हिरन नदी जबलपुर मध्य प्रदेश - Hiran Nadi Jabalpur Madhya Pradesh
हिरण नदी मध्य प्रदेश के प्रमुख नदी है। हिरन नदी मध्य प्रदेश के जबलपुर और नरसिंहपुर जिले में बहती है। इस नदी के बारे में मध्य प्रदेश के अधिकतर लोगों को पता नहीं होगा। मगर यह नदी मध्य प्रदेश के बहुत से गांव एवं शहरों के शहरों की भूमि को पानी से सिंचित करती है। हिरण नदी नरसिंहपुर में हीरापुर के पास में नर्मदा नदी से मिल जाती है। हिरण नदी का सफर अर्थात हिरन नदी की उत्पत्ति जबलपुर के एक छोटे से नगर कुंडम से होती है। हिरण नदी जितने भूमि को सिंचित करती है। उसी तरह यह धार्मिक रूप से भी प्रसिद्ध है।
हिरण नदी के किनारे बहुत सारे धार्मिक स्थल एवं इन धार्मिक स्थलों में से दो स्थलों के बारे में मुझे जानकारी है। हिरण नदी के किनारे ही सतधारा में प्रसिद्ध मेला लगता है। यहां पर शिव जी का प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है और यहां पर मकर संक्रांति के समय बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है, जिसमें आसपास के गांव वाले एकत्र होते हैं। सतधारा में हिरण नदी सात धाराओं में बटी हुई देखने के लिए मिलती है। यहां पर हिरण नदी का दृश्य बहुत सुंदर दिखता है। यहां पर जो मेला लगता है। वह करीब 7 दिन तक चलता है। मेले में आपको झूला और बहुत सारी दुकानें देखने के लिए मिल जाती हैं। यह जो मेला लगता है। यह लकड़ी के सामान के लिए प्रसिद्ध है।
हिरन नदी में एक और प्रसिद्ध स्थल है, जो धार्मिक है। जहां पर मैं जा चुकी हूं। हिरन नदी में जबलपुर दमोह हाईवे रोड में नाहन देवी मंदिर स्थित है। यह मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है और इस मंदिर में भी जो देवी जी की मूर्ति है। वह हिरण नदी के बीच में स्थित है और देवी की मूर्ति को सभी लोग पूजते हैं। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत बड़ा मेला लगता है। बहुत सारे लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं। इसलिए हिरण नदी को धार्मिक तौर पर भी पूजा जाता है।
हिरन नदी का उद्गम स्थल - Hiran Nadi ka Udgam sthal
हिरण नदी का उद्गम स्थान जबलपुर के कुंडम जिले में हुआ है। कुंडम जिले में कुंडेश्वर नाम का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव जी को समर्पित है। यहीं पर हिरन नदी का उद्गम हुआ है। यहां पर आपको एक छोटा सा तालाब देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक बड़ा सा तालाब है। इस तालाब के पास ही में यह मंदिर बना हुआ है। इस तालाब में ही हिरण नदी का उद्गम स्थल माना जाता है और जो मंदिर बना हुआ है। वहां पर भी छोटे-छोटे कुंड बने हुए हैं और इन कुंड से हिरण नदी बहती हुई आगे बढ़ी है। यहां पर हिरण नदी की आप हालत देख सकते हैं। इन कुंडों में गांव वाले जो रहते हैं। वह आकर कपड़े धोते हैं और कुंड का पानी गंदा करते हैं। वैसे जो यहां पर शिव मंदिर बना हुआ है। वह प्रसिद्ध है और शिव मंदिर की जो शिव भगवान जी की प्रतिमा है। वह अनोखी प्रतिमा है और बहुत ही भव्य है। यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। आपको यहां पर बहुत अच्छा लगेगा।
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