धुले जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Dhule / धुले जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
धुले महाराष्ट्र राज्य का मुख्य जिला है। धुले महाराष्ट्र राज्य
की राजधानी मुंबई से करीब 323 किलोमीटर दूर है। धुले जिले को प्राचीन समय में खानदेश
के नाम से जाना जाता था। पंजारा नदी धुले जिले के बीचो-बीच से बहती है। यह नदी धुले
की मुख्य नदी है। इसके अलावा धुले में बहुत सारी नदी बहती है। यहां पर तापी, अरूणावती,
अमरावती, और सैंडी नदियां बहती है। धुले जिले में चार तहसील है। धुले जिले में मुंबई
आगरा, नागपुर सूरत राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है। धुले जिले में बहुत सारे पर्यटन स्थल
है। चलिए जानते हैं - धुले जिले में घूमने लायक कौन कौन से स्थल है।
धुले में घूमने की जगह - Dhule me ghumne ki jagah
एकवीरा देवी मंदिर धुले - Ekvira Devi Temple Dhule
एकवीरा देवी मंदिर धुले का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर धुले
जिले में पंजारा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य सिटी में बना है। यह मंदिर
पूरे जिले में प्रसिद्ध है। एकवीरा देवी धुले की कुलदेवी है। मंदिर के गर्भ गृह में
एकवीरा देवी जी की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। एक वीरा देवी जी वस्त्र
और फूलों से सुसज्जित है। यह मंदिर भी बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। यहां पर सभी प्रकार
की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां पर एक बड़ा सा ग्राउंड बना हुआ है, जहां पर मेले का आयोजन
किया जाता है। इस मेले में झूले और दुकानें लगती है। यहां पर आप आकर एंजॉय कर सकते
हैं।
एकवीरा देवी जी को रेणुका देवी के नाम से भी जाना जाता है। इस
मंदिर में और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर महालक्ष्मी जी का मंदिर बना
हुआ है, जो बहुत सुंदर है और महालक्ष्मी जी की प्रतिमा के आप यहां पर दर्शन कर सकते
हैं। मंदिर में अगर कोई पर्यटक दूर से आता है, तो यहां पर भक्त निवास बना हुआ है, जहां
पर ठहरने की व्यवस्था है। यहां पर खाने पीने की व्यवस्था भी मिल जाती है। मंदिर के
बाहर प्रसाद की बहुत सारी दुकानें हैं, जहां से आप प्रसाद माता को अर्पित करने के लिए
ले सकते हैं। मंदिर परिसर बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है।
कालिका माता मंदिर धुले - Kalika Mata Temple Dhule
कालिका माता मंदिर धुले जिले का एक फेमस मंदिर है। यह मंदिर
पंजारा नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर के गर्भ गृह में कालिका माता के दर्शन करने
के लिए मिलते हैं। यहां पर मंदिर के पास में ही सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में बना हुआ
है। यहां पर आकर माता के दर्शन कर सकते हैं और मंदिर घूम सकते हैं। यहां पंजारा नदी
का दृश्य देखने के लिए मिलता है।
यहां पर आपको सिद्धिविनायक गणेश मंदिर थोड़ी दूर श्री पंजारेश्वर
महादेव मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यह मंदिर में पंजारा नदी के बीच में बना हुआ है
और यहां पर शिव भगवान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मूर्ति बहुत
ही सुंदर लगती है। शाम के समय यहां पर आकर अच्छा समय बिताया जा सकता है। पंजारेश्वर
महादेव मंदिर मुख्य सड़क पर बना हुआ है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यहां पर जाने
के लिए केबल ब्रिज बना हुआ है।
नाकाने तालाब धुले - Nakane Talab
नाकाने तालाब धुले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर आपको
एक बहुत बड़ा तालाब देखने के लिए मिलता है। यह तालाब बरसात के समय ओवरफ्लो होकर बहता
है। तालाब का दृश्य देखने लायक रहता है। आप यहां पर आकर शाम के समय बिता सकते हैं।
यहां पर आपको बहुत सारी बर्ड्स की प्रजातियां भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर जंगल
का दृश्य भी देखा जा सकता है। यहां पर नदी बहती है, जहां पर लोग आकर पिकनिक मनाते हैं।
यहां पर आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ आ सकते हैं।
दादावाड़ी जैन मंदिर धुले - Dadawadi Jain Temple Dhule
दादावाड़ी जैन मंदिर धुले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह
जैन धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शीतलनाथ जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में शीतल
नाथ जी की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर
का प्रवेश द्वार बहुत आकर्षक है और इसमें नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती
है। यह मंदिर भी बहुत ही अच्छी तरह से बनाया गया है। पूरा मंदिर खूबसूरत है। यहां पर
जैन लोगों के लिए ठहरने की और भोजशाला की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां पर आप घूमने के
लिए आ सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
संतोषी माता मंदिर धुले - Santoshi Mata Temple Dhule
संतोषी माता मंदिर धुले में स्थित एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर
मुख्य शहर में बना हुआ है। यह मंदिर शहीद अब्दुल हमीद चौक के पास स्थित है। यहां पर
आपको संतोषी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। संतोषी
माता की प्रतिमा बहुत सुंदर है।
श्री स्वामीनारायण मंदिर धुले - Shree Swaminarayan Mandir Dhule
श्री स्वामीनारायण मंदिर धुले कई प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर
मुख्य शहर में बना हुआ है और बहुत सुंदर है। पूरा ही मंदिर कलात्मक है। मंदिर में दीवारों
में और छतों में सुंदर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। यह मंदिर भगवान श्री स्वामीनारायण
जी, श्री गुनातीतानंद स्वामी, श्री हरि कृष्ण महाराज, श्री राधा कृष्ण जी को समर्पित
है। मंदिर में इनकी मूर्ति बहुत सुंदर है।
मंदिर के बाहर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है, जो बहुत ही आकर्षक
लगता है। यहां पर आपको लक्ष्मीनारायण जी, हनुमान जी, सीताराम जी, उमाशंकर जी और भी
बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के बाहर दीवारों में
बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई गई है, जो बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों
में कुबेर देव, समर्थ रामदास, मुक्ताबाई, अग्नि देव, वरुण देव जी की मूर्तियां बनाई
गई है।
आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां
पर एक छोटी सी कैंटीन भी बनी हुई है, जहां पर खाने पीने का सामान मिल जाता है। यहां
पर ठहरने की व्यवस्था भी है। आप अगर दूर से आ रहे हैं, तो यहां पर ठहर सकते है।
श्री स्वामी समर्थ मंदिर - Shri Swami Samarth Temple
श्री स्वामी समर्थ मंदिर धुले का प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर
मुख्य शहर में बना हुआ है। श्री स्वामी समर्थ को अक्कलकोट स्वामी जी के नाम से जाना
जाता है। यह एक महान संत हैं। यह दत्तात्रेय संप्रदाय के एक प्रमुख गुरु थे। आप यह
मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। यहां पर मूर्ति और फोटो देखने के लिए मिलती है। मंदिर
परिसर में बहुत सुंदर है। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
सोनगिर का किला धुले - Songir Fort Dhule
सोनगिर का किला धुले जिले का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थान है। यह
किला सोनगिर नाम के शहर में बना हुआ है। सोनगिर धुले जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर
स्थित एक छोटा सा शहर है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले तक पहुंचने
के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इस किले का अधिकतर भाग खंडहर में तब्दील हो गया है।
इस किले के अंदर घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। यहां पर आपको
जलाशय, भवन, किले की दीवारें, तुपाजी विहार, देखने मिल जाएंगे। किले से चारों तरफ का
दृश्य देखने को मिलेगा, जो बहुत सुंदर रहता है। इस किले पर फारूकी सुल्तानों का कब्जा
था। उसके बाद मुगलों का कब्जा हुआ। उसके बाद मराठों का, मराठों के बाद यहां पर अंग्रेजो
का कब्जा हुआ। आप इस किले में ट्रेकिंग करके पहुंच सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता
है। यहां पर आप अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
आशापुरी देवी मंदिर धुले - Ashapuri Devi Temple Dhule
आशापुरी देवी मंदिर धुले जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
यह मंदिर धुले जिले में सिंदखेड़ा में स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भ
गृह में आशापुरी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर अच्छा लगता है। यह मंदिर
बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है। यह मंदिर तापी नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर
आपको मंदिर परिसर में कालिका माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर अच्छा
लगता है। नवरात्रि में माता के दर्शन करने के लिए बहुत सारे लोग आते है।
गंगेश्वर महादेव मंदिर - Gangeshwar Mahadev Temple
गंगेश्वर महादेव मंदिर धुले जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थान
है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बुरिअ नदी के बीच में बना हुआ है।
यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते
हैं। मंदिर के गर्भ गृह में और भी बहुत सारी प्रतिमाएं हैं। यहां पर सर्प देवता जी
के और गणेश जी के दर्शन किए जा सकते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यहां पर नदी का
नजारा भी देखने लायक रहता है। यह मंदिर धुले जिले में चिमथाना गांव के पास में स्थित
है। आप यहां पर घूमने आ सकते हैं। यह मंदिर चिमथाना गांव करीब 5 किलोमीटर दूर है।
श्री पेडकाई माता मंदिर धुले - Shri Pedkai Mata Temple Dhule
श्री पेडकाई माता मंदिर धुले जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है।
यह मंदिर धुले जिले में चिमथाना गांव के पास में बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य हाईवे
सड़क से थोड़ी दूरी पर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां है।
पेडकाई माता कई लोगों की कुलदेवी है। यहां पर आकर माता के दर्शन कर सकते हैं। माता
के यहां पर भव्य प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बना
हुआ है। यहां पर आपको और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
यहां पर गणेश जी, शिरडी वाले साईं बाबा जी, शंकर भगवान जी के दर्शन किए जा सकते हैं।
यहां का आसपास का दृश्य देखने लायक रहता है।
भामेर का किला धुले - Bhamer Fort Dhule
भामेर का किला धुले जिले का एक मुख्य ऐतिहासिक किला है। यह किला
धुले जिले से करीब 48 किलोमीटर दूर है। यह किला सकरी से करीब 13 किलोमीटर दूर है। यह
किला भामेर गांव में बना हुआ है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। किले पर पहुंचने
के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। इस किले तक पहुंचने का रास्ता भी बहुत सुंदर है। इस
किले में आप घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां पर आपका बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के
लिए मिलेगा। यहां पर बरसात में आप आ सकते है।
किले में आपको एक छोटा सा मंदिर देखने के लिए मिलेगा और यहां
पर एक छोटा सा जलाशय भी बना हुआ है। किले की दीवारों में छोटे-छोटे कलाकृतियां देखने
के लिए मिल जाएंगे। यह किला खंडहर में बदल गया है। मगर यह किला बहुत खूबसूरत है। यहां
पर आप बरसात में घूमने के लिए जा सकते हैं। इस किले में बहुत सारी गुफाएं हैं, जिनमें
से कुछ गुफाओं में आप जाकर घूम सकते हैं। इस किले में मराठा राजाओं का शासन हुआ करता
था। 1818 में अंग्रेजों ने मराठों को हराकर इस किले में अधिकार कर लिया। यह किला समुद्र
तल से 2500 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। आप यहां
पर जाकर इंजॉय कर सकते हैं।
श्री विमलनाथ जैन मंदिर धुले - Shri Vimalnath Jain Temple Dhule
श्री विमलनाथ जैन मंदिर धुले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह जैन
धार्मिक स्थल है। यहां मंदिर धुले जिले में बलसाना गांव में बना हुआ है। यह मंदिर विमलनाथ
जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में विमलनाथ जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन
करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर भी बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य
गांव में स्थित है। यहां पर जैन लोगों के लिए ठहरने की और खाने की व्यवस्था उपलब्ध
है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां
पर और भी बहुत सारे जैन मंदिर और हिन्दू मंदिर बने हुए हैं। यहां पार्श्वनाथ पद्मावती
जैन मंदिर, कानबाई मंदिर बने हुए हैं, जहां पर आप हो सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है
और बहुत सुंदर हैं।
ललिंग का किला धुले - Lalinga Fort Dhule
ललिंग का किला धुले का एक प्रमुख ऐतिहासिक किला है। यह किला
धुले जिले से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यह किला धूलिया तहसील में बना हुआ है। यह किला
एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यह
किला फारूखी राजाओं के लिए एक प्रमुख किला था। इस किले नीचे तलहटी पर ललिंग गांव बसा
हुआ है।
ललिंग किले में, ललिता माता का मंदिर बना हुआ है। यहां पर आप
बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात के समय इस किले में आकर मजा आता है, क्योंकि
यह हरियाली देखने के लिए मिलती है। यहां पर भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है, जो बहुत
सुंदर है। यहां पर धुले सिटी का और आसपास का बहुत ही सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
इस किले में, आप घूमने के लिए आते हैं, तो पानी पीने के लिए जरूर लाये।
थालनेर का किला धुले - Thalner Fort Dhule
थालनेर का किला धुले जिले का एक प्रमुख किला है। यह किला धुले
जिले में शिरपुर तहसील में बना हुआ है। यह किला तापी नदी के किनारे बना हुआ है। इस
किले को 1128 में अहीर राजाओं के द्वारा बनाया गया था। अहीर राजाओं के बाद, इस जिले
में फारूकी शासकों का शासन रहा है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस
किले का ज्यादातर हिस्सा अब टूट गया है। इस किले में कुछ भवन आपको देखने के लिए मिलते
हैं। यह किला बहुत सुंदर है। पास में ही बहने वाली तापी नदी का सुंदर दृश्य देखा जा
सकता है। प्राचीन समय में यह फारूकी शासकों की राजधानी हुआ करती थी। थानेसर गांव का
नाम यहां पर स्थित शिव भगवान जी के प्राचीन मंदिर पर रखा गया है। यहां पर थानेश्वर
शिव जी का प्राचीन मंदिर है, जिसके नाम पर इस जगह को थानेसर कहा जाता है।
इस किले का ज्यादातर भाग खंडित हो चुका है। कुछ भाग ही शेष बचा
हुआ है, जो आप यहां पर देख सकते हैं। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना समय
व्यतीत कर सकते हैं। यहां पर आपको किले के बुर्ज, किले की दीवार, भवन यह सभी जगह देखने के लिए मिलती हैं। किले के पास
में ही आपको प्राचीन कब्रे देखने के लिए मिलती है, जो यहां के फारूखी राजाओं की है।
यह किला थालनेर गांव शिरपुर-चोपड़ा रोड पर है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
इस किले के पास में एक पातालेश्वर मंदिर बना हुआ है, जो प्राचीन
और यह शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर लगता है। यहां आकर अच्छा
लगता है। किले से थोड़ी ही दूरी पर थालेस्वर महादेव मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर भी
प्राचीन है। आप यहां पर घूम सकते है।
कपिलेश्वर महादेव मंदिर धुले - Kapileshwar Mahadev Temple Dhule
कपिलेश्वर महादेव मंदिर धुले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है।
यह मंदिर थालनेर गांव के पास में बना हुआ है। यहां पर त्रिवेणी संगम भी देखने के लिए
मिलता है। यहां पर पंजारा और तापी नदी का संगम हुआ है। यहां पर तीसरी नदी गंगा को माना
जाता है, जो यहां पर अदृश्य है। इस जगह को त्रिवेणी संगम माना जाता है। यहां पर कपिलेश्वर
महादेव मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है और बहुत सुंदर है। इस मंदिर में आप आकर
शंकर भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं।
इस मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। यहां पर शिव शंकर जी
के दर्शन करके बहुत अच्छा लगता है। यहां पर दूर-दूर से लोग आकर भगवान शिव के दर्शन
करते हैं। यहां पर श्री राम जी का मंदिर और आशापुरी माता का मंदिर भी बना हुआ है। इनके
दर्शन भी किए जा सकते हैं। यहां पर मकर संक्रांति के समय बहुत सारे लोग आकर स्नान करते
हैं। यह जगह बहुत पवित्र है। कपिलेश्वर मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है और आप यहां पर
आकर अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
अनेर वन्य जीव अभ्यारण धुले - Aner Wildlife Sanctuary Dhule
अनेर वन्य जीव अभ्यारण धुले जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है।
यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जीव देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको अभ्यारण
में हिरण, भेड़िया, जंगली कुत्ते, खरगोश, जंगली सूअर जैसे जानवर देखने के लिए मिल जाते
हैं। यह अभयारण्य 83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभ्यारण में आनेर नदी
बहती है। यहां पर आनेर नदी पर बांध बना हुआ है, जो बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ
है और अभ्यारण में पानी का मुख्य स्त्रोत है। यहां पर आपको बहुत सारी बर्ड्स पर देखने
के लिए मिलेंगे। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते
हैं।
आप यहां पर आनेर डैम भी घूम सकते हैं। यह बांध बहुत बड़ा है। यह बांध अनेर नदी पर बना है। यहां पर आप बरसात के
समय आकर अच्छा समय व्यतीत कर सकते है।
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