इस्लामनगर का किला भोपाल मध्य प्रदेश - Islamnagar ka Kila Bhopal Madhya Pradesh
इस्लामनगर का किला भोपाल शहर के पास स्थित एक प्राचीन किला है। यह किला भोपाल शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर है। इस किले में आपको रानी महल और चमन महल देखने के लिए मिलता है। यह महल बहुत सुंदर है। इस महल में आपको सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है और बगीचे के बीच में फव्वारा लगाया गया है, जो बहुत आकर्षक लगता है। इन महल के पीछे आपको नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। मगर इस नदी का पानी अब बिल्कुल काला हो गया है। नदी के पीछे की तरफ एक और स्मारक बना हुआ है। यह स्मारक नवाब यार मोहम्मद खां एवं नवाब हयात मोहम्मद खां का मकबरा है। यह मकबरे बहुत सुंदर है और आप इन्हें चमन महल के पीछे से देख सकते हैं।
हम लोग मनुआभान की टेकरी घूमने के बाद, हम इस्लामनगर किले में घूमने के लिए निकल पड़े। वैसे हम लोगों को बहुत टाइम हो गया था और इस्लामनगर किला मनुआभान की टेकरी से करीब 19 किलोमीटर दूर है। हम लोग ने गाड़ी बहुत ही स्पीड से चलाई और इस्लाम नगर पहुंच गए। इस्लामनगर किला पहुंचकर हम लोगों को किले का प्रवेश द्वार देखने के लिए मिला। यहां पर सुंदर गेट बना हुआ था। यह इस्लामनगर किला का प्रवेश का द्वार था। यहां पर किले को घेर कर दीवार बनी हुई है। यहां पर आपको बुर्ज एवं दीवारों के अवशेष देखने के लिए मिल जाते हैं। हम लोग यहां से आगे बढ़े, आगे जाकर हम लोग को इस्लामनगर किला देखने के लिए मिला।
इस्लामनगर किले में घूमने के लिए बहुत कम समय बचा था। हम लोगों के पास करीब आधा घंटा का समय था। हम लोगों ने टिकट लिया। इस्लामनगर किले में प्रवेश के लिए 10 रूपए का टिकट मिलता है। इस्लामनगर किले के अंदर पार्किंग भी बनी हुई है। यहां पर हम लोगों ने अपनी गाड़ी खड़ी की और उसके बाद रानी महल घूमने के लिए गए। रानी महल बहुत सुंदर है। प्राचीन समय में यहां पर रानी रहा करती थी। यहां पर महल के अंदर सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है। इस बगीचे के चारों तरफ कमरे बने हुए हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं।
रानी महल घूमने के बाद, हम लोग रानी महल के बाजू में बने चमन महल घूमने के लिए गए। चमन महल बहुत खूबसूरत है। यहां का, जो बगीचा बना हुआ है। वह बहुत लाजवाब है। चमन महल में आपको सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है, जिसमें गुड़हल के अलग-अलग कलर के फूल लगे हुए हैं। यह बहुत ही सुंदर लगते हैं। बगीचे के बीच में एक सुंदर फव्वारा देखने के लिए मिलता है। यहां पर बगीचे के बीच में फव्वारा देखने के लिए मिलता है और एक मंडप में चमन महल बना हुआ है।चमन महल के पीछे के साइड एक बड़ा सा बालकनी बनी हुई है। जिस पर खड़े होकर पीछे की सुंदर दृश्य को देखा जा सकता है। पीछे की तरफ नदी बहती है। जिस का दृश्य लाजवाब रहता है। वैसे अब इस नदी का पानी काला रंग का है, जो बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है। यह नदी पूरी तरह प्रदूषित हो गई है। प्राचीन समय में वैसे यहां का दृश्य बहुत सुंदर रहता होगा। मगर अब यहां ऐसा नहीं है।
चमन महल के पीछे की तरफ आपको प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिलेगी। यह स्मारक दोस्त मोहम्मद खां के बेटे यार मोहम्मद खां का मकबरा है। आप पीछे बनी बालकनी से इस इमारत का कुछ हिस्सा देख सकते हैं। यहां पर दोस्त मोहम्मद खां के दो बेटे यार मोहम्मद खां और हयात मोहम्मद खां का मकबरा बना हुआ है। इस मकबरे को दूर से देखने में बहुत सुंदर लगता है। आप इस मकबरे में भी जाकर घूम सकते हैं। इस मकबरे में जाने के लिए, जो सड़क बनी है। वह इस्लाम नगर किले के बाहर से बनी हुई है। आपको नदी को पार करके मकबरे को घूमने के लिए जाना पड़ता है।
हम लोग चमन महल के पीछे से मकबरा देखने के बाद, महल के सामने वाले हिस्से में आये। तब तक महल के बंद होने का समय हो गया था। इस्लामनगर किले के अंदर हम लोगों को एक कैफिटेरिया भी देखने के लिए मिला। यहां पर आप चाय या कॉफी का मजा ले सकते हैं। मगर हमारे पास समय नहीं बचा था। इसलिए हम लोग किले से बाहर आ गए। किले के बाहर थोड़ी दूरी पर गोंड महल भी देखने के लिए मिलता है।
इस्लाम नगर में आपको गोंड महल भी देखने के लिए मिलता है। यह महल सुंदर है और दो मंजिला है। यह महल इस्लामनगर महल के चमन महल और रानी महल से थोड़ी दूरी पर बना है और यहां पर आपको बहुत अच्छा लगेगा। हम लोग जब यहां पर गए थे। तब महल बंद हो गया था। आप यहां पर समय पर आ जाएंगे, तो आपको महल घूमने के लिए मिल जाएगा। तब आप इस महल में जाकर घूम सकते हैं।
इस्लामनगर किले का इतिहास - History of Islamnagar Fort
इस्लामनगर को पहले जगदीशपुर के नाम से जाना जाता था। यहां पर राजपूत राजा का शासन हुआ करता था। दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर के राजा को धोखे से मार दिया और जगदीशपुर पर कब्जा कर लिया। जगदीशपुर का नाम बदलकर इस्लामनगर रख दिया। दोस्त मोहम्मद खान ने ही भोपाल शहर की नींव रखी थी।
इस्लामनगर किला का चमन महल के बारे में - चमन महल का निर्माण लगभग 1715 ईसवी में सरदार दोस्त मोहम्मद खान द्वारा कराया गया है। यह मुगल सम्राट औरंगजेब की सेना का एक अफगान सैनिक था तथा भोपाल रियासत का संस्थापक था।
चारदीवारी से घिरे इस महल में दो प्रवेश द्वार है, मुख्य द्वार के समीप शीशा लगा 12 दरवाजों से युक्त शीश महल है। महल के मध्य में एक उद्यान है, जो मुगलों की परंपरागत चारबाग शैली से निर्मित है।
बाग के सामने लाल बलुआ पत्थर की नक्काशीदार जालियों से निर्मित तख़्त है। इसके सम्मुख लता वल्लरियों से अलंकृत मेहराब, स्तंभयुक्त बरादरी तथा अन्य कक्षों के साथ मुक्ताकाश दलाने हैं, जहां दोस्त मोहम्मद खान कार्यालयीन गतिविधियों को अंजाम दिया करते थे। उत्तरी ओर, मुगल शैली के अनुरूप हमामखाना है, जिसकी छत वर्तुल आकार है। इसमें श्रृंगार कक्ष तथा गलियारे से होकर मुख्य कक्ष है, जिसमें तीन और पानी की हौज है। एक हौज में ताम्र प्लेट लगी है। इसके नीचे गर्म पानी हेतु बाहर भट्टी है।
महल का द्वितीय तल सपाट छत युक्त है, जिसके दोनों और छत्रिया है। इस महल का स्थापत्य राजपूत, पर्वती, मुगल एवं मानव शैली का मिश्रित रूप है। इसके निर्माण में लाल बलुआ पत्थर, चुना आदि का उपयोग किया गया है। इसके गुम्बद भोपाल रियासत के प्रारंभिक शासकों के स्मारक में प्रयुक्त लाक्षणिक शैली को दर्शाते हैं।
इस्लामनगर का किला कहां स्थित है - Where is Islamnagar Fort located
इस्लामनगर का किला भोपाल से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस्लामनगर एक छोटा सा क्षेत्र है। इस्लामनगर हलाली नदी के किनारे बसा हुआ है। इस्लामनगर का किला बहुत सुंदर है और इस किले तक आप अपनी गाड़ी या कार से आराम से जा सकते हैं। यहां पर पार्किंग की व्यवस्था भी उपलब्ध है।
इस्लामनगर का किला की फोटो - Islamnagar Fort image
रानी महल का सुंदर दृश्य |
रानी महल का सुंदर दृश्य |
चमन महल का सुंदर दृश्य |
चमन महल के पीछे का सुंदर दृश्य |
चमन महल के ऊपर बना हुआ तखत |
इस्लाम नगर का गेट |
Please do not enter any spam link in comment box