के बीच में स्थित है। यहां पर गणेश जी की प्रतिमा 300 फीट ऊंचे स्थान पर रखी हुई है। इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ट्रैकिंग का जो रास्ता है। वह घने जंगलों से होते हुए जाता है। यहां पर आप गणेश जी के दर्शन करने के लिए आते हैं, तो आपको गाइड लेकर आना पड़ता है, क्योंकि आप जंगल में भटक सकते हैं। ढोलकल गणेश जी की प्रतिमा के पास पहुंच कर आपको चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां गणेश जी की प्रतिमा पहाड़ी की चोटी में किनारे पर रखी गई है।
गणेश चतुर्थी के समय यहां पर बहुत सारे भक्त ट्रैकिंग करते हैं और भगवान गणेश जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। दंतेवाड़ा से 13 किलोमीटर दूर फरसपाल गांव है, जहां से आकर आप ट्रैकिंग शुरू कर सकते हैं। यहां पर आपको गाइड भी मिल जाता है। माना जाता है, कि गणेश जी की जो प्रतिमा यहां पर विराजमान है। वह 3 फुट की है और ग्रेनाइट पत्थर की बनी हुई है। यह प्रतिमा नवमी और दशमी शताब्दी में बनाई गई थी और यह नागवंशी शासकों द्वारा बनाई गई थी। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि परशुराम जी और गणेश जी के युद्ध में परशुराम जी ने, जब गणेश जी पर अपने फरसा से वार किया था, तो यहां पर गणेश जी का दांत टूट गया था। इसलिए उन्हें एकदंती के नाम से जाना जाता है और यहां पर जो गांव है। उसका नाम फरसपाल गांव पड़ा, तो आप जब भी दंतेवाड़ा घूमने आते हैं, तो इस जगह पर आपको जरूर आना चाहिए। यहां पर बच्चों और बूढ़े व्यक्तियों को आने में थोड़ी सी परेशानी हो सकती है, क्योंकि यहां पर जो रास्ता है। वह बहुत ही खतरनाक है। आप प्रकृति प्रेमी है, तो आपके लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं रहेगी।
झारालावा जलप्रपात दंतेवाड़ा - Jharalawa Falls Dantewada
झारालावा जलप्रपात दंतेवाड़ा का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए मिलती है। यह जलप्रपात जंगल के बीच में स्थित है। यहां पर पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। मगर यहां पर पहुंचकर, जो दृश्य देखने के लिए मिलता है। वह आंखों को सुकून देता है। यहां पर यह झरना दो या तीन स्तरों में गिरता है। आप यहां पर आकर इस झरने की खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं। इस झरने तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले झिरका गांव में आना पड़ता है। उसके बाद आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यह दंतेवाड़ा में घूमने लायक जगह है।
मालनगिर जलप्रपात दंतेवाड़ा - Malangir Falls Dantewada
मालनगिर जलप्रपात दंतेवाड़ा में स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। यह प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात किरंदुल के पास स्थित है। आप यहां पर गाड़ी से पहुंच सकते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए रोड उतनी अच्छी नहीं है। मगर यहां पर पहुंचकर आपको बहुत सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है और यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो यह जलप्रपात आपको देखने के लिए मिलेगा। गर्मी के समय यह जलप्रपात नहीं रहता है। यहां पर चारों तरफ हरियाली और जंगल है और यहां पर जंगली जानवर भी रहते हैं। इसलिए अगर आप यहां पर आते हैं, तो ग्रुप के साथ आएं। ताकि आप सुरक्षित रहें।
किरंदुल दंतेवाड़ा - Kirandul Dantewada
किरंदुल दंतेवाडा में घूमने वाली जगह है। यहां पर आपको बहुत सारे जगह देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है, क्योंकि किरंदुल पहाड़ियों के बीच में स्थित है। यहां पर आपको रामा बूटी मंदिर, सत्संग मंदिर, शिव मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको अंबेडकर पार्क, चिड़िया पार्क जैसे सुंदर पार्क भी देखने के लिए मिल जाते हैं।
किरंदुल का मुख्य आकर्षण है - आयरन माइंस। यहां पर आयरन की माइनिंग की जाती है। यहां पर बहुत बड़ा खुला क्षेत्र है, जहां पर लोहे की माइनिंग की जाती है। यहां पर जो पहाड़ी है। उसको काटकर लोहे की माइनिंग की जा रही है। किरंदुल में आपको सुंदर सूर्यास्त का दृश्य भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर बरसात के समय बहुत अच्छा लगता है।
बैलाडीला पहाड़ी दंतेवाड़ा - Bailadila Hill Dantewada
बैलाडीला पहाड़ी दंतेवाड़ा का एक मुख्य प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलते हैं। अगर आपने बैल देखा होगा, तो बैल में आपको गर्दन के ऊपर की तरफ उभरा हुआ भाग देखने के लिए मिलता है। उसी तरह बैलाडीला भी दिखाई देता है और इसलिए इसे बैलाडीला कहा जाता है। बैलाडीला किरंदुल के पास में स्थित है। बैलाडीला आयरन से समृद्ध है और यहां पर आयरन की माइनिंग की जाती है।
बैलाडीला के आसपास के क्षेत्रों में आदिवासी जनजातियां रहती हैं। बैलाडीला में जंगली जानवर और पेड़ पौधों की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती है। यह जो आदिवासी लोग रहते हैं। यह इस जंगल पर ही निर्भर करते हैं और उनका रहन-सहन भी बहुत साधारण रहता है। यह इस पहाड़ी से अपनी जरूरत के सारे सामान हासिल कर लेते हैं। आपको यहां पर आकर एक अलग अनुभव मिलेगा।
शिव मंदिर दंतेवाड़ा - Shiv Mandir Dantewada
शिव मंदिर दंतेवाड़ा में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर समलूर गांव के पास में बना हुआ है। यह मंदिर पत्थरों से बना हुआ है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है। मंदिर के बाजू में तालाब बना हुआ है। यह मंदिर करीब 1000 वर्ष पुराना है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
शिवानंद आश्रम दंतेवाड़ा - Shivanand Ashram Dantewada
शिवानंद आश्रम दंतेवाड़ा में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको शिव भगवान जी का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यहां पर एक तालाब में शिव भगवान जी की मूर्ति विराजमान है, जो बहुत सुंदर लगती है। यहां पर चारों तरफ जंगल है। यहां पर हनुमान जी की भी एक बड़ी सी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह जगह दंतेवाड़ा में गुमरगंडा गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको यहां पर अच्छा लगेगा।
मुचनार बारसूर दंतेवाड़ा - Muchnar Barsoor Dantewada
मुचनार दंतेवाड़ा में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर जगह है। यह इंद्रावती नदी के किनारे स्थित है। यहां पर आप कैंपिंग, बोनफायर, नाइट स्टे, एडवेंचर स्पोर्ट, पिकनिक, नेचर ट्रेल आदि गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं। यहां जगह मुचनार गांव के पास में पड़ता है। इसलिए इस जगह को मुचनार के नाम से जाना जाता है। यहां पर आप होमस्टे कर सकते हैं। लोकल खाने का आनंद उठा सकते हैं। यह जगह बारसुर के मुचनार गांव के पास इंद्रावती नदी के किनारे स्थित है। यहां पर इंद्रावती नदी के किनारे रेत का किनारा है, जो बहुत ही अच्छा है और आपके यहां पर आकर नहाने और तैराकी का मजा ले सकते हैं।
सातधार जलप्रपात दंतेवाड़ा - Satadhar Falls Dantewada
सातधार जलप्रपात दंतेवाड़ा का एक सुंदर जलप्रपात है। यह जलप्रपात इंद्रावती नदी में बना हुआ है। यह जलप्रपात बारसूर से करीब 6 किलोमीटर दूर है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर इंद्रावती नदी छोटी-छोटी धाराओं में बहती है, जिससे यह बहुत ही सुंदर लगती है। चारों तरफ घना जंगल है। यहां पर आने का रास्ता भी जंगल से भरा है। आपको मुख्य सड़क से नदी के तरफ आना पड़ता है। आप यहां पर अपना अच्छा समय बिताने के लिए आ सकते हैं। यह दंतेवाड़ा में पिकनिक के लिए एक अच्छी जगह है।
बारसूर दंतेवाड़ा - Barsoor Dantewada
बारसूर दंतेवाड़ा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। बारसूर दंतेवाड़ा से 33 किलोमीटर दूर है। यहां पर बहुत सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। यहां पर स्थित प्राचीन मंदिरों में गणेश जी का मंदिर, मामा भांजा मंदिर, बत्तीस मंदिर, शंकर जी का मंदिर, काल भैरव का मंदिर प्रसिद्ध है। यहां पर बहुत सारे प्राचीन तालाब भी देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर 10वीं और 11वीं शताब्दी में बनाए गए हैं। आप दंतेवाड़ा घूमने के लिए आते हैं,तो आप बारसूर भी आ सकते हैं। यहां पर आपको प्राचीन तालाब और मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। यह बारसूर में घूमने लायक जगह हैं।
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