पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिला के दर्शनीय स्थल - Places to visit in East Champaran (Motihari) / पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिला के आसपास घूमने वाले प्रमुख जगह
पूर्वी चंपारण बिहार राज्य का एक मुख्य जिला है। पूर्वी चंपारण बिहार राज्य की राजधानी पटना से करीब 155 किलोमीटर दूर है। पूर्वी चंपारण बिहार राज्य में भारत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। पूर्वी चंपारण में बूढ़ी गंडक नदी बहती है। पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है। पूर्वी चंपारण में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - पूर्वी चंपारण में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में घूमने की जगह - East Champaran (Motihari) me ghumne ki jagah
महात्मा गांधी सत्याग्रह स्मारक मोतिहारी - Mahatma Gandhi Satyagraha Memorial Motihari
महात्मा गांधी सत्याग्रह स्मारक मोतिहारी का एक प्रमुख स्थल है। यह स्थल मुख्य शहर में स्थित है। यहां पर आपको एक स्मारक देखने के लिए मिलता है, जहां पर महात्मा गांधी जी से संबंधित बहुत सारी वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है। यहां पर आपको लाल पत्थर और मार्बल से बना हुआ एक स्मारक देखने के लिए मिलता है, जिसमें गांधी जी की तस्वीरें और बहुत सारे विचार लिखे गए हैं। यहां पर आपको बहुत सारी जानकारी मिलती है।
यहां पर छोटा सा पार्क बना हुआ है, जहां पर आप बहुत सारी एक्टिविटी कर सकते हैं। पार्क को अच्छी तरह से मेंटेन करके रखा गया है। यहां पर झूले हैं, जो बच्चों को बहुत आनंद देते हैं। यहां पर बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों के स्टेचू भी देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह अच्छी है और आपको यहां पर जरूर घूमना चाहिए। इस स्मारक को सत्याग्रह स्मारक के नाम से भी जाना जाता है। यह पूर्वी चंपारण में घूमने लायक जगह है।
चरखा पार्क मोतिहारी - Charkha Park Motihari
चरखा पार्क मोतिहारी जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको एक सुंदर पार्क देखने के लिए मिलता है। यहां गांधी जी की याद में बनाया हुआ एक संग्रहालय भी देखने के लिए मिलता है। इस संग्रहालय में गांधीजी से संबंधित बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको चरखे का एक नमूना भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर गांधी जी के बारे में आपको बहुत सारी जानकारी मिल जाती है। यह पार्क मोतिहारी बस स्टैंड के पास ही में स्थित है। यह एक हिस्टोरिकल प्लेस है और आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
बौद्ध स्तूप केसरिया मोतिहारी - Buddhist Stupa Kesaria Motihari
बौद्ध स्तूप केसरिया मोतिहारी का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह स्थल पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह विश्व का सबसे बड़ा स्तूप है। यह स्तूप 6 स्तरों में बना हुआ है और वृत्ताकार है। यह स्तूप ईटों एवं मिट्टी के गारे से निर्मित किया गया है। इसके शीर्ष लगभग 12 मीटर ऊंचा तथा 22 मीटर व्यास वाला बेलनाकार विशाल अंड भाग है। स्तूप की कुल ऊंचाई लगभग 31.5 मीटर तथा व्यास लगभग 12.3 मीटर है। यह स्तूप मोतिहारी जिले में केसरिया प्रखंड में स्थित है। यह स्तूप मुख्य सड़क पर बना हुआ है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आप अपनी गाड़ी से आ सकते हैं। यहां पर पार्किंग की व्यवस्था भी है। यहां पर सरकार के द्वारा सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। यहां पर देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
यह बौद्ध स्तूप उस स्थल पर बना हुआ है, जहां पर भगवान बुद्ध ने अपना दान पात्र उन अनुयायी भिक्षुओं को दिया था, जो वैशाली में बुद्ध द्वारा दिए गए अंतिम प्रवचन में आसन्न निर्वाण की घोषणा सुनकर, उनका अनुगमन कर रहे थे। इस स्तूप का निर्माण दो काल खंडों में हुआ है। मूलतः शुंग कुषाण काल में निर्मित स्तूप को गुप्त काल में संवर्धित किया गया है। इस स्तूप का उत्खनन 1998 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्रारंभ किया गया था। इस स्तूप की खोज मैकेंजी ने 1814 में तथा उसके बाद अलेक्जेंडर कनिंघम ने 1861 में की थी।
इस स्तूप को केसरिया स्तूप के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको गार्डन देखने के लिए मिलता है और इस गार्डन को अच्छी तरह से मैनेज करके रखा गया है। इस स्तूप में ऊपर चढ़ने की मनाही है। यहां पर आपको बहुत सारी बुद्ध प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमाएं खंडित अवस्था में है। यह स्तूप पांचवी शदी में बना हुआ था। आप यहां पर आ कर घूम सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और यहां आपको बहुत सारी जानकारियां मिलती हैं। यह मोतिहारी में घूमने वाली एक प्रमुख जगह है।
मोती झील मोतिहारी - Moti Lake Motihari
मोतीझील मोतिहारी में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। मोतीझील मोतिहारी मुख्य शहर में स्थित है। यह झील बहुत बड़ी है। इस झील में आपको बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप बैठ कर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह पूर्वी चंपारण की सबसे अच्छी जगह है।
जॉर्ज आरवेल का जन्म स्थान मोतिहारी - George Arwell's birth place Motihari
जॉर्ज आरवेल का जन्म स्थान मोतिहारी का एक प्रमुख स्थल है। जॉर्ज आरवेल को एरिक ऑर्थर ब्लेयर के नाम से भी जाना जाता था। यह एक प्रसिद्ध लेखक थे। यह रिचर्ड डब्ल्यू ब्लेयर एवं ईदा की 2nd संतान थे। यह मोतिहारी में सत्याग्रह पार्क के पास में बना हुआ है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
अशोक स्तंभ मोतिहारी - Ashoka Pillar Motihari
अशोक स्तंभ मोतिहारी का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह अशोक स्तंभ मोतिहारी में अरेराज में लौरिया गांव में स्थित है। यह स्तंभ प्राचीन है। इस स्तंभ को संरक्षित करने के लिए यहां पर चारों तरफ बाउंड्री बनाई गई है और यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। इस स्तंभ की उतना ज्यादा देखरेख नहीं की जा रही है। यहां पर चारों तरफ पेड़ पौधे उग आए हैं। मगर आपको यहां पर एक बार जरूर घूमने के लिए आना चाहिए और इस स्तंभ को देखना चाहिए।
सोमेश्वरनाथ धाम अरेराज मोतिहारी - Someshwarnath Dham Areraj Motihari
सोमेश्वर नाथ मंदिर पूर्वी चंपारण का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर पूर्वी चंपारण जिले में, अरेराज में स्थित है। यह मंदिर अरेराज में, अरेराज तालाब के पास में बना हुआ है। यहां पर आपको मंदिर के अंदर गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। शिवलिंग की जलहरी चांदी की बनी हुई है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको हनुमान जी के दर्शन भी करने के लिए मिलते हैं।
यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर बहुत दूर-दूर से लोग शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। यहां पर आपको अरेराज तालाब भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर आपको दुर्गा जी का मंदिर भी देखने के लिए मिल जाता है। यह पूर्वी चंपारण में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
सीताकुंड मोतिहारी - Sitakund Motihari
सीताकुंड मोतिहारी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको एक मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में आपको सीता जी, राम जी, लक्ष्मण जी की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर शंकर जी के शिवलिंग के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह जगह मोतिहारी में पिपरा नाम की जगह पर स्थित है।
कहा जाता है, कि यहां पर श्री राम जी के विवाह के बाद, राम जी की बारात रात्रि विश्राम के लिए, इस स्थान पर रुके थे। इस जगह के बारे में, यह भी कहा जाता है, कि सीता जी के स्नान के लिए राम जी ने यहां पर कुंड का निर्माण कराया था। यह कुंड बहुत सुंदर लगता है। यह कुंड मोतिहारी जिले से करीब 20 किलोमीटर दूर है और आप यहां पर आ सकते हैं। यह पूर्वी चंपारण का आकर्षण स्थल है।
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