गुप्त गोदावरी गुफा चित्रकूट - Gupt Godavari Caves Chitrakoot / गुप्त गोदावरी चित्रकूट / Gupt Godavari Chitrakoot
गुप्त गोदावरी गुफा एक प्राचीन और धार्मिक जगह है। यह चित्रकूट में स्थित धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां पर आपको दो गुफाएं देखने के लिए मिलती है। इन गुफाओं के बारे में कहा जाता है, कि जब राम जी चित्रकूट में वनवास के दौरान आए थे। तब इन गुफाओं में राम जी का दरबार लगता था। यहां पर एक गुफा में आपको रामदरबार देखने के लिए मिल जाता है और दूसरी गुफा में आपको गोदावरी नदी देखने के लिए मिल जाती है। जिसे गुप्त गोदावरी के नाम से जाना जाता है।
गुप्त गोदावरी का महत्व - Importance of Gupt Godavari
गुप्त गोदावरी गुफा के अंदर श्री राम जी और लक्ष्मण जी ने दरबार लगाया था। ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्री राम ने माता सीता के स्नान हेतु गोदावरी मैया को प्रकट किया था। इसे गुप्त गोदावरी कहते हैं। क्योंकि यह माता सीता का स्नान कुंड है। पताल तोड़कर गोदावरी तभी से यहां लगातार बह रही है।
गुप्त गोदावरी गुफा हम लोग ऑटो से आए थे। ऑटो वाले ने हम लोगों को मंदिर से कुछ आगे छोड़ दिया और हम लोग मंदिर जाने के लिए निकले। हम लोगों ने अपने चप्पल और जूते ऑटो में ही उतार के दिया। उसके बाद हम लोग पैदल मंदिर के लिए निकले। हम लोगों को यहां पर एक छोटा सा लड़का मिला, जिसने हम लोगों को एक सिंदूर का पैकेट दे दिया और हम लोगों से जिद करने लगा, कि आप लोग यह ले ही लो। हम लोगों को सिंदूर लेना ही पड़ा, क्योंकि वह पैकेट देकर वह लड़का चला गया बोलता है, कि पैसे बाद में देना। आप लोगों को कुछ इस तरह के बच्चे लोग भी यहां पर मिल जाएंगे। जो आपको सामान बेचकर ही रहते है। हम लोग आगे गए, तो हम लोगों को एक कस्तूरी मृग बेचने वाला मिल गया, जो हम लोगों को कहने लगा कि आप कस्तूरी मृग में रख लो। इसमें बहुत खुशबू आ रही है। हम लोगो ने मना कर दिया।
गुप्त गोदावरी गुफा की तरफ जाने वाले रास्ते में आपको दोनों तरफ दुकानें देखने के लिए मिलते हैं, जिसमें आपको तरह-तरह के समान देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर खाना खाने के लिए बहुत सारे ढाबे भी देखने के लिए मिल जाते हैं, जहां पर आप खाना खा सकते हैं, क्योंकि जो भी पर्यटक यहां घूमने आते हैं। वह सुबह से नाश्ता बस करके निकलते हैं। तो यहां पर आते आते लोगों को भूख लगने लगती है। यहां पर खाने की बहुत सारी दुकान है, तो आप यहां पर खाना खा सकते हैं। यहां काफी कम प्राइस में खाना मिल जाता है।
हम लोग गुप्त गोदावरी मंदिर पहुंचे, तो हम लोगों को सबसे पहले यहां पर गुप्त गोदावरी तालाब देखने के लिए मिला। यहां पर एक पतली सी धार गुफा से आ रही थी और तालाब में आकर गिर रही थी।
गुप्त गोदावरी तालाब - Gupt Godavari Pond
आप सबसे पहले यहां पर पहुंचते हैं, तो आपको गुप्त गोदावरी तालाब देखने के लिए मिलता है। गुप्त गोदावरी तालाब का आकार देखने में बहुत अच्छा लगता है और इस तालाब के चारों ओर लोहे की सलाखें लगाई गई हैं। वैसे यह तालाब ज्यादा गहरा तो नहीं लगता है। मगर बरसात के समय में अगर आप यहां पर जाते हैं, तो यहां पर पानी का बहुत ज्यादा ओवरफ्लो रहता है, क्योंकि गुफा से बहुत ज्यादा पानी आता है। गुप्त गोदावरी तालाब में एक पतली सी धारा आ कर गिरती है। गर्मी के समय यह धार बहुत ही पतली रहती है। हम लोग यहां पर ठंड के समय गए थे, तो यह धार पतली थी।
हम लोग तालाब को देखते हुए, सीढ़ियों से ऊपर चढ़े तो। यहां पर गुफा गुप्त गोदावरी गुफा में प्रवेश करने के लिए आपको टिकट लगता है। यहां पर एक व्यक्ति का 20 रूपए लिया जाता है। हम लोग दो लोग थे, तो हम लोगों का 40 रूपए लगा।
हम लोगों ने टिकट लिया। उसके बाद हम लोग सीढ़ियों से गुप्त गोदावरी गुफा की ओर बढ़े। यहां पर गुफा के गेट में एक व्यक्ति बैठे थे, जो फूल और बेल का फल दे रहे थे और उसका प्राइस 10 रूपए था। हम लोगों ने वह वह भी खरीद लिया। उसके बाद हम लोग गुफा में प्रवेश किए हैं। गुफा के अंदर आकर हमे गर्मी लगने लगती है। अगर आपको सांस की कोई भी तकलीफ हो, तो आप गुफा के अंदर नहीं आइएगा, क्योंकि यहां ऑक्सीजन लेवल कम रहता है।
यहां पर सबसे पहले आपको राम दरबार देखने के लिए मिलता है। यहां पर राम जी, लक्ष्मण जी और सीता जी की प्रतिमा आपको देखने के लिए मिलते हैं। कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहां पर राम जी का दरबार लगता था। हम लोगों ने जो फूल और बेल खरीदा था। वह यहीं पर दे दिया और हम लोगों ने दान भी किया। उसके बाद हम लोग आगे बढ़े, तो हम लोगों को यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिले। यहां पर पंडित जी बैठे थे। उन्होंने हम लोगों को दान करने के लिए कहा। हम लोगों ने वहां पर भी दान कर दिया। उसके बाद आगे बढ़ने पर हमें प्राचीन श्री गंगा गोदावरी कुंड देखने के लिए मिला।
गुप्त गोदावरी कुंड या सीता कुंड - Gupt Godavari Kund or Sita Kund
श्री गुप्त गोदावरी कुंड को सीता कुंड के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर सीता माता ने स्नान किया था और यहीं पर गोदावरी नदी पताल को तोड़कर निकली हुई है। यहां पर गोदावरी नदी उत्पन्न हुई है, पताल को तोड़कर। माता सीता के कहने पर राम जी ने गोदावरी नदी को यहां पर उत्पन्न किया था। गुप्त गोदावरी नदी को गुप्त गंगा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको एक कुंड देखने के लिए मिल जाता है और यहां पर एक पंडित जी भी बैठे रहते हैं, जो आपको इस कुंड के बारे में जानकारी देते हैं।
उसके बाद आगे बढ़ने पर हमें धनुष कुंड देखने के लिए मिला। यह पर एक कुंड था, जिसमे पानी भर था। यहां पर भी पंडित जी बैठे थे। उन्होंने हम लोगों को दान करने के लिए कहा और हम लोगों ने यहां पर दान किया।
हम लोगों को गुफा के अंदर चट्टान पर बना हुआ एक मंदिर भी देखने के लिए मिला। यह मंदिर शिवजी का था। इस मंदिर के ऊपर एक चट्टान अटकी हुई थी, जिसे खटखटा चोर के नाम से जाना जाता है। यहां पर भी एक पंडित जी बैठे थे, जो खटखटा चोर की हम लोगों को जानकारी देकर फिर दान मांगने लगे।
खटखटा चोर - Khatkhata chor
खटखटा चोर के बारे में कहा जाता है, कि यह एक राक्षस था। जब सीता जी स्नान करने के लिए गई थी, तो इस राक्षस ने सीता जी के कपड़े चुरा लिए थे। जिसके बाद राम जी ने इसे दंड दिया था। उसके बाद या पत्थर में परिवर्तित हो गया और इस तरह से अटक गया। आप यहां पर खटखटा चोर पत्थर को देख सकते हैं। यह पत्थर हवा में अटका है।
उसके बाद पंडित जी ने हम लोगों से फिर से दान देने के लिए कहा। दान देने के लिए कहा, यह तो सही है। मगर यहां पर जो पंडित जी लोग रहते हैं। वह पांच और 10 रूपए नहीं लेते हैं। डायरेक्ट लोगों से 100 रूपए और 500 रूपए तक की डिमांड करते हैं और वह इस बात पर अड़ जाते हैं। तो यह चीज थोड़ी सी बेकार लगती है।
हम लोग पहले गुफा में स्थित सभी धार्मिक स्थलों के दर्शन करके गुफा के बाहर आया। गुफा के अंदर फोटो खींचना मना था। मगर हम लोगों ने कुछ फोटो जरूर क्लिक करें। उसके बाद हम लोग गुफा नंबर दो में गए। जब हम लोग गुफा नंबर 2 में जा रहे थे। तब रास्ते में 3 पंडित जी लोग बैठे थे। वह पंडित भी हम लोगों को आशीर्वाद देकर पैसे की मांग की है और हम लोगों से पैसे ले ही लिया। हम लोगों ने उन लोगों को पैसे दे दिए और दूसरी गुफा में गए। वहां पर भी बहुत सारे पंडित जी लोग थे। सभी पंडित जी पैसे की मांग की।
हम लोग जैसे ही गुप्त गोदावरी गुफा में प्रवेश किए, तो गुफा में आपको पानी भरा हुआ देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपके घुटनों तक पानी भरा हुआ रहता है। अगर आपके हाथ में फोन या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान है, जो पानी में गिरने से खराब हो सकता है, तो आप उसे अपने बैग वगैरह में रख लें, क्योंकि यहां पर आपको चलने में भी थोड़ी बहुत दिक्कत हो सकती है। आप यहां पर बहुत संभलकर चले।
आप यहां पर गुप्त गोदावरी उद्गम में पहुंचते हैं, तो आपको यहां पर दो जगह से गुप्त गोदावरी नदी निकलती हुई देखने के लिए मिलती है। यहां पर पंडित जी जो बैठे रहते हैं। वह आपको दिखाते हैं, कि यह देखिए यह से गुप्त गोदावरी निकल रही है और वह आपको जल पीने के लिए कहते हैं। उसके बाद वह आपसे दक्षिणा मांगते हैं। हम लोग गुप्त गोदावरी दर्शन करने के बाद गुफा की कुछ तस्वीरें लिए। यहां पर एक फोटोग्राफर भी खड़ा रहता है, जो फोटो खींचता है। अगर आप चाहें, तो उससे तस्वीरें खींचवा सकते हैं और उसके बाद हम लोग गुप्त गोदावरी गुफा नंबर 2 के बाहर आ गए।
हम लोग जब गुफा नंबर 2 से बाहर आए। तब थोड़ी दूर चलने के बाद हम लोगों को बरगद का एक पेड़ देखने के लिए मिला। जो बहुत सुंदर लग रहा था। हमें रास्ते में एक मावे वाले की दुकान भी देखने के लिए मिले। यहां पर मावा प्रसाद के रूप में लोग लेते हैं और खाते हैं। हम लोगों ने भी यहां से मावा लिया। हम लोगों को 10 रूपए में यहां पर छोटे से दोने में मावा दिया गया। हम लोगों ने वहीं पर मामा खाया और पैदल अपने ऑटो की तरफ बढ़ चले। ऑटो में बैठ कर अपने दूसरे पर्यटन स्थल हनुमान धारा की तरफ चल दिए।
गुप्त गोदावरी चित्रकूट की फोटो - Photo of Gupt Godavari Chitrakoot
गुप्त गोदावरी तालाब में गिरती हुई पतली सी धारा |
श्री गंगा गुप्त गोदावरी कुंड या सीताकुंड |
गुप्त गोदावरी का उद्गम धनुष कुंड |
खटखटा चोर पत्थर |
खटखटा चोर मंदिर |
राम दरबार |
गुफा नंबर 2 का निकास द्वार |
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