अमरकंटक के दर्शनीय स्थल - Amarkantak Darshan | amarkantak sightseeing | Amarkantak places to visit
नर्मदा नदी का उद्गम स्थल - Narmada nadi ka udgam sthal
मां नर्मदा मंदिर अमरकंटक का एक प्रसिद्ध मंदिर है। मां नर्मदा मंदिर में ही नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है। नर्मदा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी में से एक है जो गुजरात, मध्य प्रदेश में बहती है। आपको यहां पर एक कुंड देखने के लिए मिलता है। इस कुंड के आस पास बहुत सारे मंदिर है। यहां पर आपको नर्मदा माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको एक प्राचीन हाथी भी देखने के लिए मिलता है, जो पत्थर का बना है। इसके बारे में कहा जाता है कि जो भी पाप करता है। वह इस हाथी के बीच से निकलता है, तो वह फस जाता है और जो पाप रहित रहता है इस हाथी के बीच से निकल जाता है। यहां पर आपको शंकर भगवान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह सभी मंदिर प्राचीन है और यहां पर जो भी लोग आते हैं, वह नर्मदा कुंड में जरूरी स्नान करते हैं। यही से नर्मदा नदी का आरंभ हुआ है। आप मंदिर ट्रस्ट भवन में ठहरने की सुविधा पा सकते हैं
कलचुरी कालीन प्राचीन मंदिरों का समूह अमरकंटक - Kalchuri group of ancient temples
कलचुरी कालीन प्राचीन मंदिर अमरकंटक में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल हैं। यहां पर आपको बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। कलचुरी कालीन प्राचीन मंदिर अमरकंटक में नर्मदा कुंड के पास ही में स्थित है। आप इस जगह में पैदल भी जा सकते है। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। आप जब भी अमरकंटक जाते हैं, तो यहां पर आप आ सकते हैं। यह मंदिर कलचुरी राजाओं के द्वारा बनवाए गए थे। यहां मंदिर एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है। इन मंदिरों को 1042 से 1072 के बीच में बनाया गया था। इन मंदिरों को राजा करण देव द्वारा बनाया गया था। कलचुरी कालीन प्राचीन मंदिरों में करण मंदिर और पातालेश्वर मंदिर बहुत प्रसिद्ध है।
पंचमठा मंदिर अमरकंटक - Panchmatha temple amarkantak
पंचमठा मंदिर अमरकंटक में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह पांच मंदिरों का समूह है। इसलिए इसे पंचवटी मंदिर के नाम से जाना जाता है। पंचमठा मंदिर पत्थर के चबूतरे पर बना है। यह मंदिर 15 वीं और 20 वीं सदी के बीच बनाया गया था। यह मंदिर गौड शासन के द्वारा बनाया गया था।
सोनमुडा अमरकंटक - Amarkantak sonmuda
सोनमुडा अमरकंटक में स्थित एक दर्शनीय स्थल है। सोनमुडा में सोन नदी का उद्गम हुआ है। सोनमुडा में सोन और भद्र नाम के दो कुंड है। इन दोनों कुंडों को सम्मिलित रूप से सोनभद्र कहा जाता है। सोनमुड़ा में आपको एक कुंड देखने के लिए मिलता है, जिसमें गोमुख से पानी बहता हुआ आपको देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक पंडित जी बैठे रहते हैं, जो आपको सोनमुडा के बारे में जानकारी देते हैं। सोनमुडा में एक व्यूप्वाइंट भी बना हुआ है, जिससे आपको बहुत ही मनोरम दृश्य देखने के लिए मिलता है। सोनमुड़ा अमरकंटक के नर्मदा मंदिर से करीब 1 से डेढ़ किलोमीटर दूर होगा। आप पैदल भी इस जगह पर आ सकते हैं।
माई की बगिया - Amarkantak mai ki bagiya
माई की बगिया अमरकंटक में एक घूमने वाली बहुत अच्छी जगह है। माई की बगिया के बारे में कहा जाता है, कि नर्मदा माई यहां पर अपने बचपन के समय अपनी सखियों के साथ खेलने के लिए आया करती थी। यहां पर आपको बहुत सारे औषधीय पौधे देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर गुलबकावली नाम का एक पौधा पाया जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर है। यह पौधा आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। यहाँ पौधा सिर्फ अमरकंटक में ही पाया जाता है। आप यहां से इस पौधे की औषधि को प्राप्त कर सकते हैं। माई के बगिया में आपको मां नर्मदा जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है और यहां पर आपको कुंड देखने के लिए मिलते हैं।
श्री यंत्र महामेरू मंदिर अमरकंटक - Shri yantra maha meru mandir
श्री यंत्र महामेरू मंदिर अमरकंटक में स्थित एक दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर अमरकंटक का एक बहुत सुंदर मंदिर है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छी मूर्तिकला देख सकते हैं। इस मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही खूबसूरत है। प्रवेश द्वार पर बहुत सारी मूर्तियां हैं, जो अलग.अलग मुद्राओं में खड़ी हुई अवस्था में है। यह बहुत खूबसूरत लगती है। आप मंदिर के अंदर जाएंगे तो आपको वर्गाकार आकार में मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप अपनी फैमिली के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं।
श्री दुर्गा धारा आश्रम और दुर्गा धारा जलप्रपात अमरकंटक - Shri Durga Dhara Ashram and Durga Dhara Falls Amarkantak
श्री दुर्गा धारा आश्रम अमरकंटक में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यहां पर दुर्गा माता का मंदिर स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह अमरकंटक से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्री दुर्गा धारा आश्रम के पास ही एक छोटा झरना भी स्थित है। यह झरना खूबसूरत है और बरसात के समय झरने में पानी रहता है। गर्मी के समय झरने में पानी नहीं रहता है। आपको यहां पर दुर्गा जी का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यहां का आसपास का नजारा बहुत ही मनोरम है।
कपिलधारा - Kapildhara
कपिलधारा जलप्रपात अमरकंटक का एक दर्शनीय स्थल है। यह नर्मदा नदी पर बनने वाला पहला जलप्रपात है। यहां पर नर्मदा नदी पहाड़ों से नीचे गिरती है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है। आप झरने के निचले हिस्से में आकर भी देख सकते हैं। झरने के निचले हिस्से में आने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है। आप यहां पर नहाने का मजा भी ले सकते हैं। यह जलप्रपात बहुत खूबसूरत लगता है। बरसात के समय इसमें बहुत ज्यादा पानी रहता है। गर्मी के समय इसमें पानी कम रहता है। आपको यहां आकर बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर बहुत सारे बंदर भी हैं। आपको यहां पर अपना सामान संभाल कर रखना होता है।
दूध धारा जलप्रपात - Dudh dhara waterfall
दूध धारा जलप्रपात अमरकंटक में स्थित नर्मदा नदी पर बनने वाला दूसरा जलप्रपात है। दूध धारा जलप्रपात अमरकंटक का दर्शनीय स्थल है और आप जब भी कपिलधारा जलप्रपात घूमने के लिए आते हैं, तो आप दूध धरा जलप्रपात भी आ सकते हैं। दूध धरा जलप्रपात कपिलधारा जलप्रपात से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा। इस जलप्रपात में पैदल चलकर पहुंच सकते हैं। यहां पर आपको खूबसूरत जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात ज्यादा बड़ा नहीं है, मगर आपको अच्छा लगेगा। यहां पर आप नहाने का मजा ले सकते हैं। यहां पर आपको गुफा भी देखने के लिए मिलती है, जिसके बारे में कहा जाता है, कि यहां पर ऋषि तपस्या किया करते थे। यहां पर आपको बहुत ही खूबसूरत जंगल का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत शांति है। यहां पर आप अपने दोस्तों और फैमिली के साथ आ सकते हैं। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
पुष्कर सरोवर अमरकंटक - Pushkar Sarovar Amarkantak
पुष्कर सरोवर अमरकंटक में स्थित एक सरोवर है, जो बहुत अच्छा जगह है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह अमरकंटक में नर्मदा नदी पर बना हुआ सरोवर है। यहां पर लोग आकर स्नान करते हैं।
कल्याण सेवा आश्रम अमरकंटक - Kalyan seva ashram amarkantak
कल्याण सेवा आश्रम अमरकंटक में स्थित एक आश्रम है। यह आश्रम बहुत ही भव्य है। यह आश्रम स्वामी कल्याण दास जी का है। आश्रम में आपको मंदिर देखने मिलता है, जो बहुत सुंदर है। मुख्य हॉल की दीवारों और छत पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्रों के साथ चित्रित किया गया है। यहां पर शाम की आरती होती है, जो बहुत ही अच्छी लगती है। आपको आश्रम के अंदर फोटो खींचना मना है। आश्रम में रहने की और खाने की व्यवस्था भी उपलब्ध है। रहने और खाने के लिए चार्ज लिया जाता है, जो बहुत कम रहता है। यहां पर आपको सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक - Mrityunjay ashram amarkantak
मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक में स्थित एक आश्रम है। यह आश्रम नर्मदा कुंड की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है। आपको यहां पर रहने और खाने की व्यवस्था उपलब्ध है, वह भी बहुत कम दामों पर। यह आश्रम बहुत भव्य हैं। परिक्रमा वासियों के लिए यहां रहने की सुविधा निशुल्क है। इस आश्रम का प्रवेश द्वार बहुत ही खूबसूरत है। आप यहां पर आ कर ठहर सकते हैं।
रामघाट अमरकंटक - Ramghat amarkantak
रामघाट अमरकंटक में स्थित एक सुंदर घाट है। यहां पर आप आकर स्नान कर सकते हैं। यह घाट नर्मदा नदी के किनारे बना है। आप यहां पर आकर शांति से बैठ सकते हैं। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
कोटितीर्थ अमरकंटक - Kotithirtha amarkantak
कोटि तीर्थ नर्मदा नदी पर बना एक कुंड है। कोटि तीर्थ का मतलब होता है, कि सभी तीर्थों से सर्वश्रेष्ठ। आप यहां पर आकर स्नान कर सकते हैं। यह कुंड नर्मदा कुंड के बाद बना हुआ है। यहां से नर्मदा नदी बहती है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा और जो यहां का वातावरण है, वह अध्यात्मिक है। आप यहां आकर अच्छा समय बिता सकते हैं।
श्री मार्कंडेय आश्रम अमरकंटक - Markandey ashram amarkantak
मार्कंडेय आश्रम अमरकंटक में स्थित एक खूबसूरत आश्रम है। यह आश्रम बहुत ही भव्य है। आप यहां पर आ सकते हैं। यह आश्रम नर्मदा मंदिर के पास ही में स्थित है। आप इस आश्रम में पैदल भी जा सकते हैं। कहा जाता है कि इस आश्रम में ऋषि मार्कंडेय ने तपस्या की थी और यहां पर आप उनके तपस्या स्थल को देख सकते हैं। यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन भी आप कर सकते हैं।
सर्वोदय जैन मंदिर अमरकंटक - Sarvodaya jain temple amarkantak
सर्वोदय जैन मंदिर अमरकंटक में स्थित एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। यह जैन धर्म का एक प्रसिद्ध मंदिर है, अभी यह मंदिर बन रहा है। यह मंदिर बहुत ही भव्य है। इस मंदिर में आपको पत्थर की कारीगरी देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत बड़ा गुंबद भी बना हुआ है, जो बहुत खूबसूरत है। यहां पर आपको आकर बहुत अच्छा लगेगा। सर्वोदय जैन मंदिर के सामने ही सर्वोदय जैन धर्मशाला है, जहां पर आपके रुकने और खाने की व्यवस्था है। यहां पर बहुत कम कीमत पर आप रुक सकते हैं।
भृगु ऋषि तपोस्थली - Bhrigu rishi taposthali
भृगु ऋषि की कुटिया या तपोस्थली अमरकंटक में स्थित एक प्राकृतिक स्थल है। भृगु ऋषि की कुटिया घने जंगलों के बीच स्थित है। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो आप इस जगह जा सकते हैं। आपको यहां पर एक गुफा देखने के लिए मिलती है और एक शिवलिंगम देखने के लिए मिलता है। कहा जाता है कि यहाँ पर भृगु ऋषि तपस्या किया करते थे। यहां आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। चारों तरफ हरियाली भरा माहौल बहुत अच्छा है। यहां का शांत वातावरण मन को मोह लेता है। यह जगह अमरकंटक से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
धूनी पानी अमरकंटक - Dhuni pani amarakantak
धुनी पानी अमरकंटक में स्थित एक प्राकृतिक जगह है। धुनी पानी एक कुंड है, जिसमें पानी भरा हुआ है। यह एक पवित्र जगह है। यह जगह घने जंगलों के बीच में स्थित है। धुनी पानी भृगु कमंडल की ओर जाने वाले रास्ते की में पड़ती है। आपको यहां जाने के लिए पैदल चलना पड़ता है और यह जगह बहुत अच्छी है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
माई का मंडप अमरकंटक - Mai ka mandap amarakantak
माई का मंडप अमरकंटक में स्थित एक दर्शनीय जगह है। यह धार्मिक जगह भी है। इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर मां नर्मदा जी का विवाह होने वाला था। यहां पर आपको आज भी मां नर्मदा जी के विवाह की जो तैयारियां की गई थी। वह सब देखने के लिए मिलती हैं। वह सब चीजें पत्थर की बन गई हैं। आप यहां पर आ कर उन सभी चीजों को देख सकते हैं। यहां पर आपको प्राकृतिक झरना भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत खूबसूरत लगता है। यह जगह अमरकंटक से करीब 20 किलोमीटर दूर होगा। आप यहां पर गाड़ी से आ सकते हैं। यह जगह बहुत खूबसूरत है और घने जंगलों के बीच में स्थित है।
ज्वालेश्वर मंदिर अमरकंटक - Jwaleshwar temple amarkantak
ज्वालेश्वर मंदिर अमरकंटक में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शंकर भगवान जी को समर्पित है। यहां पर जोहिला नदी का उद्गम भी हुआ है। यह जगह अमरकंटक से करीब 8 किलोमीटर दूर होगी। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह मंदिर छत्तीसगढ़ - मध्य प्रदेश राज्य की सीमा के पास स्थित है।
जोहिला नदी का उद्गम - Johila nadi ka udgam amarkantak
जोहिला नदी का उद्गम स्थल ज्वालेश्वर मंदिर में ही हुआ है। ज्वालेश्वर मंदिर अमरकंटक में स्थित एक अच्छी जगह है। यह मंदिर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है। आप इस मंदिर में गाड़ी से आराम से आ सकते हैं। जोहिला नदी अमरकंटक से निकलने वाली तीसरी सबसे बड़ी नदी है और इस नदी के बारे में प्राचीन कहानी प्रचलित है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। चारों तरफ का नजारा बहुत ही मनोरम है। आपको यहां पर एक कुआं देखने के लिए मिलता है, जिस में से जोहिला नदी का उद्गम हुआ है।
श्री अमरेश्वर महादेव मंदिर अमरकंटक - Amareshwar mahadev temple
श्री अमरेश्वर महादेव मंदिर अमरकंटक में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको एक विशाल शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। यह शिवलिंग 50 टन से भी अधिक वजनी है और 11 फुट लंबा है। आप सीढ़ियां चढ़कर इस शिवलिंग पर जलाभिषेक और फूल चढ़ा सकते हैं। श्री अमरेश्वर महादेव मंदिर ज्वालेश्वर मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित है। आप यहां पर गाड़ी से आ सकते हैं। यहां पर आपको 12 ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति भी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आता है। यह मंदिर अमरकंटक-अनूपपुर राजमार्ग के पास ही में स्थित है।
अमरकंटक कहां स्थित है - Amarkantak kahan sthit hai
अमरकंटक मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में स्थित है। अमरकंटक भारत का एक पवित्र स्थल है। लाखों श्रद्धालु अमरकंटक में घूमने के लिए आते हैं।
अमरकंटक कैसे जाये - Amarkantak kaise jaye
अमरकंटक जाने के लिए आपको दो माध्यम है। अमरकंटक आप सड़क के माध्यम से जा सकते हैं। दूसरा आप रेल के माध्यम से अमरकंटक जा सकते हैं। अगर आप ट्रेन के माध्यम से अमरकंटक जाना चाहते हैं, तो आपको पेंड्रा स्टेशन में आना पड़ेगा। पेंड्रा स्टेशन से अमरकंटक करीब 20 किलोमीटर दूर होगा। आपको पेंड्रा स्टेशन से टैक्सी मिल जाती है, तो आप पेंड्रा स्टेशन से अमरकंटक आ सकते हैं और दूसरा रास्ता है, सड़क माध्यम। सड़क माध्यम के द्वारा आप अमरकंटक आसानी से पहुंच सकते हैं। अमरकंटक का नजदीकी हवाई अड्डा जबलपुर है। जबलपुर में आकर सड़क माध्यम के द्वारा अमरकंटक पहुंच सकते हैं।
अमरकंटक के अन्य प्रसिद्ध स्थल
गुरु नानक साहब की तपोस्थली - विशाल वटवृक्ष
रूद्र गंगा की जैव विविधता
चंडी गुफा
भृगु कमंडल
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