सुनार नदी की जानकारी और सुनार नदी का उद्गम स्थल - Sunar River Information and Sunar River Origin
सुनार नदी मध्य प्रदेश की एक प्रमुख नदी है। सुनार नदी मध्य प्रदेश के सागर जिले से निकलती है। सुनार नदी मध्य प्रदेश के सागर और दमोह जिले में बहती हुई केन नदी से मिल जाती है। सुनार नदी केन नदी की सहायक नदी है और केन नदी से मिलने के बाद सुनार नदी का सफर खत्म हो जाता है। सुनार नदी सागर जिले के केसली तहसील से निकली है। सुनार नदी सागर और दमोह जिले के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों से बहते हुए केन नदी से मिलती है। सुनार नदी केसली तहसील से बहते हुए गौरझामर तहसील में बहती है। उसके बाद यह रहली तहसील में में बहती है।
रहली तहसील में सुनार नदी की सहायक नदी देहर नदी भी देखने के लिए मिलती है। देहर नदी और सुनार नदी का संगम स्थल रहली तहसील में देखने के लिए मिलता है। यह बहुत सुंदर है। रहली तहसील में सुनार नदी के किनारे बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर प्राचीन सूर्य देव का मंदिर देखने के लिए मिलता है और रहली का किला भी देखने के लिए मिलता है। रहली के बाद सुनार नदी गढ़ाकोटा तहसील में प्रवेश करती है। गढ़ाकोटा तहसील में सुनार नदी का दृश्य बहुत सुंदर है। यहां पर सुनार नदी बहुत गहरी है। सुनार नदी के किनारे यहां पर गढ़कोटा का किला बना हुआ है। यह एक प्रसिद्ध किला है मगर अब यह किला खंडहर में परिवर्तित हो गया है।
इसके बाद सुनार नदी दमोह जिले में प्रवेश करती है। दमोह जिले में नरसिंहगढ़ तहसील में सुनार नदी का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर सुनार नदी के किनारे नरसिंहगढ़ का किला भी बना हुआ है। नरसिंहगढ़ किले से आगे बढ़कर सुनार नदी एक बहुत सुंदर जलप्रपात बनाती है। इस जलप्रपात को भदभदा जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। यह जलप्रपात हटा तहसील के पास स्थित है। यहां पर सुनार नदी का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
हटा तहसील में सुनार नदी के किनारे गौरी शंकर मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यह मंदिर सुनार नदी से कुछ दूरी पर स्थित है। इसके बाद सुनार नदी आगे बढ़ती पाटन कलान में सुनार नदी केन नदी से मिल जाती है। सुनार नदी में बहुत सारे स्टेप डैम देखने के लिए मिलते हैं, जो सिंचाई के लिए एक उपयुक्त संसाधन है। सुनार नदी में आवागमन के लिए रहली तहसील में नए पुलों का निर्माण किया जा रहा है।
सुनार नदी का उद्गम स्थल - Origin Place of Sonar river
सुनार नदी का उद्गम सागर जिले में हुआ है। सुनार नदी की उत्पत्ति सागर जिले की केसली तहसील से हुआ है। टांडा नाम के गांव से सुनार नदी का उद्गम हुआ है। यह क्षेत्र पूरा पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर पहाड़ियों का पानी एक जलाशय में इकट्ठा होता है और यहीं से सुनार नदी की शुरुआत होती है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको बहुत अच्छा लगेगा।
इस जलाशय से सुनार नदी की शुरुआत होती है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको यहां पर सुंदर पहाड़ियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। चारों तरफ सुंदर पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। बरसात के समय इस जलाशय का सुंदर दृश्य को देखने के लिए मिलेगा, क्योंकि बरसात के समय यह जलाशय पूरी तरह पानी से भर जाता है और इसका पानी बहता है, जिसका दृश्य बहुत सुंदर रहता है।
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