हनुमान धारा चित्रकूट - Hanuman Dhara Chitrakoot / सीता रसोई चित्रकूट / हनुमान मंदिर चित्रकूट
हनुमान धारा चित्रकूट में स्थित एक प्राचीन और धार्मिक स्थल है। हनुमान धारा पर आपको हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। हनुमान जी के मंदिर के ऊपर सीता जी की रसोई आपको देखने के लिए मिलती है, जहां पर सीता जी ने ऋषियों के लिए खाना बनाया था। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको एक जलधारा भी देखने के लिए मिलती है, जो पहाड़ियों से बहती है। यह जलधारा हमेशा ही बहती है। इसके अलावा बरसात में आपको यहां पर झरना देखने के लिए मिलता है।
हनुमान धारा का महत्व - Importance of Hanuman Dhara
हनुमान धारा के बारे में कहा जाता है, कि जब हनुमान जी ने लंका पर आग लगाई थी, तो उनकी पूछ में जो आग लगी थी। उसकी जलन शांत नहीं हो रही थी। उसकी जलन शांत करने के लिए हनुमान जी राम जी के पास गए, तो राम जी ने उन्हें चित्रकूट के इस जगह के बारे में बताया और कहा कि आप वहां जाइए। वहां पर जल की एक धारा निकलेगी, जिससे आपकी यह जलन शांत होगी। तब हनुमानजी यहां पर आए और पहाड़ों से एक जल धारा फूट पड़ी और हनुमान जी की जलन शांत हुई। तब से इस जगह को हनुमान धारा के नाम से जाना जाता है।
हम लोग गुप्त गोदावरी घूमकर चित्रकूट के हनुमान धारा में ऑटो से आए थे। ऑटो वालों ने हमें हनुमान धारा में सीढ़ियों के पास उतार दिया था। सीढ़ियों के पास बहुत सारी दुकानें हैं, जहां से आप हनुमान धारा में हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाने के लिए खरीद सकते हैं। यहां पर आप जैसे ही पहुंचते हैं, तो प्रसाद वाले आपके पास आते हैं। आपको प्रसाद बेचने के लिए। हनुमान धारा मंदिर की जहां से सीढ़ियां स्टार्ट होती है। वहां पर आपको फूल और बेरी वाले और चने वाले मिल जाते हैं। आप चाहें तो चने या बेरी ले सकते हैं। यहां पर उबली हुई बेर भी मिलती है। आप वह चाहे, तो खाने के लिए ले सकते हैं। यहां पर आपको सीढ़ियां के पास बंदर मिलना स्टार्ट हो जाते हैं। अगर आप कोई भी खाने की चीज लेते हैं, तो उसे अपने बैग में रख ले या उसे पहले खा ले और फिर सीढ़ियां चढ़ना स्टार्ट करें। आप चाहे तो चने और बेरी लेकर बंदरों को भी खिला सकते हैं।
सीढ़ियों में प्रवेश द्वार बना हुआ है। सीढ़ियों के एक तरफ आपको हनुमान जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है और दूसरी तरफ गणेश जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। आप सीढ़ियों से थोड़ा ऊपर जाएंगे, तो आपको यहां पर हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यहां पर पंडित जी बैठे रहते हैं और आप यहां पर हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं। आप थोड़ा ऊपर और जाएंगे, तो आपको एक फोटो स्टूडियो टाइप का बना हुआ देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर फोटो खिंचवा सकते हैं। फोटो खिंचवाने के यहां पर आपको नॉर्मल चार्ज लगते हैं। उसके बाद आप ऊपर जाएंगे, तो आपको यहां पर राम जी, लक्ष्मण जी और सीता जी की भव्य मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यहां से आपको नीचे का दृश्य भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मनोरम रहता है।
आप सीढ़ियों से ऊपर जाएंगे, तो आपको यहां पर हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यह हनुमान धारा में हनुमान जी का मुख्य मंदिर है और हनुमान जी के मंदिर के नीचे ही आपको एक जलधारा देखने के लिए मिल जाएगी, यह जल पहाड़ों से निकल कर आता है और यह जलकुंड में गिरता है। आप इस जल को पी सकते हैं। यह जल धारा गर्मियों के समय भी बहता है। यहां पर हमने हनुमान जी के दर्शन किया। हनुमान जी के मंदिर में पंडित जी रहते है , जो आप प्रसाद लाते है। वह हनुमान जी को चढ़ते है। यहां पर आपको हनुमान जी की गदा देखने के लिए भी मिल जाती है और हनुमान जी की भव्य मूर्ति यहां पर विराजमान है। आप उनके दर्शन कर सकते हैं। यहां पर सीता जी का मंदिर भी है। हमने सीता जी के भी दर्शन किये।
आप हनुमान धारा में आगे बढ़ेंगे, तो आपको यहां पर नरसिंह धारा देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर नरसिंह भगवान की मूर्ति पहाड़ के बीच में रखी हुई है और यहां पर झरना बहता है। इस झरने को ही नरसिंह धारा कहते हैं। आपको यहां नरसिंह भगवान की बहुत ही भव्य प्रतिमा यहां पर देखने के लिए मिल जाती है। यह प्रतिमा बहुत ही आकर्षक लगती है, क्योंकि यह झरने के बीचो बीच रखी हुई है। बरसात के समय में जब यहां झरना बहता होयेगा। तब बहुत ही ज्यादा मनमोहक लगती होगी। हम लोग यहां पर जनवरी के समय में गए थे। तब यहां ज्यादा पानी नहीं गिर रहा था। मगर थोड़ा पानी ही पहाड़ों से रिस रहा था।
नरसिंह धारा ने हम लोगों ने नरसिंह भगवान की फोटो खींची। यहां पर हमने बहुत सारी फोटो क्लिक की। यहां से हाईवे का दृश्य बहुत खूबसूरत दिखाई दे रहा था। यहां से दूर दूर तक का दृश्य दिखाई देता है। उसके बाद हम लोग ऊपर गए। ऊपर हमें सीढ़ियों में बहुत सारे लोग दिखाई दिए, जो प्रसाद बेच रहे थे। सिंदूर बेच रहे थे और बंदरों को खिलाने के लिए चने बेच रहे थे। हम लोगों ने किसी से कुछ भी नहीं लिया। अगर आप यहां पर जाते हो, और अगर आप दान धर्म करना चाहते हैं, तो यह सब ले सकते हैं। मगर मेरे हिसाब से तो आप अगर दान करना चाहते हैं, तो आप अपने साथ चने किसी भी किराना दुकान से खरीद लीजिएगा। वहां पर आपको ज्यादा क्वांटिटी में चने मिल जाएंगे। यहां पर आपको ज्यादा चने नहीं मिलते हैं।
उसके बाद हम लोगों हनुमान धारा के सबसे ऊपर पहुंच गए। हम लोगों को यहां पर ढेर सारी छोटी-छोटी होटल देखने के लिए मिली, जहां पर चाय नाश्ता कर सकते हैं। मगर हम लोग सबसे पहले मंदिर जाने का सोचे। मंदिर में हम लोग जैसे ही प्रवेश किए, तो यहां पर छोटे-छोटे एक लाइन से बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं और हर मंदिर में पंडित जी आपको देखने के लिए मिलेंगे, और वह पंडित जी हम लोगों से दान मांग रहे थे। मगर हम लोग यहां पर गए, तो हम लोग अपनी इच्छा के अनुसार दान किए। पंडित जी के कहने के अनुसार हम लोगों ने दान नहीं किया। आप अगर यहां पर जाएं, तो आप भी अपनी इच्छा के अनुसार दान करें।
सीता रसोई चित्रकूट - Sita Rasoi Chitrakoot
सीता रसोई पर आपको सीता जी के बर्तन देखने के लिए मिलते हैं। जिन बर्तनों में उन्होंने खाना बनाया था। यहां पर सीता जी ने खाना बनाया था और 5 ब्राह्मण को यहां पर खाना खिलाया था। यहां पर हम लोगों ने बेलन और चौकी देखें। इसके अलावा यहां पर और भी मंदिर देखने के लिए मिलते है। मगर मुख्य मंदिर सीता रसोई है।
हम लोग दर्शन करके बाहर आए और बाहर हमने यहां पर चाय और समोसे खाए। यहां पर चाय और समोसे बहुत सस्ते रेट में मिल रहे थे। 5 रूपए का समोसा था और 5 रूपए की ही चाय थी। बाहर हमने चाय पिया और बाहर से नीचे का व्यू देखा, जो बहुत ही अद्भुत था। दूर-दूर तक का व्यू आप यहां पर देख सकते हैं। यहां पर सीता रसोई में आने के लिए रोड भी दी गई है। मगर इस रोड का रास्ता कहां से आता है। इसका पता हमे नहीं है। आप यहां पर गाड़ी से भी आ सकते हैं, क्योंकि सीता रसोई के पास पीछे की तरफ 1 या 2 गाड़ियां भी खड़ी थी।
रोपवे हनुमान धारा चित्रकूट - Ropeway Hanuman Dhara Chitrakoot
हनुमान धारा में रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। अगर किसी को सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होती है, तो वह रोपवे के द्वारा भी हनुमान धारा में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए जा सकता है। रोपवे से आने और जाने का एक व्यक्ति का किराया 140 रूपए है। रोपवे में आने और जाने में बहुत अच्छा लगता है। मगर अगर आप ज्यादा मजे लेना चाहते हैं, तो आप सीढ़ियों से ही आना जाना करें। आपको बहुत मजा आएगा। रोपवे आपको हनुमान मंदिर के पास में उतार देती है। उसके बाद आप हनुमान जी के मंदिर और सीता रसोई में जाकर घूम सकते हैं।
हमने हनुमान धारा में हनुमान मंदिर और सीता रसोई घूमने के बाद, हम लोग नीचे आ गए और नीचे अपने ऑटो में बैठकर हम लोग रामघाट की तरफ प्रस्थान किया।
हनुमान धारा चित्रकूट की फोटो - Photo of Hanuman Dhara Chitrakoot
हनुमान धारा से चारों तरफ का खूबसूरत दृश्य |
हनुमान धारा से नीचे का दृश्य |
हनुमान धारा का प्रवेश द्वार |
हनुमान धारा में पहाड़ों के बीच में विराजमान नरसिंह भगवान की मूर्ति |
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो आप इस लेख को शेयर जरूर करें। अपने दोस्तों के साथ और अपने फैमिली वालों के साथ , ताकि उन्हें भी चित्रकूट के हनुमान धारा के बारे में जानकारी मिल सके।
Please do not enter any spam link in comment box