नागद्वार (पचमढ़ी) की यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी
आप नागद्वार की पैदल यात्रा करके कालाझाड या भजियागिरी पहुॅचा जाते है। काला झाड़ में आपको बहुत सारी दुकानें देखने मिल जाती है और पानी पीने के लिए भी आपको यहां सुविधा मिल जाती हैं। यहां पर आपको दो रास्ते मिलते हैं। आप दोनों में से कोई भी रास्ता चूस करके आगे बढ़ सकते हैं, दोनों रास्तों से ही आपको नाग देवता के और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों के दर्शन करने मिल जाएंगे। हम लोगों ने काला झाड़ में थोड़ा सा रेस्ट किया उसके बाद आगे बढ़े यहां पर आपको बहुत ज्यादा चलना पड़ता है, और यहां पर पहाड़ियों का व्यू बहुत ही अच्छा लगता है और जो रास्ता है, वो बहुत खतरानाक है।
नागद्वार के खतरनाक रास्तें
आपको नागद्वार यात्रा में कहीं पर ढलान वाला रास्ता मिलता है तो कहीं पर चढ़ाई वाला रास्ता मिलता है। कहीं पर आपको उबाड खाबड रोड मिलती है तो कहीं कहीं पर उची चट्टानें मिलती है। आपको यहां पर हरियाली भरे जंगल मिलते हैं, और बरसात में पानी भी गिरता रहता है। आपको नागद्वार यात्रा में ऐसी रोड मिलती है जो बहुत ही पतली होती है और रोड के बाजू से गहरी खाई होती है। अगर आपका एक गलत कदम हुआ तो आप डायरेक्ट नीचे जा सकते हैं और पता नहीं कहां जाएंगे इसका कोई अंदाजा नहीं है, इसलिए आपको यहां पर संभलकर चलने की जरूरत होती है।
आपको कहीं पर कहीं पर लगता है कि आप नीचे की तरफ जाते जा रहे है मतलब पूरा खाई वाला रास्ता रहता है और इस रास्ते में बडे बडे पत्थर अडी ढेडी रोड मिलती है। आपकी हालत बहुत ज्यादा डाउन हो जाती है, चलते चलते। मगर आपको यह पर जो व्यू देखने मिलता वो स्वर्ग से कम नहीं होता है। नागद्वार में आपको चलते रहना चहिए इससे आप रात के सही समय पर लौटे सकते है। अगर आप को यह पर रात हो जाती है तो आप मंदिर में रूक सकते है और यहां पर बहुत सी दुकानें होती है जहां पर आप रूक सकते है। आप नागद्वार जाते है तो जूते का प्रयोग करें और यदि चप्पल का प्रयोग करते है तो मजबूत चप्पल पहनें। क्योकि यह के रास्ते में आपके चप्पल टूटा जाती है।
आपको यहां पर किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिलती है। मंदिरों में या मंदिर के आसपास आपको रहने और खाने पीने के लिए सुविधा मिल जाती है। अगर आप यहां पर चलते रहेगें तो आपकी यात्रा एक ही दिन में पूरी हो जाएगी।
नागद्वार में आपको जंगल की खूबसूरत पहाड़ियां, घाटियां, और नदियां देखने मिलेगी। यह पर जगह जगह पर झरने आपको देखने मिल जाते है क्योकि बरसात का सीजन होता है और पानी बरसात रहता है तो पहाडों से झरने बहते रहते है। कहीं कहीं पर विशाल पर्वत श्रृंखला आपको देखने मिलती है। पहाडों का अदुभ्त दृश्य होता है, वह भी बहुत मस्त रहती हैं एक अलग ही अनुभव रहता है, इस जगह का। क्योंकि यहां पर मानवीय क्रियाकलाप बस इन दस दिन के लिए ही होता है। यह पूरी तरह से जंगल है और एक अलग एडवेंचरस हमे यहां मिलता है।
नागद्वार का मेला
हम लोगों ने पैदल चलकर मेले तक पहुंच गए थे। यहां जंगल में छोटा सा मेला भरता है और अगर आप नाग पंचमी के 10 दिन पहले जाते हैं तो आपको यह मेला देखने मिलता है। अगर आप नागपंचमी के दिन जाएंगे तो यह मेला खत्म हो जाता है। कुछ ही दुकानें यहां पर आपको देखने के लिए मिलती हैं और बहुत से लोग अपना दुकानें लेकर जाने लगते हैं । यहां पर आपको भंडारा भी मिल जाता है और पीने के लिए पानी भी मिल जाता है यहां पर रुकने की व्यवस्था भी होती है मगर अभी भी मंदिर बहुत दूर होता है। मेले में आपको एक बरसाती नाला देखने मिलता है, आप इससे आगे जाते है तो आपको भोले बाबा का छोटा सा मंदिर देखने मिलता है और यह से आपको विशाल पहाडा का मनोरम व्यू भी देखने मिलता है। बहुत से लोगों को यह मन्नत माॅग कर आते है और पहाडी में साष्टांग प्रणाम करते हूए चलते है।
पद्मशेष मंदिर
नागद्वार पर आपको बरसात के टाइम में छोटी-छोटी नदियां बहती हैं। यहां पर आपको बहुत सारी जगह झरनों देखने मिल जाती है। आप इन झरनों में नहाने का आंनद भी ले सकते है। आप पद्मशेष मंदिर पहूॅचते है तो यहां पर बहुत ज्यादा भीड होती है आपको यहां पर लाइन लगना पडता है। भगवान के दर्शन करने के लिए। आपको यहां पर भंडारा भी मिलता रहता है और यहां पर आपको पीने का पानी भी मिलता है। आपको दूर से ही मुख्य मंदिर दिखाई देता है। यहां पर गुफा भी स्थित है जहां पर शिव भगवान और नागदेवता की बहुत सी मूर्तिया आपको देखने मिलती है। आप भगवान के दर्शन करके आगे बढा सकते है। यहां पर आपको बहुत सारी दुकान मिल जाती है और यह पर एक नाला भी बहता रहता है। जिसके आजू बाजू लोग गन्दा कर देते वैसे यहां पर जहां पर बरसाती नाले होते है, वहां पर लोग गंदा कर देते है। आप इस जगह से होते हुए आगे बढते है तो आपको पश्चिमद्वार के दर्शन करने मिलते है। यह पर एक झरना पहाडों के उपर से आता है और उसका पानी नीचे अडरग्राउण्ड हो जाता है। यहां पर उचे उचे पहाड है जिसके नीचे एक गुफा है जहां पर आपको शिव भगवान की मूर्ति स्थापित है।
स्वर्गद्वार
आप यहां पर आगे बढते है, कुछ दूरी चलने पर आपको एक नदी मिलती है। इसके बाद आपको यह पर पहाडों के उपर चढना होता है तो आपको लोहे की सीढियाॅ मिलेगी। इन लोहे की सीढ़ियों से चढ़कर आपको पहाड़ी पर चढ़ना होता है और पहाड़ी से चलते हुए आपको दूर से ही स्वर्ग द्वार देखने मिल जाता है, तो आप स्वर्ग द्वार पहुंचते हैं, तो यहां पर बहुत बड़ी पहाड़ी है। पहाड़ी में एक खूबसूरत संरचना है जिसे लोग स्वर्गद्वार कहते हैं। यहां पर भी एक छोटी सी गुफा है और गुफा में भगवान शिव का शिवलिंग रखा हुआ है। स्वर्गद्वार का जो व्यू होता है वहां लाजबाब होता है। स्वर्गद्वार के उपर छत में चटटान के उपर एक गुफा है जिसमें लोग नीबू को फेकते है, उस गुफा के अंदर नीबू जाना चहिए। इस तरह करने से कहा जाता है कि इच्छाए पूरी होती है। ये बहुत बडी पहाड की श्रृंखला है। इस पहाड़ी से बाजू से ही पहाड़ को काटकर ही रास्ता बनाया गया है, इस रास्ते में लोहे की राॅड लगी है, आपको इस रास्ते से ही आगे बढना होता है।
आपको आगे बढने पर एक और मंदिर देखने मिलते हैं और यह मंदिर भी बहुत ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर शायद चित्रशाला का होता है। इस यात्रा में हम लोग ने इन मंदिरों के ही दर्शन किए थे। यहां के दर्शन करके आप आगे जाते हैं तो आपको यहां से पर लगातार चलना पड़ता है।
आपको यहां पर आगे जा कर एक झरना देखने मिलता है जो बहुत ही खूबसूरत रहता है और यहां पर बहुत सारे लोग नहाते हुए भी आप को दिख जाते हैं, क्योंकि यहां तक आते-आते लोग बहुत ज्यादा थक जाते हैं और बहुत ज्यादा उन्हें गर्मी लगने लगती है, तो यहां पर बहुत से लोग नहाते हुए भी आप को दिख जाएंगे इसके बाद आपको लगातार पैदल चलना है। आप पैदल चलते चलते कालाझाड पहुंच जाते हैं। कालाझाड में आप रेस्ट करके अपनी आगे का सफर तय करें। अपनी घर या होटल की तरफ बढा सकते है। यहां पर शाम को भी लोग चलते रहते हैं और यहां मेले के समय में आपको शाम को भी जिप्सी मिल जाती है।
नागद्वार यात्रा की कुछ जानकारी
यहां पर बहुत खूबसूरत व्यू देखने मिलता है। चारों तरफ हरियाली और पहाड़ रहते है। यहां पर आपको मंदिर के आसपास पानी की व्यवस्था मिल जाती है। यह पानी पहाड से आता है। यह पानी बहुत शुध्द होता है। इस पानी का उपयोग भंडारा बनाने में भी होता है। वैसे यहां पानी साफ रहता है।
नागद्वार की पूरी यात्रा में आपको किसी भी तरह के शौचालय नहीं मिलते हैं। आपको जंगल में ही बाथरूम लैट्रिन करना पडता है। जंगल में आपका फोन का नेटवर्क काम नहीं करता है। आप जब कालाझाड पहुॅचकर आगे बढते है तब ही आपका फोन का नेटवर्क काम करता है।
यहां पर बहुत सारी दुकानें लगी रहती है। यहां पर खाने-पीने का सामान मिलता रहता है और यहां पर भंडारा भी मिलता रहता है। मगर मेरे हिसाब से तो आपको खाने पीने का सामान अपने साथ खुद लेकर जाना चाहिए क्योंकि यहां पर जो सामान मिलता है वह बहुत महंगा मिलता है, और पानी भी बहुत महंगा मिलता है। तो खाने पीने का सामान आप खुद लेकर जाइए और यहां पर आपको देशी शराब भी मिलती है। देसी शराब बहुत से लोग शराब पीकर यहां वहां डले रहते हैं। वैसे यह अच्छा नहीं लगता है। आप इस बात का जरूर ध्यान दीजिए। किसी भी धार्मिक जगह पर शराब का सेवन ना करिए और इस जगह की खूबसूरती का आनंद लीजिए।
यहां पर लोग भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते हैं। भोले बाबा के दर्शन करते हुए वापस आता है और यहां का जो नजारा रहता वह तो एकदम मस्त रहता है तो आपकी जो भी थकान रहती है। वह पूरी उतर जाती है। यहां पर आप जाएं तो किसी भी तरह का वजन बैग या फिर एकस्टा सामान लेकर ना जाए। जरूरी सामान ही लेकर चलें।
मेरा नागद्वार यात्रा का एक्सपीरियंस बहुत बढिया रहा है। मैने अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसी जगह देखी है। यह जगह बहुत मस्त है। मैं यहां पर 2019 में गई थी। मेरा इस जगह 2020 में भी जाने का इरादा है।
नागद्वार यात्रा में आपको पद्मशेष मंदिर, पश्चिमद्वार, स्वर्गद्वार, चित्रशाला, अग्निद्वार, नागिनीपद्मिनी, चिंतामणि, गंगावणेश, श्रवणबोध, हलदीश, गुलेश, दादा धूनीवाले, नंदीगढ़, निशांगध, राजगिरि, देखने मिलती है जो बहुत ज्यादा आकर्षक है।
नागद्वार में आपको प्रकृति स्थल, हरियाली, प्राकृतिक दृश्य, झरने, पर्वत धाराएं और दुर्लभ वन्यजीव हैं।
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