अजयगढ़ का जंगल और अजयगढ़ की घाटी - Ajaygarh forest and Ajaygarh valley
अजयगढ़ पन्ना जिले के पास स्थित एक सुंदर नगर है। अजयगढ़ में अजयगढ़ का किला और अजयगढ़ का जंगल बहुत फेमस है। अजयगढ़ पन्ना जिले से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पन्ना से अजयगढ़ का रास्ता बहुत अच्छा है। अजयगढ़ जाने के लिए पन्ना शहर से आपको अच्छी सड़क मिलती है। हम लोग भी इस सड़क से गए हैं। हम लोग इस सड़क से कालिंजर किले में घूमने के लिए गए हैं। अजयगढ़ का जंगल बहुत ही सुंदर है। यह जंगल महुआ के पेड़ों से भरा हुआ है। अजयगढ़ के जंगल में आपको बहुत सारे महुआ के पेड़ देखने के लिए मिल जाते हैं। हम लोग यहां पर गर्मी के समय गए थे। इसलिए गर्मी के समय में महुआ के जो फूल हैं, वह गिरते हैं।
कालिंजर का किला पन्ना जिले से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हम लोग कालिंजर के किले में घूमने के लिए अजयगढ़ के जंगल के रास्ते से होते हुए गए थे। यह जो रास्ता है, पूरा रास्ता जंगल से भरा हुआ है। यहां पर दोनों तरफ आपको सुंदर-सुंदर पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं। अगर आप लकी रहेंगे, तो आपको जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल सकते हैं। यहां पर हम लोगों को रोड के दोनों तरफ महुआ के बहुत सारे पेड़ देखने के लिए मिले। हम लोग अप्रैल के माह में यहां पर घूमने के लिए गए थे। अप्रैल के माह में महुआ के पेड़ से इसके फूल गिरते हैं। महुआ के फूलों से शराब बनाई जाती है। महुआ के का उपयोग और भी कामों में किया जाता है। मगर जो गांव के लोग हैं। वह इसके फूलों से शराबी बनाते हैं और उसे अच्छे दामों में बेचते है। यहां पर गांव वाले महुआ के फूलों को बिनते हैं। वैसे महुआ के फूल ही नहीं, महुआ के जो फल रहते हैं। वह भी बहुत काम के रहते हैं। इसके फल से तेल निकाला जाता है।
यहां पर हम लोग अजयगढ़ के जंगल से होते हुए, अजयगढ़ की घाटी के पास पहुंचे। अजयगढ़ की घाटी भी बहुत डेंजर है। इस घाटी में संभल कर चलने की जरूरत है, नहीं तो यहां पर बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो जाता है। यह घाटी बहुत ही घुमावदार है और यहां पर इतने घुमावदार मोड़ हैं, कि हम लोग सोच रहे थे कि यह मोड़ कब खत्म होंगे। मगर बहुत मजा आया। अजयगढ़ की घाटी में नीचे उतरते हुए हम लोगों को एक प्राचीन मंदिर भी देखने के लिए मिला। यह मंदिर के अवशेष देखने के लिए मिले। यहां पर एक प्राचीन बावड़ी बनी हुई थी जिसमें सीढ़ियां बनी हुई थी। यह मंदिर जो था, वह शिव भगवान जी को समर्पित था। इस मंदिर में आपको प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलेगा, जो सुंदर है। अजयगढ़ की घाटी से हम लोगों को सुंदर नीचे का जंगल का दृश्य देखने के लिए मिला, जो बहुत सुंदर लग रहा था। हम लोग धीरे-धीरे इस घाटी से नीचे उतरे। वैसे इस घाटी में, जो मोड बने हुए हैं। वह बहुत ही खतरनाक बने हुए हैं और जो बड़ी बसे रहती है, उन्हें यहां बहुत संभाल कर गाड़ी चलानी पड़ती है।
अजयगढ़ की घाटी से हम लोग नीचे उतर गए। अब हमारा रास्ता सीधा था। वैसे यहां पर पेट्रोल पंप नहीं है। आप अपनी गाड़ी की टंकी फुल करवा ले। आगे जाकर, हमें दो रास्ते देखने के लिए मिले। इसमें से एक रास्ता अजयगढ़ की तरफ जा रहा था और दूसरा रास्ता कालिंजर किले की तरफ जा रहा था। हम लोगों को कालिंजर किले की तरफ जाना था। इसलिए हम लोग कालिंजर किले का रास्ता चुने और कालिंजर किले के रास्ते में आगे की तरफ जाने पर हमें एक पेट्रोल पंप भी दिखा। इस पेट्रोल पंप में पेट्रोल हमे डब्बे से मिला।
कालिंजर किले में जाने वाला यह रास्ता बिल्कुल अच्छा नहीं है। यहां पर रोड बिल्कुल अच्छी नहीं है। बहुत खराब रोड है। हम लोगों की इस रोड से जाने में हालत खराब हो गई। मगर जैसे तैसे करके हम लोग कालिंजर किले में पहुंच गए। वैसे कालिंजर का जो रास्ता है। उस रास्ते में हमें बहुत सुंदर सुंदर दृश्य देखने के लिए मिले। यहां पर हम को ऊंचे पहाड़, हरे भरे खेत का दृश्य देखने के लिए मिला। कालिंजर में जाते समय हमें एक नदी भी देखने के लिए मिली, जो बहुत सुंदर लग रही थी। कालिंजर किले के पास पहुंचकर हम लोगों ने चाय पिया और उसके बाद कालिंजर किले की चढ़ाई करना शुरू कर दिया।
बलदेव जी मंदिर पन्ना मध्य प्रदेश
नीलकंठ मंदिर कालिंजर किला बांदा
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