जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी
जटाशंकर मंदिर पचमढ़ी टाउन का एक बहुत खूबसूरत जगह है। जटाशंकर मंदिर को शिव भगवान जी का दूसरा घर कहा जाता है। यहां पर आपको आध्यात्मिक एवं प्राकृतिक दोनों तरह का वातावरण मिल जाता है। जटाशंकर में आपको शिव भगवान जी का प्राचीन मंदिर देखने मिलेगा और यह मंदिर प्रकृति की गोद पर बना हुआ है। यहां पर आकर आपको मनोरम दृश्य देखने मिलेगें। यहां पर लोगो देश के कोने कोने से आते है और विदेशों से भी लोगों इस जगह की खूबसूरती निहारने आते है। यह एक अद्भुत जगह है जहाँ पर आपको आंतरिक शांति और प्रकृति का अनोखा रूप देखने मिल जाता है।
जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी |
जटाशंकर धाम पचमढ़ी टाउन में स्थित है। पचमढ़ी टाउन मध्यप्रदेश के होशगबाद जिले में स्थित है। पचमढ़ी पहुॅचने के लिए आपको पिपरिया रेल्वे स्टेशन में उतरना पडता है। पिपरिया रेल्वे स्टेशन आपको बस और टैक्सी आराम से मिल जाती है। आप पचमढ़ी की खूबसूरत वदियों का आंनद लेते हुए आप पचमढ़ी पहुॅच जाते है। जटाशंकर मंदिर पचमढ़ी में पैदल दूरी पर स्थित है, आप चाहे तो इस मंदिर तक पैदल ही जा सकते है। जटाशंकर मंदिर पचमढ़ी मार्केट से 2 किमी की दूरी पर होगा। हम लोग सुबह सुबह इस मंदिर में गए थे। सुबह सुबह आपको यहां पर ज्यादा लोग नहीं दिखेगे अगर कहा जाए तो एक भी लोग नहीं दिखेगें। हम लोग पचमढ़ी के अरविंद रोड के पास एक होटल में रूके थे, वहां से यहां जटाशंकर मंदिर 2 किमी की दूरी पर होगा। हम लोग सुबह 7 बजे नहाकर तैयार हो गये और मंदिर के लिए निकल गए, हम लोग पचमढ़ी के मार्केट एरिया से होते हुए मंदिर जा रहे थे आपके यहां पर सुबह सुबह बहुत शांती मिलेगी। पचमढ़ी मेन रोड बहुत सारे पार्क है, पचमढ़ी की मेन रोड पर चैपाटी भी है, सुबह सुबह यहां पर आपको गर्म गर्म नाश्ता मिलेगा। यहां पर आपको पोहा, जलेबी, समोसा, आलूबंडा और भी बहुत सारे आइटम मिल जाएगे। हम लोगों जटाशंकर मंदिर के ओर पैदल चले जा रहे थे। आपको पचमढ़ी की मेन बहुत सारे रेस्तरां देखने मिल जाएगा।
जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी |
आप जटाशंकर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुॅच जाते है। जटाशंकर मंदिर के पास किसी भी वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं है। आपको गाडी यही पर खडी करनी पडेगी। आपको यह से पैदल चलना होगा, वैसे हम तो पैदल ही आये थे। आपको मुख्य मंदिर तक जाने के लिए पक्की सडक मिल जाएगी। रोड के दोनों ओर पहाड है जो आपके सफर को नई उमंग से भर देगा।
यहां पर आपको मंदिर में अर्पण करने के लिए प्रसाद मिल जाएगा। आप अगर जिप्सी से आएगे तो आपकी जिप्सी यहां पर आकर आपको छोडेगी। आपको जटाशंकर मंदिर के प्रवेश द्वार लगभग 1 से 1.5 किमी की दूरी पैदल चलना होगा। मगर ये जो रास्ता बहुत खूबसूरत है यहां पर उचे उचे पहाड है जो बहुत मनोरम लगते है। यहां पर चारों तरफ हरियाली है, कही कही पर पहाडों की आकृति बहुत शानदार है, जो देखने मे अदुभूत लगता है। आपको पहाडों में के उपर मंदिर देखने मिल जाएगें आपको इन मंदिर में जाने के लिए पहाड चढाना होगा। पहाड में मंदिर में जाने के लिए सीढियाॅ भी बनी है, मगर हम लोग इन मंदिर में नही गए। आप अगर गर्मी के मौसम जाते है तो आपको यह पर आम खाने मिल जाएगें। यहां पर रास्ते पर बहुत सारे आम के पेड है। आपको जटाशंकर मंदिर के प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर तक रास्ता बहुत बढिया लगेगा। यहां पर सुबह का समय बहुत अच्छा होता है, क्योकि यहां पर सुबह समय भीड नहीं रहती है, आपको एक अच्छा वातावरण मिलता है, जहां पर आपको बहुत शांती मिलती है। यहां पर आपको सुबह सुबह चिडिया की आवाज आती है जो बहुत मधुर होती है। आप इस रोड से होते हुए मंदिर के परिसर तक पहुॅच जाते है।
जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी |
जटाशंकर मंदिर प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। यहां पर प्राकतिक गुफा है जो एक गहरी खाई पर बनी है। मुख्य मंदिर तक जाने के लिए आपको सीढियाॅ मिल जाती है। मंदिर तक जाने के लिए पहाडी रास्ता है, पहाडों को काटकर सीढियाॅ बनाई गई है। यहां जगह बहुत साफ सुथरी और प्रबांधित है। आप सीढियों से नीचे उतरने स्टार्ट करते है तो आपको सीढियाॅ के पास ही में एक मंदिर देखने मिलेगा, जहां पर बहुत सारे खरगोश आपको देखने मिलेगा और यहां पर एक छोटी सी गुफा भी है जहां पर आपको शिव भगवान की प्रतिमा विराजमान है, आप सीढियों से नीचे आते है तो आपको इस पहाडी रास्ते में शिव भगवान की एक बडी मूर्ति देखने मिलेगी, जो एक बडी चटटान पर बनी है। आप पहाडी रास्ते के आगे बढते है तो आपको एक पहाडी पर एक बूढी महिला देखने मिलेगा, ये बहुत प्रसिध्द है यह शिव भगवान की भजन गाती रहती है और यह बूढी महिला एक पहाडी के उपर बैठकर भजन गाती रहती है। यह महिला वर्षो से शिव भजन गाती है।
जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी |
आप आगे बढते है तो आपको एक गुफा देखने मिलती है जिसमें शिव और पार्वती की मूर्ति एक छोटी सी चटटान पर बनी हुई है। आप यहां के दर्शन के बाद नीचे आते है तो आपको एक मंदिर देखने मिलेगा, जहां पर रामायण का पाठ चलता रहता है। यहां पर 24 घण्टे रामायण का पाठ चलता रहता है। आपका यहां पर बैठने के लिए भी है, यहां पर आप कुछ समय बैठ सकते है और यहां पर पीने के पानी की व्यवस्था भी है। यहां पर आपको अपनी चप्पल उतरकर चप्पल स्टैड में रखकर आगे जाना है। यहां पर आपको चटटानें देखने मिलेगी जो बहुत खूबसूरत है। पहाडी का दृश्य अनोखा है। आपको इस पहाडी रास्ते में बहुत सारे बंदर देखने मिलेगे जो आपको सामान छुडा सकते है। इसलिए बंदर से बचकर रहना वो आपके हाथ से समान लेकर भाग सकते है। आपको यहां से लोहे की सीढियाॅ देखने मिलेगा। आप लोहे की सीढियों से नीचे आते है तो आपको मुख्य मंदिर देखने मिलेगा और यहां पर एक जलकुण्ड भी है। यहां पर गुफा है जो प्राकृतिक रूप से बनी है। गुफा में आपको शिव भगवान जी का शिवलिंग देखने मिलेगा और नाग की मूर्ति देखने मिलेगा, शिव भगवान का शिवलिंग और नाग की मूर्ति यहां पर प्राकृतिक रूप से बने है। गुफा के अंदर शिव भगवान की मूर्ति चटटान की पर बनी हुई है। गुफा में आपको शिव भगवान की जटाए भी देखने मिलेगा अगर आप ध्यान से देखते है तो मगर आप सुबह जायेगें तो आपको अच्छे से देखने मिलेगा मगर दिन में यह भीड बढ जाती है। गुफा आपको चटटानों से रिसने वाला पानी भी देखने मिलेगा, यह पर सालभर पानी टपकता रहता है चटटानों से, यह पानी बिल्कुल शुध्द होता है, क्योकि यह पानी चटटान से रिसता है आप यह पानी पी सकते है। यह पर जो पहाड है वो बरसात में पानी का अवशोषित कर लेते है और यह पर चटटानों से साल भर पानी टपकता रहता है। कुण्ड का पानी भी साफ रहता है, यह पर लोगो चावल के दाने और फुल वगैरह डाल देते है। यह गुफा के अंदर बहुत ठण्डा रहता है। इसी जगह पर आपको ऐसा लगता है जैसे एसी लगा हो वो भी बिल्कुल फ्री का, यह पर इतना ठण्डा रहता है। यहां पर कुण्ड में एक चटटान दूसरी चटटान के उपर टंगी हुई है। यहां देखने में बहुत अदुभूत लगता है कि एक चटटान कैसे दूसरी चटटान पर बैलेंस बनाए हुए है। यहां पर आकर आपको आंतरिक शांति मिलती है। यह एक अद्भुत जगह है ।
जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी |
आपको यह जगह बहुत पसंद आयेगी। दोस्तों और परिवार के साथ आने के लिए जगह बहुत अच्छी है। यहां पर आपको जटाशंकर मंदिर के प्रवेश द्वार के पास आपको बहुत सारी जडी बूटी की दुकान मिल जाएगी। पचमढ़ी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। जटाशंकर मंदिर पचमढ़ी बाजार के पास स्थित है, इसलिए यहां तक पहुंचना बहुत आसान है। यह पचमढ़ी के पास स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है।
आपके लिए सुझाव
- अगर आप यह बरसात में आते है तो सीढी में फिसलन हो सकती है इसलिए आप लोगो संभल कर चलें।
- यहां पर सुबह का व्यू बहुत मस्त होता है। सुबह के समय यह ज्यादा भीड नहीं रहती है। आपको शिव भगवान के अच्छे से दर्शन हो जायेगें।
- यहां पर आपको बंदर से संभलकर रहना होगा क्योकि बंदर आप से समान छीन सकते है।
- अगर आप यहां पर शिव भगवान के दर्शन करने आते है तो आप यहां अकेले आ सकते है मगर आप यहां के बारे डिटेल जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आपको गाइड के साथ लाना चहिए जो आपको यहां की डिटेल जानकारी दे पायेगा।
- ये बहुत साफ सुधरी जगह है आप यहां पर कचरा न फैलाये।
Please do not enter any spam link in comment box