पश्चिमी चंपारण (बेतिया) जिला के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Paschimi Champaran (Bettiah) / पश्चिमी चंपारण (बेतिया) जिला के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
पश्चिमी चंपारण बिहार राज्य का एक मुख्य जिला है। पश्चिमी चंपारण बिहार की राजधानी पटना से करीब 174 किलोमीटर दूर है। पश्चिमी चंपारण बिहार राज्य में, भारत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। पश्चिमी चंपारण अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर ही गांधीजी ने नील आंदोलन चलाया था। पश्चिमी चंपारण का बाल्मिकीनगर माता सीता की शरण स्थली रहा है। पश्चिमी चंपारण का मुख्यालय बेतिया है। पश्चिमी चंपारण की प्रमुख नदी बूढ़ी गंडक है। इसके अलावा पश्चिमी चंपारण में और भी नदिया बहती है। यहां सिकरहना, पचनदा, मनेर, आदि नदियां बहती हैं। पश्चिमी चंपारण में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - पश्चिमी चंपारण में घूमने लायक कौन-कौन सी जगह है।
पश्चिमी चंपारण (बेतिया) में घूमने की जगह - Paschimi Champaran (Bettiah) Mein ghumne ki jagah
सागर पोखर शिव मंदिर बेतिया - Sagar Pokhar Shiv Temple Bettiah
सागर पोखरा शिव मंदिर बेतिया शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मुख्य बेतिया शहर में स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के सामने ही आपको एक बहुत बड़ा तालाब देखने के लिए मिलता है, जिसे सागर पोखर कहा जाता है।
इस तालाब का निर्माण बेतिया के महाराज के द्वारा किया गया था। यह मंदिर बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर आकर समय बिता सकते हैं। यहां पर छठ पूजा के समय बहुत सारे लोग आते हैं और पूजा करते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह मंदिर शिव भगवान जी का प्राचीन मंदिर है। यहां शिवरात्रि को बहुत भीड़ लगती है। यह पश्चिमी चंपारण में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
काली बाग मंदिर बेतिया - Kali Bagh Temple Bettiah
काली बाग मंदिर बेतिया जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण बेतिया नगर के राजा के द्वारा किया गया था। इस मंदिर के परिसर में एक तालाब देखने के लिए मिलता है। यह तालाब बहुत सुंदर है। तालाब के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है और यहां पर छठ पूजा के समय बहुत सारे लोग आते हैं और पूजा करते हैं। इस मंदिर में आपको काली जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको गार्डन भी देखने के लिए मिलता है, जहां पर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। इस मंदिर में आपको बहुत सारे हिंदू देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां आकर अच्छा लगता है। दशहरा में यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं। यह मंदिर मुख्य शहर में स्थित है और आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
संत घाट और मंदिर बेतिया - Sant Ghat and Temple Bettiah
संत घाट और मंदिर बेतिया जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको चंद्रवती नदी के किनारे सुंदर घाट देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर बैठ सकते हैं और नदी के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर मंदिर भी बना हुआ है, जो प्राचीन है और बहुत अच्छा लगता है। यहां पर छठ पूजा के समय बहुत भीड़ लगती है। बहुत सारे लोग यहां पर आते हैं। यह एक ऐतिहासिक जगह है।
उदयपुर वन्यजीव अभ्यारण पश्चिमी चंपारण - Udaipur Wildlife Sanctuary West Champaran
उदयपुर वन्य जीव अभ्यारण पश्चिमी चंपारण में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। इस अभ्यारण की स्थापना 1978 में की गई थी। यह अभ्यारण 8.74 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जीव देखने के लिए मिल जाते हैं। इस अभ्यारण के बीच में आपको झील देखने के लिए मिलती है। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है।
इस झील में विभिन्न प्रकार की मछलियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत सारे पक्षियों की प्रजातियां भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आकर आप अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको जंगली जानवर भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको हिरण, चत्तेदार हिरण, बंदर और बहुत सारे शाकाहारी जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यह पश्चिमी चंपारण में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है और आप अपना बहुत अच्छा समय यहां पर आकर बिता सकते हैं।यह पश्चिमी चंपारण में घूमने वाली मुख्य जगह है।
अशोक स्तंभ लौरिया नंदनगढ़ पश्चिमी चंपारण - Ashoka Pillar Lauria Nandangarh West Champaran
अशोक स्तंभ पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको अशोक स्तंभ देखने के लिए मिलता है। अशोक स्तंभ चुनार के बलुआ पत्थर से बना हुआ है। यह स्तंभ पॉलिश है। इस स्तंभ के ऊपरी सिरे पर सिंह की बैठी हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस स्तंभ में बुद्ध भगवान जी की बातों को ब्राम्ही लिपि में लिखा गया है। यह स्तंभ 10 मीटर ऊंचा है।
अशोक स्तंभ पश्चिमी चंपारण जिले में लौरिया नंदनगढ़ में स्थित है। यह मुख्य लौरिया नंदनगढ़ नगर से करीब 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पर आप आ सकते हैं। यहां पर स्थानीय लोग इस स्तंभ की पूजा करते हैं। स्तंभ के आसपास का क्षेत्र संरक्षित है और यहां पर गार्डन बना दिया गया है। स्तंभ के चारों तरफ से छोटे छोटे रॉड से घेर दिया गया है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इस स्तंभ को देख सकते हैं।
बौद्ध स्तूप पश्चिमी चंपारण - Buddhist Stupa Lauria Nandangarh West Champaran
बौद्ध स्तूप पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह स्तूप पश्चिमी चंपारण जिले के लौरिया नंदनगढ़ नगर में स्थित है। यह स्तूप खंडित अवस्था में, यहां पर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको एक बड़ा सा टीला देखने के लिए मिलता है, जिस का उत्खनन किया गया। उत्खनन के बाद, यहां पर किले के अवशेष एवं बहुत सारे मिट्टी के बने हुए स्तूप देखने के लिए मिले हैं। यहां पर नंदनवन राजा का किला हुआ करता था। यहां पर एक बहुत बड़ा किला है, जो अब धरती में समा गया है। यहां पर आपको एक विशाल टीला देखने के लिए मिलता है। जिस पर आप चढ़कर पूरे लौ रिया नंदनवन का दृश्य देख सकते हैं।
इस स्तूप की खोज सर अलेक्जेंडर कनिंघम ने 1862 में की थी। यहां पर आपको किले एवं स्तूप के भग्नावशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह बहुत ही अच्छी तरह से संरक्षित करके रखी गई है। यहां पर सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप घूम सकते हैं और स्तूप के भग्नावशेष को देख सकते हैं। यह पश्चिमी चंपारण में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। आप यहां पर आ कर इस जगह की सुंदरता को देख सकते हैं।
वाल्मिकी टाइगर रिजर्व पश्चिमी चंपारण - Valmiki Tiger Reserve West Champaran
वाल्मिकी टाइगर रिजर्व पश्चिमी चंपारण का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पश्चिमी चंपारण से करीब 80 किलोमीटर दूर है। यह टाइगर रिजर्व भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जीव देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर टाइगर का संरक्षण किया जाता है और यहां पर आपको टाइगर देखने के लिए मिल जाता है। इसके अलावा यहां पर आपको और भी बहुत सारे जंगली जीव देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप हिरण, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली बिल्ली, बंदर, गैंडा, हाथी और देख सकते हैं। यहां पर आपको पक्षियों की भी बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिल जाती है। वाल्मिकी टाइगर रिजर्व 1990 में देश का 18 टाइगर रिजर्व बनाया गया था। यहां पर आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग करवा सकते हैं। यहां पर आप आकर सफारी का मजा ले सकते हैं। यहां पर और भी बहुत सारी गतिविधियां हैं, जिनका आप लोग लुफ्त उठा सकते हैं।
यहां पर आपको जंगल सफारी, रिवर राफ्टिंग, बोटिंग, नेचर ट्रेल का मजा लेने के लिए मिलता है। इसके अलावा आप वॉच टावर से दूर दूर तक का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर आपको बाल्मीकि आश्रम, माई स्थान मदनपुर, कालेश्वर धाम, जटाशंकर मंदिर, नरदेवी मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको ठहरने के लिए जंगल कैंप, बंबू ट्री हाउस, टेंट हाउस मिल जाता है, जहां पर आप ठहर सकते हैं। यह जगह बहुत अच्छी है। यह पश्चिमी चंपारण में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
गंडक बैराज पश्चिमी चंपारण - Gandak Barrage West Champaran
गंडक बैराज पश्चिमी चंपारण जिले में बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। गंडक बैराज को बाल्मीकि बैराज के नाम से भी जाना जाता है। यह बैराज गंडक नदी पर बना हुआ है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यह बैराज भारत और नेपाल की सीमा पर बना हुआ है। यहां का नजारा सुंदर रहता है। बैराज के किनारे घूमने के लिए एक गलियारा बना हुआ है, जहां पर आप घूम सकते हैं और नदी, जंगल, पहाड़ों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। नदी में आपको मछलियां, कछुए, घड़ियाल देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर आप अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आप नौकायान का भी मजा ले सकते हैं। यह पश्चिमी चंपारण का मुख्य आकर्षण स्थल है।
कौलेश्वर मंदिर वाल्मिकीनगर - Kauleshwar Temple Valmikinagar
कौलेश्वर मंदिर पश्चिमी चंपारण में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पश्चिमी चंपारण में बाल्मीकि नगर जंगल के अंदर स्थित है। यह मंदिर गंडक नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आपको त्रिवेणी संगम देखने के लिए मिलता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर आपको एक शिलापट्ट देखने के लिए मिलता है, जिसमें इस मंदिर के बारे में जानकारी दी गई है। यह मंदिर 1200 साल पुराना है और इस मंदिर का निर्माण बेतिया महाराज के द्वारा किया गया है। यह जगह बहुत सुंदर है और आप यहां पर आकर, इस जगह का लुफ्त उठा सकते हैं।
इस मंदिर के परिसर में आपको काली जी, हनुमान जी की मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती हैं। यह जगह भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर के पास में, आपको जटाशंकर मंदिर और बाल्मीकि धाम आश्रम भी देखने के लिए मिलता है। वाल्मीकि धाम आश्रम इंडिया की सीमा के दूसरी तरफ नेपाल में स्थित है। आप यहां पर भी घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
चानकीगढ़ पश्चिमी चंपारण - Chankigarh West Champaran
चानकीगढ़ पश्चिमी चंपारण में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यहां पर आपको एक बड़ा सा टीला देखने के लिए मिलता है और किले के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह किला प्राचीन समय में चाणक्य का किला था। वह विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे। यह किला ईटों से बना हुआ है। अब इस किले के भग्नावशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह किला मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त के गुरु चाणक्य का है। इस किले का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा गार्डन देखने के लिए मिलता है। यह किला पश्चिमी चंपारण में स्थित है। यह किला पश्चिमी चंपारण में नरकटियागंज में स्थित है। आप यहां पर पहुंच सकते हैं और इस किले को देख सकते हैं। यह पश्चिमी चंपारण का पिकनिक स्पॉट है।
गांधी स्मारक संग्रहालय पश्चिमी चंपारण - Gandhi Memorial Museum West Champaran
गांधी स्मारक संग्रहालय पश्चिमी चंपारण का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह संग्रहालय पश्चिमी चंपारण में भितिहरवा गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। संग्रहालय में आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिलती है, जो गांधी जी और चंपारण के इतिहास से संबंधित है। यहां पर बहुत सारी गैलरी हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं। यहां पर सुंदर बगीचा बना हुआ है। यहां पर पुस्तकालय है, जहां पर आपको ढेर सारी पुस्तके मिल सकती हैं। इस जगह को भितिहरवा गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है।
गांधी स्मारक संग्रहालय मुख्यालय बेतिया से करीब 54 किलोमीटर दूर है। इस संग्रहालय की ऐतिहासिक घटना इस प्रकार है। गांधीजी अपने सहायकों के साथ यहां पर 27 अप्रैल 1917 को पहुंचे थे। यहां पर स्थानीय बाबा राम नारायण दास के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जमीन उपलब्ध कराई थी। 16 नवंबर 1917 को पाठशाला एवं कुटी का निर्माण यहां पर किया गया था। 20 नवंबर 1917 को मां कस्तूरबा बाई एवं अन्य सहायक यहां पर पधारे। बेलवा कोठी ए सी एमन साहब ने कुटी को आग लगा दी। सभी ने मिलकर कुटी का पुनर्निर्माण करवाया और आज हम कुटी को मुख्य स्मारक के रूप में, यहां पर देख सकते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और यहां पर आपको बहुत सारी जानकारियां मिलती हैं।
आदि शक्ति मां सहोदरा मंदिर पश्चिमी चंपारण - Adi Shakti Maa Sahodara Temple West Champaran
आदि शक्ति मां सहोदरा पश्चिमी चंपारण का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पश्चिमी चंपारण जिले के गौनोहा प्रखंड में स्थित है। यह मंदिर सहोदरा मां अर्थात सुभद्रा मां को समर्पित है। यह एक प्रमुख शक्तिपीठ है। यहां पर भारत और नेपाल के बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं और मां से प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है, कि मां सभी लोगों की इच्छाओं को पूरा करती है।
यहां पर आपको प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर का इतिहास बहुत ही रोचक रहा है। इस मंदिर को महाभारत काल से जोड़ा जाता है और इस मंदिर में प्राचीन समय से आज तक सिर्फ महिलाएं ही, इस मंदिर की पूजा करती हैं। माता को स्नान कराते हैं, उनके गहने और साडी पहनती है। इस मंदिर को लेकर कई पौराणिक कहानियां प्रसिद्ध है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
अशोक स्तंभ रामपुरवा पश्चिमी चंपारण - Ashoka Pillar Rampurwa West Champaran
अशोक स्तंभ रामपुरवा पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको दो अशोक स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं। इन अशोक स्तंभ के ऊपरी सिरे पर, एक स्तंभ पर वृषभ और दूसरे में सिंह की आकृति बनी हुई थी, जो अब टूट कर गिर गई है। यह विश्व में एक ऐसा स्थान है, जहां पर सम्राट अशोक ने दो स्तंभ स्थापित कराए थे।
इस जगह के बारे में, यह भी कहा जाता है, कि यहां पर भगवान बुद्ध ने अपने राजसी वस्त्र त्याग कर मुंडन करवाया था और सत्य की खोज के लिए निकल गए थे। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए भगवान बुद्ध की याद में, यहां पर 2 स्तंभों का निर्माण करवाया था। यहां पर आपको टूटे हुए स्तंभ देखने के लिए मिल जाते हैं। इस जगह का रखरखाव अच्छी तरह से नहीं किया जा रहा है। यह जगह पश्चिमी चंपारण जिले में गौनाहा प्रखंड के अंतर्गत आती है।
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