कोच के बीज की जानकारी एवं कौंच के बीज के फायदेKaunch ke beej ki jankari aur Kaunch ke beej ke fayde
कौंच का वैज्ञानिक का वानस्पतिक नाम - म्युक्युना प्रुरिएन्सकौंच का अंग्रेजी में नाम - हॉर्स आई बीन, वेलवेट बीन, काऊहेज बीन
कौंच एक औषधीय पौधा है। कौंच को केवांच, कौंछ, कीमाची के नाम से भी जाना जाता है। यह सभी कौंच के स्थानीय नाम है। इसकी फलियों के अंदर, जो बीज रहते हैं उसको कौंच कहा जाता है। कौंच का पौधा जंगल में और खेतों में उगाया जाता है। कौंच के बीजों का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। कौंच के बीजों का प्रयोग यौन संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। कौंच का पौधा दो प्रकार का रहता है - एक जंगली रहता है और एक खेतों में उगता है। कौंच के बीजों का उपयोग लोग सब्जी बनाने के लिए करते हैं और इसकी सब्जी बहुत ही अच्छी लगती है। कौंच का पौधा बेल के जैसा होता है। कौंच के पौधे की खेती की जाती है, क्योंकि यह अच्छे दामों में बिकता है।
कौंच का पौधा लता के रूप में रहता है। कौंच के पौधे को अगर आप फसल की तरह उग आते हैं, तो इसे किसी सहारे की जरूरत रहती है। इसलिए लोग इसे पत्थर की दीवारों पर या लोहे के तार की जालियों के पास लगाते हैं। बहुत से किसान इसे खेतों में भी लगते है। यह जालियों में अच्छी तरह फैल जाती है और इसको सहारा भी मिल जाता है
जंगली कौंच का पौधा बहुत ही खतरनाक होता है। अगर आप कौंच के फल को धोखे से छू लेते हैं, तो आपको बहुत ही भयानक खुजली हो सकती है। इसलिए आप अगर आप जंगल में कौंच को देखते हैं, तो आप उस से दूरी बनाकर रखें। कौंच का, जो फल रहता है। उसके बाहरी आवरण पर, इसके रोए देखे जा सकते हैं। इसके रोए बंदर के बालों की जैसे रहते हैं। कौंच का पौधा जहां पर भी लगा रहता है। उसके रोए हवा में उड़ते रहते हैं। इसलिए अगर आपको कौंच दिखे, तो आप इससे दूर हो जाएं। कौंच के पौधे से मनुष्यों को भी नहीं, अपितु जानवरों को भी परेशानी होती है। कौंच से बंदरों को भी खुजली होने लगती है। इसलिए इसे मर्कटी तथा कपिकच्छू कहा जाता है।
कौंच के, जो पौधे खेतों में लगाए जाते हैं। उन पौधों में ज्यादा रोए नहीं रहते हैं। उनमें कौंच लगे रहते हैं। आप उन्हें तोड़ सकते हैं। जब कौंच का पौधा पूरी तरह तैयार हो जाता है। तब इसमें फूल लगते हैं। कौंच के फूल बैगनी कलर के लगते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। कौंच की फूल छोटे छोटे रहते हैं। कौंच के फल गुच्छों में लगते हैं। इसके फल प्रारंभिक अवस्था में हरे कलर के रहते हैं। उसके बाद इसके फल सुखकर काले हो जाते हैं और जब फल काले हो जाते हैं। तभी इन्हें तोड़ लिया जाता है और इनके बीजों को निकाल लिया जाता है। अगर कौंच की सब्जी बनानी हो, तो इन्हें आप हरा तोड़ सकते हैं। कौंच का, जो फल रहता है। वह मटर की फली के समान रहता है। मगर यह मटर से काफी मोटा रहता है।
कौंच के बीजों में आयुर्वेदिक गुण पाया जाता है। कौंच के बीजों का उपयोग बहुत सारे दबाई में किया जाता है। आपको कौंच का पाउडर या कौंच के बीज ऑनलाइन भी देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत महंगे प्राइस में दिए जाते हैं।
कौंच के पौधे और बीज के औषधीय गुण, फायदे और महत्व - Medicinal properties, benefits and importance of Kaunch plant and seeds
कौंच के पौधे के बीज बहुत उपयोगी रहते हैं। कौंच के पौधे पत्तियां और जड़ का उपयोग बहुत सारे शरीर के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। कौंच के पौधे में आयुर्वेद के अनुसार बहुत सारे गुण पाए जाते हैं। इसके बीजों में पौष्टिक, उत्तेजक, वातशामक के गुण होते हैं। इसके बीज के प्रयोग से पुरुषों में होने वाली यौन संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। कौंच के बीजों में अलकाइड, प्रोटीन, डोपामिन जैसे कई तत्व पाए जाते हैं।
- कौंच के बीजों के प्रयोग से पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है और यह शुक्राणुओं में होने वाले दोष को भी दूर करता है।
- आजकल के जिंदगी तनाव से भरी है। हर चीज में लोग बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं। कौंच के बीजों से स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। कौंच के बीजों के प्रयोग से स्ट्रेस और चिंता को भी कम किया जाता है।
- कौंच के बीजों के द्वारा पुरुष की यौन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। थकान और सुस्ती जैसे लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- कौंच के बीजों का प्रयोग मसल्स को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। यह एक सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है।
- कौंच के बीज शरीर में डोपामाइन माइंड में बनाते हैं। इसलिए यह पार्किंसन डिजीज में काफी फायदा करता है।
- कौंच की पत्तियों का प्रयोग सर दर्द के लिए किया जा सकता है। कौंच की पत्तियों को पीसकर सर में लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
- सांस संबंधी बीमारी के लिए कौंच के बीजों का प्रयोग किया जा सकता है। कौंच के बीज के पाउडर को शहद और घी के साथ मिलाकर खाने से सांस संबंधी बीमारी में फायदा मिलता है।
- कौंच की जड़ का प्रयोग करने से किडनी संबंधी और मूत्र रोग में फायदा मिलता है।
- कौंच डायबिटीज में फायदेमंद है। कौंच के बीज के चूर्ण को सेवन करने से डायबिटीज में फायदा मिलता है।
- मासिक धर्म से संबंधित समस्या के लिए कौंच के बीजों का प्रयोग किया जा सकता है।
- सफेद पानी में भी कौंच के बीज खाने से फायदा मिलता है।
- कौंच के बीज में एंटी एजिंग का गुण पाया जाता है। इससे आप की बढ़ती उम्र को कम दिखाया जा सकता है। आपको कौंच के बीच का प्रयोग करेंगे, तो आपकी उम्र कम नजर आएगी।
कौंच के बीज के नुकसान - Disadvantages of Kaunch Seeds
कौंच के बीजों का प्रयोग, अगर आप करते हैं, तो इसके बीजों के प्रयोग के लिए, आपको इसके फल को तोड़ना पड़ता है। इसके फल में रोए रहते हैं। वह बहुत ही खतरनाक रहते हैं और इन रोए से आपको जलन और खुजली हो सकती है। इसलिए आपको इसका सावधानीपूर्वक प्रयोग करना चाहिए। कौंच के बीजों को अगर आप निकालते हैं। कौंच के बीजों के प्रयोग करने से पहले इन्हें आग में जलाया जाता है। फिर इनके बीजों को निकाला जाता है, जिससे इसके जो रोए रहते हैं। वह नष्ट हो जाते हैं।
कोच का बीज का पाउडर कैसे बनाया जाता है - how to make koch seeds powder
कोच का बीज का पाउडर बनाना बहुत आसान है। कौंच के बीज बाजार में मिल जाते है। पंसारी की दुकान में कौंच का पाउडर और कौंच के बीज आराम से मिल जाएंगे। वैसे कौंच का पाउडर भी पंसारी की दुकान पर मिल जाता है। मगर आप अगर घर में पाउडर बनाना चाहते हैं , तो आप कौंच के बीज घर में ले आये। घर में मिक्सी में पीस लीजिए और अगर आपको कौंच किसी खेत में मिल जाती है, तो वहां से भी आप ले सकते हैं। कौंच को खेत में ही सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है और जब कौंच सूख जाती है, तो उसके बीजों को निकाल लिया जाता है।
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