उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का रहस्य - Mystery of Ujjain's Mahakaleshwar Temple
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विराजमान है और इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। उज्जैन शहर को प्राचीन समय में अवंतिका के नाम से जाना जाता था। यहां पर राजा विक्रमादित्य का शासन था। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर प्रसिद्ध है और यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। आज हम उज्जैन शहर में विराजमान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में जानेंगे, कि उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापना कैसे हुई।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की यह विशेषता है, कि यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन सुबह के समय की जाने वाली भस्म आरती बहुत प्रसिद्ध है। यह आरती सुबह की जाती है। इस आरती के लिए आप ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। यह आरती शमशान की राख से की जाती है। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से आयु वृद्धि और आयु पर आए हुए संकट को टालने के लिए की जाती है। आप यहां पर आकर पूजा करवा सकते हैं।
महाकालेश्वर शिवलिंग की कथा - story of mahakaleshwar jyotirlinga
शिव पुराण के अनुसार उज्जैन नगरी में वेदप्रिय नाम के एक ब्राह्मण रहते थे, जो कि शंकर भगवान जी के परम भक्त थे। वेदप्रिय ब्राह्मण को शिवजी की पूजा करने के फलस्वरूप 4 पुत्र प्राप्त हुए थे, जिनके नाम थे - देवप्रिय, प्रियमेधा, संस्कृत और सुवत थे। चारों पुत्र तेजस्वी थे और उनमें माता-पिता के सद्गुण समाए हुए थे। एक बार दूषण नामक दैत्य, जिसको ब्रह्मा जी ने अजय होने का वरदान दिया था। उस दैत्य ने सेना सहित उज्जैन नगरी में पर आक्रमण किया और पूरे उज्जैन नगरी में हाहाकार मचा दिया। वेदप्रिय अपने चारों पुत्रों सहित भगवान शंकर का लिंग बनाकर अपनी रक्षा के लिए निरंतर पूजा करते रहे। दूषण राक्षस को मारने के लिए भगवान शंकर अपने विकराल और भयंकर रूप धारण करके महाकाल के रूप में प्रकट हो गए और दूषण दैत्य को सेना सहित भस्म कर दिया। भगवान शंकर ने वेदप्रिय ब्राह्मण को वर मांगने के लिए कहा, ब्राह्मण ने हाथ जोड़ कर विनम्रता पूर्वक कहा। दुष्टों को दंड देने वाले हे महाकाल, आप हमें इस संसार सागर से मुक्त कर दीजिये। हे महाकाल आप संसार कल्याण तथा उनकी रक्षा करने के लिए यही हमेशा के लिए विराजे। आप अपने दर्शनार्थी मनुष्यों को सदा उद्धार करते रहें और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित रहे।
उज्जैन वासी मानते हैं, कि भगवान महाकालेश्वर उनके राजा है और वह उज्जैन शहर की रक्षा कर रहे हैं।
यह रही उज्जैन के महाकालेश्वर शिवलिंग की कहानी
प्राचीन आबचंद की गुफाएं, गढ़ाकोटा, सागर
नीलकंठ मंदिर कालिंजर किला बांदा
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