वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल मध्य प्रदेश - Van Vihar Rashtriya Udyan or Van Vihar National Park Bhopal Madhya pradesh
वन विहार नेशनल पार्क मध्य प्रदेश का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। वन विहार नेशनल पार्क मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। वन विहार नेशनल पार्क में आपको जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक रहवास में रखा गया है। यहां पर पहाड़ी में अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं, जिनमें अलग-अलग जंगली जानवरों को रखा गया है। यहां पर एक तरफ पहाड़ी और दूसरी तरफ आपको बड़ा तालाब देखने मिलता है।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आप लोगों को चीता, शेर, बाघ, हिरण, मगर, कछुए, सफेद बाघ जैसे जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर व्याख्यान केंद्र भी है, जहां पर आपको इन सभी जंगली जानवरों और पक्षियों की जानकारी मिलती है। यहां पर सांपों को भी रखा गया है। यहां पर सांपों की अलग-अलग प्रजातियां देखने के लिए मिलती है और जानकारी मिलती है।
भोपाल में वन विहार नेशनल पार्क का हमारा सफर शुरू होता है। यहां पर सबसे पहले हम लोगों को टिकट लेनी पड़ती है। हम लोगों की टिकट 60 रूपए की थी, क्योंकि हम लोग स्कूटी में थे। इसलिए हम लोगों का 60 रूपए लगा। हम लोग एंट्री गेट से अंदर गए। यहां पर हम लोग को एक तरफ पहाड़ी और दूसरी तरफ तालाब देखने के लिए मिल रहा था और सामने पक्की सड़क थी। हम लोग पहाड़ियां और बड़े तालाब का दृश्य देखते हुए, लकड़बग्घे के बाड़े के पास पहुंच गए। लकड़बग्घे का बाड़ा पहाड़ी में बहुत बड़े एरिया में बना था। मगर हम लोगों को लकड़बग्घा देखने का मौका नहीं मिला।
लकड़बग्घा एक मांसाहारी प्राणी रहता है और यह छोटा आकार का जानवर रहता है। यह कुत्ते के समान दिखाई देता है। इसके शरीर में काले कलर के धब्बे दिखाई देते हैं। लकड़बग्घे के बाड़े से हम लोग थोड़ा आगे गए, तो हम लोगों को गौर का बाड़ा देखने के लिए मिला। गौर एक जंगली जानवर है और यह बहुत सुंदर दिखता है। मगर हम लोग को गौर के बाड़े में गौर देखने के लिए नहीं मिला। गौर का वजन 1000 किलोग्राम तक रहता है और यह शांत जानवर है और यह शाकाहारी जाता है।
हम लोगों को गौर का बाड़ा देखने के बाद, हम वन विहार के आगे बढ़े, तो हम लोगों को एशियाई शेरों का बाड़ा देखने के लिए मिला। एशियाई शेरों का बाड़ा बहुत बड़ा था। एशियाई शेर के बाड़ा में बांस के पेड़ लगे हुए थे। एशियाई शेर हम लोगों को देखने के लिए मिला। मगर वह हम लोगों से बहुत दूर बैठा हुआ था। मगर कम से कम उसकी झलक तो देखने के लिए मिली। एशियाई शेर को बब्बर शेर और सिंह भी कहा जाता है। शेर मांसाहारी जीव हैं।
बब्बर शेर के बारे में जानकारी - बब्बर शेर बड़ी बिल्लियों में से एक है। नर बब्बर शेर की गर्दन पर बालों का एक घाना भाग होता है, जिसे आयल कहते हैं। मादा बब्बर शेरनी बिना आयल की होती है। बब्बर शेर हल्के भूरे रंग का होता है। लंबी पूछ होती है। नर का वजन 150 से 250 किलोग्राम तक होता है और मादा का वजन 120 से 185 किलोग्राम तक रहता है और यह बहुत सुंदर दिखते हैं।
बब्बर शेर का पिंजरा देखने के बाद, हम लोग वन विहार में आगे बढ़े। हम लोगों को चीते का पिंजरा देखने के लिए मिला। चीता एक जंगली जानवर है और एक सुंदर जानवर है। चीते के शरीर में काले कलर के धब्बे पाए जाते हैं। हम लोगों को चीता देखने के लिए मिला था। मगर चीता सो रहा था और हम लोग से काफी दूर था। चीता का जो पिंजरा बनाया गया था। वह पूरी तरह तार से कवर किया गया था, क्योंकि चीता की रफ्तार बहुत तेज रहती है और काफी ऊंचाई तक छलांग लगा लेते हैं और यह पेड़ों पर भी चढ़ जाते हैं। इसलिए इनके पिंजरे को पूरी तरह कवर करके बनाया गया था। चीता बहुत शर्मीला किसम का प्राणी रहता है। इसलिए यह बहुत कम लोगों के सामने आना पसंद करता है।
चीते का पिंजरा देखकर, हम लोग आगे बढ़े, तो हम लोगों को बाघ का बाड़ा देखने के लिए मिला। बाघ का बाड़ा भी बहुत बड़ा था और इसमें बांस के पेड़ लगे हुए थे। हम लोगों को यहां पर बाघ काफी करीब से देखने के लिए मिला। बाघ यहां पर बांस के पेड़ के नीचे ही बैठा था और देखने में बहुत ही अमेजिंग लग रहा था। जब हम लोग उसको देख रहे थे। वैसे वह अपनी मस्ती में मस्त था। मगर बहुत ही गजब लग रहा था।
बाघ के बारे में - बाघ एक बिल्ली प्रजाति की बड़ी बिल्ली है और बाघ मांसाहारी जानवर है। बाघ के शरीर में काले रंग की धारियां रहती है और इसका शरीर पीला रंग का रहता है। यह बहुत सुंदर लगता है।
बाघ का बाड़ा देखने के बाद, हम लोग आगे बढ़े, तो हम लोगों को सफेद बाघ का बाड़ा देखने के लिए मिला। यहां पर पूरे बाड़े में बहुत सारे बांस के पेड़ लगे हुए थे। मगर हम लोगों को यहां पर सफेद बाघ देखने के लिए नहीं मिला।
सफेद बाघ के बारे में - सफेद बाघ बिल्ली परिवार का सबसे बड़ा प्राणी है। इसके शरीर पर एवं पैरों पर सफेद रंग एवं काली धारियां होती है। पेट एवं नीचे का भाग सफेद होता है। यह बहुत सुंदर दिखाई देता है। नर का वजन 180 से 280 किलोग्राम तक होता है और मादा का वजन 115 से 185 किलोग्राम तक होता है। यह बहुत ही सुंदर दिखाई देता है।
इसके बाद हम लोगों को कछुए देखने के लिए मिले। यहां पर एक तालाब बनाया गया था, जिसमें कछुए थे। मगर तालाब में हम लोगों को कछुए देखने के लिए नहीं मिले। तालाब के बाजू में एक पिंजरा बनाया गया था, जिसमें कछुआ को रखा गया था। इसमें ढेर सारे कछुए थे। छोटा सा एक कछुआ था। वह बहुत ही क्यूट लग रहा था। यहां पर जब हम लोग गए थे। तब यहां के जो कर्मचारी रहते हैं। वह कछुआ को खाना डालने के लिए आए थे। कछुआ शाकाहारी होते हैं और उन्हें जो कर्मचारी लोग थे। वह ककड़ी, खीरा और हरी पत्तेदार सब्जियां दे रहे थे। कछुए के शरीर में छोटे-छोटे स्टार बने हुए थे और यह बहुत सुंदर लग रहा था। यहां पर बहुत बड़े कछुए भी थे और बच्चे भी थे। कछुए के पिंजरे के बाहर चारों तरफ छोटी सी नाली बना दी गई थी और उसमें पानी भर दिया गया था।
उसके बाद हमारी गाड़ी वन विहार में आगे की तरफ बढ़ने लगी। वन विहार पर हमें बड़े तालाब का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल रहा था। यहां पर बहुत सारे लोग बड़े तालाब के किनारे बैठ कर, उसके सुंदर दृश्य को देख रहे थे। यहां पर बैठने के लिए भी चेयर बनाई गई थी। हम लोग अपनी स्कूटी से आगे बढ़ते जा रहे थे और बड़े तालाब के दृश्य को देख रहे थे। यहां पर बहुत सारे लोग बर्ड्स को भी देखते हैं। वन विहार के बाहर साइकिल स्टैंड है, जहां पर साइकिल आप रेंट पर ले सकते हैं और वनविहार पर साइकिल से घूम सकते हैं। इसमें भी बहुत मजा आता है और बहुत सारे लोग साइकिल रेंट पर लेकर वन विहार पर घूमते हैं। यहां पर कुछ लोग पैदल घूम रहे थे और कुछ लोग दौड़ रहे थे। यह मॉर्निंग वॉक के लिए बहुत अच्छी जगह है। प्रकृति के बीच में रहकर एक अलग अनुभव मिलता है।
भोपाल के वन विहार पार्क में बड़े तालाब के दृश्य को देखते हुए आगे बढ़ते हुए, हम लोगों को सांप पार्क देखने के लिए मिला। यहां पर सांपो के बारे में बहुत सारी जानकारी भी दी गई थी और यहां पर हम लोगों को सांप देखने के लिए मिले। यहां पर हम लोगों को चार प्रकार के सांप देखने के लिए मिले। यहां पर हमको इंडियन कोबरा, जिसे नागराज कहते हैं, देखने के लिए मिला। यह आराम से अपने छोटे से कमरे में आराम कर रहा था। कोबरा जहरीला रहता है। उसके बाद एक दूसरा कमरा बना हुआ था, जिसमें सांप और था और वह जहरीला नहीं रहता। मगर यह सब बहुत ज्यादा गतिविधियां करता है। उछल कूद बहुत ज्यादा करता है। उसके बाद हम लोगों को रसल वाइपर देखने के लिए मिला। रसल वाइपर के शरीर में गोल गोल से धब्बे रहते हैं और इसका एक छोटा सा बच्चा भी था, जो हम लोगों को देखने के लिए मिला और इसके बाद पाइथन देखने के लिए मिला। पाइथन का एक छोटा सा बच्चा था, जो गेट से बाहर आ रहा था। मगर लोगों को देखकर वह फिर से अंदर चला गया।
हम लोगों को सांपों को देखने का अनुभव बहुत अच्छा रहा, वैसे सांपों से मुझे डर लगता है। मगर यहां पर इन से डर नहीं लगा। यहां पर हम लोग को पैंगोलिन का एक बड़ा सा स्टैचू देखने के लिए मिला। पैंगोलिन दीमक को खाता है और इसे भारत में दीमक खोर के नाम से जाना जाता है। पैंगोलिन बहुत सुंदर दिखता है और पेंगलीन के बारे में आप जानते होंगे, क्योंकि न्यूज़ में बहुत ज्यादा पैंगोलिन के बारे में बताया जा रहा था। यहां पर आप इसका स्टेचू देख सकते हैं और सांपों के बारे में भी यहां पर बहुत सारी जानकारी दी गई है। बहुत कम सांप रहते हैं, जो जहरीले रहते हैं। सांप हमारी खाद्य श्रंखला का एक महत्वपूर्ण अंग है। अगर सांप ना रहे, तो चूहों से हमें बीमारियां भी होगी और वह हमारे अनाज का बहुत बड़ा हिस्सा खा जाएंगे। इसलिए आपके घर में सांप निकलता है, तो आप उसे मारे ना।
सांपों का संग्रह देखने के बाद, हम लोग वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आगे बढ़े, तो हम लोगों को पक्षी व्याख्यान केंद्र देखने के लिए मिला। यहां पर बहुत सारे पक्षियों की जानकारी मिल जाती है। यहां पर सुंदर छोटा तालाब बना था, जिसमें बैगनी कलर के बहुत सुंदर फूल खिले हुए थे। यह बहुत सुंदर लग रहा था। यहां पर अंदर जाकर हम लोगों को बहुत सारे पक्षियों के चित्र देखने के लिए मिले और यहां पर उनके बारे में जानकारी भी दी गई थी। यहां पर गौरैया चिड़िया के बारे में जानकारी दी गई थी। उसके शारीरिक बनावट को दिखाया गया था। यहां पर राजस्थान के फेमस पक्षी को भी दिखाया गया था। यहां पर बाहर पेड़ के नीचे मोर के नकली अंडे रखे गए थे। यहां पर आप जाएंगे, तो आपको बहुत सारे पक्षियों की जानकारी मिल जाएगी। पक्षी व्याख्यान केंद्र में आपको ठंड के समय यहां पर कितने सारे पक्षी आते हैं। वह सभी पक्षी देखने के लिए मिल जाएंगे। इसके अलावा जो यहां के रहवासी पक्षी हैं। वह भी आपको देखने के लिए मिलते हैं।
वन विहार नेशनल पार्क में पक्षी व्याख्यान केंद्र देखने के बाद, हम लोग आगे बढ़े, तो हम लोगों को यहां पर मगरमच्छ का तालाब देखने के लिए मिला। यह तालाब बहुत बड़ा था और तालाब के आसपास घास थी। यहां पर हमें घड़ियाल का तालाब भी देखने के लिए मिला। मगर हमें घड़ियाल और मगरमच्छ में से कोई भी देखने के लिए नहीं मिला। यहां पर हम लोगों ने बहुत कोशिश की, मगर हम लोगों को मगरमच्छ के दर्शन नहीं हुए हैं। आगे बढ़ने पर हम लोगों को हिरण देखने के लिए मिला, जो बहुत ही सुंदर लग रहा था। यहां पर मोर की आवाज तो आती ही रहती है। यहां पर पक्षी विहार भी था।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के सबसे अंतिम छोर पर, हम लोगों को विहार वीथिका देखने के लिए मिली। विहार वीथिका में जंगली जानवरों के बारे में जानकारी दी गई थी। यहां पर भालू, बब्बर शेर, हिरण, पैंथर, चीता, लकड़बग्घा, हिरण, चीतल, सांभर नीलगाय, गौर इन सभी के बारे में यहां पर जानकारी दी गई थी और वन विहार नेशनल पार्क के बारे में भी यहां पर जानकारी दी गई थी। यहां पर बाघ का स्टेच्यू देखने के लिए मिलता है, जिसमें बाघ के रियल चमड़े का प्रयोग किया गया है और यह बहुत ही खूबसूरत दिखता है। इन सभी चीजों के दर्शन करने के बाद, हम लोग वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के अंतिम गेट से बाहर आ गए। हमें यहां बहुत मजा आया और यहां पर बहुत सारे फैमिली पर्सन घूमने के लिए आते हैं। यहां पर कार, बाइक, साइकिल से घूमने के लिए आए जा सकता है। यहां पर पक्की रोड है और आप आराम से सभी बाड़ों में जानवरों को देखते हुए आ सकते हैं।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल का टिकट - Van Vihar National Park bhopal ticket price
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश शुल्क
- पैदल या साइकिल से एक व्यक्ति एंट्री करते है, तो उसका 20 या 30 रूपए लगता है।
- दो पहिया वाहन में वन विहार में दो व्यक्ति एंट्री करते है, तो आपका 60 रूपए लगता है।
- ऑटो रिक्शा में चार व्यक्ति वन विहार में प्रवेश करते हैं, तो 120 रूपए लगता है।
- हल्के वाहन जीप, कार, जिप्सी में अधिकतम 8 व्यक्ति प्रवेश करते हैं, तो 400 रूपए लगता है।
- मिनी बस में एक से लेकर 20 व्यक्ति तक वन विहार में प्रवेश करते हैं, तो 1000 रूपए लगता है।
- हल्के चार पहिया वाहन अधिकतम पांच व्यक्ति का 250 रुपए लगता है।
फिल्मांकन सहित फोटोग्राफी सहित प्रति व्यक्ति का 10000 रुपए लगता है। व्यवसायिक स्टील फोटोग्राफी वीडियो कैमरा /स्टील कैमरा प्रति व्यक्ति का 7000 रुपए लगता है। आंतरिक क्षेत्र भ्रमण शासकीय वाहन से नियम छह व्यक्तियों तक 50 या 20 रुपए लगता है।
वन विहार भोपाल टाइमिंग - Van Vihar Bhopal Timings
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान का खुलने का समय
1 अगस्त से 31 अक्टूबर तक - प्रातः 6:30 बजे से शाम के 6:30
1 नवंबर से 15 फरवरी तक - प्रातः 6:30 से 6:00
16 फरवरी से 15 फरवरी तक - 6:30 से 6:30
15 फरवरी से 31 जुलाई तक - 6:00 से 7:00 बजे
टिकट घर आधा घंटा पहले ही बंद कर दिया जाता है।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में प्रत्येक शुक्रवार के दिन बंद रहता है। दीपावली, होली और रंग पंचमी में भी छुट्टी रहती है।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान सफारी - Van Vihar National Park Safari
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल शहर की एक प्रमुख जगह है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आप सफारी का मजा ले सकते हैं। यहां पर आपको दो गेट देखने के लिए मिलता है। एक रामू गेट और एक चीकू गेट। रामू गेट भोपाल तालाब बोट क्लब के पास में स्थित है। रामू गेट से आप प्रवेश करते हैं, तो आपको सबसे पहले हायना का बाड़ा देखने के लिए मिलता है। लकड़बग्घा का बाड़ा देखने के लिए मिलता है। बाघ का बाड़ा देखने के लिए मिलेगा। सफेद बाघ का बाड़ा देखने के लिए मिलेगा। गौर का बाड़ा देखने के लिए मिलेगा। भालू का बाड़ा देखने के लिए मिलेगा। कछुआ का तालाब देखने के लिए मिलेगा। पैंथर का बाड़ा देखने के लिए मिलेगा। उसके बाद आपको स्नेक पार्क देखने के लिए मिलेगा। डियर पार्क देखने के लिए मिलेगा।
मगरमच्छ का तालाब देखने के लिए मिलेगा। घड़ियाल का तालाब देखने के लिए मिलेगा। पक्षी विहार देखने के लिए मिलेगा। विहार वीथिका देखने के लिए मिलेगा। उसके बाद आपको कैफ़े देखने के लिए मिलता है। अब यहां से कुछ खा पी सकते हैं। उसके बाद आप चीकू गेट से बाहर आ सकते है।
वन विहार के दोनों प्रवेश द्वार पर अंदर भ्रमण हेतु साइकिल किराए पर उपलब्ध है। यहां पर प्रति साइकिल 10 रूपए प्रति घंटा का किराया लगता है। आपको 50 रूपए जमा करना पड़ता है। डबल सीट के लिए 20 रूपए लगता है और आप यहां पर साइकिल से घूम सकते हैं।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई - When was Van Vihar National Park established?
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1977 में फरवरी माह में आधिकारिक रूप से चिड़िया घर के रूप में किया गया था। 1971 लगभग 1000 एकड़ भूमि को जूलॉजिकल एवं बॉटनिकल गार्डन हेतु संरक्षित करने का मंतव्य किया गया था। 1980 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा 450 हेक्टेयर ग्रामों की भूमि को अधिग्रहित करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई। 1980 को रायसेन वन मंडल से सांभर, चीतल, चिंकारा, काला हिरण इस वन विहार में लाया गया। 1980 को बैतूल से दो नीलगाय वनविहार लाए गए। 1980 में प्रथम तेंदुआ में कान्हा टाइगर रिजर्व से वनविहार लाया गया। 1980 में प्रथम सिंह रामू सिराली हरदा वन मंडल से वन विहार लाया गया।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान कहां पर स्थित है - Where is Van Vihar National Park located?
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में स्थित है। यह भोपाल शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल शहर में बड़ा तालाब के किनारे बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान का गेट नंबर 1 रामू गेट बड़ा तालाब बोट क्लब के पास में स्थित है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आप बाइक या कार से आराम से जा सकते हैं और यहां पर बाइक और कार से आप पूरा वनविहार घूम सकते हैं।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की फोटो - Images of Van Vihar National Park
वन विहार भोपाल |
रसल वाइपर सांप |
गौर का बाड़ा |
बाघ सुंदर जंगली जानवर |
पैंथर का बाड़ा |
बड़ा तालाब का सुंदर दृश्य |
बाड़ा का दृश्य |
बड़ा तालाब का सुंदर दृश्य |
कछुआ का पिंजरा |
पैंगोलिन का स्टैचू |
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