अपामार्ग (चिरचिटा) का पौधा
Apamarga (Chirchita) plant
अपामार्ग का वानस्पतिक नाम - एकायरेन्थिस् एस्पेरा अपामार्ग का अंग्रेजी नाम - वाशरमैन्स प्लान्ट , दी प्रिक्ली-चाफ फ्लॉवर
अपामार्ग एक मुख्य औषधीय पौधा है। अपामार्ग का पौधा छोटा सा झाड़ी नुमा होता है। अपामार्ग पौधे को लटजीरा, चिचींडा और चिरचिटा पौधे के नाम से भी जाना जाता है। लटजीरा और चिरचिटा इस पौधे के हिंदी नाम है। इसे गांव और शहरों के अधिकतर इलाकों में इसी नाम से जाना जाता है। यह पौधा बरसात के समय स्वयं उग जाता है। यह जंगली झाड़ी के समान उग जाता है। यह पौधा खाली जमीन में कहीं पर भी उग जाता है। यह पौधा आपने अपने घर के आस-पास मैदान में या रास्ते में जरूर देखा होगा। मगर आप इस पौधे के औषधीय गुण के बारे में नहीं जानते होंगे।
चिरचिटा पौधे में पत्तियां हरी और गोल आकार की होती हैं और नुकीली होती है। चिरचिटा का पौधा दो प्रकार का होता है - हरा अपामार्ग का पौधा और लाल अपामार्ग का पौधा। हरा अपामार्ग का पौधा और लाल अपामार्ग का पौधा दोनों ही उपयोगी है। यह पौधा बरसात में स्वयं उग जाता है और धीरे धीरे बढ़ता है। उसके बाद इस में शीत ऋतु में फूल एवं फल निकलते हैं और गर्मी के समय इस पौधे के फल परिपक्व होकर गिर जाते हैं और पौधा सूख जाता है।
चिरचिटा का पौधा 1 से 3 फीट ऊंचा होता है। इसकी शाखाएं पतली कंडवाली होती है और इसके पर्व पर मोटी गांठ होती है, जो फूली हुई होती है। यह गांठ से आसानी से टूट जाता है। चिरचिटा के पुष्प कांटेदार छोटे-छोटे फूल उल्टे लगते हैं। चिरचिटा पौधे का लाल और हरा पौधा सामान ही रहता है। बस इसके पुष्पों में अंतर रहता है। हरे पौधे में सफेद कलर के फूल आते हैं और लाल पौधे में लाल और गुलाबी कलर के फूल आते हैं। अगर आप चिरचिटा पौधे के करीब जाते हैं, तो पौधे के पुष्प में हल्के हल्के कांटे रहते हैं, जो आप के कपड़ों में चिपक सकते हैं।
अपामार्ग/लटजीरा/चिरचिटा का पौधा के फायदे - Benefits of Apamarga / Latjira / Chirchita plant
अपामार्ग/लटजीरा/चिरचिटा के पत्ते के फायदे
अपामार्ग के सभी भाग उपयोगी होते हैं। अपामार्ग के पत्तों के औषधीय फायदे रहते हैं।
- अपामार्ग के पत्ते को तोड़कर इसका रस निकाल लीजिए और इसके रस को आप अगर दांतों में लगाते हैं, तो आपको दांत संबंधी समस्या में फायदा पहुंचता है। इससे दांत का दर्द ठीक हो जाता है।
- अपामार्ग के तने से दातुन बना सकते हैं और इस दातुन को रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दातुन से दांत हमेशा मजबूत रहेंगे और टूटते नहीं है। अपामार्ग के पौधे की दातुन करने से दांतों का हिलना, मुंह से बदबू आना, मसूड़ों की कमजोरी ठीक हो जाती है और दांत साफ रहते हैं।
- अपामार्ग चर्म रोग में बहुत लाभ देता है। इसके पत्तों को पीसकर फोड़े फुंसी में लगाना चाहिए। जिससे फायदा मिलता है।
- मुंह के छालों में अपामार्ग का उपयोग किया जा सकता है। अपामार्ग के पत्ते का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है, जिससे मुंह के छालों की परेशानी ठीक हो जाती है।
- अपामार्ग की पत्ती को पीसकर और गर्म करके संधि शोथ ग्रस्त भाग में लगाने से लाभ मिलता है।
- अपामार्ग का उपयोग चोट में किया जा सकता है। इसके प्रयोग से अपामार्ग के पत्तों से रस निकालकर चोट लगे स्थान पर लगाना चाहिए, जिससे खून बहना बंद हो जाता है।
- पुराने घाव को अपामार्ग के पत्तों के रस से ठीक किया जा सकता है और घाव भर जाता है।
अपामार्ग/लटजीरा/चिरचिटा के बीजों के फायदे
- भूख अगर ज्यादा लगती है और आप खाना खाकर भी भूख को महसूस करते हैं, तो इसे भस्मक रोग कहा जाता है। इस रोग के लिए आप अपामार्ग के बीजों का प्रयोग कर सकते हैं। अपामार्ग के बीजों का चूर्ण बनाकर आप इसे ले सकते हैं, जिससे भूख कम लगती है। के बीज का प्रयोग भूख कम लगने के लिए किया जा सकता है। अपामार्ग के बीच का चूर्ण बनाकर खाते हैं, तो इससे भूख कम लगती है।
अपामार्ग/लटजीरा/चिरचिटा के जड़ का फायदे
- अपामार्ग की जड़ का प्रयोग आंखों के इलाज में किया जा सकता है। अपामार्ग की जड़ से आंखों का दर्द, आंखों से पानी बहना, आंखें लाल होना, रतौंधी आदि रोग अपामार्ग के इस्तेमाल से ठीक किए जा सकते हैं।
- अगर किसी जहरीले जीव जैसे मधुमक्खी, बिच्छू, सांप ने काट लिया हो, तो उसके लिए अपामार्ग की जड़ का प्रयोग किया जा सकता है। अपामार्ग की जड़ को पीसकर काटे हुए स्थान पर लेप लगाया जा सकता है और इसके पत्तों को पीसकर उसकी लुगदी बनाकर काटे हुए स्थान पर लगाना चाहिए, जिससे लाभ मिलता है।
- अपामार्ग की जड़ को पीसकर शहद के साथ मिलाकर। इसको आंख में काजल की तरह लगाना चाहिए। इससे लाभ मिलता है।
Please do not enter any spam link in comment box