बिलासपुर दर्शनीय स्थल - Places to Visit in Bilaspur / बिलासपुर के पास पर्यटन स्थल / बिलासपुर के आस पास घूमने वाली जगह
बिलासपुर छत्तीसगढ़ का एक मुख्य जिला है। बिलासपुर के मध्य से अरपा नदी बहती है। बिलासपुर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। यहां पर ऐतिहासिक प्राकृतिक और बहुत सारी प्राचीन जगह मौजूद है। आप बिलासपुर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको बहुत सारी जगह देखने के लिए मिलती है।
बिलासपुर में घूमने की जगह
Bilaspur mein ghumne ki jagah
देवरानी जेठानी मंदिर बिलासपुर - Devrani Jethani Temple Bilaspur
देवरानी जेठानी मंदिर बिलासपुर का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यहां पर प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर देवरानी और जेठानी नाम के दो मंदिर है। यह दोनों ही मंदिर पुरातात्विक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर शिव भगवान जी की एक बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जिसे रूद्र शिवा के नाम से जाना जाता है। रूद्रशिवा की प्रतिमा बहुत ही अद्भुत है। इस प्रतिमा की पूरी शरीर में आपको अलग-अलग मुख देखने के लिए मिलते हैं। यह मुख मानव और जानवरों के हैं। रूद्रशिवा प्रतिमा के सिर के ऊपर आपको पगड़ी देखने के लिए मिलती है। यह पगड़ी सर्पों की बनी हुई है। इस प्रतिमा के नीचे की तरफ आपको सर्प देखने के लिए मिलता है। इसके मुंह में केकड़ा बना हुआ है। यह प्रतिमा बहुत प्रसिद्ध है।
देवरानी जेठानी मंदिर बिलासपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर बिलासपुर रायपुर हाईवे में ताला नामक स्थान पर बने हुए हैं। यहां मंदिर मनिहारी नदी के किनारे अमरी कॉप गांव के समीप ताला नाम की जगह है। इन मंदिरों का निर्माण प्राचीन काल में दक्षिण कोसल के शरभपुरीय राजाओं के द्वारा किया गया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है और मंदिर में आपको विभिन्न प्रकार की शिल्पकला देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको मंदिर के पीछे आपको मनियारी नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। मनियारी नदी शिवनेर नदी की सहायक नदी है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह बिलासपुर में घूमने लायक जगह में से एक है।
मल्हार बिलासपुर - Malhar Bilaspur
मल्हार बिलासपुर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। मल्हार में बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। मल्हार बिलासपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर है। मल्हार में पहुंचने के लिए आप बस या स्वयं के वाहन का उपयोग कर सकते हैं। मल्हार में मल्हार मेला महाशिवरात्रि के समय लगता है। यह मेला 14 दिन के लिए लगता है। यह मेला बहुत ही बड़ा रहता है, इसमें अलग-अलग जगह से लोग आते हैं। आप भी मल्हार में महाशिवरात्रि के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर 10वीं और 11वीं शताब्दी में बनाए गए थे। इन मंदिरों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। मल्हार में घूमने वाले प्राचीन मंदिरों
मां डिंडेश्वरी मंदिर मल्हार - Maa Dindeshwari Temple Malhar
मां डिंडेश्वरी मंदिर मल्हार शहर का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर मा डिंडेश्वरी को समर्पित है। यहां पर माँ डिंडेश्वरी की काले रंग की ग्रेनाइट की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा बहुत ही आकर्षक लगती है। कहा जाता है, कि मां के यहां पर दर्शन करने से और मन्नत मांगने से इच्छाएं जरूर पूरी होती है। इसलिए यहां पर पूरे भारत देश से लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ रहती है। मंदिर के सामने एक सुंदर तालाब है, जो बहुत आकर्षक लगता है। यह मंदिर भी बहुत सुंदर तरीके से बनाया गया है। यह मंदिर करीब 600 साल पुराना है।
पातालेश्वर मंदिर मल्हार - Pataleshwar Temple Malhar
पातालेश्वर मंदिर मल्हार का एक प्रसिद्ध मंदिर है। पातालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में काले ग्रेनाइट के मध्य में गोमुख शिव विराजमान है। इस मंदिर का निर्माण कलचुरी काल में जजालय देव द्वितीय के समय में सोमराज नामक ब्राह्मण ने करवाया था। पातालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर गंगा, यमुना, भैरव की मूर्तियां स्थापित है। यहां पर आपको शिव विवाह का अंकन देखने के लिए मिलता है और सिद्ध गणेश भगवान जी देखने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर में आपको चारों तरफ बिखरी हुई ढेर सारी प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है। यह प्रतिमाएं 11वीं शताब्दी में बनाई गई हैं। यहां पर आपको नंदी भगवान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। हनुमान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर प्रतिमाएं बनाई गई है, जो बहुत ही आकर्षक है। सन 1936 के बाद, यहां पर प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के समय 15 दिन का मेला लगाया जाता है और यहां जल चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुई है।
भीम कीचक मंदिर मल्हार - Bhim Keechak Temple Malhar
भीम कीचक मंदिर मल्हार में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के द्वार शाखा पर गंगा यमुना का सुंदर अंकन देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर छठी और सातवीं शताब्दी के मध्य बनाया गया है।
देउर मंदिर मल्हार - Deur Mandir Malhar
देउर मंदिर भी एक शिव मंदिर है। यह मंदिर मल्हार में स्थित है। यह मंदिर भी प्राचीन है और आप इस मंदिर में भी घूमने के लिए आ सकते हैं।
मल्हार राज महल - Malhar Raj Mahal
मल्हार राज महल मल्हार में घूमने का एक प्राचीन स्थल है। मल्हार का राज महल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। यहां पर आपको प्राचीन महल के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। मल्हार बिलासपुर में घूमने की सबसे अच्छी जगह है।
कानन पेंडारी उद्यान बिलासपुर - Kanan Pendari Garden Bilaspur
कानन पेंडारी उद्यान बिलासपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं, जिन्हें यहां पर रखा गया है। यहां पर आपको बब्बर शेर, सफेद बाघ, बाघ, गैंडा, दरियाई घोड़ा, शाही, जंगली सूअर, इमू, मगरमच्छ, हिरण, भालू, तेंदुआ देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको मछली घर भी देखने के लिए मिलता है, जहां पर विभिन्न प्रजातियों की मछलियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर पक्षी विहार भी है, जहां पर आपको बहुत सारे पक्षी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर सांप पार्क भी है, जहां पर आप को अजगर और अन्य तरह के सांप देखने के लिए मिल जाते हैं। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारे झूले भी लगाए गए हैं।
कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन बिलासपुर में मुंगेली बिलासपुर हाईवे सड़क पर स्थित है। यहां पर आप अपने वाहन द्वारा या बस द्वारा आराम से पहुंच सकते हैं। यह उद्यान सोमवार को बंद रहता है और इस उद्यान के खुलने का समय 9:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक है। इस उद्यान में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर वयस्क पर्यटक के लिए 20 रूपए और बच्चों के लिए 10 रूपए लिए जाते हैं। यहां पर पार्किंग के लिए भी अच्छी जगह है। यह बिलासपुर शहर की घूमने लायक जगह है।
वंडर वर्ल्ड बिलासपुर - Wonder World Bilaspur
वंडर वर्ल्ड बिलासपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक थीम पार्क है। यह पार्क कानन पेंडारी चिड़िया घर के पास में स्थित है। यहां पर आपको दुनिया भर में प्रसिद्ध सात अजूबों का छोटे रूप में प्रतिरूप देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको एक छोटा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जिसमें आप बोटिंग का मजा ले सकते हैं। यहां पर और भी कई एडवेंचर चीजें आपके करने के लिए है, जो बहुत मजेदार होती हैं। आप कानून पेंडारी जू में घूमने के लिए आते हैं, तो आप यहां पर भी आ सकते हैं। यहां पर एक छोटा सा रेस्टोरेंट भी है, जहां पर आपको खाने में बहुत सारी वैरायटी मिल जाती है। यह बिलासपुर की एक अच्छी जगह है।
बिलासा ताल वसुंधरा उद्यान बिलासपुर - Bilasa Tal Vasundhara Garden Bilaspur
बिलासा ताल वसुंधरा उद्यान बिलासपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर चारों तरफ हरियाली है और यहां पर आपको एक तालाब देखने के लिए मिलता है। तालाब के किनारे बैठने के लिए जगह बनाई है, जहां से आप बैठकर तलाब के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर आपको डायनासोर स्टेचू भी देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही फनी लगते हैं। इसके अलावा यहां पर और भी बहुत सारे स्टैचू देखने के लिए मिलते हैं। इसके अलावा यहां पर बहुत सारे पेड़ पौधे और फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं। तालाब में आपको रंग बिरंगी मछलियां देखने के लिए मिलती हैं। तालाब में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां पर आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
बिलासा ताल वसुंधरा उद्यान के खुलने का समय 9:30 से 5:00 बजे तक है। यहां पर आपका प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर पर्यटक के लिए 20 रुपए और बच्चों के लिए 10 रुपए लगता है। नौका विहार का 20 रुपए लगता है और बच्चों का 10 रुपए लगता है। यहां पर आपका पार्किंग का भी शुल्क लगता है। यह पिकनिक के लिए एक अच्छी जगह है। यह पार्क मंगलवार के दिन बंद रहता है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर - Energy Education Park Bilaspur
ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर गार्डन है। इस गार्डन को एनर्जी पार्क और सोलर एनर्जी पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह पार्क बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है और बहुत सुंदर है। इस पार्क में आपको अलग-अलग तरह के कलरफुल फव्वारे देखने के लिए मिलते हैं। यह पर मुख्य रूप से लोगों को सोलर एनर्जी और अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। यहां पर आपको एक छोटा सा संग्रहालय भी देखने के लिए मिलता है, जहां पर आपको सौर ऊर्जा से संबंधित बहुत सारे उपकरण का मॉडल दिखाया गया है। यहां पर छोटा सा तालाब भी है, जिसमें कमल के ढेर सारे फूल लगाए गए हैं।
एनर्जी पार्क बिलासपुर शहर में राजकिशोर नगर में बीएसएनएल एक्सचेंज रोड के पास स्थित है। यहां पर आपको कैंटीन भी देखने के लिए मिलती है। इस पार्क में आप अपने फैमिली के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं। आप यहां पर बच्चों को बहुत सारी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। यह पार्क चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ है। इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। यहां पर 20 रुपए वयस्क व्यक्ति का लिया जाता है। यह बिलासपुर में घूमने वाली एक प्रमुख जगह है।
स्मृति वन उद्यान बिलासपुर - Smriti Van Udyan Bilaspur
स्मृति वन उद्यान बिलासपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह उद्यान बिलासपुर शहर में राजकिशोर नगर में स्थित है। यह उद्यान बहुत सुंदर है। इस उद्यान में आपको बहुत सारे स्टेचू देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही मजेदार देखते हैं। यहां पर बच्चों के लिए बहुत सारे गेम है, जिन्हें बच्चे बहुत इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर आपको एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है। इस तालाब के किनारे बैठने के लिए जगह बनाई गई है। आप यहां पर बैठकर तालाब के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। इस पार्क में वयस्क के लिए 20 रूपए का एंट्री फीस लिया जाता है। आप अपना यहां पर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। आप यहां पर फैमिली के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं। यह बिलासपुर शहर में घूमने लायक जगह है।
अमरकंटक बिलासपुर - Amarkantak Bilaspur
अमरकंटक बिलासपुर शहर के पास में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। अमरकंटक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है। अमरकंटक एक पहाड़ी क्षेत्र है। अमरकंटक में आपको बहुत सारे दर्शनीय स्थल देखने के लिए मिल जाते हैं। अमरकंटक में आप नर्मदा नदी का उद्गम कुंड, सोनमुड़ा, माई की बगिया, माई का मंडप, श्री यंत्र मंदिर, कपिलधारा, दूध धारा, कलचुरी कालीन मंदिर, सर्वोदय जैन मंदिर, कबीर चबूतरा, अमरेश्वर महादेव मंदिर, जालेश्वर मंदिर और भी बहुत सारे दर्शनीय स्थल आपको यहां पर देखने के लिए मिलते हैं। अमरकंटक के आस पास बहुत सारे दर्शनीय स्थल मौजूद है, जिन्हें आप घूम सकते हैं। अमरकंटक बिलासपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर होगा। आप यहां पर एक या 2 दिन की ट्रिप की प्लानिंग करके घूमने के लिए आ सकते हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व - Achanakmar Tiger Reserve
अचानकमार टाइगर रिजर्व बिलासपुर शहर के पास में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। अचानकमार बिलासपुर मुंगेली जिले में फैला हुआ है। यहां पर आप को हरा भरा जंगल देखने के लिए मिलता है। बरसात के समय यह जगह बहुत ही आकर्षक लगती है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल सकते हैं। आपको यहां पर बाघ, तेंदुआ, हिरण, लंगूर, बायसन और भी बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिल सकते हैं। यहां पर आपको पहाड़ियां, घने जंगल और हरे भरे पेड़ देखने के लिए मिलते हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व में आपको बहुत सारे पौधों के प्रकार देखने के लिए मिलते हैं। इसकी स्थापना 1975 में की गई थी। इसे 2009 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। आप इस अभ्यारण में जिप्सी द्वारा सफारी का मजा ले सकते हैं। यहां पर सफारी के लिए अलग-अलग टाइमिंग है। यहां पर ठहरने के लिए बहुत सारे रिसोर्ट मिल जाते हैं, जहां पर आप रह सकते हैं। यहां पर आदिवासी जनजातियों के घर भी आपको देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
छठ घाट बिलासपुर - Chhath Ghat Bilaspur
छठ घाट बिलासपुर का एक सुंदर घाट है। यह घाट अरपा नदी पर बना हुआ है। यह घाट बहुत सुंदर है। नदी का दृश्य बहुत शानदार रहता है। यहां पर आप बैठकर नदी के दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर तीज त्योहारों में बहुत भीड़ लगती है।
कोरी बांध बिलासपुर - Kori Dam Bilaspur
कोरी बांध बिलासपुर के पास स्थित एक सुंदर जलाशय है। यह जलाशय चारों तरफ से पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है। यह जलाशय बिलासपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। यहां पर आकर आपको ताजी हवाओं का आनंद लेने के लिए मिलता है। आप यहां पर बरसात के समय आएंगे, तो आपको बहुत मजा आएगा, क्योंकि बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है और डैम भी पानी से पूरी तरह भरा रहता है। यहां पर सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही लाजवाब रहता है। कोरी बांध को घोंघा बांध के नाम से जाना जाता है। कोरी बांध बिलासपुर का पिकनिक स्थल है। यहां पर जब बांध ओवरफ्लो होता है, तो बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और पिकनिक मनाते हैं। यहां पर वह खाना पीना बना कर मस्त इस वातावरण का लुफ्त उठाते हुए पूरा दिन बिता देते हैं।
खुड़िया बांध बिलासपुर - Khudia Dam Bilaspur
खुड़िया बांध बिलासपुर के पास स्थित एक सुंदर जलाशय है यह जलाशय मुंगेली जिले के अंतर्गत आता है। यह जलाशय बहुत सुंदर है और चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। इस जलाशय का निर्माण ब्रिटिश गवर्नमेंट ने करवाया था। यह जलाशय छत्तीसगढ़ के पुराने जलाशयों में से एक है। इस जलाशय में आप बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात के समय इस जलाशय में पानी जब ओवरफ्लो होता है, तो झरना देखने के लिए मिलता है। जो बहुत सुंदर लगता है।
लूथरा शरीफ दरगाह बिलासपुर - Luthra Sharif Dargah Bilaspur
लूथरा शरीफ दरगाह बिलासपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मुस्लिमों का धार्मिक स्थल है। यहां पर आकर पॉजिटिव एनर्जी महसूस होती है। यह दरगाह हजरत बाबा सैयद इंसान अली शाह की है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और यह दरगाह भी बहुत बड़ी है। लोग यहां पर बड़ी संख्या में आते हैं और यहां पर चादर चढ़ाते हैं। आप बिलासपुर घूमने के लिए आते हैं, तो आप भी इस दरगाह में आ सकते हैं। यह बिलासपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर है।
विवेकानंद गार्डन बिलासपुर - Vivekananda Garden Bilaspur
विवेकानंद गार्डन बिलासपुर शहर का एक मुख्य स्थल है। यह एक सुंदर गार्डन है। यह गार्डन बिलासपुर शहर के बीचोंबीच स्थित है। यह गार्डन चारों तरफ से पेड़ पौधों और रंग-बिरंगे फूलों से घिरा हुआ है। गार्डन में विवेकानंद जी का स्टेच्यू देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे फव्वारे भी है। यहां पर बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारे झूले हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
चंपी बांध बिलासपुर - Champi Dam Bilaspur
चंपी बांध बिलासपुर में रतनपुर के पास स्थित एक सुंदर जलाशय है। यह जलाशय सुंदर पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है। यहां पर आपको जलाशय का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर रतनपुर से पेंड्रा जाते समय घूमने के लिए आ सकते हैं।
मदकू द्वीप बिलासपुर - Madaku Island Bilaspur
मदकू द्वीप बिलासपुर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यहां पर शिवनाथ नदी पर एक छोटा सा द्वीप देखने के लिए मिलता है। मदकू द्वीप माण्डूक्य ऋषि की तपोभूमि है। इसलिए इसे मदकू द्वीप कहते है। यहां पर शिवनाथ नदी दो भागों में विभक्त होकर बहती है और एक सुंदर द्वीप का निर्माण होता है। इस द्वीप में बहुत सारी प्राचीन मंदिर एवं प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए मिलती है। यहां पर शिव मंदिर देखने के लिए मिलते हैं।
मदकू द्वीप को आदिकाल से ही पवित्र स्थल माना जाता है, क्योंकि यहां पर आकर शिवनाथ नदी की धाराएं ईशान कोण में बहने लगती हैं और यह दिशाएं वास्तु शास्त्र के अनुसार सबसे पवित्र दिशा मानी जाती है। यहां पर पुरातत्व विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस स्थल पर पुरातात्विक उत्खनन और संरक्षण कार्य वर्ष 2011 में किया गया। उद्घाटन के पश्चात बलुआ पत्थर से निर्मित 19 मंदिर का समूह और अनेक प्रतिमाएं यहां से मिली हैं। जिनकी तिथि लगभग 11वीं से 14वीं शताब्दी है। अधिकांश मंदिरों के गर्भग्रह मे लिंग और यूनिपीठ स्थापित है। एक मंदिर में उमामाहेश्वर और गरुड़ासीन लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
आप यहां पर घूमने के लिए आएंगे, तो आपको छोटे छोटे मंदिरों के समूह और माण्डूक्य ऋषि की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर आकर आपको राधा कृष्ण जी, हनुमान जी, शिव जी, गणेश जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह द्वीप भी बहुत सुंदर है। आपको यहां पर आकर बहुत ही अच्छा लगेगा। यहां पर ईसाई लोगों के धार्मिक स्थल भी देखने के लिए मिलते हैं। यह बिलासपुर शहर की सबसे अच्छी जगह है।
रतनपुर बिलासपुर - Ratanpur Bilaspur
रतनपुर बिलासपुर में स्थित एक छोटा सा नगर है। रतनपुर बिलासपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर होगा। रतनपुर में बहुत सारी धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक जगह मौजूद है। रतनपुर में घूमने वाली मुख्य जगह
रतनपुर में घूमने की जगह - Places to visit in ratanpur
खुटाघाट बांध - Khutaghat Dam
खुटाघाट बांध बिलासपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह बांध बिलासपुर में रतनपुर में स्थित है। यह बांध रतनपुर से करीब 4 किलोमीटर दूर होगा। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर बरसात में आकर आप बहुत सुंदर दृश्य देख सकते हैं। बरसात में जब यह बांध पानी से पूरी तरह भर जाता है, तो बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जो एक झरने की तरह रहता है। इस बांध में आपको टापू भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर शाम के समय सूर्यास्त का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
खुटाघाट बांध को खारंग जलाशय भी कहा जाता है। यह बांध खारंग नदी पर बना हुआ है। यह बांध पर्यटकों के लिए एक अच्छी जगह है। यहां पर आपको गार्डन भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। आप यहां पर आकर खुटाघाट बांध में आपको दूर-दूर तक विस्तारित पानी का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो लाजवाब रहता है।
राम टेकरी मंदिर रतनपुर - Ram Tekri Mandir Ratanpur
राम टेकरी मंदिर रतनपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर राम भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए आप पैदल या गाड़ी से जा सकते हैं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और सड़क मार्ग दोनों ही उपलब्ध है। इसलिए आप इस मंदिर तक आराम से पहुंच सकते हैं। इस मंदिर मे आपको श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी की प्रतिमाओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण मराठा राजा के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है। इस मंदिर से आपको रतनपुर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।
प्राचीन किला रतनपुर - Ancient Fort Ratanpur
प्राचीन किला रतनपुर शहर का एक प्रसिद्ध स्थल है। प्राचीन किले को रतनपुर का किला के नाम से भी जाना जाता है। यह किला कलचुरी कालीन राजाओं के द्वारा बनाया गया है। रतनपुर किले में देखने के लिए बहुत सारी जगह है। यहां पर आपको प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर श्री जगन्नाथ जी का मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदरता के बने हुए हैं। इन मंदिरों में बहुत सुंदर मूर्ति कला देखने के लिए मिलती है। इस किले मे आपको गार्डन भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। रतनगढ़ किले में आपको हमाम खाना भी देखने के लिए मिलता है। किले के एक तरफ आपको तालाब भी देखने के लिए मिलती है। यह तालाब बहुत सुंदर है। यह किला भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
श्री महामाया देवी मंदिर रतनपुर - Shri Mahamaya Devi Temple Ratanpur
श्री महामाया मंदिर बिलासपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पूरे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध है। यह प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर बिलासपुर अंबिकापुर रोड में बिलासपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर महामाया देवी को समर्पित है। मंदिर में महामाया देवी की सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। महामाया देवी कलचुरी राजाओं की कुलदेवी थी। यहां पर आपको सुंदर तालाब देखने के लिए मिलता है। तालाब के किनारे ही बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। तालाब में आपको रंग बिरंगी मछलियां देखने के लिए मिलती हैं।
महामाया मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिरों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर में आपको पंचमुखी शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां पर हनुमान जी का मंदिर भी बना हुआ है। हनुमान जी की प्रतिमा भी बहुत सुंदर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और बहुत शांति मिलती है। बहुत सारे लोग यहां पर महामाया देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से लोग आते हैं। यहां पर आपको महामाया वाटिका भी देखने के लिए मिलती है। यह बहुत सुंदर गार्डन है। चारों तरफ पेड़ पौधे और फूल लगे हुए हैं। यहां पर आप शांति से बैठ सकते हैं।
महामाया मंदिर का मंडप तथा प्रवेश द्वार कलात्मक और दर्शनीय है। इसमें बहुत सुंदर मूर्तिकला देखने के लिए मिलती है। महामाया मंदिर एक परकोटा के अंदर है, जिसका निर्माण मराठा काल में हुआ है। मूल मंदिर का निर्माण रतनपुर शाखा के कलचुरी राजाओं के राज्य में लगभग 12 वीं सदी ईस्वी में हुआ था। यहां पर आपको ठहरने के लिए धर्मशाला भी मिल जाती है।
श्री महालक्ष्मी (लखनी) देवी मंदिर रतनपुर - Shri Mahalakshmi (Luckni) Devi Temple Ratanpur
श्री महालक्ष्मी देवी मंदिर रतनपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। श्री महालक्ष्मी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना हैहयवंशी राजा रतन देव तृतीय के मंत्री गंगाधर शास्त्री द्वारा रतनपुर कोटा मार्ग में पहाड़ी में इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। यहां महालक्ष्मी जी की दिव्य प्रतिमा विराजमान है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां मिलती है। इस मंदिर से आपको रतनपुर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। महालक्ष्मी मंदिर के पास ही में हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। हनुमान मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर राम जी, सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह जगह बहुत सुंदर लगती है।
Please do not enter any spam link in comment box