जोधपुर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Jodhpur district / जोधपुर के आसपास के दर्शनीय स्थल
जोधपुर राजस्थान का एक मुख्य शहर है। जोधपुर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 340 किलोमीटर दूर है। जोधपुर प्राचीन शहर है। जोधपुर को ब्लू सिटी कहा जाता है, क्योंकि जोधपुर के अधिकतर मकान ब्लू कलर के हैं और आप जोधपुर को ऊंचाई से देखते हैं, तो पूरा शहर ब्लू नजर आता है। इसलिए इसे ब्लू सिटी कहा जाता है। जोधपुर को सन सिटी के नाम से जाना जाता है। जोधपुर में राजस्थान का हाई कोर्ट है। जोधपुर शहर में बहुत सारे प्राचीन महल, मंदिर, झील, तालाब देखने के लिए मिलते हैं। जोधपुर शहर प्राचीन समय में राजपूत शासकों की राजधानी थी। इस शहर को पहले मारवाड़ नाम से जाना जाता था। यह शहर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस शहर की स्थापना 1459 में राव जोधा के द्वारा की गई थी। जोधपुर शहर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - जोधपुर शहर में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
जोधपुर में घूमने की जगह - Jodhpur mein ghumne ki jagah
मेहरानगढ़ दुर्ग जोधपुर - Mehrangarh Fort Jodhpur
मेहरानगढ़ दुर्ग जोधपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। मेहरानगढ़ दुर्ग राजस्थान के प्रसिद्ध दुर्ग में से एक है। यह किला जोधपुर में एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह किला प्राचीन है। यह किला भारत के विशालतम किलो में से एक है। इस किले का निर्माण 1460 में राव जोधा ने किया था। यह किला शहर से करीब 410 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह किला चारों तरफ से मोटी दीवारों से घिरा हुआ है। इस किले के अंदर आपको बहुत सारे महल, प्राचीन दीवारें, सुंदर खिड़कियां, आंगन, मंदिर, छतरियां देखने के लिए मिल जाती है। किले में आने के लिए आपको एक घुमावदार रास्ता मिलता है।
मेहरानगढ़ दुर्ग में, प्राचीन समय में जयपुर के राजा मानसिंह के द्वारा आक्रमण किया गया था, जिसके निशान आज भी आप यहां पर देख सकते हैं। यहां पर तोप के गोलों के निशान देखने के लिए मिल जाते हैं। किले में कीरत सिंह सोढा की छतरी है, जो एक सैनिक थे ,जिन्होंने मेहरानगढ़ किले की रक्षा के लिए अपनी जान दी थी। इस किले में 7 दरवाजे हैं।
मेहरानगढ़ दुर्ग के अंदर आपको म्यूजियम देखने के लिए मिलता है, जहां पर बहुत सारी वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है। यहां पर शाही परिवार के द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तु को रखा गया है। यहां पर आपको शाही पालकी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर आपको वस्त्र, लघु चित्र, वाद्य यंत्र और भी बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिल जाती है।
मेहरानगढ़ दुर्ग के अंदर आपको मोती महल, फूल महल, शीश महल, सिलेह खाना, दौलत खाना, मेहरानगढ़ म्यूजियम, गायत्री शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर, सनसेट व्यू प्वाइंट, श्री कृष्ण मंदिर, मेहरानगढ़ व्यूप्वाइंट देखने के लिए मिल जाता है। यह किला बहुत सुंदर है। इस किले में बहुत सारी हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। इस किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर विदेशी और भारतीय पर्यटकों के लिए अलग-अलग शुल्क रहता है। आप 2 या 3 घंटे में पूरा किला घूम सकते हैं।
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर - Umaid Bhawan Palace Jodhpur
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर महल है। यह महल जोधपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह महल दो भागों में विभाजित है। यहां पर आपको एक होटल देखने के लिए मिलता है और एक संग्रहालय देखने के लिए मिलता है। यहां पर, जो संग्रहालय है। वह इस महल का छोटा सा ही भाग है। इस संग्रहालय में आपको विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। यह वस्तुएं प्राचीन हैं और इन्हें यहां पर संग्रहित कर, संभाल कर रखा गया है। संग्रहालय में प्रवेश करने के लिए एंट्री फीस लिया जाता है।
आप अगर उम्मेद भवन पैलेस को घूमना चाहते हैं, तो आप इसमें बुकिंग कर सकते हैं और यहां पर घूम सकते हैं। यहां पर आपका शाही स्वागत किया जाता है और आप शाही मेहमान की तरह यहां पर रह सकते हैं। उम्मेद भवन के सामने एक बहुत बड़ा गार्डन है, जो बहुत सुंदर लगता है। इस महल का निर्माण 1928 से 1943 के बीच जोधपुर के राजा उम्मेद सिंह ने करवाया था। राजा उम्मेद सिंह के नाम पर इस महल का नाम उम्मेद भवन पैलेस कहा जाता है। यह महल 26 एकड़ में फैला हुआ है। यह महल एक ऊंचे स्थान पर बना हुआ है। यह महल यूरोपीय और भारतीय वास्तुकला में बना हुआ है। महल का एक हिस्से में अभी भी शाही परिवार निवास करता है।
यह महल बहुत बड़े क्षेत्र में बना हुआ है। इस महल के अंदर आपको सिहासन कक्ष, एक निजी बैठक हॉल, दरबार हॉल, गुंबद दार बैंक्वेट हॉल, डायनिंग हॉल, पुस्तकालय, स्विमिंग पूल, स्पा, खेलने के लिए कक्ष देखने के लिए मिलते हैं। इस महल में आप अगर गेस्ट बनकर आते हैं, तो इन सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह जोधपुर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
श्री गजानंद जी का मंदिर रातानाडा जोधपुर - Shri Gajanand ji's temple Ratanada Jodhpur
श्री गजानंद जी का मंदिर जोधपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह जोधपुर में रातानाडा में स्थित है। यह मंदिर सर्किट हाउस के निकट बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर के अंदर गणेश जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह मंदिर पूरे जोधपुर शहर में प्रसिद्ध है। यहां पर आपको एक बड़ा सा पार्क देखने के लिए मिलता है, जहां पर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। आप यहां पर फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
यहां पर गणेश जी की प्रतिमा प्राकृतिक तरीके से बनी हुई है। गणेश जी की प्रतिमा के आजू-बाजू में माता रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। गणेश जी की यह प्रतिमा 8 फीट ऊंची और 5 फीट चौड़ी है। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है और गणेश जी की प्रतिमा के दर्शन करके बहुत अच्छा लगता है। यहां पर बुधवार को बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। यहां पर आप आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां से शहर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
यहां पर आपको एक छोटी सी झील देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर पार्किंग के लिए बहुत बड़ा स्पेस है। यहां पर आपको और भी बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको महादेव जी, राम जी का मंदिर भी देखने के लिए मिल जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और आपको यहां पर आकर शांति मिलेगी।
सरदार राजकीय संग्रहालय जोधपुर - Sardar State Museum Jodhpur
सरदार राजकीय संग्रहालय जोधपुर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। सरदार राजकीय संग्रहालय का निर्माण डीडवाना के सेठ श्री राम कुमार मगनीराम जी बागड़ द्वारा कराया गया था तथा लॉर्ड बिलिगंटन द्वारा 17 मार्च 1936 को इस संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इस संग्रहालय में आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको पत्थर की प्रतिमाएं, हथियार, वस्त्र, चित्र, कलात्मक वस्तुएं, पुरा वस्तुएं आदि का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। संग्रहालय की टाइमिंग 9:45 से 5:15 तक है।
इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए एंट्री फीस ली जाती है। यहां पर वयस्क भारतीय व्यक्ति का 20 रूपए लिया जाता है। विद्यार्थी का 10 रूपए लिया जाता है और विदेशी व्यक्ति का 100 रूपए लिया जाता है। यह संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है। आप इस संग्रहालय में घूमने के लिए आ सकते हैं और यहां पर बहुत सारा नॉलेज मिलेगा। यहां पर आपको बहुत सारी गैलरी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको राजाओं के चित्र, शस्त्र गैलरी, मूर्ति की गैलरी, जैन गैलरी, मानचित्र एवं राज्य, सजावटी वस्तुएं, शिकार एवं प्राकृतिक वस्तुओं देखने के लिए मिल जाती है। आपको अगर इतिहास में रुचि है, तो आप यहां पर आकर बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह संग्रहालय जोधपुर शहर के बीचोबीच स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
तूरजी का झालरा जोधपुर - Toorji Ka Jhalra Jodhpur
तूरजी का झालरा जोधपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर आपको एक बावली देखने के लिए मिलती है। यह बावली बहुत सुंदर है। बावली के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है। सीढ़ियां से आप बावली के पानी तक पहुंच सकते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग बावली के पानी में नहाते भी हैं। वहां के लोकल लोग रहते हैं। आप यहां पर बबली का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
यह बावली जोधपुर शहर के मध्य में स्थित है। यह बावड़ी जोधपुर में घंटाघर के पास में बनी हुई है। आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं और बावड़ी में घूम सकते हैं। बावली के आसपास आपको रेस्टोरेंट मिल जाते हैं, जहां पर आपको खाने के लिए बहुत ही बढ़िया खाना मिल जाता है। इस बावड़ी का निर्माण जोधपुर के महाराजा अभयसिंह की महारानी तंवर जी ने 1740 में करवाया था। इसका उपयोग मुख्यतः महिलाएं करती थी, क्योंकि पानी भरकर लाना और इकट्ठा करना। महिलाओ का प्रमुख घरेलू काम होता था। यह बावली बहुत सुंदर है और आप यहां पर आकर देख सकते हैं। इस बावली में आपको बहुत सारी बारीक नक्काशी देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर आपको हाथियों की और अप्सराओं की नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है। यह जोधपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है।
जसवंत थड़ा जोधपुर - Jaswant thada Jodhpur
जसवंत थड़ा जोधपुर का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह एक समाधि स्थल है। यह जोधपुर शहर में मेहरानगढ़ दुर्ग के पास में ही बना हुआ है। यह एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। पहाड़ी पर जाने के लिए रास्ता बना हुआ है। इस रास्ते में आपको राव जोधा जी का स्टेच्यू देखने के लिए मिलता है, जिन्होंने जोधपुर शहर की स्थापना की थी। इस स्टेचू में राव जोधा जी घोड़े पर सवार हैं। यह स्टेचू चटटान पर बना हुआ है। इस स्मारक को मारवाड़ का ताजमहल भी कहा जाता है। यह पूरा स्मारक सफेद संगमरमर से बना हुआ है। जब इस स्मारक पर चांद की रोशनी पढ़ती है। तब यह स्मारक चमक उठता है। इस स्थान पर सफेद संगमरमर से बनी हुई छोटी-छोटी छतरियां बनी हुई है, जो बहुत सुंदर लगती हैं। यहां पर आपको चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।
इस स्मारक में बहुत सुंदर नक्काशी की गई है और आपको स्मारक में सुंदर छतरियां देखने के लिए मिलती है। यह स्मारक महाराजा सरदार सिंह जी को समर्पित है। यहां पर उनका समाधि स्थल है। यह स्थल महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के द्वारा बनाया गया था। महाराजा सरदार सिंह जी, महाराजा जसवंत सिंह के पिताजी थे। यह समाधि स्थल बहुत सुंदर है। यहां पर आपको मारवाड़ फैमिली की समाधि स्थल भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर सुंदर बगीचा बना हुआ है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर पार्किंग के लिए अच्छी जगह है और यहां आकर अच्छा लगता है।
मंडोर गार्डन जोधपुर - Mandore Garden Jodhpur
मंडोर गार्डन जोधपुर शहर का एक मुख्य पर्यटक स्थल है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा गार्डन देखने के लिए मिलता है। इस गार्डन के अंदर आपको बहुत सारे प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिलती है। इस गार्डन के अंदर आपको एक बड़ा सा मंदिर, पुराना किला, म्यूजियम, शाही छतरियां, एक थंबा महल, भेरूजी मंदिर, बच्चों के लिए फन पार्क, वेटलैंड और ईको ट्रेल, देवल, देवताओं की साल, वीरों की हॉल, योग ध्यान केंद्र देखने के लिए मिल जाता है।
मंडोर को प्राचीन नाम माण्डव्य था। 15 वी शताब्दी में जोधपुर नगर की स्थापना तक, यह स्थान मारवाड़ राज्य की राजधानी रहा। यह स्थल बहुत सारे शासकों के अधीन रहा है। मुख्यता यह स्थल लंबे समय तक मंडोर जोधपुर राजघराने का दाह संस्कार स्थल भी रहा है। फलतः राठौर घराने में अनेक महत्वपूर्ण शासकों की स्मृति स्मारक यहां पर देखे जा सकते हैं। लाल घोटू के पत्थर से निर्मित मंदिर आकृति के बने, यह भव्य देवल अपनी स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने हैं। यहां पर आपको बहुत सारे समाधि स्थल देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपकी एंट्री फ्री रहती है। यहां पर किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं है। आप यहां पर पूरी जगह घूम सकते हैं। इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका हुआ करते थे। इसलिए इसे मंडोर नाम से जाना जाता है।
मंडोर गार्डन में आपको महाराजा अभय सिंह जी की समाधि स्मारक देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यह समाधि स्थल तीन मंजिला है और पत्थर से बना हुआ है। यहां पर नक्काशी की गई है, जो बहुत ही सुंदर है। इसके अलावा आप यहां पर म्यूजियम देख सकते हैं, जिसमें बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह किया गया है और आपको यहां पर बहुत सारी जानकारी भी मिलती है। आपको यहां पर झील देखने के लिए मिलती है, जिसमें बहुत सारी मछलियां है। यहां स्थानीय और विदेशी प्रजातियों की चिड़िया देखने के लिए मिल जाती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह मुख्य सड़क से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं।
क्लॉक टावर जोधपुर - Clock tower jodhpur
क्लॉक टावर जोधपुर राजस्थान के पर्यटन स्थल है। यह क्लॉक टावर बहुत सुंदर है। यह घंटाघर टावर के नाम से जाना जाता है। यह क्लॉक टावर जोधपुर में सरदार मार्केट में स्थित है। इस क्लॉक टावर का निर्माण 1910 में राजा सरदार सिंह के शासनकाल में हुआ था। यह क्लॉक टावर नई मंडी के पास सरदार मार्केट में बनवाया गया है। चौपड़ की आकृति में बने इस मार्केट के बीचो बीच 100 फुट ऊंचे घंटाघर का निर्माण कराया गया, जिसमें 3 लाख की घड़ी लगवाई गई।
यह घड़ी क्लॉक टावर की सबसे ऊपरी मंजिल में लगी हुई है। इस घड़ी का यांत्रिक कक्ष तीसरी मंजिल पर है। यह दो बड़े लोहे के गर्डर पर यह घड़ी स्थित है। इसकी लंबाई 6 फुट है और चौड़ाई 2 फुट है। यहीं पर इसका पेंडुलम लगा हुआ है, जिसका वजन 50 किलो है। यह घड़ी अद्भुत इसलिए है, क्योंकि इसके प्रत्येक 15 मिनट पर टांकोरे बजते हैं। एक विशेषता यह भी है, कि इनमें हर घंटे के टांकोरे की आवाज अलग-अलग होती है। घड़ी के चारों डायलों का व्यास 6 फुट है। क्लॉक टावर के आसपास आपको मार्केट एरिया देखने के लिए मिलता है। शाम के समय यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। आप इस क्लॉक टावर में प्रवेश कर सकते हैं और चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यह जोधपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है।
कायलाना झील जोधपुर - Kaylana Lake Jodhpur
कायलाना झील जोधपुर शहर का एक मुख्य पर्यटन आकर्षण स्थल है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ी झील देखने के लिए मिलती है। यह मुख्य जोधपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यह एक मानव निर्मित झील है। यह झील सन 1872 में प्रताप सिंह के द्वारा बनाई गई थी। यह झील बहुत सुंदर है। यहां पर आपको आकर अच्छा लगेगा। यहां पर आप आकर बोटिंग का मजा ले सकते हैं। यहां पर जिपलाइन की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसका आप लाभ उठा सकते हैं। झील के आसपास का एरिया बहुत सुंदर है।
झील के किनारे बैठने की सुविधा उपलब्ध है, जहां पर आप बैठकर झील के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। यहां पर आपको पहाड़ी क्षेत्र भी देखने के लिए मिलता है और यहां पर जंगल है। यहां पर आप शाम के समय आकर, इस झील का सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग नहाने का मजा भी लेते हैं। यहां पर आपको बर्ड्स की बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। झील के पास खाने पीने के लिए बहुत सारे छोटे-छोटे फूड स्टॉल भी लगे हुए हैं, जहां पर आपको खाने पीने के बहुत सारे आइटम मिल जाते हैं, आप यहां पर आ कर इंजॉय कर सकते हैं।
श्री दादा दरबार सिद्धनाथ महादेव मंदिर जोधपुर - Shri Dada Darbar Siddhanath Mahadev Temple Jodhpur
श्री दादा दरबार सिद्धनाथ महादेव मंदिर जोधपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जोधपुर में कायलाना झील के पास में बना हुआ है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर पर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर करीब 350 से भी ज्यादा सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर में आपको एक गुफा देखने के लिए मिलती है, जिसमें शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग प्राचीन है। यहां पर आपको श्री नेपाली बाबा जी की तपोस्थली भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर गुफा है, जहां पर बाबा की तपोस्थली बनी हुई है। आप यहां पर आ कर घूम सकते हैं। आपको बहुत अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी। यहां पर आपको हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर चारों तरफ पहाड़ियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर रहता है। यहां पर गौशाला बनी हुई है।
भीम भिड़क मंदिर जोधपुर - Bhim Bhidak Temple Jodhpur
भीम भिड़क मंदिर जोधपुर में घूमने लायक स्थान में एक है। यहां पर आपको शंकर जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर प्राकृतिक गुफा है, जिसमें शंकर जी का शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग बहुत बड़ा है। कहा जाता है, कि यह मंदिर बहुत प्राचीन है। यहां पर महाभारत काल में पांडव अपने वनवास काल के दौरान आए थे और यहां पर पांडवों में भीम ने शिव भगवान जी की स्थापना की थी। इसलिए इस जगह को भीम भिड़क की गुफा के नाम से जाना जाता है और इस शिवलिंग को भीमेश्वर महादेव शिवलिंग के नाम से जाना जाता है।
यहां पर आप अपने वाहन से पहुंच सकते हैं। यह मिलिट्री एरिया है। इसलिए यहां पर आप आते हैं, तो हेलमेट जरूर लगा कर आये और अपने साथ आईडेंटिकार्ड रखें। यहां पर आपको बहुत अच्छा लगेगा। चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलेगा।
माचिया जैविक उद्यान जोधपुर - Machia Biological Park Jodhpur
माचिया जैविक उद्यान जोधपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। माचिया जैविक उद्यान में आपको विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको बाघ, तेंदुआ, चिंकारा, हिमालयन भालू, शुतुरमुर्ग, शेर, लोमड़ी, मॉनिटर लिजर्ड, खरगोश, जंगली बिल्ली, घड़ियाल, भेड़िया, काला हिरण, चीतल, सांड, सियार, भारतीय लोमड़ी, लकड़बग्घा, बंदर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर चिड़िया की भी बहुत सारी प्रजाति देखने के लिए मिलती है। यह पार्क कायलाना झील के पास बना हुआ है। यह पार्क बहुत बड़ा है। पार्क में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। यहां पर आप बैटरी कार के द्वारा पूरा पार्क घूम सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे, तो पैदल भी पार्क घूम सकते हैं।
पार्क के अंदर छोटा सा म्यूजियम भी है, जहां पर आपको फॉसिल और बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती हैं। पार्क के अंदर एक छोटी सी कैंटीन भी बनी हुई है, जहां पर खाने पीने का सामान मिल जाता है। आप यहां पर आ कर इंजॉय कर सकते हैं। आप यहां फैमिली वालों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं। इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। इस पार्क में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। इस पार्क में बच्चों को बहुत मजा आएगा। आप यहां पर आकर इंजॉय कर सकते हैं। यह जोधपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है।
बालसमंद झील जोधपुर - Balsamand Lake Jodhpur
बालसमंद झील जोधपुर शहर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। बालसमंद झील जोधपुर में, जोधपुर मंडोर हाईवे सड़क पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। आपको यहां पर एक विशाल झील देखने के लिए मिलती है और एक सुंदर उद्यान देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत सुंदर है और आप यहां पर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह झील गुर्जर परिहार के द्वारा 11वीं शताब्दी में बनाई गई थी। इस झील के किनारे एक स्मारक बना हुआ है, जो प्राचीन है और बहुत सुंदर लगता है। यहां आकर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
राव जोधा डिजर्ट रॉक पार्क जोधपुर - Rao Jodha Desert Rock Park Jodhpur
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क जोधपुर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको एक सुंदर पार्क देखने के लिए मिलता है। यह पार्क बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। इस पार्क में आपको बहुत सारी सुंदर जगह देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको एक प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिलता है। यहां पर रॉक्स का बहुत सारा कलेक्शन आप देख सकते हैं, जो बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आपको एक झील देखने के लिए मिलती है, जिसमें पक्षियों की 200 से भी ज्यादा प्रजातियां देखने के लिए मिल जाती है।
यह पार्क पूरा प्राकृतिक है और इस पार्क में आपको जंगली जीव देखने के लिए मिल जाते हैं। पार्क में चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती हैं। यह जोधपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। इस पार्क में प्रवेश के लिए एंट्री शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह पार्क जोधपुर में मेहरानगढ़ किले के पास में स्थित है।
श्री ओसियां माताजी मंदिर जोधपुर - Shri Osian Mataji Mandir Jodhpur
श्री ओसियां माताजी मंदिर जोधपुर के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह जोधपुर से करीब 65 किलोमीटर दूर ओसियां में स्थित है। यह मंदिर ओसियां माता को समर्पित है। यह ओसवाल कम्युनिटी की कुलदेवी है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है और बहुत सुंदर है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर के गर्भ गृह में ओसियां माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
यह मंदिर में आप दर्शन करने के लिए आते हैं, तो सुबह और शाम के समय आ सकते है। उस समय यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर परिसर में आपको और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर पंचमुखी हनुमान जी, गणेश जी, भैरव भगवान जी, शंकर भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। मंदिर परिसर बहुत बड़ा है। यह मंदिर बलुआ पत्थर से बना हुआ है। इस मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं और मंदिर रात के 8 बजे तक खुला रहता है। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
श्री रसिक बिहारी मंदिर जोधपुर - Shri Rasik Bihari Mandir Jodhpur
श्री रसिक बिहारी जी का मंदिर जोधपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर को नैनी जी का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण नैनी बाई जी ने किया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर राजस्थानी वास्तुकला में बना हुआ है। मंदिर का शिखर आकर्षक लगता है। इस मंदिर में आपको श्री कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप भगवान भोलेनाथ, भगवान हनुमान जी, भगवान गणेश जी के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर मुख्य शहर में उम्मेद गार्डन जाने वाले मार्ग में स्थित है। यहां पर नंदी भगवान जी की भी बहुत बड़ी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
गोसाई जी महाराज श्री बालीनाथ जी समाधि स्थल जोधपुर - Gosai Ji Maharaj Shri Ballynath Ji Samadhi Sthal Jodhpur
गोसाई जी महाराज श्री बालीनाथ जी समाधि स्थल जोधपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मसुरिया पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर आपको एक सुंदर नक्काशीदार मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर गोसाई जी महाराज श्री बालीनाथ जी एवं बाबा रामदेव जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों में बहुत ही आकर्षक नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर श्री बालीनाथ जी की समाधि देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं और बाबा रामदेव जी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है, कि यहां पर आकर मनोकामना मांगने से जरूर पूरी होती है।
इस मंदिर को मसूरिया टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर परिसर बहुत बड़ा है। मंदिर की दीवारों में बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर मोर की नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। भाद्रपद में यहां पर मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं।
अरना झरना राजस्थान मरू संग्रहालय जोधपुर - Arna Jharna Rajasthan Maru sangrhalay Jodhpur
अरना झरना राजस्थान मरू संग्रहालय जोधपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह संग्रहालय जोधपुर में, जोधपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर पोखरण हाईवे रोड पर स्थित है। यह संग्रहालय बहुत बड़े खुले एरिया में बना हुआ है। इस संग्रहालय में आपको राजस्थान के कल्चर और दैनिक जीवन से जुड़ी हुई बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको प्राचीन मिट्टी के बने हुए घर, गुड़िया, अनाज रखने का प्राचीन बर्तन, खाना बनाने के लिए मिट्टी का चूल्हा, प्राचीन वाद्य यंत्र और भी बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती हैं। जो हमें हमारे प्राचीन विरासत की याद दिलाती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना बहुत सारा समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं की जानकारी मिलेगी। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
ओम बन्ना मंदिर जोधपुर - Om Banna Mandir Jodhpur
ओम बन्ना मंदिर जोधपुर के पास घूमने वाली एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर ओम बन्ना जी को समर्पित है। यहां पर आपको ओम बन्ना जी की बुलेट गाड़ी देखने के लिए मिलती है, जिसकी लोग पूजा करते हैं। इस जगह को लेकर एक बहुत ही प्रसिद्ध कहानी है, जो आप गूगल करके जान सकते हैं। ओम बन्ना की कहानी टीवी प्रोग्राम में भी दिखाई गई है, जो आश्चर्य से भरपूर है।
यहां पर बाइक वाला, ट्रक, मोटर कार गुजरती है। वह यहां पर जरूर ओम बन्ना के दर्शन करती है और आशीर्वाद लेती है और यहां से आगे बढ़ती है। आप भी यहां पर आ सकते हैं और इस अद्भुत जगह को देख सकते हैं। इस जगह को बुलेट वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पाली से 53 किलोमीटर दूर है। यह पाली जोधपुर हाईवे सड़क पर चोटिला गांव में स्थित है।
प्रगट संतोषी माता मंदिर जोधपुर - Pragat Santoshi Mata Temple Jodhpur
प्रगट संतोषी माता मंदिर जोधपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जोधपुर शहर में, मंडोर रोड में लाल सागर के पास कृषि उपज मंडी में स्थित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर मां संतोषी जी को समर्पित है। इस मंदिर में आप टैक्सी या अपने वाहन से आ सकते हैं। यहां पर मां संतोषी जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शुक्रवार को बहुत भीड़ रहती है, क्योंकि शुक्रवार के दिन मां संतोषी जी का उपवास रहते हैं और इस दिन मां संतोषी जी की पूजा की जाती है। यहां पर मां को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यहां पर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको शंकर भगवान जी और हनुमान जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
जसवंत सागर बांध जोधपुर - Jaswant Sagar Dam Jodhpur
जसवंत सागर बांध जोधपुर में देखने लायक एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। जसवंत सागर बांध जोधपुर में पिचियाक में स्थित है। यह जयपुर जोधपुर हाईवे सड़क से थोड़ी ही दूरी पर बना हुआ है। आप यहां पर अपनी गाड़ी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह बांध लूनी नदी पर बना हुआ है। यह बांध प्राचीन है। इस बांध का निर्माण 1889 में शुरू किया गया था और यह बांध 1899 में बनकर तैयार हो गया था। यह बांध बहुत सुंदर है। बरसात में यहां आकर आप घूम सकते हैं। यह बरसात में घूमने वाली एक मुख्य जगह है।
महामंदिर जोधपुर - Mahamandir Jodhpur
महामंदिर जोधपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर 1812 में बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत सुंदर है। यह मंदिर 84 पिलर के ऊपर टिका हुआ है। मंदिर का शिखर बहुत सुंदर है। यह मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर की दीवारों और पिल्लर नक्कशीदार है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जोधपुर में देखने लायक एक मुख्य जगह है।
कुंज बिहारी मंदिर जोधपुर - Kunj Bihari Temple Jodhpur
कुंज बिहारी मंदिर जोधपुर शहर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। यह मंदिर मुख्य जोधपुर शहर में अटाला बाजार में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और श्री कृष्ण जी के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर परिसर में आपको बहुत सारी पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। इन पेंटिंग में श्री कृष्ण जी की बहुत सारी लीलाओं को दिखाया गया है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां आकर अच्छा लगता है। आप यहां पर आ कर घूम सकते हैं।
इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में गुलाब जी के द्वारा करवाया गया था। उन्होंने इस मंदिर का निर्माण अपने पुत्र शेर सिंह की याद में करवाया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है और बहुत बड़ा है। इस मंदिर की दीवारों में आपको मुरल पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं की तस्वीरें देखने के लिए मिल जाती है। मंदिर का गर्भग्रह बहुत सुंदर है। गर्भगृह में श्री कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर और भी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको मंदिर प्रांगण में पातालेश्वर महादेव मंदिर देखने के लिए मिलता है। जो शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां गणेश जी, पार्वती जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
अचलनाथ महादेव मंदिर जोधपुर - Achalnath Mahadev Temple Jodhpur
अचलनाथ महादेव मंदिर जोधपुर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर कुंज बिहारी मंदिर के पास में ही बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण नानक देवी ने करवाया था। नानक देवी राजपूत के राव गंगा जी की पत्नी थी। इस मंदिर का निर्माण 1531 ईस्वी में करवाया गया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं।
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