सोलापुर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Solapur \ सोलापुर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
सोलापुर महाराष्ट्र का एक मुख्य जिला है। सोलापुर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से करीब 450 किलोमीटर दूर है। सोलापुर महाराष्ट्र राज्य में, महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा के पास में स्थित है। कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य की सीमा बनाते हुए भीमा नदी बहती है। यह नदी सोलापुर की प्रमुख नदी है। सोलापुर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - सोलापुर में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
सोलापुर में घूमने की जगह - Solapur mein ghumne ki jagah
सोलापुर का किला - Solapur Fort
सोलापुर का किला सोलापुर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। सोलापुर किले का निर्माण आदिल शाह के द्वारा 1656 एडी में किया गया था। 1668 को मराठों के द्वारा इस किले में कब्जा कर लिया गया था और उसके बाद निजाम के द्वारा इस किले को हथिया लिया गया था। यह किला बहुत बड़ा है। यह किला सोलापुर मुख्य शहर में स्थित है। इस किले के पास में एक बड़ा तालाब बना हुआ है। इस किले में देखने के लिए आपको बहुत सारी जगह मिलती है।
सोलापुर किले में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है, जो बहुत ही कम है। इस किले के अंदर मंदिर और मस्जिद बनी हुई है, जो प्राचीन है। यहां पर शनि मंदिर और भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है। इस किले का रखरखाव पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है। इस किले का खुलने का समय 9 से 5 तक रहता है। किले के अंदर आपको जलाशय भी देखने के लिए मिलते हैं। यह किला बड़े-बड़े शिलाखंडों से बना हुआ है। इस किले के ऊपर आप जा सकते हैं और ऊपर से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। किले के पास में एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है। यह किला शहर के बीचो बीच बना हुआ है। इसलिए आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यह सोलापुर में घूमने लायक प्रमुख स्थलों में से एक है।
श्री शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर सोलापुर - Shri Shivyogi Siddheshwar Temple Solapur
सिद्धेश्वर मंदिर सोलापुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर मुख्य शहर में स्थित है। यह मंदिर साउथ इंडियन स्टाइल में बना हुआ है और बहुत सारे लोग यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर के पास में ही एक बड़ा सा तालाब बना है, जिसे सिद्धेश्वर तालाब के नाम से जाना जाता है। इस तालाबमें कमल के फूल लगे हुए हैं। यहां कर अच्छा लगता है।
सिद्धेश्वर मंदिर में अन्न क्षेत्र भी बना हुआ है, जहां पर आपको शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है। जहां पर आप प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। मंदिर में आपको सिद्धेश्वर महाराज की समाधि के दर्शन करने मिलते है। यहां पर मेला भी लगता है, जिसमें दूर दूर से लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं।
महात्मा गांधी प्राणी संग्रहालय सोलापुर - Mahatma Gandhi Zoological Museum Solapur
महात्मा गांधी प्राणी संग्रहालय सोलापुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। महात्मा गांधी प्राणी संग्रहालय कंबर तालाब के पास में स्थित है। इस पार्क में चारों तरफ पेड़ पौधे लगे हुए हैं। यहां पर आप आकर, बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां पर बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर चीता, मगरमच्छ, तेंदुआ, सांभर, मोर, मसकली कबूतर, चीतल, लाल बंदर, मकाउ, गोल्डन फिजीयन्त देखने के लिए मिलते हैं।
इस पार्क में प्रवेश के लिए एंट्री फीस लगती है, जो बहुत ही कम है। इस चिड़ियाघर में गुरुवार को छुट्टी रहती है। आप यहां पर बाकी दिन घूमने के लिए आ सकते हैं। इसका टाइमिंग 11 बजे से 7 बजे तक रहता है।
श्री रेवणसिद्धेश्वर मंदिर सोलापुर - Sri Ravanasiddheshwar Temple Solapur
श्री रेवणसिद्धेश्वर मंदिर सोलापुर का एक प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर सोलापुर में कंबर तालाब के पास में बना हुआ है। यह मंदिर पूरा पत्थर का बना हुआ है और मंदिर के अंदर आपको अंडर ग्राउंड शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको और भी बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। आप अगर महात्मा गांधी प्राणी संग्रहालय घूमने के लिए आते हैं, तो इस मंदिर में भी घूमने के लिए आ सकते हैं, क्योंकि यह दोनों पास में ही बने हुए हैं।
कंबर तालाब सोलापुर - Kambar Talab Solapur
कंबर तलाब सोलापुर का एक प्रमुख स्थल है। यहां पर आपको एक बड़ा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जो प्राचीन है। यह तालाब बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। इस तालाब को छत्रपति संभाजी महाराज तालाब के नाम से जाना जाता है और लोकल लोग इसे कंबर तलाव कहते हैं। इस तालाब में बहुत सारे पक्षी देखने के लिए मिलते हैं। वक्त के साथ यह तालाब धीरे-धीरे गंदा होता जा रहा है। मगर यह बहुत सुंदर है और आप इस पर भी एक बार आकर घूम सकते हैं।
इस तालाब के पास ही में आपको स्मृति उद्यान देखने के लिए मिलेगा, जो पूरा जंगल वाला इलाका है और यहां पर आपको बहुत सारे पेड़ पौधे और जलीय जीव देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप आकर अपना अच्छा समय शांति के साथ और प्रकृति के साथ गुजार सकते हैं।
श्री रूपाभवानी मंदिर सोलापुर - Shree Roopabhavani Mandir Solapur
श्री रूपाभवानी मंदिर सोलापुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। श्री रूपा भवानी माता को सोलापुर के रक्षक देवी कहा जाता है और नवरात्रि में मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। माता की, जो मूर्ति है। वह बहुत भव्य है। यहां पर बहुत सारे लोग आकर माता के दर्शन करते हैं। यह मंदिर मुख्य हाईवे सड़क के पास स्थित है। मंदिर में बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर होगा।
खंडोबा मंदिर सोलापुर - Khandoba Temple Solapur
खंडोबा मंदिर सोलापुर मुख्य शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर बाले नाम की जगह में स्थित है। यह मंदिर सोलापुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर नेशनल हाईवे 65 के पास में बना हुआ है। यहां पर खंडोबा महाराज के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे महाराष्ट्रीयन लोग आकर वेडिंग सेरिमनी मनाते हैं। यहां पर बहुत बड़ा मंडप है और कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम दिए गए हैं। यह मंदिर बहुत बड़ा है और बहुत ही सुंदर है। मंदिर में आपको और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर पंढरपुर - Shree Vitthal Rukmini Mandir Pandharpur
श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर पंढरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर सोलापुर के पंढरपुर नगर में स्थित है। यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है। श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर को विठोबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के अवतार विट्ठल जी को समर्पित है। मंदिर के पास में ही भीमा नदी बहती है। इस नदी के बारे में मान्यता है, कि इस नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में आपको श्री विट्ठल जी, रुकमणी जी, बलराम जी, सत्यभामा जी, जामवंती जी, श्री राधे जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है और बहुत अच्छी तरह बना हुआ है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि अपने एक भक्तों को दर्शन देने के लिए भगवान श्री कृष्ण यहां पर पधारे थे और विठ्ठल अवतार धारण किया था।
यहां से देश और विदेश से भी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहां पर हर साल देवउठानी एकादशी के समय भगवान विट्ठल की यात्रा निकाली जाती है। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण जी और देवी रुक्मणी जी के दर्शन करने और पूजा करने के लिए यहां पर आते हैं। यह यात्रा धूमधाम से निकाली जाती है। आप भी यहां पर आकर भगवान विट्ठलनाथ जी के दर्शन कर सकते हैं।
श्री भक्त पुंडलिक मंदिर पंढरपुर - Shri Bhakta Pundalik Temple Pandharpur
श्री भक्त पुंडलिक मंदिर पंढरपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह पंढरपुर का एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर भीमा नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आपको भीमा नदी का सुंदर घाट देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के अंदर शिवलिंग विराजमान है, जिसमें आपको एक मुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। पुंडलिक श्री कृष्ण के परम भक्त थे। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर आप आकर स्नान कर सकते हैं। यहां नदी में बोट द्वारा घूम सकते हैं। यहां पर घाट भी बना हुआ है। बरसात में यह मंदिर डूब जाता है।
श्री गजानन महाराज मठ पंढरपुर - Shri Gajanan Maharaj Math Pandharpur
श्री गजानन महाराज मठ पंढरपुर का एक दर्शनीय स्थल है। यह एक बहुत बड़ा और सुंदर मठ है। यह मठ गजानन महाराज द्वारा बनाया गया है। यह मठ बहुत अच्छी तरह से मेंटेन करके रखा गया है। यहां पर आप आकर, इस मठ में रुक सकते हैं। यहां पर खाने पीने की व्यवस्था है। यहां पर शाकाहारी खाना मिलता है। यहां पर आप आकर मेडिट्रीट कर सकते हैं। यहां पर एसी और नॉन एसी कमरे उपलब्ध है। यह पंढरपुर में ठहरने के लिए एक मुख्य जगह है। यह विट्ठल रुक्मणी मंदिर से करीब 5 मिनट की दूरी पर स्थित है।
तुलसी वृंदावन गार्डन पंढरपुर - Tulsi Vrindavan Garden Pandharpur
तुलसी वृंदावन गार्डन सोलापुर के पंढरपुर में घूमने का एक प्रमुख स्थान है। यह बहुत बड़ा गार्डन है। गार्डन के पास ही में एक बड़ा सा तालाब भी बना हुआ है। इस गार्डन में आपको विट्ठल भगवान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो खुले आसमान के नीचे बनाई गई है। यहां पर आपको विभिन्न तरह के फूलों वाले पौधे और तुलसी के प्लांट देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर संत महात्मा की पेंटिंग भी बनाई गई है। इस गार्डन में एंट्री के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहां पर लाइट एंड साउंड शो का आयोजन होता है। इस गार्डन में आ कर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको फव्वारे भी देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं।
कैकड़ी महाराज मंदिर पंढरपुर - Kaikdi Maharaj Temple Pandharpur
कैकड़ी महाराज मंदिर पंढरपुर का एक प्रमुख टूरिस्ट प्लेस है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। इस मंदिर में बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर ऋषि, मुनि, संत, महाराजा और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई है, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं। यहां पर आपको प्रवेश द्वार में ही श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर हमारे देश के ग्रेट लीडर्स के भी स्टैचू रखे गए हैं।
श्री हरि हरिकेश्वर मंदिर सोलापुर - Shri Hari Harikeshwar Temple Solapur
श्री हरि हरिकेश्वर मंदिर सोलापुर का एक प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर सोलापुर के हत्तरसंग में कुडाल गांव में बना है। यह मंदिर सोलापुर से करीब 40 किलोमीटर दूर होगा। इस जगह को कुडल संगम के नाम से जाना जाता है। यहां पर सीना और भीमा नदी का संगम हुआ है। यह संगम स्थल बहुत सुंदर है। यहां पर आप नाव के द्वारा भी घूम सकते हैं।
संगम स्थल के पास, यहां पर प्राचीन मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का है। इस मंदिर की दीवारों में और खंभों में बहुत सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर आपको बहुमुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। यह शिवलिंग बहुत बड़ी शिला में बना हुआ है और देखने में बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर आपको और भी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको श्री कृष्ण जी के, नाग देवता जी के, शिवलिंग और भी बहुत सारे देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां का वातावरण भी शांत है।
श्री स्वामी समर्थ मंदिर अक्कलकोट सोलापुर - Shree Swami Samarth Mandir Akkalkot Solapur
श्री स्वामी समर्थ मंदिर अक्कलकोट सोलापुर में घूमने का एक प्रमुख जगह है। स्वामी समर्थ एक महान गुरु और संत थे। उन्होंने यहां पर एक बरगद के वृक्ष के नीचे तपस्या करी थी। उनकी मृत्यु उपरांत यहां पर उनकी समाधि बनाई गई। आप यहां पर आकर मुख्य मंदिर में स्वामी समर्थ जी की मूर्ति के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर उनकी चरण पादुका रखी गई है। लोग यहां पर स्वामी समर्थ जी की पूजा करते हैं और लोग विश्वास करते हैं कि स्वामी समर्थ उनकी इच्छाएं पूरी करेंगे। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर बहुत बड़ी एरिया में फैला हुआ है। यहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है।
यहां पर अन्न क्षेत्र भी बना हुआ है, जहां पर महाप्रसाद मिलता है। यहां पर भक्तों को महाप्रसाद मिलता है। यहां पर बहुत सारी धर्मशालाएं और प्राइवेट होटल है, जहां पर आप ठहर सकते हैं। यह मंदिर अक्कलकोट बस स्टॉप से करीब 4 किलोमीटर दूर होगा।
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