दरभंगा जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Darbhanga / दरभंगा जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
दरभंगा बिहार राज्य का एक मुख्य जिला है। दरभंगा बिहार की राजधानी पटना से करीब 139 किलोमीटर दूर है। दरभंगा जिले की मुख्य नदी बागमती है। यह नदी दरभंगा जिले के बीच से बहती है। दरभंगा जिले की स्थापना 1875 में की गई थी। दरभंगा जिले में आपको प्राचीन महल एवं किले के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। दरभंगा जिला में आप ट्रेन के माध्यम से और रोड के माध्यम से पहुंच सकते हैं। दरभंगा जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - दरभंगा में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
दरभंगा में घूमने की जगह - Darbhanga Mein ghumne ki jagah
चन्द्रधारी संग्रहालय दरभंगा - Chandradhari Museum Darbhanga
चंद्रधारी संग्रहालय दरभंगा जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह संग्रहालय दरभंगा जिले में दरभंगा रेलवे स्टेशन के पास में स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। दरभंगा रेलवे स्टेशन से 5 मिनट की दूरी पर यह संग्रहालय स्थित है। इस संग्रहालय के बाहर एवं अंदर बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती हैं, जो प्राचीन, धार्मिक और प्राकृतिक है। यहां पर आपको संग्रहालय के बाहर एक बहुत बड़ा बगीचा देखने के लिए मिलता है, जिसमें पत्थर की बहुत सारी मूर्तियां बनाई गई है। यहां पर रामायण की बहुत सारी कहानियों को दिखाया गया है और बिहार के प्रमुख लोगों को दिखाया गया है और उनके बारे में जानकारी भी लिखी गई है।
संग्रहालय के अंदर आपको कृष्ण लीला की तस्वीरें, ब्रास धातु से बने हुए स्टैचू, दुर्गा, शिव, सूर्य, विष्णु भगवान जी की सुंदर प्रतिमा, बुद्ध भगवान जी की प्रतिमा, कीमती पत्थर, युद्ध में उपयोग किए गए हथियार, सिक्के, कांच से बना हुआ सामान देखने के लिए मिल जाता है। इसके अलावा यहां पर लाइब्रेरी भी है, जहां पर आपको पुस्तकें पढ़ने के लिए मिलती है।
इस संग्रहालय की स्थापना 1957 में की गई थी। इस संग्रहालय में चंद्रधारी सिंह जी के द्वारा दी गई वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। इसलिए इस संग्रहालय का नाम बदलकर चंद्रधारी संग्रहालय कर दिया गया। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। संग्रहालय 10 बजे से 5:30 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को संग्रहालय बंद रहता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह संग्रहालय दरभंगा में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा - Maharajadhiraj Laxmeshwar Singh Museum Darbhanga
महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह संग्रहालय दरभंगा में डिग्गी तालाब के पास में स्थित है। यह संग्रहालय चंद्रधारी संग्रहालय के पास ही में स्थित है। आप यहां पर भी घूमने के लिए आ सकते हैं। इस संग्रहालय में आपको प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। इस संग्रहालय में दरभंगा राज परिवार के द्वारा संग्रहित एवं उपयोग की जाने वाली वस्तुएं संभाल कर रखी गई है।
यहां पर आपको दरभंगा महाराज का सिहासन देखने के लिए मिलेगा, जो सोना, चांदी और लकड़ी से बना हुआ है। इस सिहासन में कीमती पत्थर लगाए गए हैं। यह सिहासन संग्रहालय का मुख्य आकर्षण है। इस संग्रहालय में और भी बहुत सारी वस्तु है, जो देखने लायक है। यहां पर लकड़ी का बहुत सारा सामान, कीमती पत्थर, युद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियार, हाथीदांत से बने सामग्री देखने के लिए मिल जाती है। इस संग्रहालय में आपको दरभंगा जिले के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है। यह संग्रहालय बहुत सुंदर है और आपको यहां पर आकर बहुत सारी जानकारी मिलेगी। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है।
श्री मनोकामना हनुमान मंदिर दरभंगा - Shri Manokamna Hanuman Mandir Darbhanga
श्री मनोकामना हनुमान मंदिर दरभंगा का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दरभंगा जिले में कमलेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत यूनिवर्सिटी कैंपस के पास में स्थित है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर के गर्भ गृह में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर का शिखर बहुत ही आकर्षक लगता है।
यहां पर आप आकर, जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह आपकी जरूर पूरी होती है। इस मंदिर के बाहर आपको सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है। यहां पर झील भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां पर मंगलवार और शनिवार को बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे भक्त यहां पर भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं।
श्यामा मां मंदिर दरभंगा - Shyama Maa Mandir Darbhanga
श्यामा माई मंदिर दरभंगा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दरभंगा शहर के बीचो बीच में स्थित है। यह मंदिर श्यामा मां को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में श्याम रंग की माता की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर के सामने एक तालाब बना हुआ है, जिसे काली मंदिर तालाब के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर लाल कलर का है। मंदिर का शिखर देखने लायक है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि आप यहां पर आकर जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह जरूर पूरी होती है। इसलिए लोग यहां पर आकर मां के दर्शन करते और मनोकामना मांगते हैं। यहां पर भीड़ लगी रहती है।
यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिव भगवान जी, काली माता जी, अन्नपूर्णा देवी जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर का निर्माण दरभंगा के महाराजा कमलेश्वर के द्वारा किया गया था। इस मंदिर के पास जितने भी मंदिर है। वह भी प्राचीन हैं और बहुत सुंदर है। मंदिर के सामने, जो तालाब बना हुआ है। उसमें बोटिंग किया जा सकता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और यहां आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको शिव मंदिर, कमलेश्वरी काली मंदिर, रूद्रेश्वरी काली मंदिर देखने के लिए मिल जाता है। यह दरभंगा की सबसे अच्छी जगह है।
मां कंकाली मंदिर दरभंगा - Maa Kankali Temple Darbhanga
कंकाली मंदिर दरभंगा का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के गर्भ गृह में कंकाली माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। कंकाली देवी का मंदिर दरभंगा राज परिवार के द्वारा बनवाया गया था। कंकाली देवी दरभंगा राज परिवार की कुलदेवी थी। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह दरभंगा किले के अंदर स्थित है।
दरभंगा का किला - Darbhanga Fort
दरभंगा का किला दरभंगा जिले का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। दरभंगा के किले को रामबाग किले के नाम से जाना जाता है। यह किला बहुत बड़े परिसर में फैला हुआ है। इस किले परिसर में आपको सुंदर झील देखने के लिए मिलती है। किले में आपको बड़ी-बड़ी दीवारे, दरवाजे, बुर्ज देखने के लिए मिलते हैं। इस किले के अंदर एक बाग है, जिसे रामबाग कहा जाता है। किले के अंदर कंकाली देवी का मंदिर भी है। किले का निर्माण अधूरा है। यहां पर सिर्फ आपको दीवारें, बुर्ज दरवाजा देखने के लिए मिलती है। किले के अंदर रहवासी लोगों की बस्तियां बन गई है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। किले की दीवार इस किले को घेरे हुए हैं।
इस किले में प्रवेश के लिए, जो दरवाजा है। वह बहुत ही भव्य है। इस किले का निर्माण दरभंगा के महाराजा कमलेश्वर सिंह के द्वारा किया गया था। इस किले का निर्माण 1934 में करवाया गया था। किले का निर्माण लाल ईंटों से किया गया है। किले की दीवारें बहुत मोटी मोटी हैं और किले में वॉच टावर बने हुए हैं। आप इस किले को आकर देख सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
बेला पैलेस दरभंगा - Bela Palace Darbhanga
बेला पैलेस दरभंगा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। बेला पैलेस दरभंगा जिले में मुख्य शहर में स्थित है। बेला पैलेस राजबहादुर विश्वेश्वर सिंह जी का निवास स्थान था। राजबहादुर विश्वेश्वर सिंह महाराजा धीरज कमलेश्वर सिंह के भाई थे। यह महल बहुत सुंदर है। इस महल के पास ही में, एक छोटा एक गार्डन बना हुआ है, जिसे बेला गार्डन कहते हैं। यहां पर एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है।
राजबहादुर विश्वेश्वर सिंह को जानवरों से बहुत प्यार था। उन्होंने अपने घर में रॉयल बंगाल टाइगर पालतू जानवर के जैसे पाल रखा था। उनके पास मगरमच्छ और घड़ियाल भी थे। यह महल बहुत सुंदर है और आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। इस महल को आप बाहर से देख सकते हैं। यह अब एक सरकारी ऑफिस है। यह दरभंगा में देखने लायक एक मुख्य जगह है।
दुर्गा मंदिर लक्ष्मी सागर दरभंगा - Durga Mandir Laxmi Sagar Darbhanga
दुर्गा मंदिर लक्ष्मी सागर में दरभंगा में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर में दुर्गा जी की मूर्ति बहुत ही आकर्षक लगती है। यह मंदिर लक्ष्मी सागर के पास में स्थित है। लक्ष्मीसागर का दृश्य बहुत सुंदर रहता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह रेलवे स्टेशन के बहुत करीब है।
इस्कॉन मंदिर दरभंगा - ISKCON temple darbhanga
इस्कॉन मंदिर दरभंगा में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी और राधा जी को समर्पित है। यह मंदिर दरभंगा में बागमती नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है और बहुत सुंदर है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर भजन चलते रहते हैं। यहां पर सुबह एवं शाम के समय आरती होती है।
हजारी नाथ मंदिर और घाट दरभंगा - Hazari Nath Temple and Ghat Darbhanga
हजारी नाथ मंदिर बागमती नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के पास ही में बागमती नदी पर घाट बना हुआ है। यहां पर आप आकर इस मंदिर को देख सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
बाबा कुशेश्वर नाथ महादेव मंदिर दरभंगा - Baba Kusheshwar Nath Mahadev Temple Darbhanga
कुशेश्वर महादेव मंदिर दरभंगा का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पूरे दरभंगा में प्रसिद्ध है। यह मंदिर दरभंगा में कुशेश्वर ब्लॉक में स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह पूरा मंदिर कलरफुल है। मंदिर के अंदर शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के अंदर शिवलिंग विराजमान है। यहां पर सावन सोमवार में बहुत सारे लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर नेपाल, बंगाल, झारखंड से लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर बहुत शांति मिलती है।
सावन सोमवार में यहां पर लोग कावड़ियों में जल भरकर लाते हैं और भगवान शिव को अर्पित करते हैं। यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है। मंदिर बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आपको और भी मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। मंदिर के पास में आपको एक तालाब देखने के लिए मिलता है। इस तालाब को शिव गंगा घाट के नाम से जाना जाता है। इस तालाब के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है और तालाब बहुत सुंदर है। यहां पर भक्त आकर डुबकी लगाते हैं और भगवान शिव के दर्शन करने के लिए जाते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
मां भवानी धाम नवादा दरभंगा - Maa Bhavani Dham Nawada Darbhanga
मां भवानी धाम या नवादा दुर्गा मंदिर दरभंगा जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर दरभंगा जिले के नवादा गांव में स्थित है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर आकर दुर्गा जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर दूर-दूर से भक्त दुर्गा जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर नवरात्रि में बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। यहां पर आकर आप, जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह आपकी जरूर पूरी होती है। यह मंदिर बहुत सुंदर है एवं भव्य तरीके से बना हुआ है। यहां पर माता आपके कष्ट और दुख हर लेती है।
अहिल्या स्थान दरभंगा - Ahilya Asthan Darbhanga
अहिल्या स्थान दरभंगा जिले में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह दरभंगा जिले के जाले प्रखंड के कामतौल रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर दूर अहियारी ग्राम में स्थित है। यह दरभंगा जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर है। इस जगह को अहिल्या उद्धार स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर रामायण युग में ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्या जी को, ऋषि गौतम जी ने श्राप दिया था, कि वह पत्थर में बदल जाएंगे और ऋषि गौतम की पत्नी पत्थर में बदल गई। जब श्री राम जी वनवास काल के दौरान यहां पर आए थे, तो उनके पैरों के स्पर्श से अहिल्या जी फिर से मनुष्य रूप में आप आई। पौराणिक तथ्य रामायण में आपने जरूर सुना होगा। यह जगह उसी बात की सूचक है।
यहां पर आपको मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही प्राचीन है और बहुत सुंदर है। मंदिर का शिखर बहुत खूबसूरत है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको तालाब भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर उस पौराणिक घटना को मूर्तियों के माध्यम से दिखाया गया है। यहां पर आपको श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी, ऋषि गौतम जी, उनकी पत्नी अहिल्या जी, हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और आपको इस जगह पर आकर दर्शन जरूर करनी चाहिए। यह दरभंगा में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
गौतम कुंड और मंदिर दरभंगा - Gautam kund and temple darbhanga
गौतम कुंड और मंदिर दरभंगा जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर गौतम ऋषि समर्पित है। यहां पर आपको गौतम ऋषि के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। गौतम कुंड के बारे में माना जाता है, कि गौतम कुंड का निर्माण ब्रह्मा जी के द्वारा किया गया है। यहां पर लोग स्नान करते हैं। गौतम कुंड दरभंगा में कामतौल से करीब 8 किलोमीटर दूर ब्रह्मा गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इस जगह के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर, जो मंदिर बना हुआ है। वह बहुत सुंदर है और जो कुंड बना हुआ है। उसे पक्का बना दिया गया है। यह एक प्राचीन जगह है।
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