पुष्कर में घूमने का अनुभव
पुष्कर राजस्थान में स्थित पहाड़ों से घिरा हुआ एक छोटा सा कस्बा है। पुष्कर अपने इकलौते ब्रह्मा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि पूरे संसार में एक ही ब्रह्मा मंदिर है और वह पुष्कर में है। यहां पर पुष्कर झील है। पुष्कर झील के बाजू में ही ब्रह्मा मंदिर है। आप यहां पर आएंगे, तो यहां पर आप पुष्कर झील में स्नान करके ब्रह्मा मंदिर में जा सकते हैं। पुष्कर में साल भर में एक बार पुष्कर मेला का आयोजन होता है। पुष्कर मेला पूरे भारत देश में और विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यहां पर देश-विदेश से लोग पुष्कर मेले में घूमने के लिए आते हैं। यह मेला विशेषकर पशुओं की खरीदी और बेचने के लिए लगाया जाता है। यहां पर आपको हर प्रकार के पशु खरीदने के लिए और बेचने के लिए मिल जाएंगे। वैसे हम लोग यहां पर पुष्कर मेले के समय नहीं गए थे। हम लोग पुष्कर ठंड के समय गए थे। पुष्कर चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है और पहाड़ों के बीच में बसे हुए पुष्कर में आपको चारों तरफ सफेद धुंध देखने के लिए मिल जाती है। ठंड के समय पुष्कर में सर्दी भी बहुत ज्यादा रहती है।
मंदिर के आसपास का दृश्य |
मंदिर से पहाड़ों का दृश्य |
हम लोग पुष्कर ट्रेन से गए थे। ट्रेन से पुष्कर पहुंचकर हम लोग स्टेशन में उतरे। स्टेशन से जैसे ही हम लोग बाहर निकले। हम लोगों को टैक्सी वालों ने घेर लिया। हम लोगों ने एक टैक्सी वाले से बात पक्की की और चले पड़े पुष्कर। यहां पर आपको टैक्सी वाले बहुत ज्यादा किराया मागते है। आपको किराया में मोलभाव करना पड़ेगा। पुष्कर जाने का जो रास्ता है। वह बहुत ही खूबसूरत है। रास्ते में आपको बहुत सारे मोर देखने के लिए मिलेंगे और खूबसूरत पहाड़ी देखने के लिए मिलेगी, आपको आनासागर झील भी देखने के लिए मिलेगी, पुष्कर पहुंचकर हम लोगों ने रूम बुक किया और नहा धोकर तैयार हो गए, उसके बाद हम लोगों का मंदिर जाने का प्लान बना, हम लोगों का सावित्री मंदिर जाने का प्लान बना।
हम लोगों ने एक ऑटो बुक किया और उस ऑटो से हम लोग मंदिर पहुंचे। मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक जाने के लिए आपको दो रास्ते मिलते हैं। एक रास्ता सीढ़ियों का है। एक रास्ता रोपवे का है। हम लोगों ने रोपवे का रास्ता चुना, क्योंकि हम लोगों में ताकत नहीं थी, कि हम लोग सीढ़ियां चढ़कर जाएं। हम लोगों ने कुछ विदेशी लोगों को देखा, जो जिनमें इतना उत्साह था, कि वह सीढ़ियां चढ़कर जा रहे थे। इसके अलावा हमें कुछ बंदर भी देखें, जो चट्टानों पर उछल कूद करते हुए मंदिर पर जा रहे थे। हम लोगों को बहुत अच्छा लगा। रोपवे से चारों तरफ का नजारा बहुत ही खूबसूरत था। हम लोग जब जा रहे थे, तब बादल छाए हुए थे और सूरज अपनी रोशनी हल्की-हल्की बिखेर रहा था, जिसका व्यू बहुत ही खूबसूरत लग रहा था। हम लोग जब मंदिर पहुंचे, तो हमारे साथ बंदर लोग भी मंदिर पहुंच गए थे। मंदिर के पास चारों तरफ का दृश्य बहुत ही सुहावना लग रहा था। आपको दूर-दूर तक नजारा देखने के लिए मिलता है। यहां से आपको ऊंचे ऊंचे पहाड़, रेतीले टीले, सजी हुई ऊंट और सजी हुई गाड़ियां देखने के लिए मिल जाती है।
हम लोगों को मंदिर में बहुत ज्यादा आनंद आया। हम लोगों ने बहुत सारी फोटो यहां पर क्लिक किया। यहां पर प्रसाद वगैरह की दुकान नीचे लगती है। आप माता को प्रसाद चढ़ाने के लिए नीचे ही ले सकते हैं। उसके बाद हम लोग नीचे आ गए और सावित्री माता मंदिर घूमने के बाद, हम लोग ब्रह्मा जी के मंदिर गए। शाम हो गई थी। हम लोग ब्रह्मा जी मंदिर में भगवान ब्रह्मा जी के दर्शन किए। उसके बाद हम लोगों ने पुष्कर सरोवर के दर्शन किए और पूरा मार्केट घुमा। पुष्कर ब्रह्मा जी के मंदिर के आसपास बहुत बड़ा मार्केट लगता है और यहां पर बहुत खूबसूरत खूबसूरत सामान मिलता है। आप यहां से कंगन ले सकते हैं और यहां पर आपको बैग वगैरह भी मिलते हैं। वह भी ले सकते हैं। हम लोग मंदिर घूमने के बाद, हम लोग खाना खाया। यहां पर आपको बहुत अच्छे अच्छे होटल मिल जाएंगे और हम लोगों ने यहां पर दाल बाटी ट्राई की, जो बहुत अच्छी थी और बहुत मजा आया। इस तरह हमारे दिन का अंत हुआ और हम लोग होटल में वापस आ गए। रात में हम लोग आग के पास बैठकर मस्त आग का आनंद लिया। उसके बाद हम सो गए। हमारा दिन बहुत ही अच्छा गया।
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