सूर्य मंदिर या विजय मंदिर (बीजामण्डल) विदिशा - Sun Temple or Vijay Temple (Bijamandal) Vidisha
विदिशा का बीजा मंडल का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। बीजा मंडल को सूर्य मंदिर और विजय मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बीजा मंडल प्राचीन समय में एक हिंदू मंदिर हुआ करता था। मुगल के आक्रमण के बाद यह मंदिर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया। आपको यहां एक ऊंचा और बड़ा सा मंडप देखने के लिए मिलेगा। इस मंडप के ऊपर लाइन से सुंदर भवन बने हुए हैं। यह भवन पत्थर के बने हुए हैं और बहुत ही अद्भुत लगते हैं। बीजा मंडल को बहुत सारे नामों से जाना जाता है। बीजा मंडल पर प्राचीन अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह पूरा मंडप पत्थर का बना हुआ है। यह देखने में बहुत ही अद्भुत लगता है। यहां पर सुंदर गार्डन बना हुआ है और गार्डन के बीच में आपको यह संरचना देखने के लिए मिलती है, जो बहुत अद्भुत है। यहां पर संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियां रखी गई है।
बीजा मंडल विदिशा शहर का एक प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर है। बीजा मंडल में हम लोग घूमने के लिए अपनी गाड़ी से गए थे। यहां पर पहुंचना बहुत आसान है। यह मुख्य विदिशा अशोकनगर हाईवे सड़क के पास ही में स्थित है। हम लोग ने अपने बाइक बीजा मंडल परिसर के बाहर खड़ी की थी। यहां पर पार्किंग के लिए अच्छी जगह है। मगर यहां पर चारों तरफ बस्ती है। बीजा मंडल पर किसी भी तरह की कोई एंट्री फीस नहीं लगती है। हम लोग अंदर गए और यहां पर बहुत सुंदर मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। यह मूर्तियां बहुत प्राचीन है। यह सारी मूर्तियां पत्थर पर बनाई गई हैं और बहुत ही आकर्षक लगती हैं। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है। इस गार्डन में भी फूल लगे हुए थे, जो बहुत सुंदर लग रहे थे। चारों तरफ यहां पर हरियाली थी। घास उगी हुई थी।
बीजा मंडल पर आप मुख्य गेट से प्रवेश करते है, तो आपको यहां पर संग्रहालय देखने के लिए मिलेगा। बायें ओर एक गलियारा बीजा मंडल के मंदिर की तरफ जाता है। हम लोग पहले मंदिर देखने के लिए गए। बीजा मंडल मंदिर के रास्ते में बहुत सारी मूर्तियां रखी गई हैं। यह मूर्तियां बहुत ही सुंदर लगते हैं। यहां पर आपको देवी देवताओं की नक्काशी, बेल बूटे और भी अलग-अलग कलाकृतियों की नक्काशी देखने के लिए मिल जाएगी। बीजा मंडल या विजया मंदिर एक ऊंचे मंडप पर बना था और यहां पर यह पूरा मंडप पत्थर का बना था और सीढ़ियां भी पत्थर की बनी थी।
हम लोग सीढ़ियों से ऊपर गए, तो हम लोग को एक लाइन से बने हुए भवन देखने के लिए मिले। यह भवन जाली से कवर कर दिए गए हैं। आप बाहर से ही इन भवन को देख सकते हैं। इन भवन के अंदर मूर्तियां हैं, जो बहुत सुंदर लगती हैं। यहां पर आपको नक्काशीदार स्तंभ भी देखने के लिए मिलता हैं। यह बहुत आकर्षक लगते हैं। इस मंदिर की पूरी संरचना ही बहुत जबरदस्त लगती है। बीजा मंडल मंदिर के चारों तरफ हरियाली है। पेड़ पौधे हैं और बड़ी-बड़ी घास थी।
बीजा मंडल मंदिर घूमने के बाद, हम लोग नीचे आए और बीजा मंडल परिसर में ही एक कुआं बना हुआ है। यह कुआं प्राचीन है और इस कुआं में पानी भरा था। इस कुएं में सीढ़ियां बनी हुई है। वैसे अब इस कुएं को पूरी तरह पैक कर दिया गया है। इस कुएं में सीढ़ियां की तरफ आपको स्तंभ देखने के लिए मिलेंगे। इन स्तंभों में बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने मिलती है।
बीजा मंडल के प्राचीन कुएं को देखने के बाद, हम लोग बीजा मंडल के संग्रहालय में घूमने के लिए गए। यहां पर बहुत सारी मूर्तियों का संग्रह देखने के लिए मिलता है। यहां पर बीजा मंडल के बारे में जानकारी भी मिलती है। यहां पर आपको जो भी मूर्ति देखने के लिए मिलती है, उनकी जानकारी भी लिखी हुई है। संग्रहालय में हमें परमार कालीन एक देवी की प्रतिमा देखने के लिए मिली। यह प्रतिमा 1100 ईस्वी की है और यह प्रतिमा 10 हाथ वाली देवी की है और देवी एक ऊंचे आसन में विराजमान है। देवी का मुख खंडित अवस्था में है और देवी आभूषणों से सुसज्जित है।
बीजा मंडल संग्रहालय में उमा और महेश की प्रतिमा देखने के लिए मिली। उमा-महेश आलिंगन की अवस्था में है। उमा महेश की प्रतिमा परमार कालीन है और यह प्रतिमा में देवी देवता आभूषण से सुसज्जित है और यह भगवान शिव ने देवी को अपनी बाईं जांघ में बैठाया है और अपने बाय हाथों को देवी की पीठ में जाकर उनके स्तनों के पास रखे है। देवी का दाया हाथ शिव के बाएं कंधे से रखा हुआ है। शिव के पैरों के पास नंदी विराजमान है। यह मूर्ति भी खंडित अवस्था में देखने के लिए मिलती है।
इन मूर्तियों के अलावा आपको बीजा मंडल संग्रहालय में अप्सराओं की विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां देखने के लिए मिलेगी। दिगपाल की मूर्ति देखने के लिए मिलेगी। दुर्गा महिषासुर मर्दिनी और गणेश जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलेगी। गज लक्ष्मी की प्रतिमा देखने के लिए मिलेगी। विष्णु भगवान जी और लक्ष्मी जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलेगी। बैठी हुई देवी की प्रतिमा देखने के लिए मिलेगी। बैठी हुई देवी की प्रतिमा भी बहुत बड़ी है और परमार कालीन है। इसमें देवी के 10 हाथ वाली प्रतिमा है और वह आसन में विराजमान है। देवी के हाथ खंडित अवस्था में यहां पर देखने के लिए मिलते हैं। देवी आभूषण युक्त गोल गालों वाली अत्यंत सुंदर है। हम लोगों ने म्यूजियम घूम लिया। उसके बाद हम लोग आकर कुछ देर बाहर गार्डन में बैठे रहे। यहां पर बैठने के लिए चेयर बनाया गया है। यहां पर बहुत अच्छा लगता है।
बीजा मंडल का इतिहास - History of Bija Mandal
शब्द "बीजामंडल" की उत्पत्ति संभवत इस स्थापत्य संरचना के वास्तविक नाम विजय मंदिर के पश्चात हुई थी। साक्ष्यों से पता चलता है कि विजय मंदिर का निर्माण परमार शासक द्वारा 11वीं शताब्दी में किया गया था, जिसे 1682 ईस्वी में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा खंडित कर दिया गया था तथा उस पर एक मस्जिद का निर्माण कराया करवाया। जिसमें इसी पूर्व मंदिर के स्तंभों तथा अन्य भागों का ही प्रयोग किया गया। इस मस्जिद को आलमगीरी मस्जिद कहा जाता था तथा विदिशा को आलगीरपुर, जो की बहुत लोकप्रिय ना हो पाया।
इस मंदिर के स्तंभ युक्त मंडप के एक स्तंभ पर उत्कीर्ण अभिलेख के अनुसार इस मंदिर का तादात्म्य "चर्चिका देवी" से स्थापित किया जाता है। इस अभिलेख में परमार शासक नर बर्मन का भी उल्लेख आता है। ऐसा माना जाता है कि उक्त देवी का एक अन्य नाम विजया भी था। जिस कारण मंदिर का नाम विजय मंदिर पड़ गया। इस मंदिर की दीवार से सन 1186 ईसवी का उदयवर्मन का अभिलेख मिला है।
यहां पर सन 1971 से 1972 में भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मध्य मंडल के अंतर्गत हुए उत्खनन में मंदिर के दक्षिणी भाग में एक अन्य अभिलेख प्राप्त हुआ, जो सूर्य उपासना से प्रारंभ होता है।
यह अभिलेख देवनागरी लिपि के संस्कृत भाषा में है। यद्यपि इससे किसी तिथि का कोई ज्ञान नहीं होता। परंतु भाषा तथा शब्दों की बनावट से यह 1100 शताब्दी का माना जा सकता है। यह जब परमार शासक इस क्षेत्र में राज्य कर रहे थे तथा विजय मंदिर का निर्माण किया गया। यहीं से प्राप्त एक अन्य अभिलेख से भगवान "भेल्लस्वामिन" का उल्लेख किया गया है, जिसका तात्पर्य "सूर्य भगवान" जिसके कारण ही वर्तमान विदिशा भेलसा के नाम से जाना जाता है तथा इस मंदिर को सूर्य भगवान से जोड़ा जाता है, तथा यह कहा जाता है कि तत्कालीन शासक सूर्य के अनन्य भक्त थे। जिनके सम्मान में यह मंदिर निर्मित किया गया। यह भी हो सकता है कि बीजा मंडल वास्तविक रूप से सूर्य मंदिर रहा होगा।
बीजा मंडल कहां पर स्थित है - where is Bija mandal
बीजा मंडल विदिशा शहर का एक प्रसिद्ध स्थल है। बीजा मंडल विदिशा शहर में अशोकनगर हाईवे सड़क पर स्थित है। बीजा मंडल मंदिर हाईवे सड़क से कुछ दूरी पर अंदर बस्ती के अंदर बना हुआ है। यहां पर आप कार से या बाइक से जा सकते हैं। यहां पर पार्किंग के लिए अच्छी जगह है।
बीजा मंडल विदिशा की फोटो - photo of bija mandal vidisha
बीजा मंडल या विजय मंदिर |
बगीचे में स्थित कलाकृतियां |
बीजा मंडल मंदिर की तरफ जाने वाला रास्ता |
बीजा मंडल का नीचे से दृश्य |
बीजा मंडल मंदिर में जाने वाली सीढ़ियां |
बीजा मंडल की एक कलाकृति |
बीजा मंडल परिसर में स्थित प्राचीन कुआं |
बीजा मंडल मंदिर |
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