कार्तिक पूर्णिमा का मेला या भेड़ाघाट का मेलाKartik Purnima fair or Bhedaghat fair
कार्तिक पूर्णिमा का मेला पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। कार्तिक पूर्णिमा को भारत की अलग-अलग जगहों में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। हम जहां रहते हैं। वहां पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग पवित्र नदियों के किनारे जाते है और वहां पर लोग जाकर नहाते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा साल में एक बार पड़ती है। जैसा कि आपको पता है कि हर महीने में एक अमावस्या और पूर्णिमा पड़ती है। हर पूर्णिमा में लोग उपवास रहते हैं और इसमें से 1 दिन उपवास वाली पूर्णिमा पड़ती है और दूसरे दिन स्नान वाली पूर्णिमा पड़ती है। उसी प्रकार लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन नर्मदा नदी में स्नान करते हैं और उपवास भी रहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों के किनारे बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें बहुत सारे लोग सम्मिलित होते हैं। यहां पर बहुत सारी दुकान होती है और लोग यहां पर आकर बहुत ज्यादा मजा करते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भेड़ाघाट में बहुत बड़ा मेला लगता है। इस साल 2020 में भेड़ाघाट में मेला 1 दिसंबर को लगा था। मगर 1 दिसंबर को मेला नहीं लगता है। मेला कार्तिक पूर्णिमा के दिन रहता है। आप यहां पर अगर कैलेंडर की डेट फिक्स कर आएंगे, तो यहां पर आपको मेला देखने नहीं मिलेगा। 2020 में जैसा कि आपको पता है कोविड-19 पूरी दुनिया में फैला हुआ है, तो सार्वजनिक जगहों में जाना मना है। मगर लोग यहां पर अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुसार नर्मदा जी में स्नान करने और उनकी पूजा करने के लिए आए हैं। मगर लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा नहीं थी, जितनी हर साल होती है और ना ही इतनी दुकानें लगी थी। आप यहां पर आकर भेड़ाघाट का बहुत खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यहां बहुत अच्छा लगा। यहां पर ज्यादा भीड़ नहीं थी, तो आप अच्छे से घूम सकते थे, अच्छे से बैठ सकते थे। शॉपिंग कर सकते थे। दुकानें भी बहुत ज्यादा नहीं थी। आपको यहां आकर बहुत अच्छा लगेगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां पर नर्मदा जी में संगमरमर की वादियों के बीच आप बोट राइडिंग का मजा ले सकते हैं। भेड़ाघाट में पंचवटी के पास में जो घाट बना है। वहां से आप बोट राइड के लिए टिकिट ले सकते हैं। आपको बहुत मजा आएगा और यहां पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन रात में भी बोट राइड का परमिशन रहता हैए तो आप यहां पर रात में भी बोट राइड का आनंद ले सकते हैं।
धुआंधार जलप्रपात के पास में एक छोटा सा होटल है। होटल से आप चाय, कॉफी या कुछ भी खाने का सामान ऑर्डर कर सकते हैं। भेड़ाघाट में मेले के समय यह पर बहुत भीड़ रहती है। इतनी भीड़ थी, कि पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है। मगर इस समय कोविड-19 के समय जब हम लोग यहां पर आए हैं। तब यहां पर ज्यादा भीड़ नहीं थी। आप आराम से आकर धुआंधार जलप्रपात का दृश्य देख सकते थे, फोटो ले सकते थे और आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर आकर बहुत सारे लोग आपको देखने के लिए मिलते हैं, जो पैसे के लिए धुआंधार जलप्रपात में बहती हुई नर्मदा नदी की धाराओं में छलांग लगाते हैं, यह एक जानलेवा काम है। मगर बहुत सारे लोग पैसे के लिए यह काम करते हैं। इस तरह नर्मदा नदी में छलांग लगाना प्रतिबंधित है। मगर लोग पैसे के लिए यह करते हैं। हम लोगों को यहां पर बहुत अच्छा लगा। उसके बाद धुआंधार का दृश्य देखने के बाद हम लोग थोड़ी दूर आगे गए और वहां पर संगमरमर की चट्टानों के ऊपर नर्मदा नदी के किनारे हम लोग कुछ टाइम बैठे रहे। यहां पर बहुत सारे लोग तुलसी जी और भगवान शिव जी की पूजा कर रहे थे। बहुत सारे लोग नहाने का मजा ले रहे थे और बहुत सारे लोग फोटो खींचने का मजा ले रहे थे। हम लोगों का टाइम बहुत अच्छा बीता और हम लोगों ने यहां के बाजार में भी शॉपिंग करें। यहां पर बहुत सारे लोकल लोग आपको देखने के लिए मिलते हैं, जो आपको ताजी ककड़ी और उबली हुई बेर बेचते है। तो आप उसका भी यहां पर आकर आनंद ले सकते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के मेले में आकर हम लोग को बहुत अच्छा लगा और आप लोग भी यहां पर आ सकते हैं।
दलदली माता मंदिर नैनपुर, मंडला,
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