शीतल गढ़ी एवं महेबा गेट मऊ सहानिया छतरपुर - Sheetal Garhi and Maheba Gate Mau Sahania Chhatarpur
शीतल गढ़ी एवं महेबा गेट छतरपुर का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको एक पुराना किला देखने के लिए मिलेगा, जिसे शीतल गढ़ी के नाम से जाना जाता है और यहां पर एक गेट भी बना हुआ है, जो इस किले का प्रवेश द्वार है। इस गेट को महेबा गेट कहते हैं। यह गेट और किला प्राचीन है और यहां पर यह दोनों खंडहर अवस्था में देखने के लिए मिलते हैं।
वैसे जब हम लोग शीतल गढ़ी एवं महेबा गेट पर घूमने के लिए गए थे। तब यहां पर कोई नहीं था। यहां पर बिल्कुल सुनसान था। हम लोग छतरपुर के मऊ सहानिया में घूमने के लिए अप्रैल के महीने में गए थे। उस टाइम यहां पर सुनसान था। सिर्फ मैं और मेरे साथी बस थे। हम लोग महेबा गेट से अंदर गए। महेबा गेट से अंदर जाकर, हमें बादल महल भी देखने के लिए मिला, जो ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है।
महेबा गेट के बारे में जानकारी - Information about Maheba Gate
महाराजा छत्रसाल के द्वारा महेबा नगरी की स्थापना सन 1671 ईसवी में की गई थी। महेबा की ओर जाने वाले मार्ग पर बने इस द्वार का निर्माण लगभग 1678 ईसवी में करवाया गया था। यह द्वार बहुत बड़ा है और बहुत सुंदर है और देखने में बहुत अच्छा लगता है। इस प्रवेश द्वार में आपको खिड़कियां देखने के लिए मिल जाती हैं। द्वार के आप आगे जाते हैं, तो आपको शीतल गढ़ी की तरफ जाने का रास्ता दिखता है।
हम लोग मऊ सहानिया के बहुत सारी जगह घूम लिए थे। उसके बाद हम लोग बादल महल जा रहे थे। मगर बादल महल में जाने के लिए पहाड़ी को चढ़ना था। मगर हमारी इतनी हिम्मत नहीं थी, कि हम पहाड़ी को चढ़े हैं। इसलिए हम लोग शीतल गढ़ी में घूमने के लिए गए। शीतल गढ़ी में आप अपनी गाड़ी से जा सकते हैं और आपकी गाड़ी डायरेक्ट शीतल गढ़ी के अंदर तक जा सकती है। यहां पर कोई भीड़ भाड़ नहीं थी, तो आप आराम से यहां पर घूम सकते हैं। हम लोग जब यहां पर गए, तो हम लोगों को सबसे पहले महेबा गेट देखने के लिए मिला। उसके बाद हम लोग अंदर गए, तो यहां पर शीतल गढ़ी देखने के लिए मिली।
शीतल गढ़ी एक किला है और यह किला अब खंडहर अवस्था में है। यहां पर आपको सुंदर प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलता है। हम इस किले के अंदर गए , तो दीवारों में आले देखने के लिए मिलते हैं। इन आलो में प्राचीन समय में कोई भी सामान रख दिया जाता था। यह आले बहुत ही सुंदर डिजाइन से बने हुए हैं। इसके साथ ही स्तंभ बने हुए हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। यहां पर ग्रामीण लोगों के द्वारा देवी देवताओं की भी स्थापना की गई है और पूजा की जाती है। हम लोग महल के पीछे की तरफ गए , तो पीछे की तरफ बहुत बड़ा आंगन है और इस आंगन के नीचे चीफ बिछी हुई है। आंगन के एक साइड में सुंदर गैलरी देखने के लिए मिलती है, जिसमें सुंदर प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलेंगे। आंगन के किनारे जाएंगे, तो खूबसूरत दृश्य देखने के लिए मिलेगा। शीतल गढ़ी बहुत ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए यहां पर आपको दूर-दूर तक का दृश्य देखने के लिए मिल जाएगा। यहां से आपको धुबेला झील और महाराजा छत्रसाल की समाधि देखने के लिए मिल जाती है। यहां से आपको पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।
शीतल गढ़ी रानी कमला पंत की समाधि के आगे स्थित है और आप यहां पर गाड़ी या कार से आराम से पहुंच सकते हैं। यहां पर जाने के लिए अच्छी सड़क आपको मिल जाती है। हम लोगों ने यहां पर घुमा और उसके बाद हम लोग महाराजा छत्रसाल की समाधि देखने के लिए चल दिए।
शीतल गढ़ी छतरपुर की फोटो - Photo of Sheetal Garhi Chhatarpur
शीतल गढ़ी की खंडहर दीवारें |
महेबा गेट |
शीतल गढ़ी के अंदर स्थित गैलरी |
शीतल गढ़ी के अंदर स्थित महल का भाग |
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