नासिक जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Nashik / नासिक जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
नासिक महाराष्ट्र का एक प्रमुख जिला है। नासिक महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से करीब 150 किलोमीटर दूर है। नासिक सहायद्रि पर्वत श्रंखला में बसा हुआ है। यह शहर बहुत सुंदर है। यहां पर चारों तरफ सहायद्रि पर्वत श्रंखला देखने के लिए मिलती है। नासिक में भगवान राम जी अपने वनवास काल के दौरान रुके थे। वह पंचवटी में रूके थे। यह शहर बहुत प्राचीन है। यहां पर अगस्ती ऋषि ने तपस्या किया था। नासिक में गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है, जो भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। नासिक में बहुत सारे वीर योद्धाओं ने जन्म लिया है। नासिक मिनी महाराष्ट्र के नाम से भी जाना जाता है।
नासिक अपने वाइन यार्ड के लिए प्रसिद्ध है। नासिक में भारत का
प्रमुख त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग विराजमान है। यहां पर हर 12 साल में महाकुंभ का
आयोजन होता है। नासिक में करेंसी नोट प्रेस है, जहां पर मुद्रा प्रेस होती है। यहां
पर अंगूर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस ब्लॉग में हम नासिक में घूमने वाली
प्रमुख जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं। चलिए जानते हैं - नासिक में घूमने लायक
कौन-कौन सी जगह है।
नासिक में घूमने की जगह - Nashik mein ghumne ki jagah
त्रयंबकेश्वर मंदिर नासिक - Trimbakeshwar Temple Nashik
त्रयंबकेश्वर मंदिर नासिक का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर
पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां पर आपको
मंदिर के गर्भ गृह में एक छोटे से गड्ढे में तीन छोटे लिंग देखने के लिए मिलते हैं,
जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक माना जाता है। यह एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग
है, जहां पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों एक साथ विराजमान है। इस ज्योतिर्लिंग के
दर्शन करने के लिए पूरे देश से लोग आते हैं। यहां मंदिर काले पत्थरों से बनाया गया
है। यह मंदिर नाशिक शहर से 30 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर त्र्यंबक नामक जगह पर बना
हुआ है।
मंदिर आने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर ठहरने की
सुविधा भी उपलब्ध है। यहां पर बहुत सारे होटल है, जहां पर खाने के ऑप्शन भी मिल जाते
हैं। इस मंदिर का निर्माण पेशवा के द्वारा करवाया गया था। यहां पर गाय को हरा चारा
खिलाने की प्रथा है। यह मंदिर गोदावरी नदी के पास में बना हुआ है। यहां पर हर सोमवार
को भगवान त्रंबकेश्वर की पालकी निकाली जाती है। मंदिर की दीवारों में सुंदर काम किया
गया, जो देखने लायक है। यहां पर अच्छा लगता है। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि
में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
ब्रह्मगिरि पहाड़ी नाशिक - Brahmagiri Hills Nashik
ब्रम्हगिरी पहाड़ी नासिक का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह जगह
धार्मिक है। ब्रह्मगिरि पहाड़ी नासिक में त्रंबकेश्वर मंदिर से 1 किलोमीटर दूर है।
ब्रह्मगिरि पहाड़ी पर बहुत सारे मंदिर है, जहां पर आप जाकर दर्शन कर सकते हैं। इस पहाड़ी
से गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है। पहाड़ी के
शिखर तक पहुंचने के लिए पैदल जाना पड़ता है। यहां पर पहुंचने के लिए सीढिया बनी है।
यहां पर बहुत सारे बंदर है। आप यहां पर घूमने के लिए जाते हैं, तो अपने साथ लकड़ी लेकर
चले। क्योंकि यहां पर बन्दर बहुत परेशान करते हैं। अगर आप खाने का कुछ सामान लिए रखते
हैं, तो उसे अपने बैग में संभाल कर रखें।
यहां पर आपको गंगा सागर तालाब, श्री ब्रह्मा सावित्री मंदिर,
श्री दुर्गा माता मंदिर, देव मंदिर, श्री जटाशंकर मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, गौतम ऋषि
गोमुख मंदिर, चक्रधर स्वामी मंदिर, राम तीर्थ मंदिर देखने के लिए मिलेंगे। आप सभी मंदिरों
में घूम सकते हैं। यहां पर बरसात में देखने लायक नजारा रहता है। आप यहां पर बरसात में
आकर घूम सकते हैं। इसके अलावा यहां पर कभी भी घूम सकते हैं।
पांडव गुफा नासिक - Pandav Cave Nashik
पांडव गुफा नासिक शहर का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह गुफाएं मुख्य
शहर में स्थित है। यह गुफाएं नासिक शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर नासिक मुंबई रोड पर
बनी हुई है। यहां पर आपको बहुत सारी गुफाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर करीब
24 बौद्ध गुफाएं बनी हुई है। यह गुफाएं दूसरी शताब्दी है। गुफाओं में प्राचीन समय में
बौद्ध संत तपस्या किया करते थे। यह गुफाएं पत्थरों को काटकर बनाई गई हैं। इनमें से
कुछ गुफाओं में बहुत सुंदर अलंकरण किया गया है, जिससे गुफाएं और भी ज्यादा सुंदर लगती
है। यह गुफाएं 70 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इन गुफा में पहुंचने के लिए सीढ़ियां
बनाई गई है। यहां पर आप आकर नासिक शहर का भी सुंदर दृश्य देख सकते हैं। गुफा में प्रवेश
के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर बुद्ध भगवान जी की प्रतिमा बनाई गई है। यहां पर
आप आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है।
इन गुफा की तलहटी पर दादासाहब फालके स्मारक बनी हुई है। यह स्मारक
मुंबई नासिक हाईवे सड़क के पास में ही बनी हुई है। दादा साहब फाल्के एक फिल्म निर्माता
थे, जिन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सारी फिल्में दी है। यह स्मारक दादा साहब फाल्के
जी को समर्पित है। यहां पर दादा साहब फाल्के जी के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती
है। यहां पर मेडिटेशन हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल बना हुआ है। दादासाहेब फालके स्मारक से थोड़ी
ही दूरी पर आपको बौद्ध स्मारक देखने के लिए मिलता है। यह बौद्ध स्मारक बहुत सुंदर है
और यहां पर आकर मैडिटेशन किया जा सकता है। बौद्ध स्मारक का डिजाइन बहुत ही आकर्षक है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू वन उद्यान नासिक - Pandit Jawaharlal Nehru Forest Park Nashik
पंडित जवाहरलाल नेहरू वन उद्यान नासिक का एक मुख्य पर्यटन स्थल
है। इस उद्यान को बॉटनिकल गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इस
उद्यान में प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहां पर मात्र 30 रुपए लिए जाते
हैं। यह उद्यान 10:00 से 5:30 बजे तक खुला रहता है। यहां पर लेजर शो भी किया जाता है।
लेजर शो का पहला शो 7:00 से 7:30 बजे तक और
दूसरा शो 8:00 से 8:30 बजे तक रहता है। इसमें भी प्रवेश के लिए अलग से लिया जाता है।
यहां पर 50 रूपए लिए जाते हैं। आपको यहां बहुत सारे पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे लगाए गए हैं। यहां पर फूलों वाले प्लांट भी लगाए
गए हैं। यहां आ कर अच्छा लगता है।
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर नासिक - Shri Someshwar Mahadev Temple Nashik
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर नासिक में स्थित एक प्रमुख धार्मिक
स्थल है। यह मंदिर गंगापुर रोड में बना हुआ है। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे बना
हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित
है। यहां पर भगवान शिव के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर गोदावरी
नदी का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर अन्य देवी देवताओं के दर्शन
किए जा सकते हैं। यहां पर श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी, राधा कृष्ण जी के
दर्शन किए जा सकते हैं। यहां आ कर अच्छा लगता है।
यहां पर एक पार्क भी बना हुआ है, जहां पर बच्चों के खेलने के
लिए बहुत सारी वस्तुएं उपलब्ध है। यहां पर बहुत सारे झूले लगे हुए हैं, जहां पर बच्चे
लोग काफी इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर टॉय ट्रेन है, जिसमे बच्चे राइड क्र सकते है।
यह जगह बहुत अच्छी है और शांत है। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
इस मंदिर से थोड़ी दूरी पर सोमेश्वर जलप्रपात देखने के लिए मिलता
है, जो बहुत सुंदर लगता है। यह जलप्रपात गोदावरी नदी पर बना हुआ है और यहां पर आप घूमने
के लिए आ सकते हैं। यहां पर छोटा सा जलप्रपात है। मगर इसका दृश्य देखने लायक रहता है।
बरसात में जलप्रपात का दृश्य देखने लायक रहता है, क्योंकि इस जलप्रपात में पानी की
मात्रा बढ़ जाती है।
पंचवटी नाशिक - Panchvati Nashik
पंचवटी नासिक का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है एवं मुख्य शहर में
स्थित है। यह नासिक शहर में गोदावरी नदी के बाएं किनारे पर बना हुआ है। यहां पर आपको
बरगद का एक प्राचीन वृक्ष देखने के लिए मिलता है। माना जाता है कि यहां 5 बरगद के वृक्ष
थे, जिन्हें पंचवटी कहा जाता है। पंचवटी का अर्थ होता है पंच का 5 और वटी का अर्थ होता
है बरगद का पेड़। यह स्थान धार्मिक है।
पंचवटी क्षेत्र में बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं और इन सभी मंदिरों
का अपना धार्मिक महत्व है। यहां पर सीता गुफा, कालाराम मंदिर, कपिलेश्वर मंदिर, गंगा
गोदावरी मंदिर, सुंदर नारायण मंदिर, बालाजी मंदिर, कार्तिक स्वामी मंदिर, पंचमुखी हनुमान
मंदिर, भद्रकाली मंदिर बने हुए हैं। इन सभी मंदिरों में आप घूम सकते है। यह सभी मंदिर
आसपास ही बने हुए हैं।
रामकुंड पंचवटी नासिक - Ramkund Panchavati Nashik
रामकुंड पंचवटी नासिक के प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह गोदावरी
नदी पर बना हुआ एक पवित्र कुंड है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर प्राचीन
समय में श्री राम जी ने स्नान किया था। इस कुंड का बड़ा ही महत्व है। यहां पर मेला
लगता है। तब बहुत सारे भक्त यहां पर आकर डुबकी लगाते हैं। इस कुंड का निर्माण 1696
में करवाया गया है। यह कुंड बहुत ही पवित्र है। यहां पर आप सुबह के समय आ सकते हैं
और घूम सकते हैं। यहां पर बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन कर सकते हैं।
पंचवटी घाट नासिक - Panchavati Ghat Nashik
पंचवटी घाट नासिक में गोदावरी नदी के किनारे बना हुआ है। यह
घाट बहुत पवित्र है। इस घाट में बहुत सारे लोग आकर स्नान करते हैं। यह जगह गोदावरी
नदी के किनारे बनी हुई है। यह घाट बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है।
त्रिवेणी संगम नासिक - Triveni Sangam Nashik
त्रिवेणी संगम नासिक का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां पर
तीन नदियों का संगम हुआ है। यहां पर गोदावरी, वरुणा और थारूनी नदी का संगम हुआ है।
यह तीनों नदियां ही पवित्र है। त्रिवेणी संगम पर 12 साल में एक बार महाकुंभ का आयोजन
किया जाता है। इसके बारे में मान्यता है, कि यहां पर श्री राम जी ने अपने वनवास काल
के दौरान अपना समय बिताया था। यहां पर रामकुंड में श्री राम जी ने स्नान किया था। यह
बहुत सुंदर है और यहां पर बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं।
श्री कपूरेश्वर महादेव मंदिर नासिक - Shree Kapureshwar Mahadev Temple Nashik
श्री कपूरेश्वर महादेव मंदिर नासिक का एक फेमस मंदिर है। यह
मंदिर नासिक में गोदावरी नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग
स्वयंभू है। यह मंदिर पूरा पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर लगता है। यहां
शिव भगवान जी और नंदी महाराज के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
श्री गोरे राम मंदिर नासिक - Shri Gore Ram Mandir Nashik
श्री गोरे राम मंदिर नासिक का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर
श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में मार्बल
से बनी हुई श्री राम जी, सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह
मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण लकड़ी से किया गया है। यहां पर आपको लकड़ी के
पिलर देखने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर की मराठा वास्तुकला है। यह मंदिर देखने में
बहुत ही सुंदर लगता है। यह मंदिर गोदावरी नदी के पास में ही बना हुआ है। आप यहां पर
घूमने के लिए आ सकते हैं।
सुंदर नारायण मंदिर नासिक - Sundar Narayan Temple Nashik
सुंदर नारायण मंदिर नासिक का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर बहुत
प्राचीन है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर पत्थर का बना हुआ है। मंदिर में बहुत
सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर भगवान विष्णु जी माता लक्ष्मी जी और सरस्वती जी को
समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु जी, लक्ष्मी जी और सरस्वती जी के दर्शन
किए जा सकते हैं। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है।
यहां पर आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। इस मंदिर का निर्माण गंगाधर यशवंत के द्वारा
1756 में किया गया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
कालाराम मंदिर नासिक - Kalaram Temple Nashik
कलाराम मंदिर नासिक का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर नासिक
में पंचवटी एरिया में बना हुआ है। यह मंदिर पूरा काले पत्थर से बना हुआ है। मंदिर का
डिजाइन बहुत ही आकर्षक है। यह मंदिर भगवान श्री राम जी को समर्पित है। इस मंदिर में
भगवान श्री राम जी की काले रंग के पत्थर की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती
है। इस मंदिर में देवी सीता जी, लक्ष्मण जी की काले रंग की प्रतिमा विराजमान है। यहां
पर हनुमान जी और गणेश जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर परिसर में
एक प्राचीन बरगद का पेड़ भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर दत्तात्रेय जी के चरण में
बने हुए हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर बस स्टैंड से करीब 3 किलोमीटर दूर है।
यहां पर आकर आप घूम सकते हैं।
सीता गुफा नासिक - Sita Cave Nashik
सीता गुफा नासिक में पंचवटी में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल
है। यह एक प्राचीन गुफा है। गुफा का द्वार सकरा है। मगर गुफा के अंदर से चौड़ी हो जाती
है। इस गुफा के अंदर माता सीता, श्री राम जी और लक्ष्मण जी की प्रतिमा के दर्शन करने
के लिए मिलते हैं। इसके गुफा बारे में कहा जाता है, कि वनवास काल के दौरान यहां पर
माता सीता जी रहा करती थी। गुफा के अंदर भगवान शिव का मंदिर भी बना हुआ है। यहां पर
प्राचीन बरगद का पेड़ भी देखने के लिए मिलता है।
मुकने बांध नासिक - Mukne Dam Nashik
मुकने बांध नासिक का एक फेमस टूरिस्ट अट्रैक्शन है। यह बांध
इगतपुरी में बना हुआ है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध बहुत
सुंदर है। यहां पर आकर आप सूर्यास्त का दृश्य देख सकते हैं। यहां पर बरसात के समय आप
घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात के समय बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जिसका दृश्य
बहुत ही आकर्षक लगता है। इस बांध के पानी का इस्तेमाल नासिक में पीने के पानी के रूप
में किया जाता है। यह बांध बहुत सुंदर है।
अशोका झरना नासिक - Ashoka Waterfall Nashik
अशोका झरना नासिक का मुख्य पर्यटन स्थल है। यह नासिक जिले से
करीब 40 किलोमीटर दूर मुख्य रोड से कुछ दूर स्थित है। यह विहीगांव गांव में बना हुआ
है। इस झरने को विहीगांव झरना कहा जाता है। यह झरना बहुत सुंदर लगता है। यह झरने ऊंचे
पहाड़ों से गिरता है और इसका पानी दो भाग में नीचे गिरता है। झरने के पास जाने के लिए
सीढ़ियां बनी हुई है। झरने में पहुंचकर बहुत सारे लोग स्नान करते हैं। यहां पर आपको
चारों तरफ प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए मिलती है। अगर आप झरने के पास ठहरना चाहते
है, तो यहां पर रिसोर्ट भी बने हुए हैं, जहां पर आप ठहर सकते हैं और अपना अच्छा समय
बिता सकते हैं। यह झरना इगतपुरी से करीब 13 किलोमीटर दूर है। बरसात में यहां का दृश्य
देखने लायक रहता है।
सिक्का संग्रहालय नासिक - Coin Museum Nashik
सिक्का संग्रहालय नासिक का फेमस टूरिस्ट प्लेस है। यह संग्रहालय
नासिक त्रंबकेश्वर मंदिर जाने वाली मुख्य सड़क पर बना हुआ है। इस कॉइन म्यूजियम भी
कहा जाता है। यहां पर आपको कॉइन की डिटेल हिस्ट्री बताई गई है। यहां पर अलग अलग तरह
की वस्तु का प्रदर्शन किया गया है। यहां पर प्राचीन हत्यार, सिंधु घाटी सभ्यता, वाद्य
यंत्र, शिलालेख, जनजातीय कला, पाषाण युग के औजार और विभिन्न सदी के सिक्कों को प्रदर्शित
किया गया है। यहां पर आप आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं और सिक्कों के बारे में
जानकारी हासिल कर सकते हैं।
तपोवन पहाड़ी नासिक - Tapovan Hill Nashik
तपोवन पहाड़ी नासिक का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। इस जगह के
बारे में कहा जाता है, कि यहां पर लक्ष्मण जी ने सूर्पनखा की नाक काटी थी। यहां पर
सूर्पनखा जी का मंदिर भी बना हुआ है। तपोवन पहाड़ी पर गुफाएं भी देखने के लिए मिलती
है। यह गुफाएं प्राचीन है। यहां पर श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी की प्रतिमा
भी बनाई गई है। यहां पर कपिला और गोदावरी नदी का संगम भी हुआ है। यह संगम स्थल बहुत
सुंदर है और यहां पर बहुत सारे लोग संगम स्थल के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह दोनों नदियों के संगम के बाद बड़ी-बड़ी चट्टानों
के बीच से यह नदियां बहती हैं और बहुत ही आकर्षक लगती हैं। यहां पर लक्ष्मण जी का मंदिर
बना हुआ है। यहां पर पार्क भी बना हुआ है।
राधा मदन गोपाल मंदिर नासिक - Radha Madan Gopal Temple Nashik
राधा मदन गोपाल मंदिर नासिक का एक फेमस मंदिर है। इस मंदिर को
इस्कॉन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। यह
मंदिर बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। यहां पर आकर अच्छा लगता है और शांति मिलती है।
यह मंदिर मुख्य शहर में बना हुआ है। यहां पर हमेशा भजन चलते रहते हैं। यहां पर गौशाला
बनी हुई है, जहां पर गायों की सेवा की जाती है। यहां पर मुख्य गर्भगृह में श्री राधा
कृष्ण जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
आर्टलरी म्यूजियम नासिक - Artillery Museum Nashik
आर्टलरी म्यूजियम नासिक जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह
म्यूजियम मुख्य शहर में बना हुआ है। यह म्यूजियम गांधीनगर विमानतल एरिया में बना हुआ
है। यह म्यूजियम मिलिट्री एरिया के अंदर बना
हुआ है। यहां पर बहुत सारे हथियारों का प्रदर्शन किया गया है। यह संग्रहालय एशिया का
सबसे बड़ा आर्टलरी सेंटर है। यहां पर भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों को प्रशिक्षित
किया जाता है। यह संग्रहालय में प्रवेश के
लिए शुल्क लिया जाता है। यह संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम
को 5:00 से 7:30 बजे तक खुला रहता है। यहां पर लाइट और साउंड शो का भी आयोजन किया जाता
है।
नासिक फ्लावर पार्क - Nashik Flower Park
नासिक फ्लावर पार्क नासिक का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। नासिक
फ्लावर पार्क त्रंबकेश्वर रोड पर बना हुआ है। यहां पर विभिन्न तरह के फूलों वाले पौधे
देखने के लिए मिलते हैं और यहां फूलों से बहुत ही सुंदर सुंदर डिजाइन भी बनाए गए हैं।
इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर तरह-तरह के फ्लावर देखने के
लिए मिलते हैं। यहां पर आप फोटो शूट कर सकते हैं। यहां पर बहुत सारे गेम खेल सकते हैं।
यहां पर खाने के लिए भी कैंटीन बनी हुई है।
हरिहर किल्ला नासिक - Harihar Fort Nashik
हरिहर किल्ला नासिक का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थान है। यह किला
प्राचीन है। यह किला नासिक से करीब 40 किलोमीटर
दूर है। यह किला हरशेवाडी गांव के पास बना हुआ है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ
है। किले में जाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। किले के चारों तरफ बहुत सुंदर दृश्य
देखने के लिए मिलता है। यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें हैं, जिनके बीच से ट्रैकिंग करनी
पड़ती है। यहां पर आप आकर रोमांच का अनुभव कर सकते हैं। किले से चारों तरफ का बहुत ही
सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो बरसात के समय यह जगह बहुत
ज्यादा सुंदर रहती है। यहां पर हनुमान जी और शिव जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर गुफाएं
भी देखने के लिए मिलती है। वर्तमान समय में यहां पर किले के अवशेष देखे जा सकते हैं।
इस किले में आप घूमने के लिए आते हैं, तो अपने साथ खाना और पानी जरूर लेकर आएं, क्योंकि
यहां पर किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं है।
अंजनेरी हिल्स नासिक - Anjaneri Hills Nashik
अंजनेरी हिल्स नासिक का एक मुख्य धार्मिक स्थान है। यह नासिक
शहर से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। यह नासिक में त्र्यंबकेश्वर रोड पर बना हुआ है। यहां
पर बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर जैन मंदिर और हनुमान जी का मंदिर बना हुआ
है। यहां पर हनुमान जी के पैरों की छाप वाली बहुत बड़ी झील बनी हुई है। यहां पर अंजनेरी
किला भी बना हुआ है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना है। यहां पर आप ट्रैकिंग करके आ सकते
हैं। यहां पर मानसून में बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आप बौद्ध मंदिर देख सकते हैं,
जिनके अवशेष यहां पर देखे जा सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और आप यहां पर आकर इंजॉय
कर सकते हैं।
मुक्तिधाम मंदिर नासिक - Muktidham Temple Nashik
मुक्तिधाम मंदिर नासिक का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर
मुख्य नाशिक सिटी से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर श्री जयराम भाई ने
1971 में बनाया था। यहां पर बहुत सारे भगवान विराजमान हैं। यहां पर राधा कृष्ण जी के,
श्री राम सीता जी लक्ष्मण जी के, भगवान शंकर जी के, गणेश जी के, दुर्गा जी के, हनुमान
जी के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां पर धर्मशाला बनी हुई है, जहां पर दूर से आने वाले
पर्यटक ठहर सकते हैं। मंदिर के बाहर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है। मंदिर की दीवारों
में भगवत गीता के श्लोक लिखे हुए हैं। यहां पर आकर शांति मिलती है। आप यहां पर आकर
घूम सकते हैं।
श्री सप्तश्रृंगी माता मंदिर नासिक - Shri Saptashrungi Mata Mandir Nashik
श्री सप्तश्रृंगी माता मंदिर नासिक का एक प्रसिद्ध मंदिर है।
यह मंदिर नासिक से करीब 60 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर करवान तालुका में नंदूरी गांव में बना हुआ है। श्री सप्तश्रृंगी
माता मंदिर को 1 शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ
है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां है। यहां पर रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। इस
मंदिर में गर्भगृह में माता की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर माता
का मूर्ति का सिर झुका हुआ है।
यहां पर चारों तरफ पहाड़ी का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां
पर आप बरसात के समय आएंगे, तो बहुत अच्छा लगेगा, क्योंकि बरसात के समय यह जगह बहुत
ज्यादा खूबसूरत हो जाती है। सप्तशृंगी माता मंदिर के पास में ही भगवान शिव का भी प्राचीन
मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर काले पत्थर से बना हुआ है। मंदिर के अंदर शिवलिंग के दर्शन
करने के लिए मिलते हैं। यहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। अगर कोई पर्यटक
यहां पर दूर से आता है, तो यहां पर ठहरने के लिए धर्मशाला मिल जाती है और यहां पर खाने
पीने के लिए भोजशाला भी बनी हुई है। यहां पर होटल भी बने हुए हैं, जहां पर आप ठहर सकते
हैं और खाना पीना खा सकते हैं। नवरात्रि में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत
सारे लोग यहां पर आकर घूमते हैं।
कुशावर्त तीर्थ त्रंबकेश्वर नासिक - Kushavarta Tirtha Trimbakeshwar Nashik
कुशावर्त तीर्थ त्रंबकेश्वर नासिक का एक मुख्य धार्मिक स्थान
है। यह तीर्थ नासिक का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको एक कुंड देखने के लिए
मिलता है। यह कुंड पवित्र है। इस कुंड के बारे
में कहा जाता है, कि गोदावरी नदी ब्रम्हगिरी पहाड़ियों पर गायब हो जाती है। उसके बाद
कुंड पर ही आकर मिलती है। यहां पर त्रंबकेश्वर मंदिर से जाने से पहले स्नान किया जाता
है। उसके बाद भगवान शिव के दर्शन करने के लिए जाए जाते हैं। यह कुंड बहुत पवित्र है।
मिनिरल म्यूजियम नासिक - Mineral Museum Nashik
मिनिरल म्यूजियम नासिक का मुख्य आकर्षण स्थल है। यह म्यूजियम
नासिक से करीब 28 किलोमीटर दूर मालेगाव में स्थित है। यहां पर आपको विभिन्न तरह के
स्टोन देखने के लिए मिलते हैं। यहां म्यूजियम बहुत सुंदर हैं। आपको यहां पर आकर घूमना
चाहिए। यह दुनिया का एकमात्र म्यूजियम है। जहां पर इतने सारे स्टोन का प्रदर्शन किया
गया है। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है।
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