अलवर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Alwar / अलवर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
अलवर राजस्थान का प्रमुख जिला है। अलवर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 155 किलोमीटर दूर है। अलवर में आप रेल मार्ग और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। अलवर में बहुत सारे दर्शनीय स्थल है। अलवर जिला राजस्थान का एक मुख्य जिला है। अलवर जिला में सरिस्का टाइगर रिजर्व है। चलिए जानते हैं - अलवर जिले में घूमने लायक कौन-कौन सी जगह है।
अलवर में घूमने की जगह - Alwar mein ghumne ki jagah
कंपनी बाग अलवर - Company Bagh Alwar
कंपनी बाग अलवर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक बहुत बड़ा और सुंदर बगीचा है। इस गार्डन को पुरजन विहार के नाम से भी जाना जाता है। इस बगीचे में आपको बहुत सारी जगह देखने के लिए मिलती है। इस गार्डन में शिमला ग्रीन हाउस देखने के लिए मिलता है। शिमला ग्रीन हाउस में आपको गर्मी में भी ठंडी का अहसास होता है। इसलिए यहां के लोकल लोग इसे समर हाउस के नाम से भी जानते हैं। इसे महाराजा मंगल सिंह ने बनवाया था।
यहां पर ओपन एयर जिम बना हुआ है। जहां पर आप जाकर कसरत कर सकते हैं। यहां पर किड्स के लिए किड्स प्ले एरिया बना हुआ है, जहां पर बच्चों के लिए बहुत से झूले लगे हुए है। यह गार्डन चारों तरफ से हरियाली और खूबसूरत फूलों वाले पौधों से घिरा हुआ है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह गार्डन मुख्य शहर में स्थित है। यह गार्डन प्राचीन है। इस गार्डन का निर्माण ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1868 में किया गया था। यह अलवर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
मूसी महारानी की छतरी अलवर - Moosi Maharani ki chhatri alwar
मूसी महारानी की छतरी अलवर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको बहुत सारी छतरियां देखने के लिए मिलती है। यह छतरियां करौली और संगमरमर से बनी हुई है। इन छतरी की आकृति बहुत सुंदर लगती है। मूसी महारानी की छतरी का निर्माण महाराजा विनय सिंह ने अपने पिता महाराजा बख्तियार सिंह और उनकी पत्नी मूसी रानी की स्मृति में महल के पीछे सागर तट पर करवाया था। यहां पर आपको और भी बहुत सारी जगह देखने के लिए मिल जाती है, जो ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
यहां छतरी दो मंजिला है। इस छतरी का निर्माण 1815 में किया गया था। इस छतरी में आप फ्री में घूम सकते हैं। यहां पर किसी भी तरह का एंट्री फीस नहीं लिया जाता है। मगर यहां पर पार्किंग का शुल्क लिया जाता है। यहां पर आपको एक सुंदर झील देखने के लिए मिलती है, जिसको चारों तरफ छोटी-छोटी छतरियां बनी हुई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। झील के किनारे घाट बना हुआ है, जहां पर आप जाकर बैठ सकते हैं। झील में फव्वारे लगे हुए हैं, जिससे झील की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है। यह स्मारक कलेक्टर ऑफिस के पास में स्थित है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यहां पर आने के लिए आपको प्राइवेट और सार्वजनिक परिवहन मिल जाते हैं।
राजकीय संग्रहालय अलवर - Government Museum Alwar
राजकीय संग्रहालय अलवर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। इस संग्रहालय में आपको विभिन्न प्रकार की प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। राजकीय संग्रहालय अलवर में आपको बहुत सारे हिंदी, संस्कृत, उर्दू, फारसी, भाषा में लिखे हुए हस्तलिखित ग्रंथ देखने के लिए मिलते हैं। मुगल और राजस्थानी चित्र, वाद्य यंत्र, वस्त्र, गहने, हथियार, चंदन और हाथी दांत से बने कलात्मक वस्तुएं, ऐतिहासिक तलवार, शो पीस, वन्य जीव का संग्रह देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको पत्थर की मूर्तियां, ढोल देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको महल और मंदिरों के मॉडल देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर आकर बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। अगर आप अलवर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको इस जगह भी जरूर घूमना चाहिए।
इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां भारतीय व्यक्ति का 20 रुपए भारतीय छात्र का 10 रुपए, विदेशी व्यक्तियों का 100 रुपए और विदेशी छात्रों का 50 रुपए लिया जाता है। संग्रहालय की टाइमिंग सुबह 9:45 से शाम के 5:15 तक है। यह संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है। यह संग्रहालय मूसी रानी की छतरी के पास स्थित है। आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं और बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
अलवर सिटी पैलेस - Alwar City Palace
अलवर सिटी पैलेस अलवर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक महल है। यह महल अरावली पर्वत श्रंखला की तलहटी पर बना हुआ है। यह महल बहुत सुंदर है। महल में आपको खूबसूरत छतरियां देखने के लिए मिलती है, जो अलग-अलग डिजाइन में है। महल के पीछे आपको तालाब देखने के लिए मिलता है। इस महल का निर्माण राजा बख्तियार सिंह ने 1793 में करवाया था।
यह महल indo-islamic वास्तुकला का एक मुख्य उदाहरण है। यह अलवर में घूमने की सबसे अच्छी जगह है। यह अलवर के राजा का निवास स्थान था। यहां पर बहुत सारे प्राचीन स्मारक बने हुए हैं, जो आप देख सकते हैं। इस महल को विनय विलास महल के नाम से जाना जाता है। यह महल अलवर मुख्य शहर में स्थित है। यह महल मूसी महारानी की छतरी के पास में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
ऐतिहासिक कृष्णा कुंड अलवर - Historic Krishna Kund Alwar
ऐतिहासिक कृष्णा कुंड अलवर में स्थित एक मुख्य जगह है। यहां पर आपको एक प्राकृतिक कुंड देखने के लिए मिलता है। इस कुंड में पानी भरा हुआ है। यह कुंड अरावली पर्वत श्रेणी पर स्थित है। यहां पर आपको मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर कृष्ण भगवान जी, शंकर भगवान जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर चारों तरफ सुंदर पहाड़ी है। बरसात में यहां पर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
बाला किला अलवर - Bala Quila Alwar
बाला किला अलवर जिले का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। यह किला अरावली पर्वत श्रेणी में सबसे ऊंची शिखर पर स्थित है। यह किला प्राचीन है। इस किले को अलवर किले के नाम से भी जाना जाता है। इस किले में प्रवेश करने के लिए 6 प्रवेश द्वार है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह किला बहुत सुंदर है। यह किला अच्छी कंडीशन में बना हुआ है। किले के अंदर आपको जलाशय, बावड़ी, महल देखने के लिए मिल जाते हैं। किले के अंदर बहुत सारे जंगली जानवर भी घूमते रहते हैं। आप इन जानवरों को बहुत करीब से यहां पर देख सकते हैं।
चक्रधारी हनुमान मंदिर अलवर - Chakradhari Hanuman Mandir Alwar
चक्रधारी हनुमान मंदिर अलवर जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में हनुमान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर अरावली पर्वत के ऊपरी सिरे में बाला किले के पास में स्थित है। आप यहां पर जाकर घूम सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
करणी माता मंदिर अलवर - Karni Mata Temple Alwar
करणी माता मंदिर अलवर शहर में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बाला किले के पास ही में स्थित है। यह मंदिर करणी माता जी को समर्पित है। इस मंदिर में बहुत सारी श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। करणी माता मां दुर्गा का ही अवतार है। यहां पर गर्भगृह माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर का गर्भ ग्रह बहुत सुंदर है। पूरा गर्भगृह कांच से सजा हुआ है। पूरे गर्भगृह में कांच का सुंदर काम देखने के लिए मिलता है। यहां नवरात्रि में बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत सारे लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं।
रामायनी हनुमान मंदिर अलवर - Ramayani Hanuman Temple Alwar
रामायनी हनुमान मंदिर अलवर शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अलवर शहर में स्थित है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। यहां पर हनुमान जी की बहुत ही अद्भुत प्रतिभा देखने के लिए मिलती है, जहां पर हनुमान जी रामायण पढ़ रहे हैं। इस मंदिर को टीले वाले हनुमान जी का मंदिर भी कहा जाता है। यह हनुमान मंदिर पूरे अलवर शहर में प्रसिद्ध है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
बायोडायवर्सिटी प्रतापवन - Biodiversity Pratapavan
बायोडायवर्सिटी प्रतापवन अलवर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक वातावरण में, सुंदर गार्डन देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको तालाब, झरना, पहाड़, का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां वॉच टावर और ट्रीहाउस भी बना हुआ है, जो बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर आपको जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आयुर्वेदिक प्लांट लगाए गए हैं। यह जगह अरावली पर्वत के बीच में स्थित है। आप यहां आकर पिकनिक मना सकते हैं। यहां योगा एरिया भी है, जहां पर आप योगा कर सकते हैं।
फतेह जंग का मकबरा अलवर - Fateh Jung's Tomb Alwar
फतेह जंग का मकबरा अलवर का एक मुख्य ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। फतेह जंग का मकबरा अलवर रेलवे स्टेशन के पास ही में स्थित है। आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं। यह मकबरा चौकोर आकार में बना हुआ है। यह मकबरा 5 मंजिला है। फतेहजंग, मुगल बादशाह शाहजहां के मंत्री थे। यह मकबरा बहुत सुंदर है। मकबरे के अंदर आपको पेंटिंग भी देखने के लिए मिलती है। मकबरे के अंदर आपको कब्र देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
नीलकंठ शिव मंदिर व प्राचीन अवशेष अलवर - Neelkanth Shiva Temple and Ancient Remains Alwar
नीलकंठ शिव मंदिर एवं प्राचीन अवशेष अलवर का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर अलवर पहाड़ियों के पास टहला गांव के पास स्थित है। आपको यहां पर एक प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर आपको मंदिरों के भग्नावशेष देखने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर की देखभाल पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही है। इस मंदिर में आपको सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। मंदिर की दीवारों, छतों और पिलर में सुंदर नक्काशी की गई है।
मंदिर के अंदर, गर्भ ग्रह में काले कलर का शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। यह शिवलिंग बहुत बड़ा है और बहुत सुंदर लगता है। इस मंदिर की दीवारों में कामुक प्रतिमाएं देखने के लिए मिल जाती हैं। इस मंदिर की दीवारों में देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनी हुई है।
जयसमंद झील अलवर - Jaisamand Lake Alwar
जयसमंद झील अलवर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील के किनारे आपको बहुत सारे सुंदर छतरियां देखने के लिए मिलती है, जो रेड सेंडस्टोन से बनी हुई है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। इस झील का निर्माण पानी को एकत्र करने के लिए किया गया था। बरसात में इस झील का नजारा बहुत सुंदर रहता है।
भानगढ़ का किला - Bhangarh Fort
भानगढ़ का किला अलवर जिले के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। भानगढ़ का किला एक प्राचीन स्थल है। भानगढ़ का किला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। भानगढ़ का किला भारत की भूतिया जगह में से एक है। कहा जाता है, कि इस किले में रात के समय कोई भी नहीं रुकता है, क्योंकि इस किले में भूत रहते हैं। इस किले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जो प्राचीन हैं और बहुत सुंदर है। आपको यहां किले के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। भानगढ़ नगर की स्थापना आमेर के राजा भगवत दास जी ने 16वीं शताब्दी में की थी, जिसे बाद में राजा मान सिंह के भाई माधो सिंह की रियासत की राजधानी बना दिया गया था।
भानगढ़ का किला में आपको केशवराय मंदिर, पुरोहित जी की हवेली, सोमेश्वर मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, गणेश मंदिर, मकबरा, अजमेरी गेट, लाहौरी गेट, दिल्ली गेट, वॉच टावर, राज महल, मंगला देवी मंदिर, जोहरी बाजार देखने के लिए मिलता है। यह सभी जगह अब खंडहर अवस्था पर यहां पर मौजूद है। यहां पर आपको बावड़ी भी देखने के लिए मिलती है। भानगढ़ पैलेस में आने के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर आप जयपुर से आराम से पहुंच सकते हैं और इस जगह को घूम सकते हैं।
योगी भर्तहरि नाथ मंदिर अलवर - Yogi Bharathari Nath Temple Alwar
योगी भर्तहरि नाथ मंदिर अलवर शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। योगी भरथरी नाथ एक महान संत थे। योगी भरथरी नाथ उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भाई थे। उन्होंने अपने जीवन में राजा के रूप में कार्य किया और उसके बाद उन्होंने सन्यास ग्रहण किया और सन्यासी बन गए। यहां पर आपको संत भर्तहरि नाथ जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है और भरथरी नाथ जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर उनकी समाधि बनाई गई है। यह जगह बहुत खूबसूरत है। यह जगह चारों तरफ से पहाड़ों से घिरी हुई है। यहां पर आपको बहुत सारे बंदर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
यहां पर बहुत सारे श्रद्धालु आकर संत भरथरी दास जी के दर्शन कर सकते करते हैं। यहां पर आपको एक प्राकृतिक कुंड देखने के लिए मिलता है, जिसमें से जल बहता रहता है और बहुत सारे श्रद्धालु यहां पर आकर जल में स्नान करते हैं। यह पर एक गुफा भी देखने के लिए मिलती है, जो प्राकृतिक है। यह जगह चारों तरफ से ऊंची ऊंची पहाड़ियों से घिरी हुई है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी है। जिन्हें आप चने खिला सकते हैं। यह जगह अजमेर जयपुर हाईवे सड़क में इन्दोक नाम की जगह पर स्थित है। यह अलवर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है।
सिलीसेढ़ महल और सिलीसेढ़ झील अलवर - Silisedh Palace and Silisedh Lake Alwar
सिलीसेढ़ महल और सिलीसेढ़ झील अलवर शहर का एक मुख्य टूरिस्ट स्पॉट है। सिलीसेढ़ महल अलवर शहर में, अलवर जयपुर राजमार्ग से थोड़ी ही दूरी पर सिलीसेढ़ नाम की जगह पर स्थित है। सिलीसेढ़ महल पहाड़ों के बीच में बना है, जिसे देखकर ऐसा लगता है, कि जैसे यह पहाड़ों के बीच में लटका हुआ है। सिलीसेढ़ महल के पास ही सिलीसेढ़ झील देखने के लिए मिलती है, जिसका दृश्य बहुत ही अद्भुत लगता है। इस झील में बोटिंग का मजा लिया जा सकता है। यहां बोटिंग के प्राइस अलग-अलग रहते हैं। मगर बोटिंग करने में बहुत मजा आता है।
सिलीसेढ़ झील में मगरमच्छ भी है। झील में तैरना मना है। यहां सिलीसेढ़ महल में एक छोटा सा रेस्टोरेंट है, जहां पर आपको चाय, कॉफी और खाने पीने का सामान मिल जाता है। यहां पर बहुत अच्छा समय बिताया जा सकता है। सिलीसेढ़ महल में प्रवेश के लिए टिकट लिया जाता है। बरसात के समय यह जगह और भी ज्यादा खूबसूरत होती है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी हैं।
नाल्देश्वर मंदिर अलवर - Naldeshwar Temple Alwar
नाल्देश्वर मंदिर अलवर शहर में स्थित एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर जयपुर अलवर हाइवे सड़क से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यह मंदिर कुशलगढ़ में स्थित है। यहां पर आपको प्राकृतिक वातावरण देखने के लिए मिलता है। यह जगह बरसात में बहुत सुंदर लगती है। यहां पर एक प्राकृतिक गुफा है, जहां पर शिवलिंग विराजमान है। यहां पर आकर बरसात के समय झरना देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर लगता है। यह अलवर की सबसे अच्छी जगह है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर - Sariska Tiger Reserve Alwar
सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको मुख्य रूप से टाइगर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर टाइगर को संरक्षित करके रखा गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में आप अगर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको जिप्सी की बुकिंग करवानी पड़ती है, जिसके लिए आप ऑनलाइन जाकर जिप्सी की बुकिंग करवा सकते हैं। सरिस्का टाइगर रिजर्व में एंट्री करने के लिए दो गेट है। सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर से करीब 35 किलोमीटर दूर है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व में आपको टाइगर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको चित्तीदार हिरण, नीलगाय, मोर, मगरमच्छ, लंगूर, जंगली सूअर और भी बहुत सारे जानवर देखने के लिए मिलते हैं। सरिस्का टाइगर रिजर्व को 1958 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। यहां पर आपको एक म्यूजियम भी देखने के लिए मिलेगा, जहां पर बहुत सारे जानवरों के बारे में जानकारी दी गई है। यहां पर आपको एक छोटी सी कैंटीन भी देखने के लिए मिलती है, जहां पर चाय कॉफी और खाने का सामान मिल जाता है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में आपको जंगल का भी सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको वनस्पति की बहुत सारी ऐसी प्रजातियां देखने के लिए मिलेगी, जिसे आप और कहीं भी नहीं देख सकते थे। यहां पर ऊंचे ऊंचे पहाड़ और नदियों का भी शानदार दृश्य रहता है। यह अलवर में घूमने लायक एक प्रमुख जगह है।
नारायणी माता मंदिर अलवर - Narayani Mata Mandir Alwar
नारायणी माता मंदिर अलवर शहर का एक प्रमुख मंदिर है। नारायणी माता सेन सोसाइटी की कुलदेवी है। यह मंदिर अलवर में रुंध में स्थित है। यह मंदिर अलवर जयपुर राजमार्ग पर स्थित है। नारायणी माता मंदिर जयपुर अलवर राजमार्ग के पास में स्थित है। यह मंदिर प्राकृतिक परिदृश्य में स्थित है। यहां पर चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ देखने के लिए मिलते हैं और बीच में यह मंदिर बना हुआ है। मंदिर के गर्भ गृह में नारायणी माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर का गर्भ ग्रह रंगीन कांच से सजा हुआ है।
नारायणी माता मंदिर में दो कुंड देखने के लिए मिलते हैं। इन कुंडों का पानी प्राकृतिक तरीके से आता है। इन कुंडों के पानी में सभी लोग स्नान करते हैं। यहां पर भंडारा भी होता है, जिसका खाना बहुत स्वादिष्ट रहता है। यहां पर ठहरने के लिए धर्मशाला भी है, जहां पर श्रद्धालु रुक सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
गरवाजी जलप्रपात अलवर - Garwaji Falls Alwar
गरवाजी जलप्रपात अलवर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह प्राकृतिक स्थल है। यह जगह ऊंची ऊंची चट्टानों से घिरी हुई है। यहां पर चट्टानों के बीच में सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए, चट्टानों में बनी सीढ़ियों से उतर कर आना पड़ता है और यहां पर झरना देखने के लिए मिलता है। यहां पर ऊपर की तरफ मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। यहां पर आकर शांति मिलती है।
यहां पर जो पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। उनकी बनावट कुछ अलग प्रकार की लगती है। यह जगह बहुत सुंदर है। यह जगह सिलीसेढ महल से करीब 10 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर अपने वाहन से पहुच सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर बहुत सारे बंदर हैं, जो यहां वहां घूमते रहते हैं। इसके अलावा झरने के पानी में बहुत सारी रंग बिरंगी मछलियां देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर आप आकर दिन के समय घूम सकते हैं। यह अलवर में देखने लायक जगह है।
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