Vijayraghavgarh Fort Katni
विजयराघवगढ़ किला
विजयराघवगढ़ किला (Vijayradhavgarh Fort) कटनी शहर की शान है। यह एक प्राचीन किला है। विजय राघव गढ़ किले में आपको प्राचीन किला देखने मिल जाएगा। विजयराघव गढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) में आपके देखने के लिए बहुत सारी जगह है, जहां पर आप अपने प्राचीन इतिहास को जान सकते हैं, यहां पर आपको रंग महल, मंदिर, समाधि स्थल, रानी की रसोई, रानी राजा का महल, पुरानी पेटिग, प्राचीन कुआं और भी बहुत सी चीजें आपको यहां देखने मिल जाएंगे।
Vijayraghavgarh Fort Katni |
विजयराघवगढ़ किले का स्थिाति
विजय राघव गढ़ किला (Vijayradhavgarh Fort) कटनी शहर में स्थित है। कटनी शहर मध्य प्रदेश का एक जिला है। विजयराघवगढ़ कटनी शहर की तहसील एवं नगर पंचायत है। यह किला विजयराघवगढ़ तहसील में स्थित है। यह कटनी शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर होगा, आप यहां पर अपनी गाड़ी से आ सकते हैं। विजय राघव गढ़ किला (Vijayradhavgarh Fort) तक आने के लिए आपको बस भी मिल जाएंगी। यह किला बहुत बड़ा है।
विजयराघवगढ़ किले का जानकारी
विजयराघवगढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) में आप पहुंचते हैं तो आपको किले के बाहर चारों तरफ घेरे हुए एक गड्ढा दिखाई देगा। इस गड्ढे में पानी भरा हुआ रहता है, पुराने समय में इन गड्ढों में मगरमच्छ एवं जहरीले सांप को रखा जाता था, ताकि कोई भी अगर किले में हमला करता था या किले में घुसने की कोशिश करता था तो उन्हें इन गड्ढों को पार करना उसके लिए मुश्किल था। इससे उन आक्रमणकारी की जान भी जा सकती थी। विजयराघवगढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) के अंदर आप प्रवेश करते हैं, तो आपको बड़ा सा प्रवेश द्वार देखने मिलेगा इस प्रवेश द्वार से आप किले के अंदर प्रवेश करेंगे, तो आपको किले के परिसर में महल देखने मिलेंगे, विजयराघवगढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) का रंगमहल बहुत खूबसूरत है, इसकी बनावट बहुत बढिया है। इस महल में सुंदर सुंदर पेंटिंग है वैसे अब ये पेंटिंग सुंदर नहीं रही है, क्योंकि बहुत से लोगों ने इस पेंटिंग में अपना नाम लिख दिया है और लोग यही करते आ रहे हैं जिससे वह पेंटिंग सुंदर नहीं रही है। मगर इस महल की छत पर भी पेटिंग बनी हुई है। यहां पर आप छत पर पेंटिंग जो देखेंगे उसमें किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। यह पेंटिंग बहुत सुंदर है और आप लोगों को वह पेंटिंग अच्छी लगेगी। किले के अंदर आपको बहुत सारे चमगादड़ देखने मिल जाएंगे, जो अंधेरे में रहते हैं, आप इस महल के नीचे आते है तो नीचे भी आप घूम सकते हैं, महल के नीचे भी घूमने के लिए बना हुआ है। यह महल बहुत खूबसूरत है और यहां पर आपके पिक्चर बहुत अच्छे आती हैं।
Vijayraghavgarh Fort Katni |
विजयराघवगढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) के परिसर में आपको घोड़ों को बांधने का स्थान भी देखने मिलेगा, और जब आप मुख्य किले के अंदर जाते हैं तो आपको यहां पर किले के बीच में बहुत बडा आंगन देखने मिलता है, जिसमें आपको समाधि देखने मिलती है, जिसमें सफेद कलर की टाइल्स लगी हुई है, इसके अलावा आपको इस आंगन में मंदिर भी देखने मिल जाता हैं, यहां पर एक कुआं भी स्थित है, जो अब लोहे की राॅड से ढका हुआ है। आप किले के आंगन के बीच से खडे होकर पूरा किला देख सकते है, जो बहुत खूबसूरत है। किले के आंगन के चारों तरफ बरामदे बने हुए हैं, जिनमें खूबसूरत खिड़कियों है, जिनमें नक्काशी की गई है और जालियां लगी हुई है, जो काफी खूबसूरत है। आप किले में ऊपर चढ़कर भी देख सकते हैं और वैसे यह किला अब काफी जर्जर हालत में है, इसलिए मैं आपको सलाह दूंगी कि आप किले के ऊपर ना चढ़े क्योंकि किले के कई भाग गिर चुके हैं टूटकर और कमजोर हो चुके हैं इसलिए आप किले के ऊपर ना चढ़े हैं यह आपके लिए अच्छा होगा।
इस किले की गवर्नमेंट भी अच्छे से देखभाल नहीं कर रही है तो यह किला काफी जर्जर हालत में जाते जा रहा है। इस किले में किसी भी तरह की कोई फैसिलिटी नहीं है। यहां पर ना ही पीने के लिए पानी है और ना ही शौचालय है। यदि आप यहां पर जाते हैं तो पानी वगैरह लेकर जाए और खाना-पीना लेकर जाए क्योंकि किले के आजू-बाजू आपको किसी भी तरह की दुकानें नहीं मिलेगी। इस किले के थोड़ी ही दूरी पर आपको बाजार जरूर देखने मिलेगा, जो विजयराघवगढ़ तहसील में भरता है। जहां से आप खाना पीना या नाश्ता वगैरह कर सकते हैं। आप इस किले में ज्यादा टाइम बिताना चाहते हैं, तो आप खाने पीने का सामान साथ लेकर जाइए। इस किले किसी भी प्रकार की एंट्री फी नहीं लगती है और सिर्फ आपको अपना नाम, पता एवं मोबाइल नंबर लिखना पड़ता है।
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विजय राघव गढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) का निर्माण
विजयराघव गढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) का निर्माण राजा प्रयाग दास जी ने किया था। राजा प्रयाग दास जी मैहर राजा के भाई थे। इस किले के निर्माण 1826 में हुआ था और कई वर्षों तक इस किले का निर्माण कार्य चला था। इस किले की खासियत यह है कि यह बहुत सुरक्षित किला है। आपको किले में बहुत ही खूबसूरत पत्थरों पर नक्काशी देखने मिल जाती है। राजा प्रयाग दास के पुत्र सरयू प्रसाद ने अंग्रेजो के खिलाफ लड़कर देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है। राजा सरयू प्रसाद ने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की क्रांति में शामिल हुए थे, जिससे अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उनसे यह किला छीन लिया।
विजयराघवगढ़ किले आने की उपयुक्त समय
विजय राघव गढ़ किले (Vijayradhavgarh Fort) में जाने का सबसे उपयुक्त समय ठंड का या बरसात का होता है। गर्मी में यहां तापमान बहुत ज्यादा होत है और बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है तो आपको यहां आने में परेशानी हो सकती है और किला घूमने में परेशानी हो सकती है। मगर ठंड के समय आप पूरा किला घूम सकते हैं।विजय राघव गढ़ किला (Vijayradhavgarh Fort) सुबह 10 बजे से 6 बजे तक खुला रहता है। आप इस टाइम पर किले में आ सकते हैं। किले से लगभग 100 मीटर की दूरी पर पुलिस स्टेशन स्थित है और पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस स्थित है। आप इस किले में आसानी से आ सकते हैं। किले तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क है। इस किले से आप मैहर से, कटनी से, और सतना से आराम से पहुंच सकते हैं। मैहर वाली जो रोड है किले की वह बहुत ज्यादा खराब है, इस रोड में रात को सफर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि रोड बहुत ज्यादा खराब है
विजय राघव गढ़ किला (Vijayradhavgarh Fort) बहुत खूबसूरत और बहुत बड़ा किला है। आप यह किला पूरा घूम सकते हैं, यहां पर करीब आपका एक से 2 घंटा आराम से लग जाएगा। आप यहां पर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ आ सकते हैं, यह एक अच्छा पिकनिक स्थल है आप पिकनिक मनाने भी आ सकते हैं, यहां पर आपको बहुत अच्छा लगेगा यहां पर ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं रहती है।
बेहतरीन ब्लॉग पोस्ट, मै बस एक ही बात कहूँगा "you are the best", I love to read your blog, thanks
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