चंद्रपुर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Chandrapur / चंद्रपुर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
चंद्रपुर महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख जिला है। चंद्रपुर महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई से करीब 815 किलोमीटर दूर है। चंद्रपुर महाराष्ट्र राज्य में तेलंगाना राज्य की सीमा को सटा हुआ है। चंद्रपुर जिले में इरई, पैनगंगा और वर्धा नदियां बहती हैं। चंद्रपुर शहर का नाम अनोखा है। चंद्रपुर शहर को प्राचीन समय में चंदा नाम से जाना जाता था। धीरे-धीरे इसे इंद्रपुर और उसके बाद चंद्रपुर कहा जाने लगा। ब्रिटिश काल में इसे चंदा जिला कहा जाता था, जिसे 1964 के आसपास चंदा नाम बदलकर चंद्रपुर में बदल दिया गया और चंद्रपुर कहा जाना है। चंद्रपुर जिला में अधिकतर वन क्षेत्र है। चंद्रपुर में बहुत लंबे समय तक हिंदू और बौद्ध राजाओं ने शासन किया है। इसके बाद गोंडो शासक ने यहां पर राज्य किया है और उसके बाद मराठा काल शुरू हुआ।
चंद्रपुर के अंतिम शासक राजा रघु जी भोसले थे। जिनकी मृत्यु
1893 में हो गई थी। चंद्रपुर के साथ नागपुर प्रांत को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया
गया था। चंद्रपुर जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - चंद्रपुर
में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
चंद्रपुर में घूमने की जगह - Chandrapur mein ghumne ki jagah
बगड़ खिड़की चंद्रपुर - Bagad Khirki Chandrapur
बगड़ खिड़की चंद्रपुर का एक मुख्य ऐतिहासिक स्मारक है। यह स्मारक
बहुत सुंदर है। यहां पर आपको चार दरवाजे और आठ खिड़कियां देखने के लिए मिलती है। खिड़कियों
के कारण ही इस स्मारक को बगड़ खिड़की के नाम से जाना जाता है। यह बहुत सुंदर है। यह
स्मारक मुख्य शहर में बनी हुई है। यह स्मारक रामलाला तालाब के किनारे बनी हुई है। यहां
पर आप आकर अच्छा अनुभव कर सकते हैं। यह स्मारक
गोलाकार में बनी हुई है। स्मारक के ऊपर से चारों तरफ का दृश्य देखा जा सकता है, जो
बहुत सुंदर रहता है।
रामलाला उद्यान चंद्रपुर - Ramlala Udyan Chandrapur
रामलाला उद्यान चंद्रपुर का एक मुख्य उद्यान है। यह उद्यान बहुत
सुंदर है और रामलाला तालाब के बीच में बना हुआ है। यह उद्यान मुख्य शहर में बना हुआ
है। यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। यह उद्यान बहुत सुंदर है। शाम के समय यहां पर आकर
समय बिताना अच्छा लगता है। शाम के समय यहां पर आप सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देख सकते
हैं। यहां पर आप रामलाला तालाब में बोटिंग कर सकते हैं। यहां बोटिंग के लिए अलग-अलग
नाव मिल जाती हैं।
बच्चों के खेलने के लिए यहां पर बहुत सारे झूले लगे हुए हैं।
यहां पर बहुत सारे बदक देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह बहुत अच्छी है और आपको यहां
पर आकर अच्छा लगेगा। रामलाला गार्डन के पास में ही खाने पीने के लिए बहुत सारे स्टॉल
लगे हुए हैं, जहां पर आप जाकर खाने का लुफ्त उठा सकते हैं। इस गार्डन में पहुंचने के
लिए ब्रिज बना हुआ है। रामलाला तालाब बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है और यह बहुत सुंदर
लगता है।
बल्हारशाह का किला चंद्रपुर - Balharshah's Fort Chandrapur
बल्हारशाह का किला चंद्रपुर का एक ऐतिहासिक किला है। यह किला
चंद्रपुर जिले में बल्लरशाह नाम की जगह पर बना हुआ है। यह किला वर्धा नदी के किनारे
बना हुआ है। किले का अधिकांश भाग पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है। आप इस किले
में घूमने के लिए आ सकते हैं और यहां की हिस्ट्री के बारे में जान सकते हैं। यहां पर
आप घूमने के लिए आए, तो ग्रुप के साथ घूमने के लिए आएंगे, तो अच्छा होगा। इस किले को निर्माण गोंड राजा खांडक्य बल्लारशाह ने किया था।
यह किला बहुत सुंदर है और आप इस किले को देख सकते हैं। किले के ऊपर चढ़कर आपको वर्धा नदी का दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत सुंदर लगता
है।
बल्हारशाह किले में आपको भवन, दीवारें, प्रवेश द्वार, किले के
बुर्ज देखने के लिए मिलेंगे। यह किला आयताकार में बना है, जो बहुत सुंदर लगेंगे। यह
पूरा किला पत्थर से बनाया गया है। किले के पास में गोविंद बाबा मंदिर और हनुमान जी
का मंदिर बना हुआ है। किले के पास में पार्क बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर
बहुत सारे पेड़ पौधे लगे हुए हैं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम निसर्ग उद्यान चंद्रपुर - Dr APJ Abdul Kalam Nature Garden Chandrapur
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम निसर्ग उद्यान चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण
स्थल है। यह उद्यान बल्लारशाह की तरफ जाने वाली रोड में स्थित है। यह उद्यान डॉक्टर
एपीजे अब्दुल कलाम जी को समर्पित है। यह उद्यान बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है।
यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। यहां पर आकर आपको विभिन्न जानवरों के स्टेचू देखने के
लिए मिलते हैं। यहां पर एक छोटी सी झील भी बनी हुई है, जिसमें बच्चे लोगों के लिए बोटिंग
की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर बहुत सारे झूले हैं, जिसमें बच्चे लोग इंजॉय कर सकते
हैं। यहां पर बहुत सारे फूलों वाले पौधे भी लगाए गए हैं।
इस पार्क में बहुत सारे एडवेंचरस खेल खेले जाते हैं। यह उद्यान
बहुत सुंदर है। यहां पर लक्ष्मण झूला और वनराणी ट्रेन में आप सवारी कर सकते हैं। यहां
पर बहुत सारे प्रकार के गेम खेले जाते हैं। यहां पर नक्षत्र वन हैं, जहां पर विभिन्न
प्रकार के पेड़ पौधों को लगाया गया है। इस उद्यान में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता
है। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
महाकाली मंदिर चंद्रपुर - Mahakali Temple Chandrapur
महाकाली मंदिर चंद्रपुर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर महाकाली
मां को समर्पित है। इस मंदिर में महाकाली की 2 प्रतिमाएं विराजमान है। यहां पर एक प्रतिमा
भूमिगत है अर्थात इस प्रतिमा तक पहुंचने के लिए एक सुरंग के माध्यम से जाना पड़ता है
और यह प्रतिमा जमीन के भीतर स्थापित है। यह प्रतिमा लेटी हुई अवस्था में यहां पर स्थापित
है। यह प्रतिमा भारत की अनोखी प्रतिमा है। यहां पर महाकाली माता की एक और प्रतिमा है,
जो खड़ी हुई अवस्था में है। जिसमे माता वस्त्र और आभूषणों से सुसज्जित है और शिव भगवान
जी के साथ विराजित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और बहुत ही भव्य है।
इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी के आसपास गोंड राजवंश के आदिवासी राजा धुंड्या राम साह ने करवाया था। यहां पर आप आकर इस मंदिर में घूम सकते हैं। नवरात्रि में यहां पर बहुत भीड़ लगती है। बहुत सारे भक्त यहां पर मां के दर्शन करते हैं। मां महाकाली के दर्शन करने के लिए मंगलवार को भी यहां पर भीड लगती है। मंगलवार को माँ के दर्शन के लिए शुभ दिन माना जाता है और महाकाली के दर्शन करने के लिए बहुत सारे लोग यहां पर आते हैं। मंदिर में सभी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है। मंदिर में महाकाली देवी के अलावा और भी बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। यहां पर गणेश जी, हनुमान जी के दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकान है, जहां पर माँ को अर्पित करने के लिए प्रसाद ले सकते हैं। यह मंदिर मुख्य शहर में बना हुआ है।
चंद्रपुर का किला - Chandrapur Fort
चंद्रपुर का किला चंद्रपुर जिले में स्थित एक मुख्य ऐतिहासिक
स्थान है। यह किला प्राचीन है। इस किले को 15 वी शताब्दी के अंत में और 16 वी शताब्दी
के प्रारंभ में किया गया था। इस किले का निर्माण बल्लाह शाह ने शुरू किया था और
1597 में उनकी मृत्यु के उपरांत, इस किले का कार्य को धुन्ड्या राम साह ने पूरा किया
था। यह किला मुख्य शहर में बना हुआ है। चंद्रपुर किले में आप बस से या ऑटो से पहुंच
सकते हैं। यह किला की खंडहर अवस्था में है।
इस किले के अंदर देखने के लिए बहुत सारी जगह है। यहां पर आपको
किले के अंदर बावड़ी देखने के लिए मिलेंगे, जो प्राचीन है और प्राचीन समय में इसका
उपयोग पीने के पानी के लिए किया जाता था। यहां पर आपको प्राचीन मंदिर, गोंड राजाओं
की समाधि, बुर्ज देखने के लिए मिल जाएंगे। किले के ऊपर चढ़कर आप चारों तरफ का सुंदर
दृश्य देख सकते हैं। यह किला जारपत नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आकर आप घूम सकते
हैं।
अचलेश्वर महादेव मंदिर चंद्रपुर - Achleshwar Mahadev Temple Chandrapur
अचलेश्वर महादेव मंदिर चंद्रपुर का प्रमुख धार्मिक स्थान है।
यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर चंद्रपुर जिले
में चंद्रपुर किले के पास में बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण गोंड राजा खांडक्य बल्लालशाह
के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
मंदिर के अंदर शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं। यह मंदिर अभी भी अच्छी तरह संभाल
कर रखा गया है और यहां पर लोग पूजा करने के लिए आते हैं।
यहां पर शिवरात्रि और सावन में बहुत सारे लोग आते हैं। यहां
पर शिव भगवान जी को त्रिशूल चढ़ाया जाता है। आप अचलेश्वर मंदिर घूमने के लिए आते हैं,
तो आप चंद्रपुर किले में घूम सकते हैं। यहां पर आपको भगवान शिव, नंदी भगवान जी, हनुमान
जी के दर्शन करने के लिए मिल जाएंगे। यहां पर संतोषी माता का मंदिर बना हुआ है। यह
मंदिर बहुत सुंदर हैं। आपको यहां पर अच्छा लगेगा। यह मंदिर मंदिर जारपट नदी के किनारे
बनी हुई है। इस मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती
है।
बॉटनिकल गार्डन चंद्रपुर - Botanical Garden Chandrapur
बॉटनिकल गार्डन चंद्रपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह गार्डन
बल्लारपुर जाने वाली सड़क पर बना हुआ है। यह गार्डन बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है। इस
गार्डन में तरह-तरह की आकर्षण के साधन बने हुए हैं। यहां पर आपको बहुत सारे जानवरों
की स्टेचू देखने के लिए मिलेंगे, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं। इस गार्डन में विभिन्न
प्रकार के पेड़ पौधों की प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां पर बटरफ्लाई गार्डन बना
हुआ है, जहां पर तितलियां देखी जा सकती है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यह
जगह बहुत अच्छी है। गार्डन में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है।
मानिकगढ़ का किला चंद्रपुर - Manikgarh Fort Chandrapur
मानिकगढ़ का किला चंद्रपुर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थान है।
यह किला चंद्रपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर गढ़चंदुर में स्थित है। यह किला प्राचीन
है। यह किला घने जंगल के अंदर बना हुआ है।
किले का अधिकांश भाग नष्ट हो गया है। यह किला
समुद्र तल से 507 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस
किले का निर्माण नौवीं शताब्दी में नागा राजाओं के द्वारा करवाया गया था। यह किला जंगल
के बीच में स्थित है। यहां पर जंगली जानवर भी घूमते रहते हैं। यहां पर बाघ और तेंदुए
जैसे जानवर आराम से देखने के लिए मिल जाते हैं।
किले के चारों तरफ घना जंगल है। यहां पर बरसात में आकर अच्छा
लगता है, क्योंकि बरसात में, यहां चारों तरफ हरियाली रहती है। किले के पास एक झील बनी
हुई है, जो बहुत सुंदर लगती है। किले के अंदर वॉच टावर बना हुआ है। यहां पर आकर आप
अच्छे समय बिता सकते हैं। यह किला चंद्रपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको
घूमने में 2 से 3 घंटे आराम से लग जाएगा।
प्राचीन विष्णु मंदिर चंद्रपुर - Ancient Vishnu Temple Chandrapur
प्राचीन विष्णु मंदिर चंद्रपुर का एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर
बहुत सुंदर है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर बना हुआ है। यह मंदिर मानिकगढ़ किले की तलहटी
पर बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। यह पूरा मंदिर पत्थर
से बना हुआ है। मंदिर के पास में एक जलकुंड भी बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है। मंदिर
के अंदर विष्णु भगवान जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जिसमें विष्णु
भगवान जी शेष शैया में लेटे हुए हैं। यहां पर भगवान शिव के भी दर्शन किए जा सकते हैं।
मंदिर में बहुत सारे पिलर बने हुए हैं। यह पिलर देखने में सुंदर लगते हैं। इनमें नक्काशी
की गई है। यह पूरा स्तंभों पर आधारित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इस
मंदिर में विष्णु भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं।
डोंगरगांव बांध चंद्रपुर - Dongargaon Dam Chandrapur
डोंगरगांव बांध चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण है। यह बांध चिंचाला
बना हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है और बहुत बड़ा है। इस बांध के एक तरफ पहाड़ी एरिया
देखा जा सकता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर घना जंगल है। यहां पर आप पिकनिक
मनाने के लिए आ सकते हैं।
ईरई बांध चंद्रपुर - Erai Dam Chandrapur
ईरई बांध चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह बांध ईरई
नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध टाडोबा अंधारी
टाइगर रिजर्व के अंदर बना हुआ है। यहां पर आप घूमने के लिए जा सकते हैं और यहां की
सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर चारों तरफ जंगल का दृश्य देखा जा सकता है। यहां
पर चारों तरफ पहाड़ी एरिया है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर बरसात के समय आएंगे,
तो बांध का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
टाडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व चंद्रपुर - Tadoba Andheri Tiger Reserve Chandrapur
टाडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल
है। इसे टाडोबा नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह सेंट्रल इंडिया में जानवरों
के रहने के लिए एक अनोखा आवास है। यहां पर घास के बड़े-बड़े मैदान, घना जंगल, पहाड़ी
एरिया भी है। यहां पर बाघ आसानी से देखने के लिए मिल जाता है। यह चंद्रपुर से करीब
45 किलोमीटर दूर है। यहां पर मुख्य आकर्षण का केंद्र बाघ है। यहां पर बाघ आसानी से
देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर घास के मैदानों में चीतल, सांभर जैसे सारे जानवर
देखे जा सकते हैं। यहां पर नीलगाय, गौर, जंगली कुत्ते, तेंदुआ आसानी से देखे जा सकते
हैं।
यहां पर सफारी की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आप सुबह एवं शाम
के समय सफारी का आनंद ले सकते हैं, क्योंकि सुबह एवं शाम के समय आपको बहुत सारे जंगली
जीव देखने के लिए मिल जाएंगे। यह महाराष्ट्र का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना 1955 में की गई थी। यह भारत के 18
टाइगर प्रोजेक्ट में से एक है। यह उद्यान
623 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर जंगलों के मध्य से अंधेरी नदी
बहती है, जिससे इसे अंधेरी वन्य जीव अभ्यारण का नाम मिला है। यहां पर मुख्य रूप से
सागौन और बांस के पेड़ पाए जाते हैं।
इस नेशनल पार्क में ठहरने के लिए भी सुविधा उपलब्ध है। यहां
पर बहुत सारे रेस्टहाउस और होटल बने हुए हैं, जहां पर आप ठहर सकते हैं। यहां पर आपको
इराई डैम देखने के लिए मिल जाएगा।
ऐतिहासिक बुद्ध लेनी विज्जासन चंद्रपुर - Historical Buddha Leni Vijjasan Chandrapur
ऐतिहासिक बुद्ध लेनी विज्जासन चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल
है। यहां पर आपको प्राचीन रॉक कट गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं। यह गुफाएं 2000 साल
से भी ज्यादा पुरानी है। इन गुफाओं में महावीर भगवान और भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं बनी
हुई है। यहां पर लोग घूमने आते हैं और इन गुफाओं में महावीर जी की प्रतिमा और भगवान
बुद्ध की प्रतिमा में फूल और मोमबत्ती जलाकर जाते हैं। यह गुफाएं एक पहाड़ी की चोटी
पर बनी हुई है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं।
यहां चारों तरफ बहुत अच्छा दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह
गुफाएं चंद्रपुर जिले के भद्रावती नगर में बनी हुई है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते
हैं। यह विदर्भ रीजन में सबसे बड़ी बौद्धिक गुफाएं हैं। यहां पर आपको पहाड़ियों का
दृश्य देखने के लिए मिल जाएगा। इन गुफाओ के पास में ही विज्जासन झील बनी हुई है, जहां
पर आप घूमने के लिए जा सकते हैं।
भद्रावती किला चंद्रपुर - Bhadrawati Fort Chandrapur
भद्रावती किला चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह किला
चंद्रपुर जिले में भद्रावती गांव में बना हुआ है। यह किला मुख्य शहर में बना हुआ है।
इस किले में आप घूमने के लिए आ सकते हैं। इस किले में आपको प्राचीन मूर्तियां देखने
के लिए मिलती है। यहां पर गणेश जी, भगवान विष्णु जी और भी बहुत सारे देवी देवताओं की
मूर्तियां यहां पर बिखरी पड़ी है।
यहां पर भगवान विष्णु जी की शेष शैय्या लेटी हुई प्रतिमा भी
देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको जलाशय
देखने के लिए मिलेंगे। इस किले के अंदर बावड़ी बनी हुई है, जो बहुत सुंदर है। मगर इस
बावड़ी की साफ सफाई नहीं की जा रही है, जिससे यह धीरे-धीरे पूरी तरह नष्ट होती जा रही
है। आप इस किले में घूमने के लिए आ सकते हैं और इस किले में बहुत सारी वस्तुओं को देख
सकते हैं।
श्री भद्रनाग स्वामी देवस्थान चंद्रपुर - Shri Bhadra Nag Swami Devasthan Chandrapur
श्री भद्रनाग स्वामी देवस्थान चंद्रपुर जिले का एक मुख्य धार्मिक
स्थान है। यह मंदिर चंद्रपुर जिले में भद्रावती नगर में बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य
शहर में बना हुआ है। यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है। यह मंदिर महाराष्ट्र में बने
नाग देवता के मंदिरों में से एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में
भद्रनाग या शेषनाग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर में और भी बहुत सारी प्राचीन
प्रतिमाएं हैं।
यहां पर भगवान विष्णु की शेष शैया में लेटी हुई प्रतिमा है,
जिसमें लक्ष्मी जी भगवान विष्णु जी के चरण को दबा रही है। यहां पर भगवान शिव शंकर जी
की, आदिशक्ति मां दुर्गा जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो प्राचीन है। यहां
पर बहुत सारे देवी देवता की दर्शन भी किए जा सकते हैं। यहां पर एक प्राचीन बावड़ी है,
जिनमें पानी भरा हुआ है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं और इस जगह को देख सकते
हैं। यहां पर बहुत दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर नाग पंचमी के दिन
भीड़ लगती है। यहां नाग पंचमी और महाशिवरात्रि के समय बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते
हैं।
वरद विनायक श्री गणेश मंदिर चंद्रपुर - Varad Vinayak Shree Ganesh Mandir Chandrapur
वरद विनायक श्री गणेश मंदिर चंद्रपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल
है। यह मंदिर चंद्रपुर जिले में भद्रावती नगर में स्थित है। यह मंदिर गणेश भगवान जी
को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है. कहा जाता है, कि यह मंदिर महाभारत काल के समय
का है। यहां पर प्राचीन छोटी सी गुफा है, जहां पर गणेश जी की मूर्ति विराजमान है। गणेश
जी की बहुत सुंदर मूर्ति यहां पर स्थापित की गई है।
यहां पर गणेश जी की सवारी चूहे के भी दर्शन करने के लिए मिलते
हैं। यहां पर और भी बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं हैं, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं।
यहां पर उमामाहेश्वर की प्रतिमा, नंदी महाराज की प्रतिमा, शिवलिंग के दर्शन किए जा
सकते हैं। यहां पर गणेश उत्सव के समय बहुत सारे लोग आते हैं। यह मंदिर भांदक रेलवे
स्टेशन के पास में ही बना हुआ है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
श्री जैन श्वेतांबर तीर्थ भद्रावती या केसरिया पार्श्वनाथ तीर्थ चंद्रपुर - Shree Jain Shwetambar Teerth Bhadravati or Kesariya Parshvanath Teerth Chandrapur
केसरिया पार्श्वनाथ तीर्थ चंद्रपुर जिले का एक मुख्य धार्मिक
स्थान है। यह जैन धार्मिक स्थान है। यह मंदिर चंद्रपुर जिले भद्रावती नगर में बना हुआ
है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ जी की 152 सेंटीमीटर ऊंची
काले कलर की प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में स्थित है। यह प्रतिमा
बहुत सुंदर है। प्रतिमा के सिर के ऊपर सात सर्पों का एक छत्र बना हुआ है। यह प्रतिमा
बहुत सुंदर लगती है।
केसरिया पार्श्वनाथ तीर्थ मंदिर मुख्य शहर में बना हुआ है। यहां
पर बहुत सारे लोग भगवान पार्श्वनाथ जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर ठहरने
के लिए रूम मिल जाते हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर की दीवारों
और स्तंभों में सुंदर नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। आप यहां पर घूमने
के लिए आ सकते हैं और अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां आ कर अच्छा लगता है।
घोड़ाजरी झील चंद्रपुर - Ghodjari Lake Chandrapur
घोड़ा जरी झील चंद्रपुर का एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है। यह झील
चंद्रपुर जिले में नागभीर तहसील में बनी हुई है। यह झील नागपुर चंद्रपुर हाईवे सड़क
से 6 किलोमीटर दूर जंगल के अंदर बनी है। यह चंद्रपुर जिले से करीब 106 किलोमीटर दूर
है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको बहुत बड़ी झील देखने के लिए
मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर
जंगल रिसोर्ट बना हुआ है, जहां पर आपको रेस्टोरेंट और बोटिंग क्लब मिल जाता है। यहां
पर पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां पर नॉमिनल सी फीस ली जाती है और आप इन सभी
सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। यहां पर चिल्ड्रन पार्क बना हुआ है।
यहां पर अलग-अलग बोट राइड का आप आनंद ले सकते हैं। यहां पर बहुत
बड़ा गार्डन बना हुआ है। यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आप नागपुर
से भी घूमने के लिए आ सकते हैं। यह झील नागपुर से करीब 97 किलोमीटर दूर है। यहां आकर
अच्छा लगता है। यहां चारों तरफ जंगल है। यहां पर आप अपने साथ खाना पीना ला सकते हैं
और यहां पर पिकनिक मना सकते हैं। बहुत सारे लोग यहां पर झील के किनारे खाना पकाते हुए
देखने के लिए मिल जाएगे। यहां पर एक रेस्टोरेंट भी बना हुआ है, जहां पर खाने पीने का
सामान मिलता है। यहां पर वॉच टावर भी बना हुआ है, जहां से आप दूर तक का व्यू देख सकते
हैं।
मुक्ताई झरना चंद्रपुर - Muktai Waterfall Chandrapur
मुक्ताई झरना चंद्रपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह एक प्राकृतिक
जगह है। मुक्ताई झरना जंगल के अंदर स्थित है।
यहां पर आकर आप अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां पर बरसात के समय बहुत सारे
लोग घूमने के लिए आते हैं, क्योंकि बरसात के
समय यह जगह बहुत ज्यादा सुंदर रहती है और जलप्रपात भी अपने पूरे शबाब में बहता है।
यह जगह नागपुर से करीब डेढ़ घंटे की दूरी पर स्थित है।
यहां पर आप अपने साथ खाने का सामान लेकर आ सकते हैं और यहां
पर आकर पिकनिक मना सकते हैं। यहां पर ऊंची पहाड़ी से जलप्रपात गिरता है, जो बहुत ही
सुंदर लगता है। यहां पर छोटे-मोटे स्टॉल लगते हैं, जो स्थानीय लोगों के द्वारा लगाए
जाते हैं। यह झरना बहुत सुंदर है। यहां पहुंचने के लिए थोड़ी सी ट्रैकिंग करनी पड़ती
है। यह जलप्रपात शंकरपुर के पास में स्थित है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं।
जरी वॉटरफॉल चंद्रपुर - Jari Waterfall Chandrapur
जरी वॉटरफॉल चंद्रपुर का एक मुख्य झरना है। यह झरना मुक्ताई
वॉटरफॉल से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यहां पर पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ेगा। यहां
पर घना जंगल है। यहां पर आपको बहुत सारी जीव जंतु देखने के लिए जाएंगे। यहां पर आकर
बहुत अच्छा लगता है।
आनंदवन चंद्रपुर - Anandvan Chandrapur
आनंदवन चंद्रपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थान है। यहां पर आपको
श्री बाबा आमटे जी की समाधि देखने के लिए मिलती है। बाबा आमटे जी एक महान व्यक्तित्व
वाले व्यक्ति थे। उन्होंने अपना जीवन मानव कल्याण में समर्पित किया था। यहां पर उनकी
समाधि बनाई गई है। यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर आपको एक छोटा सा चिड़ियाघर भी देखने
के लिए मिलता है, जहां पर बहुत सारे जानवरों को रखा गया है। यहां पर चारों तरफ पेड़ पौधे लगाए हुए हैं। आप यहां
पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारी कलाकृतियां भी देखने के लिए मिलेगी,
जो बहुत सुंदर लगती है। यहां पर आकर आपको बाबा आमटे जी के बारे में और उनके जीवन के
बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी। यहां पर झील बनी हुई है, जो बहुत सुंदर है। इस झील को आनंदवन झील के नाम से जाना जाता है। यह
जगह चंद्रपुर जिले में वरोरा तहसील में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
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