ओंकारेश्वर परिक्रमा या मांधाता पर्वत की परिक्रमा - Omkareshwar Parikrama or Parikrama of Mandhata Mountain
शिव की नगरी ओमकारेश्वर बहुत ही सुंदर है। हम लोगों को यहां पर जाने का मौका मिला और हम लोगों ने यहां पर ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये। ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करके बहुत शांति मिलती है और यह जगह बहुत ही सुंदर है। ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मांधाता पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत के चारों तरफ से नर्मदा नदी बहती है। इस पर्वत में जाने के लिए पुल बना हुआ है। पुल से नर्मदा नदी का नजारा बहुत ही शानदार दिखाई देता है। मांधाता पर्वत में शिव भगवान जी विराजमान है और पूरे मांधाता पर्वत में बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे आश्रम भी बने हुए हैं, जहां पर घूमा जाता है।
ओम्कारेश्वर परिक्रमा में इन सभी जगह में घुमा जा सकता है। ओम्कारेश्वर परिक्रमा सभी उम्र के लोग करते हैं। वैसे हम लोग यहां पर ओम्कारेश्वर परिक्रमा नहीं किए थे। मगर ओम्कारेश्वर परिक्रमा का अपना महत्व है और जो भी लोग यहां पर आते हैं। वह ओम्कारेश्वर परिक्रमा जरूर करते हैं। हम लोगों ने यहां पर बूढ़े बूढ़े व्यक्ति लोगों को देखा था, जो सर पर भारी सामान लेकर ओम्कारेश्वर परिक्रमा कर रहे थे। मगर हम लोग ओम्कारेश्वर परिक्रमा नहीं कर पाए थे। मगर हम लोग ने यह तय किया है, कि अगली बार ओमकारेश्वर आएंगे, तो हम लोग ओमकारेश्वर रुककर ओम्कारेश्वर परिक्रमा करेंगे और ओमकारेश्वर के आसपास जितने भी पर्यटन स्थल हैं। वह सभी जगह हम लोग घूमेंगे।
ओंकारेश्वर इंदौर शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर है और खंडवा शहर से 60 किलोमीटर दूर है। दोनों ही ओमकारेश्वर पहुंचने के लिए मुख्य शहर है। इन दोनों शहरों से ओम्कारेश्वर आने के लिए पक्की सड़क उपलब्ध है। अब मै आपको ओम्कारेश्वर परिक्रमा के बारे में जानकारी दूंगी। ओम्कारेश्वर परिक्रमा मार्ग करीब 7 किलोमीटर लंबा है। इस 7 किलोमीटर लंबे मार्ग में आप मांधाता पर्वत की एक जगह से परिक्रमा शुरू करते हैं और पूरे पर्वत की परिक्रमा करके, आप उसी जगह पर आ जाते हैं। मांधाता पर्वत का आकार ओम के आकार का है। इसलिए इस जगह को ओमकारेश्वर कहा जाता है। इस प्रकार से पूरे पर्वत की परिक्रमा होती है और पर्वत में जितने भी मंदिर हैं और आश्रम है। उन सभी में दर्शन करते हुए आप घूमते हैं। यहां पर बहुत सुंदर सुंदर मंदिर है, जिनमें घूमा जाता है और सभी मंदिरों का अपना अपना अलग-अलग महत्व है।
ओमकारेश्वर नर्मदा परिक्रमा में मांधाता पर्वत के अंतिम छोर पर त्रिवेणी संगम देखने मिलता है। त्रिवेणी संगम में नर्मदा नदी, कावेरी नदियों का संगम हुआ है। यह पवित्र संगम में स्नान करने से बहुत अच्छा लगता है और मन को शांति मिलती है। यहां पर मंदिर भी बना हुआ है, जहां पर भगवान शिव विराजमान है। यहां पर का वातावरण बहुत शांत है और बहुत अच्छा लगता है।
ओम्कारेश्वर परिक्रमा में बहुत सारे प्राचीन मंदिर पड़ते हैं। चलिए उन प्राचीन मंदिरों में से प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बात करते हैं। ओम्कारेश्वर परिक्रमा मार्ग में मांधाता पर्वत के केंद्र बिंदु पर सबसे प्राचीन मंदिर गौरी सोमनाथ मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। गोरी सोमनाथ मंदिर मान्धाता पर्वत में सबसे ऊंचाई पर स्थित है और यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर पूरी तरह पत्थरों से बना हुआ है। यह मंदिर 3 मंजिला है। इस मंदिर में बहुत विशाल शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान हैं और नंदी भगवान जी की प्रतिमा मंडप में विराजमान है। इस मंदिर के ऊपरी मंजिला में भी घूमने के लिए जाया जा सकता है। यह मंदिर बहुत ही अद्भुत लगता है। यह मंदिर ऊंचे चबूतरे के ऊपर बना हुआ है। यहां पर आकर बहुत शांति मिलती है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, इसे पांडवों के द्वारा बनाया गया है। इस मंदिर को मामा भांजा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। इस मंदिर के पास ही में शिव भगवान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
ओंकारेश्वर परिक्रमा मार्ग में केदारेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिवलिंग विराजमान है। रामकृष्ण मिशन साधना आश्रम देखने के लिए मिलता है। गायत्री मंदिर देखने के लिए मिलता है। ऋण मुक्तेश्वर मंदिर देखने के लिए मिलता है। ऋण मुक्तेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि जो भी व्यक्ति यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए आता है। उसको अपने ऋणों से मुक्ति मिलती है। ऋण मुक्तेश्वर मंदिर के आगे ही नर्मदा और कावेरी संगम घाट देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। ओंकारेश्वर परिक्रमा पर राधा कृष्ण मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। ओंकारेश्वर परिक्रमा पर हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर में हनुमान जी की, जो प्रतिमा है। वह लेटी हुई अवस्था में है। इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए बहुत सारे यात्री ओम्कारेश्वर परिक्रमा करते हैं।
ओम्कारेश्वर परिक्रमा मार्ग में सिद्धनाथ मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर भी बहुत प्राचीन है और यह मंदिर भी पूरा पत्थरों से बना हुआ है। मगर यह मंदिर अब खंडित हो गया है। मगर इस मंदिर में, जो कारीगरी की गई है। वह बहुत ही जबरदस्त है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है और इस मंदिर के बारे में भी कहा जाता है, कि यह मंदिर पांडवों के द्वारा बनाया गया है। इस मंदिर से ओम्कारेश्वर बांध का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। इन सभी मंदिरों को देखने के बाद आप की परिक्रमा पूरी होती है और बहुत अच्छा लगता है।
ओमकारेश्वर परिक्रमा पैदल की जाती है। यह पूरी परिक्रमा मार्ग पक्का बना हुआ है, जहां से आप पैदल परिक्रमा कर सकते हैं। आपको, जहां भी लगता है, कि आप थक गए हैं। तो आप वही पर बैठ कर आराम कर सकते हैं और फिर आगे की परिक्रमा कर सकते हैं। ओम्कारेश्वर परिक्रमा को आप नर्मदा नदी में नाव के द्वारा भी कर सकते हैं। इस पूरी परिक्रमा में ओम्कारेश्वर में मांधाता पर्वत में नर्मदा नदी में एक जगह से शुरू करती है और पूरे पर्वत को चारों तरफ से घुमाकर उसी जगह पर लाकर छोड़ देती है। इस परिक्रमा में आपको नर्मदा नदी के किनारे जितने भी मंदिर रहेंगे। आप वहां पर घूम सकते है। मगर मान्धाता पर्वत के बीच में, जो मंदिर है। वहां पर आप नहीं जा पाएंगे, क्योंकि वह बहुत दूर पड़ेंगे। इसलिए यह आप पर निर्भर करता है, कि आप कौन सी परिक्रमा करना चाहते हैं। ओमकारेश्वर का पैदल परिक्रमा मार्ग में थोड़ी थकान होती है। मगर मजा भी बहुत आता है और यहां पर हर चीज के बारे में जानकारी भी मिलती है।
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