भरत मिलाप चित्रकूट - Bharat Milap Chitrakoot / Bharat Milap Temple Chitrakoot
भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के रास्ते में ही पड़ता है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर में आपको राम जी और भरत जी, लक्ष्मण जी और शत्रुघ्न जी के चरण के चिन्ह देखने के लिए मिलते हैं, जो चट्टानों पर बन गए हैं। आपको यहां पर सीता जी और कौशल्या जी के चरण चिन्ह भी देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है।
मान्यता है, कि जब भरत जी राम जी से मिलने के लिए आए थे और उन्हें अयोध्या वापस ले जाने लिए मनाने के लिए आए थे। तो वह इसी जगह पर राम जी से मिले थे। राम जी और भरत जी प्रेम को देखकर, जो यहां की चट्टाने हैं। वह भी पिघल गई थी और उनके चरण चिन्ह चट्टाने में उभर गए थे।
आपको भरत मिलाप मंदिर के बाहर ही राम भगवान, सीता जी, लक्ष्मण जी और भरत जी की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत ही खूबसूरत लगती हैं और ऐसा लगता है कि यह जीवंत प्रतिमाएं हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार आपको देखने के लिए मिलता है, जिसमें आपको लिखा है, कि आप यहां जरूर दर्शन करें, क्योंकि यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और परिक्रमा मार्ग मंदिर के अंदर से भी होकर जाता है। इसलिए आप इस मंदिर में जरूर दर्शन करें।
आपको भरत मिलाप मंदिर में तुलसी दास जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इसके साथ ही हैं मंदिर में आपको राम भगवान जी, भरत जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। जिसमें राम जी, भरत जी को अपनी चरण पादुका दे रहे हैं। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगता है। यहां का माहौल जो है बिल्कुल शांत है और यहां पर आपको बंदर देखने के लिए मिल जाएंगे।
भरत मिलाप मंदिर में जिस जगह पर राम जी और भरत जी मिले थे। उस जगह पर चट्टाने पिघल गई है। चट्टानों को चारों तरफ से बाउंड्री वॉल बनाकर घेर दिया गया है और लोहे की सलाखें लगा दी गई है, ताकि लोगों चट्टानों को बाहर से ही देख सकें। आप इन चट्टानों में साफ-साफ देख सकते हैं। राम जी के चरण भरत जी के चरण आपको एक चट्टान में देखने मिल जाएगे और शत्रुघ्न जी के चरण और लक्ष्मण जी के चरण भी आपको दूसरी चट्टान में देखने मिलते है। कौशल्या माता और सीता माता के चरण आपको एक चट्टान में देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको कुल 3 चट्टाने देखने के लिए मिलती हैं, जिनमें आप को चरण चिन्ह के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
जब हम लोग भरत मंदिर पर गए थे। तब एक सन्यासी यहां पर ध्यान कर रहे थे। यहां पर एक सन्यासी और आए थे, जो राम और भरत जी के चरणों की परिक्रमा कर रहे थे। हम लोगों ने भी राम और भरत जी के चरणों की परिक्रमा करें और उसके बाद लक्ष्मण जी और शत्रुघ्न जी के चरणों की परिक्रमा करें। कुछ देर बाद यहां पर कुछ और लोग घूमने के लिए आए। उनमें से एक व्यक्ति बोले कि यहां पर इनके चरणों के चिह्न कैसे बन गए। क्या लक्ष्मण, राम जी और भरत जी यहां पर कूद रहे थे। यह बात उन सन्यासी जी ने सुन ली और उन्होंने उन लोगों को समझाया, कि राम जी और भरत जी यहां कूद नहीं रहे थे। राम जी और भरत जी के मिलन से यह पृथ्वी इतनी खुश हो गई, कि चट्टाने भी पिघल गई। इस कारण उनके चरण चिन्ह चट्टानों पर उभर आए। आप भी आएंगे, तो आपको भी ऐसी कुछ संत ऐसे मिलेंगे, जो आपको ज्ञान की बातें बताएगे। हम लोगों इस मंदिर में आकर बहुत अच्छा लगा।
भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट की फोटो
Photo of Bharat Milap Temple Chitrakoot
सीता माता की आकर्षक प्रतिमा |
राम जी, लक्ष्मण जी, भरत जी, शत्रुघ्न जी का मिलन |
भरत मिलाप मंदिर परिसर |
राम भगवान जी अपने चरण पादुका भरत जी को देते हुए |
प्राचीन भरत मिलाप चरण चिन्ह मंदिर का मुख्य द्वार |
राम जी और भरत जी के चरण चिन्ह |
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Bhut hi khubsuret
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