सलाम सिंह की हवेली या मोती महल जैसलमेर राजस्थान - Salam Singh Ki Haveli or Moti Mahal Jaisalmer Rajasthan
जैसलमेर में बहुत सारी हवेलियां है, इन्हीं में से एक हवेली है - सलाम सिंह की हवेली।
सलाम सिंह की हवेली जैसलमेर का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। सलाम सिंह जैसलमेर रियासत के एक मंत्री हुआ करते थे। यह हवेली बहुत सुंदर है और जैसलमेर शहर के बीचो-बीच बनी हुई है। यह हवेली जैसलमेर किले से करीब 1 किलोमीटर दूर होगी। यह हवेली बाहर से और अंदर से दोनों जगह से ही सुंदर दिखाई देती है। सलाम सिंह की हवेली को मोती महल के नाम से भी जाना जाता है।
सलाम सिंह की हवेली में प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहां पर 50 रूपए का प्रवेश शुल्क लिया जाता है। विदेशी व्यक्तियों के लिए यह शुल्क अलग रहता है। यहां पर आप अंदर जाकर हवेली को देख सकते हैं। हवेली के अंदर बहुत सारी वस्तुओं को संभाल कर रखा गया है। यहां पर आपको प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिल जाते हैं। सलाम सिंह की हवेली के बाहर प्रवेश द्वार में आपको दो हाथियों की मूर्ति देखने के लिए चलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। आप हवेली के अंदर जाएंगे, तो आपको और भी पत्थर से बनी हुई वस्तुएं देखने के लिए मिल जाएंगे।
सलाम सिंह की हवेली में बाहर से आपको सबसे ऊपर बालकनी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर बनाई गई है। इसमें खिड़कियों में नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। सलाम सिंह की हवेली जैसलमेर शहर के बीचोंबीच स्थित है। इस हवेली के आसपास बहुत सारी दुकानें हैं, जहां से आप शॉपिंग भी कर सकते हैं। यहां पर आकर आपको अच्छा लगेगा।
सलाम सिंह की हवेली का निर्माण 1815 में सलाम सिंह के द्वारा किया गया था। सलाम सिंह जैसलमेर रियासत के मंत्री थे। उन्होंने इस हवेली का निर्माण बिना सीमेंट और चिपकाने वाले पदार्थ से किया था। उन्होंने पत्थरों को रॉड से जोड़कर इस हवेली का निर्माण किया था। इस हवेली की दीवारों में आपको सुंदर चित्रकारी भी देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और आपको यहां पर बहुत अच्छा लगेगा।
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