चौंसठ योगिनी मंदिर, जबलपुर
Chausath Yogini Temple, Jabalpur
दोस्तों हम लोगों ने धुंआधार जलप्रपात पूरा घूम लिया उसके बाद हम लोग जा रहे चौंसठ योगिनी मंदिर दोस्तों अगर आप लोग धुंआधार जलप्रपात घूमने जाते है तो आपको चौंसठ योगिनी मंदिर भी जरूर घूमना चहिए। चौंसठ योगिनी मंदिर धुंआधार जलप्रपात से लगभग 1 से 1.5 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। अगर आप रविवार को जाते है तो आपको बाजार भी देखने मिल जाती है । जी हाॅ रास्ते में छोटा सा साब्जियों का बाजार भरता है । साब्जियों के अलावा भी बहुत सारा सामान मिलता है। हम लोगो ने भी कुछ सामान वहां से खरीदा था। तो दोस्तो बात करते है चौंसठ योगिनी मंदिर की आपको यहां तक पहुॅचने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। बहुत आसान रास्ता है आपको धुंआधार जलप्रपात से सीधा आना है । मुख्य मार्ग में ही चौंसठ योगिनी मंदिर स्थित है। हम लोगों को मंदिर तक पहुॅचने तक शाम हो गई थी शायद 6 बजा गए थे। यहां मंदिर सूर्यास्त होते ही बंद हो जाता है हम लोग गर्मी में गये थे तो हम लोग मंदिर जा पाये। क्योकि गर्मी में सूर्यास्त देर से होता है।
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Main Temple |
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Temple outside view |
मंदिर में पहुॅचते ही हमें एक प्रसाद की दुकान दिख वहाॅ पर एक दादा प्रसाद बना रहे थे। उन्होनें हम गाडी साइड में लगाने का इशारा किया और हमारे लिये 50 रू. का प्रसाद बांध दिया। हम लोगों ने भी प्रसाद ले लिया और मंदिर की ओर बढ चले। मंदिर की सढियाॅ पत्थर की बनी है। शाम हो गई थी मगर सीढियाॅ चढते चढते मेरी तो हालत खराब हो गई। पता नही मेरे दोस्तो का हाल क्या था। यहां मंदिर एक पहाडी पर बना है। मंदिर की चारों ओर बेल, महुआ, और अनेक प्रकार के पेड पौधे लगे हुए थे । मुझे तो ज्यादा पेडों का नाम नहीं पता है। मगर चढाई में बहुत मेहनत लगती है। हम लोग जैसे तैसे मंदिर तक पहुॅचे । मंदिर के बाहरी एरिया में बैठने की व्यवस्था है। पीने के पानी के लिए वाॅटर कूलर लगा हुआ है जहां आपको ठंडा पानी मिलेगा और नजारा बहुत ही ज्यादा शानदार है मै अपनी इस लेख में वर्णन नहीं कर सकती है। मगर बहुत प्यारा नजारा होता है शाम का अगर आप मेरी सलाह मानें तो शाम के समय मंदिर जाना सूर्यास्त नजारा आपके मन को मोह लेगा। मैने जो वीडियो डाला है उससे समझे लें 50 गुना और अधिक खूबसूरत नजारा आपको शाम को देखने मिलेगा।
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Temple inside view |
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Temple inside view |
हम लोगों ने मंदिर में प्रवेश किया। पूरा मंदिर पत्थर से बनाया गया है आपके हर जगह हर जगह पत्थर की मूर्ति, पत्थर की दीवार, पत्थर का मंदिर सब पत्थर का है। गर्मी के समय में मंदिर के प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर तक दरी बिछी हुई थी ताकि लोगों के पैर न जलें। हम लोगों ने चप्पल मंदिर के बाहर उतार दी थी। फिर हम लोग (मै और मेरे दोस्त) मुख्य मंदिर में गये। वहाॅ पर दो लोग थे। एक पंडित जी थे एवं एक मंदिर के चैकीदार थे। पंडित जी ने हमारा प्रसाद लिया और मुख्य मंदिर के अंदर गये। मुख्य मंदिर में दुर्गा जी की पत्थर मूर्ति है इसके अलावा शंकर जी की पत्थर की मूर्ति है और अन्य देवी देवता की मूतियाॅ विराजमान है। सभी मूर्तियाॅ पत्थर की है। पंडित जी ने प्रसाद चढाया उसके बाद हम बाहर आ गये और मुख्य मंदिर की फोटो लेने लगे तो पंडित जी मना कर दिया। मुख्य मंदिर की देवी की फोटो लेना मना है। फिर हम लोगो ने वहां की फोटो नहीं लिया मुख्य मंदिर के सामने एक बडा सा घण्टा लगा हुआ है। शंकर जी की दो प्रतिमा विद्मान है ये प्रतिमा भी पत्थर की है। उसके बाद हम लोगों ने पूरा मंदिर घूमा चौंसठ योगिनी को पूरी मूतियाॅ देखी। यहां पूरा मंदिर गोलाकर आकार में बना हुआ है और चौंसठ देवियों की मूतियाॅ गोलाकार में मंदिर में पत्थर को तराशा कर बनाई गई है। यहां की सभी मूर्तियाॅ खण्डित अवस्था में है। आप मेरा यूटूयूब वीडियों देखेगें तो आपको समझा में आयेगा। वीडियो में मैने आपको एक एक मूर्तियाॅ दिखाया है। गोलाकर मंदिर के बीच में मुख्य मंदिर है। हम लोगों ने पूरा मंदिर घूमा कर बाहर आये फिर हम लोगों ने मंदिर का बाहरी हिस्सा घूमा। मंदिर का बाहरी हिस्सा भी गोलाकार है और जाली लगी ताकि कोई गिरे नहीं।
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Sunset view |
मगर मै आप लोगो एक बात कहना चाहती हॅू अगर आप लोगो शाम को इस मंदिर में आते है तो आपको बहुत ही शानदार नजारा मिलेगा और यहां पर इतनी शांति है कि यहां से मेरा तो जाना का मन नहीं था। मगर क्या करूॅ जाना तो पडेगा ही।
मेरी सलाह है कि आप लोग आते है तो शाम को सूर्यास्त के समय मंदिर आये आपको बहुत खुशी होगी और आपको यात्रा का आंनद भी मिलेगा।
वैसे दोस्तों यहां मेरा अनुभव था। आप अगर यहां पर आते है आप अपना अनुभव मुझे कमेंट बाॅक्स में जरूर बताये और मेरे यूटूयूब चैनल को सपोर्ट करें।
धन्यवाद लेख को पढने के लिए
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