वैशाली जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Vaishali / वैशाली जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
वैशाली बिहार राज्य का एक मुख्य जिला है। वैशाली बिहार राज्य की राजधानी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर है। वैशाली जिले की मुख्य नदी गंडक नदी है। गंडक नदी वैशाली शहर के बीचोबीच से बहती है। वैशाली जिले में बाया नदी भी बहती है। वैशाली शहर मुख्य रूप से गौतम बुद्ध के कारण प्रसिद्ध है। यहां पर देश और विदेशों से भी पर्यटक वैशाली में घूमने के लिए आते हैं। यहां पर बौद्ध स्तूप, बौद्ध बिहार, अशोक स्तंभ, बौद्ध मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। वैशाली जिले का नाम विशाल राजा के नाम पर रखा गया है। वैशाली शहर में, प्राचीन समय में आम्रपाली नाम की नृत्यांगना थी, जो बहुत प्रसिद्ध थी और जिन्होंने गौतम बुद्ध की शरण में आकर सन्यास ग्रहण किया था। वैशाली में घूमने की बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - वैशाली में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
वैशाली में घूमने की जगह - Vaishali me ghumne ki jagah
बौद्ध स्तूप एवं अशोक स्तंभ वैशाली - Buddhist Stupa and Ashoka Pillar Vaishali
बौद्ध स्तूप एवं अशोक स्तंभ वैशाली का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह वैशाली जिले में कोल्हुआ में स्थित है। यहां पर आपको अशोक स्तंभ देखने के लिए मिलता है। अशोक स्तंभ लाल बलुआ पत्थर पर बना हुआ है। यह स्तंभ पूरी तरह से पॉलिश है और चमकदार है। स्तंभ के ऊपरी सिरे में आपको शेर की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। शेर की प्रतिमा बैठी हुई अवस्था में है। अशोक स्तंभ की स्थापना सम्राट अशोक के द्वारा की गई थी। यह स्तंभ 2000 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां पर आपको बहुत सारे स्तूप देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर आपको बहुत सारे सुंदर-सुंदर स्मारक देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा स्तूप देखने के लिए मिलता है। स्तूप की आस पास छोटे-छोटे मनौती स्तूप बनाए गए हैं। वह भी आप देख सकते हैं। यहां पर एक तालाब बना हुआ है और यहां पर बहुत बड़ा बगीचा है। इस बगीचे को बहुत अच्छी तरह से मैनेज किया गया है। बौद्ध स्तूप एवं अशोक स्तंभ परिसर में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर एक भारतीय व्यक्ति का 25 रूपए लिया जाता है और विदेशी व्यक्तियों के 300 रूपए लिया जाता है। यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। यहां पर अच्छा लगेगा और आपको बहुत सारी जानकारियां मिलती हैं।
म्यानमार बौद्ध मंदिर वैशाली - Myanmar Buddhist Temple Vaishali
म्यानमार बौद्ध मंदिर वैशाली शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर में म्यानमार मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की वास्तुकला देखने में बहुत सुंदर लगती है। यह मंदिर बौद्ध भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर वैशाली में अशोक पिलर के पास बखरा में स्थित है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
श्री चौमुखी महादेव मंदिर वैशाली - Shri Chaumukhi Mahadev Temple Vaishali
श्री चौमुखी महादेव मंदिर वैशाली का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वैशाली में कम्मन छपडा में स्थित है। इस मंदिर में आपको प्राचीन शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग के आपको चार मुख देखने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग बहुत प्राचीन है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर महाशिवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह बना हुआ है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं।
भगवान महावीर जन्मस्थली वैशाली - Lord Mahavir Birthplace Vaishali
भगवान महावीर जन्म स्थली वैशाली शहर का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह जैन धार्मिक स्थल है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें जैन तीर्थकार है। यह स्थल वैशाली में वासोकुंड में स्थित है। यहां पर आपको भगवान महावीर के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है। यहां पर बहुत सुंदर मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर सफेद कलर का है और बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्थाएं हैं।
मंदिर के बाहर सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप घूम सकते हैं। मंदिर के अंदर, मंदिर की दीवारें, खिड़कियां में नक्काशी देखने के लिए मिलती है। मंदिर के अंदर महावीर भगवान जी की सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां महावीर भगवान जी की सफेद रंग की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। महावीर भगवान इस प्रतिमा में बैठी हुई अवस्था में है। यहां पर आकर अच्छा लगता है और शांति मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह वैशाली में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
नेपाली छावनी मंदिर वैशाली - Nepali Chhawni Temple Vaishali
नेपाली छावनी मंदिर वैशाली शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वैशाली जिले में हाजीपुर में स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर हाजीपुर में कोनहारा में स्थित है। यहां पर आपको कोनहारा घाट का सुंदर व्यू देखने के लिए मिलता है। यहां आकर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह वैशाली की सबसे अच्छी जगह है। यह मंदिर नेपाली स्टाइल में बना हुआ है। यह मंदिर गंडक नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत सुंदर है। यह मंदिर करीब 550 साल पुराना है। इस मंदिर का स्ट्रक्चर पशुपतिनाथ मंदिर के समान है।
इस मंदिर में आपको खजुराहो और अजंता के समान सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर स्तंभों में नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको गंडक नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।
रामचौरा मंदिर वैशाली - Ramchaura Temple Vaishali
रामचौरा मंदिर वैशाली में हाजीपुर में स्थित है। यह मंदिर वैशाली में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह मंदिर श्री राम जी को समर्पित है। यहां पर रामायण काल में, श्री राम जी गंगा नदी को पार करके, यहां पहुंचे थे। यहां पर आपको श्री राम जी के चरण चिन्ह देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यहां रामनवमी के समय बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता है।
बाबा हरिहर नाथ मंदिर वैशाली - Baba Harihar Nath Temple Vaishali
बाबा हरिहर नाथ मंदिर वैशाली के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वैशाली में सोनपुर में स्थित है। सोनपुर गंडक नदी के किनारे बसा हुआ है। बाबा हरिहर नाथ मंदिर एक बहुत ही अद्भुत मंदिर है। इस मंदिर में आपको विष्णु भगवान जी और शिव भगवान जी दोनों ही भगवान के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह बहुत कम जगह ही देखने के लिए मिलता है, कि दोनों देवता एक ही स्थान पर विराजमान मिलते हैं।
यहां पर आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और विष्णु भगवान जी के लिए दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। पूरा मंदिर रंग बिरंगा है और देखने में बहुत आकर्षक लगता है। यहां पर आकर आप मंदिर में पूजा कर सकते हैं। इसके साथ साथ ही आप यहां पर गंडक नदी में नौकायन का भी मजा ले सकते हैं। यहां पर आप मोलभाव करके ही नौकायान करने के लिए जाएं। यहां पर आप बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
सोनपुर का मेला - Sonpur fair
सोनपुर का मेला एक प्रसिद्ध मेला है। यह मेला हर साल नवंबर और दिसंबर के समय कार्तिक पूर्णिमा में लगता है। यह मेला पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। यह मेला वैशाली जिले के पास सोनपुर में लगता है। सोनपुर सारण जिले के अंतर्गत आता है। यहां पर बहुत बड़ा पशु मेला लगता है, जिसमें सभी प्रकार के पशु कि आप खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। मेले में आपको बहुत सारे दुकानें और झूले देखने के लिए मिलते हैं, जहां पर आप इंजॉय कर सकते हैं।
राजा विशाल के गढ़ का भग्नावशेष - Ruins of the fort of lichhavi king vishal Vaishali
राजा विशाल का गढ़ वैशाली का एक मुख्य स्थल है। यहां पर आपको एक किले के भग्नावशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह भग्नावशेष राजा विशाल के किले के हैं। यहां पर एक समय पर विशाल किला हुआ करता था। राजा विशाल छठवीं शताब्दी के एक महान राजा थे और वैशाली राज्य में शासन करते थे। वैशाली जिले का नाम विशाल नाम से ही लिया गया है।
यह किला समय के साथ पूरी तरह से खंडित हो गया है और इसके अब अवशेष ही देखे जा सकते हैं। यह किला बहुत अच्छी तरह से मैनेज किया गया है। यहां पर बगीचा बना दिया गया है। आप यहां पर घूम सकते हैं और इस किले को देख सकते हैं। माना जाता है, कि यह प्राचीन समय की पार्लियामेंट हुआ करती थी। यह वैशाली में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
विश्व शांति स्तूप वैशाली - Vishwa Shanti Stupa Vaishali
विश्व शांति स्तूप वैशाली का एक मुख्य स्थल है। यह स्तूप बहुत सुंदर है। यह स्तुत सफेद रंग का है और स्तूप के चारों तरफ बुद्ध भगवान जी की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा गुंबद देखने के लिए मिलता है। गुंबद का व्यास 20 मीटर है। यह गुंबद एक प्लेटफार्म के ऊपर बना हुआ है। इस स्तूप की ऊंचाई 38 मीटर है। यह स्तूप विश्व शांति के लिए बनाया गया है। ताकि पूरे विश्व में शांति रहे। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है और यहां पर बुद्ध भगवान जी की अलग-अलग प्रतिमाओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
विश्व शांति स्तूप का निर्माण भारत और जापान सरकार के सहयोग के द्वारा 1969 में करवाया गया था। इस पगोडा का निर्माण जापान के बौद्ध धर्म के फुजीई गुरु के अनुसार करवाया गया था। इस स्तूप के पास ही में आपको एक बड़ा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जिससे अभिषेक पुष्करणी तालाब के नाम से जाना जाता है। यह तालाब बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह तालाब बहुत सुंदर है और आप यहां पर आ कर इंजॉय कर सकते हैं। आप तालाब के पास बैठ सकते हैं।
वैशाली पुरातत्व संग्रहालय वैशाली - Archaeological Museum Vaishali
वैशाली पुरातत्व संग्रहालय वैशाली जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर वैशाली और अन्य जगह से उत्खनन से प्राप्त वस्तुओं का संग्रह किया गया है। इस म्यूजियम की स्थापना 1971 में की गई थी। इस म्यूजियम में आपको पत्थर से बने सामान, टेराकोटा के सामान, इंसान और जानवरों के चित्र, हड्डियों और शैल से बने हुए आभूषण, मूर्तियाँ, प्राचीन आभूषण, बर्तन और भी बहुत सारी चीजें देखने के लिए मिलती हैं।
यह संग्रहालय सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक खुला रहता है। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए 10 रूपए का शुल्क लिया जाता है। यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। आपको यहां पर बहुत सारी प्राचीन साइट देखने के लिए मिलती है। यह संग्रहालय वैशाली में, अभिषेक पुष्करणी तालाब के पास में बना हुआ है। संग्रहालय के बाहर सुंदर गार्डन देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको बहुत सारी जगह के मिनिएचर स्टेचू भी देखने के लिए मिल जाते हैं। आप यहां पर आकर बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
बुद्धिस्ट बेल वैशाली - Buddhist Bell Vaishali
बुद्धिस्ट वेल वैशाली शहर में अभिषेक पुष्करणी तालाब के पास में स्थित एक मुख्य स्थल है। यहां पर आपको एक बड़ी सी घंटी देखने के लिए मिलती है। इस घंटी में बहुत सारी भाषाओं में कुछ जानकारी लिखी हुई है और यहां पर बुद्ध भगवान जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत बड़ा गार्डन भी बना हुआ है। आप यहां पर घूम सकते हैं।
बुद्ध अस्थि कलश स्तूप वैशाली - Buddha asthi kalash stupa Vaishali
बुद्ध अस्थि कलश स्तूप वैशाली का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर बुद्ध भगवान जी के अस्थि अवशेषों को स्तूप में संभाल कर रखा गया है। यह स्तूप 8 अस्थि अवशेषों में से एक है। यह स्तूप वैशाली के लिच्छवी शासक के द्वारा बनवाया गया था। इस स्तूप का उत्खनन करवाया गया था, जिससे यहां पर बहुत सारी वस्तुएं प्राप्त की गई थी। जब कुशीनगर में भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था, तो उनके अस्थि अवशेषों पर अधिकार के लिए विवाद उत्पन्न हो गया था।
जिसके फल स्वरुप भगवान बुद्ध के अस्थि के 8 भाग किए गए और उनके अवशेषों को यहां पर स्तूप में दफन किया गया। यहां पर उत्खनन किया गया था, जिससे यहां पर बहुत सारी वस्तुएं प्राप्त हुई थी। यहां पर पहले मिट्टी का स्तूप बना हुआ था। जिसे बाद में ईटों से अच्छादित कर दिया गया था। यहां पर अब सुंदर बगीचा बना हुआ है, जहां पर आप घूम सकते हैं। यह बुद्ध भगवान जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए भी मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और ध्यान करते हैं। यह जगह बहुत अच्छी है और बहुत शांत है।
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