गढ़ाकोटा का किला, गढ़ाकोटा तहसील, सागर सिटी - Garhakota ka kila , Garhakota Tehsil, Sagar City
गढ़ाकोटा का किला सागर शहर का एक प्राचीन किला है। यह किला खंडहर अवस्था में गढ़कोटा में स्थित है। गढ़ाकोटा का किला सोनार और गधेरी नदी के संगम के पास में स्थित है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस किले में आपको प्राचीन महल के अवशेष देखने के लिए मिलेंगे। वैसे अब इस किले का कोई खास रखरखाव नहीं किया जाता है। यह किला ऐसे ही वीरान पड़ा हुआ है। इस किले में बहुत बड़ी-बड़ी दीवारे हैं और बहुत बड़े-बड़े बुर्ज भी देखने के लिए मिलते हैं। इस किले के अंदर हम लोगों को मोर भी देखने के लिए मिला था। मगर हम लोग मोर बाहर से ही देखे थे। इस किले के अंदर नहीं गए थे। गढ़ाकोटा किले के अंदर आपको बादल महल और रंग महल के खंडहर देखने के लिए मिल जाएंगे। इस किले में बड़ी-बड़ी झाड़ियाँ है। आप अगर इस किले में घूमने के लिए जाते हैं, तो ग्रुप के साथ घूमने के लिए जाए। यह किला पूरी तरह से जंगल में बदल गया है।
हम लोग गढ़ाकोटा का किला घूमने के लिए गए थे। यह किला सोनार और गधेरी नदी के संगम के पहले बना हुआ है। हम लोग अपनी गाड़ी से इस किले के बाजू से, जो रास्ता गया हुआ है। उस रास्ते में आगे बढ़ गए थे, तो हम लोगों को यहां पर एक मस्जिद भी देखने के लिए मिली थी। हम लोग मस्जिद के भी आगे बढ़ गए थे। मस्जिद के आगे यहां के निवासी थे। जिन से हमने इस किले में जाने का रास्ता पूछा और उन्होंने हमें वापस मुख्य सड़क पर आने के लिए कहा। मुख्य सड़क में ही इस किले में जाने का रास्ता बना हुआ है। मुख्य सड़क मे किले में जाने के लिए रास्ता है। मुख्य सड़क में किले में जाने के लिए, जो रास्ता बना हुआ है। रास्ते के दोनों तरफ आपको खाई देखने के लिए मिलती है। इन खाईयों को किले की रक्षा के लिए बनाया गया था।
प्राचीन समय में शायद इन खाईयों में पानी भरा रहता होगा और इनमें मगरमच्छ और जहरीले सांप रहा करते होंगे, जिससे किले की रक्षा हो सके। आगे जाने पर किले की ऊंची दीवारें देखने के लिए मिलती हैं और किले का मुख्य द्वार देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। हम लोग मुख्य द्वार तक गए थे। इसके आगे हम लोग नहीं गए थे। हम लोग को किले के सबसे ऊपरी सिरे में मोर भी देखने के लिए मिला था। वैसे इस किले में ज्यादा कोई भी घूमने के लिए नहीं आता है। यह किला वीरान पड़ा हुआ है।
गढ़ाकोटा किला का इतिहास - History of Garhakota Fort
गढ़ाकोटा का किला सागर जिले के प्राचीन किलो में से एक है। यह किला महाराजा संग्राम शाह के 52 गढ़ो में से एक था। महाराजा संग्राम शाह के पुत्र महाराजा दलपति शाह ने इस किले का निर्माण कराया था और उन्होंने यहां पर शासन किया था। महाराजा दलपति शाह की अचानक मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके पुत्र वीर नारायण को राजगद्दी मिली और महारानी दुर्गावती ने शासन की बागडोर को अपने हाथों में लिया। रानी दुर्गावती मुगल सल्तनत से लड़ते हुए शहीद हो गई। उनकी मृत्यु के पश्चात दलपति शाह के भाई राजा चंद्रशाह को मुगल सल्तनत ने राजा बना दिया।
यह किला महाराजा छत्रसाल के अधिकार में भी रहा और 1703 ईसवी में छत्रसाल के पुत्र हृदय शाह ने इस किले को अपने कब्जे में ले लिया था। 17 वी शताब्दी में राजपूत राजा मर्दन सिंह ने इस किले को अपने कब्जे में ले लिया था और इस किले में राजा मर्दन सिंह ने बहुत सारे सुंदर भवनों का निर्माण करवाया था। उसके बाद इस किले में भोसले साम्राज्य का शासन हुआ। उसके बाद राजा मर्दन सिंह के पुत्र अर्जुन सिंह ने इस किले में कब्जा कर लिया। उसके बाद अंग्रेजों ने इस किले को अर्जुन सिंह से छीन लिया।
गढ़ाकोटा का किला कहां स्थित है - Where is the Garhakota Fort located?
गढ़ाकोटा का किला मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक मुख्य किला है। यह किला सागर जिले की गढ़ाकोटा तहसील में स्थित है। सागर से गढ़ाकोटा की दूरी 40 किलोमीटर है। यह किला दमोह सागर राजमार्ग में स्थित है। आपको मुख्य सड़क से करीब 1 किलोमीटर अंदर जाना पड़ता है। इस किले तक जाने के लिए पक्की सड़क उपलब्ध है। एक पतली सी सड़क इस किले तक जाती है। आप इस किले तक अपनी कार और बाइक से जा सकते हैं। इस किले में आप कार से जा सकते हैं। मगर कार को पार्क करने की जगह यहां पर नहीं है। इस किले के अंदर जाने का रास्ता कच्चा है।
गढ़ाकोटा किले की फोटो - Images of Garhakota Fort
गढ़ाकोटा किले में प्रवेश करने के लिए रास्ता |
गढ़ाकोटा किले का बाहर से दृश्य |
गढ़ाकोटा किले का बाहर से दृश्य |
गढ़ाकोटा किले के बुर्ज और ऊंची दीवारें |
गढ़ाकोटा किले में बाजू से सुनार और गधेरी नदी के संगम के तरफ जाने वाला रास्ता |
प्राचीन आबचंद की गुफाएं, गढ़ाकोटा, सागर
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