भारत का पहला मार्बल से बना हुआ मकबरा :- होशंगशाह का मकबरा और जामा मस्जिद मांडू (जामी मस्जिद मांडू) - Hoshang shah ka Maqbara aur Jama Masjid Mandu (Jami Masjid Mandu)
होशंग शाह का मकबरा मांडव शहर का एक प्रमुख आकर्षण स्थल है। यह मकबरा पूरी तरह संगमरमर का बना हुआ है और बहुत ही सुंदर लगता है। इस मकबरे के पास में प्रसिद्ध जामा मस्जिद है। इस मस्जिद को जामा मस्जिद या जामी मस्जिद के नाम से जाना जाता है। यह मस्जिद भी बहुत ही सुंदर है। होशंग शाह का मकबरा मुख्य मांडव शहर में स्थित है। इस मकबरे का गुंबद और जालीदार खिड़कियां बहुत ही सुंदर लगती हैं। होशंगशाह का मकबरा और जामा मस्जिद दोनों एक ही स्थान पर देखने के लिए मिलते हैं। यह दोनों ही बहुत सुंदर तरीके से बनाए हुए हैं। इस जगह को बहुत ही अच्छी तरह से मेंटेन किया गया है। यह दुनिया का पहला मकबरा था, जो संगमरमर से बना हुआ है। इस मकबरे को देखकर ही, शाहजहां ने ताजमहल बनाने की प्रेरणा ली थी और यहां पर अपने वास्तुकारों को भेजा था।
हम लोग के मांडू यात्रा में, नीलकंठ मंदिर घूमने के बाद, मांडू का प्रसिद्ध होशंगशाह का मकबरा और जामा मस्जिद देखने के लिए आए थे। नीलकंठ मंदिर से मुख्य मांडू शहर करीब 3 किलोमीटर दूर है। होशंग शाह के मकबरे के पास में बहुत सारे प्राचीन और धार्मिक स्मारक देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर प्रसिद्ध जैन मंदिर, राम जी का मंदिर, अशर्फी महल, होशंग शाह के मकबरे के आस पास में ही स्थित है। मगर सबसे पहले हम लोगों ने होशंग शाह के मकबरे में घूमने का सोचा। हम लोगों ने यहां पर टिकट ले लिया। यहां पर एक व्यक्ति का टिकट 25 रुपए का था। हम लोग दो लोग थे, तो हमारा 50 रुपए लगा। सबसे पहले हम लोगों को यहां पर जामा मस्जिद देखने के लिए मिली। मगर जामा मस्जिद में जाने से पहले हम लोगों ने पेट पूजा करी।
जामा मस्जिद के ठीक सामने बहुत सारे खाने पीने के दुकानें लगी हुई थी, जहां पर अलग-अलग प्रकार का खाना और जूस मिल रहा था। हम लोगों ने यहां पर फुलकी खाए और चाय पिया। उसके बाद हम लोग जामा मस्जिद घूमने के लिए गए। जामा मस्जिद के ठीक सामने अशर्फी महल बना हुआ है और जामा मस्जिद के बाहर ही पार्किंग के लिए जगह है। यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है और यहां पर कार और बाइक दोनों ही पार्क किया जा सकता है। हम लोग सीढ़ियों से चलकर जामा मस्जिद पहुंचे। यहां पर हमारी टिकट चेक हुई। उसके बाद हम लोग एक बड़े से स्मारक के अंदर गए। यह बहुत बड़ा हॉल था और इस हॉल में बहुत बड़ा गुंबद था। यहां पर जालीदार खिड़कियां बनी हुई थी, जो बहुत ही सुंदर लग रही थी। इन खिड़कियों से धूप आ रही थी। हम लोग यहां पर खड़े होकर बहुत सारी फोटो खींचे। उसके बाद हम लोग हॉल से जामा मस्जिद की तरफ जाने के लिए आगे बढ़े। तब हम लोगों को गार्डन देखने के लिए मिला।
जामा मस्जिद में गार्डन के बीच से रास्ता बना हुआ था और दोनों तरफ गार्डन बना था। गार्डन में नीचे घास बिछी हुई थी और फूल वाले पेड़ लगे हुए थे। गार्डन के एक तरफ सुंदर गैलरी बनाई गई थी, जिसके ऊपर छोटे-छोटे गुंबद बने हुए थे। जो बहुत ही सुंदर लग रहे थे। हम लोग गार्डन के रास्ते से होते हुए मस्जिद में गए। यहां पर हम लोगों को बहुत ही सुंदर स्तंभ देखने के लिए मिले। यह स्तंभ देखने में बहुत ही जबरदस्त लग रहे थे और यहां पर बहुत सारे लोग फोटोशूट करवाने के लिए आए थे। प्री वेडिंग फोटो शूट यहां पर हो रहे थे और यहां पर बहुत जबरदस्त फोटो आ रही थी।
मुख्य जामा मस्जिद में तीन बड़े गुंबद बने हुए हैं और छोटे-छोटे गुंबद बने हुए हैं। इसकी वास्तुकला बहुत ही जबरदस्त है। स्तंभों को देखने के बाद, हम लोग यहां पर मुसलमानों के जो पूजा स्थल रहते हैं। उनको देखा और यहां पर मार्बल का पूजा स्थल बना हुआ था और उसमें पत्थर लगा हुआ था। इस जगह को क्या कहते हैं, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मगर यह बहुत ही प्राचीन है, जो यहां के शासक थे। उनके द्वारा यह बनवाया गया था। यहां पर सीढ़ियां भी बनी थी। हम लोग यह सभी स्थल देखें, बहुत ही सुंदर लग रहे थे। जामा मस्जिद घूमने के बाद, हम लोग होशंग शाह का मकबरा घूमने के लिए गए। जामा मस्जिद के अंदर से ही हम लोग होशंग शाह के मकबरे में घूमने के लिए गए थे। यहां पर एक छोटा सा रास्ता है, जो जामा मस्जिद अंदर से होकर होशंग शाह मकबरे की तरफ जाता है। यहां पर रास्ते में बगीचा था और पक्का रास्ता बना हुआ था। हम लोग होशंग शाह के मकबरे में गए।
होशंग शाह का मकबरा चतुष्कोण (चौकोर आकृति) में बना हुआ है। यहां पर हम लोग गेट के अंदर प्रवेश किए, तो हम लोगों को गार्डन देखने के लिए मिला। प्रवेश द्वार से होशंग शाह के मकबरे का पीछे का भाग देखने के लिए मिलता है, जिसमें जालीदार खिड़कियां बनी हुई है और यह बहुत ही सुंदर लगता है। गार्डन के बीच में मकबरा बना हुआ है। गार्डन के एक तरफ बहुत ही सुंदर बरामदा बना हुआ है। इस बरामदे को धर्मशाला कहा जाता है, क्योंकि इसका वास्तुशिल्प हिंदू है। धर्मशाला में सुंदर खंभे बने हुए हैं। यहां पर फोटो बहुत ही जबरदस्त आती है। यहां पर बहुत सारे लोग फोटोग्राफी करवा रहे थे और यहां पर प्रोफेशनल फोटोग्राफ भी कर रहे थे। हम लोगों ने भी यहां पर दो-चार फोटो खींची।
होशंगशाह मकबरे में बरामदे में घूमने के बाद, हम लोग मकबरे में घूमने के लिए गए हो। होशंगशाह का मकबरा बहुत ही सुंदर लगता है। मकबरे को सामने से देखने पर इसका सुंदर प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलता है और प्रवेश द्वार के दोनों तरफ दो खिड़कियां बनी हुई है। खिड़कियों में जाली लगी हुई है, जिसमें अलग-अलग डिजाइन बने हुए हैं। यह बहुत ही सुंदर लगता है। होशंग शाह के मकबरे के ऊपर एक बड़ा गुंबद बना हुआ है और इसके चारों कोने पर छोटे-छोटे गुंबद बने हुए हैं।
मकबरा बाहर से और सामने से देखने पर बहुत ही जबरदस्त लगता है। होशंगशाह मकबरा एक ऊंचे मंडप के ऊपर बना हुआ है और मकबरे में चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। हम लोग सीढ़ियों में चढ़कर मकबरे के अंदर गए। मकबरा जितना बाहर से सुंदर लगता है, उतना अंदर से भी खूबसूरत है। मकबरे का बड़ा सा गुंबद बहुत ही आकर्षक लगता है। मकबरे की खिड़कियों की जो जालियां हैं, उनमें से धूप आ रही थी। हम लोगों ने इन खिड़कियों के पास बहुत सारी फोटो क्लिक करें और उसके बाद यहां पर कुछ टाइम हम लोग बैठे। यहां पर 6 कब्रे देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर होशंगशाह एवं उनके परिवारों की कब्र है। इनमें से एक कब्र बहुत अच्छी अवस्था में है और बाकी की कब्रों में थोड़ी टूट-फूट हो गई है।
हम लोग होशंगशाह के मकबरे से बाहर आए। यहां पर मकबरे के बाहर भी बहुत सारे प्री वेडिंग शूट चल रहे थे। यह कोई मकबरे के पास खड़े होकर अलग अलग पोज में फोटो खिंचा रहा था, तो कोई मकबरे के गेट में फोटो खिंचा रहा था। हम लोग होशंगशाह के मकबरे से बाहर आए। मकबरे के बाहर, थोड़ा आगे एक छोटा सा जल कुंड देखने के लिए मिलता है और यह जलकुंड प्राचीन समय का बना हुआ है। यह जल कुंड सुंदर है। इस कुंड के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है। जल कुंड के पास में पीपल का पेड़ लगा हुआ है। हम लोग यहां पर घूमने के लिए नहीं गए। अगर आप यहां घूमना चाहते हैं, तो जाकर घूम सकते हैं। हम लोग सीधे बाहर आ गए थे। जामा मस्जिद के बाहर, किनारे से रास्ता बना हुआ है। जहां से हम लोग सीधे बाहर आ गए। यहां पर हम लोगों को जामा मस्जिद का निचला हिस्सा भी देखने के लिए मिला। यहां पर लंबे-लंबे गलियारे बने हुए थे, जिसे घुमा जा सकता था। मगर हम लोग यहां पर नहीं गए। जामा मस्जिद और होशंग शाह का मकबरा घूमने में हम लोगों को करीब 30 से 45 मिनट करीब लग गए थे।
होशंग शाह का मकबरा एवं जामा मस्जिद का इतिहास - History of Jama Masjid and Tomb of Hoshang Shah
होशंग शाह का मकबरा एवं जामा मस्जिद मांडू का एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। इस मकबरे का कार्य होशंग शाह द्वारा प्रारंभ किया गया था तथा 1440 ईस्वी में महमूद खिलजी द्वारा इस मकबरे को पूरा किया गया। यह मकबरा एक पवित्र समाधि के रूप में विख्यात था। ताजमहल से संबंधित उस्ताद हामिद जैसे शिल्पी 1659 ईसवी में यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आए थे। होशंगशाह मालवा के प्रथम सुल्तान थे। इनका असली नाम अल्प खा था। यह मकबरा पूरी तरह संगमरमर से बना हुआ है। यह मकबरा मुगल और अफगान शैली में बना हुआ है। कुछ पुरातत्वविदों के अनुसार मकबरे में किसी को भी नहीं दफनाया गया है। होशंगशाह का वास्तविक मकबरा जन्मस्थली पर ही रहा है। होशंगशाह के मकबरे की तर्ज में ही ताजमहल को बनाया गया है। उस्ताद हमीद खां ने इस मकबरे का अच्छी तरह से अवलोकन किया। उसके बाद ताजमहल बनाया।
जामा मस्जिद का निर्माण मांडू के सुल्तान होशंगशाह गौरी ने आरंभ किया था और महमूद शाह खिलजी ने सन 1445 ईसवी में इसे पूर्ण किया था। भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में इस मस्जिद को भी गिना जाता है। इस मस्जिद में जाली और रंगीन टाइल्स का काम बहुत ही सुंदर तरीके से किया गया है। इसके पश्चिमी दीवाल की सुंदर कृति, मेहराबों तथा ऊंचे मंच से सुसज्जित किया गया है, जो कि हिंदू शैली का प्रतीक है।
होशंग शाह का मकबरा और जामा मस्जिद का प्रवेश शुल्क - Hoshang Shah's Tomb and Jama Masjid Entrance Fee
होशंग शाह का मकबरा और जामा मस्जिद में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर भारतीय एक व्यक्ति का 25 रुपए का शुल्क लिया जाता है। विदेशी नागरिक एक व्यक्ति का 300 रुपए का शुल्क लिया जाता है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए निशुल्क प्रवेश किया जाता है। वीडियो कैमरा का 25 रुपए लिया जाता है।
होशंग शाह का मकबरा कहां है - Where is Hoshang Shah's tomb
होशंग शाह का मकबरा धार जिले का मांडू में स्थित है। यह मुख्य मांडू शहर में स्थित है। मांडू धार जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर है। होशंगशाह का मकबरा मुख्य सड़क में स्थित है। यहां पर बाइक और कार से पहुंचा जा सकता है। यहां पर पार्किंग के लिए जगह है और पार्किंग का यहां पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है। मांडू पहुंचने के लिए धार, इंदौर और महेश्वर से सड़क माध्यम उपलब्ध है और यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क उपलब्ध है।
होशंगशाह का मकबरा की फोटो - Hoshang Shah's Tomb image
होशंग शाह का मकबरा के पीछे का साइड |
जामा मस्जिद का डिजाइन |
जामा मस्जिद का बाहर से दृश्य |
जामा मस्जिद का पूजा स्थल |
जामा मस्जिद की दीवार पर बने सुंदर खिड़की |
होशंग शाह मकबरे पर बने कब्र |
महेश्वर का किला
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